Dheerja Sharma 85 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dheerja Sharma 14 Oct 2024 · 1 min read कामकाजी औरतें लौट कर काम से लग जाती है काम पर बिस्तर पर लेटे-लेटे बनाती हैं लिस्ट अगले दिन के काम की सपने में देखती हैं खुद को खौफ में दाल में... Hindi 26 Share Dheerja Sharma 30 Aug 2024 · 1 min read प्रेम वो भाषा है प्रेम वो भाषा है ,जिसकी वर्णमाला आपको न भी आती हो, सामने वाला समझ लेता है। *** धीरजा शर्मा *** Quote Writer 84 Share Dheerja Sharma 30 Aug 2024 · 1 min read समझो अपने आप को मिल जाता है अपनी हर समस्या का हल अपने हर प्रश्न का उत्तर जरूरत है तो मौन की ।। दुनिया के शोरगुल से हट अपने भीतरी शोर को शांत कर... Hindi 33 Share Dheerja Sharma 11 Aug 2024 · 1 min read सोचते होंगे तुम सोचते होंगे तुम कि कमजोर हैं हम किंतु हम शब्दों से नहीं चुप्पी से वार करते हैं ।। Quote Writer 65 Share Dheerja Sharma 11 Aug 2024 · 1 min read सख्त बनो जिंदगी कठिन है नुकीली है टेढ़ी है सख्त है तुम नरम रहे तो लहुलुहान हो जाओगे टूट फूट जाओगे। अगर अस्तित्व बचाना है सख्त बनो सबल बनो.. **धीरजा शर्मा** Hindi · कविता · जिंदगी 58 Share Dheerja Sharma 31 Jul 2024 · 1 min read एक दीया जलाया मैंने आज खुद को हंसते हुए पाया मैंने दिल के अंधेरे में एक दीया जलाया मैंने। जिंदगी की राहें आसान लगने लगी जब खुद को मंजिल के करीब पाया मैंने। Hindi 45 Share Dheerja Sharma 12 Jul 2024 · 1 min read वक्त को पीछे छोड़ दिया वक्त ने बहुत उठा पटक की तोड़ा मरोड़ा पर मैं स्त्री थी ना हौंसला नहीं छोड़ा। बहुत दौड़ी तेज रफ्तार वक्त के साथ। वक्त का मैंने मुंह मोड़ दिया और... Hindi 50 Share Dheerja Sharma 22 May 2024 · 1 min read घर पिता हो जाता है नींव मिट्टी गारा दीवारें। मां हो जाती है रसोई आंगन,पेड़,छाया। बच्चे हो जाते हैं खुशबू फूल, चिड़िया,रोशनी तब ईंट सीमेंट का मकान घर बनता है !... Hindi 85 Share Dheerja Sharma 22 May 2024 · 1 min read मां मां सिर्फ स्त्री नहीं थी वह आंगन थी चूल्हा थी भोजन की थाली थी । वह पेड़ थी छाया थी खुशी थी खुशहाली थी **धीरजा शर्मा*** Hindi 1 112 Share Dheerja Sharma 16 May 2024 · 1 min read परिवार पिता हो जाता है नींव मिट्टी ,गारा, दीवारें। मां हो जाती है रसोई आंगन,पेड़,छाया। बच्चे हो जाते हैं खुशबू फूल, चिड़िया,रोशनी तब ईंट सीमेंट का मकान घर बनता है !... Hindi 52 Share Dheerja Sharma 7 May 2024 · 1 min read जीवन भर मर मर जोड़ा जीवन भर मर मर जोड़ा और मर मर खूब कमाया जब लिखी वसीयत अपनी अपना ही नाम ना आया। Quote Writer 107 Share Dheerja Sharma 5 May 2024 · 1 min read संभव की हदें जानने के लिए संभव की हदें जानने के लिए जरूरी है असंभव की हदें लांघना । खुद पर भरोसा करना और अविरल अनथक भागना । ***धीरजा शर्मा**** Quote Writer 176 Share Dheerja Sharma 5 May 2024 · 1 min read छंटेगा तम सूरज निकलेगा छंटेगा तम सूरज निकलेगा मन में रख विश्वास। वक्त भला ठहरा है कभी ना होना कभी निराश ***धीरजा शर्मा**** Quote Writer 110 Share Dheerja Sharma 30 Apr 2024 · 1 min read खुद के साथ ....खुशी से रहना...... खुद के साथ ....खुशी से रहना...... ....... अच्छा लगता है अपने ....मन की..... बातें कहना.... .......अच्छा लगता है। ***धीरजा शर्मा *** Quote Writer 156 Share Dheerja Sharma 19 Apr 2024 · 1 min read जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती अगर.... आसान को .....तुम आसान..... रहने देते । न उलझाते.... बेवजह ...बातों को कुछ ....बातों से... मुझको अनजान ....रहने देते।। *** धीरजा शर्मा*** Quote Writer 1 106 Share Dheerja Sharma 7 Apr 2024 · 1 min read माना जिंदगी चलने का नाम है माना जिंदगी चलने का नाम है इसमें बहाव जरूरी है। बहते बहते बेदम न हो जाएं थोड़ा ठहराव जरूरी है। **धीरजा शर्मा*** Quote Writer 126 Share Dheerja Sharma 1 Apr 2024 · 1 min read सत्य की खोज सत्य शाश्वत है और शाश्वत के अस्तित्व पर संशय करना स्वयं को धोखा देना है। बिल्कुल वैसे ही जैसे सूर्य चंद्र वायु जल के अस्तित्व पर संशय करना। सत्य वहीं... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 140 Share Dheerja Sharma 30 Mar 2024 · 1 min read एक किताब खोलो एक किताब खोलो तो जैसे एक पूरा जहान सामने खुल जाता है।। खुल जाती हैं जमीं के नीचे की परतें, पूरा आसमान सामने खुल जाता है। ***धीरजा शर्मा**** Quote Writer 140 Share Dheerja Sharma 4 Mar 2024 · 1 min read लिखते रहिए ... लिखते रहिए ... आदत बुरी नहीं । वह भी कह डालिए जो अब तक कही नहीं। Quote Writer 1 122 Share Dheerja Sharma 19 Feb 2024 · 1 min read बात सीधी थी बात सीधी थी मगर वो समझे ही नहीं। उसपे इल्जाम ये मुझपे कि मुझे कहना नहीं आता! ***धीरजा शर्मा*** Quote Writer 169 Share Dheerja Sharma 1 Feb 2024 · 1 min read खो गई हो मै जानती हूँ चीज़े कभी नही खोतीं । उनका अस्तित्व सदा रहता है वहीँ कहीं जहाँ हम रख कर भूल जाते हैं या खो देते हैं। मुझे पता है ,माँ... Hindi 133 Share Dheerja Sharma 31 Dec 2023 · 1 min read कैलेंडर फिर बदल जाएगा न जनवरी दरवाजा खटखटाएगी न दिसंबर विदा में हाथ हिलाएगा वक्त के पंछी की चोंच में टंगा कैलेंडर फिर बदल जाएगा। तारीखें तय करती जाएंगी ऊंचाइयां और ऊंचाइयों से झरते... 128 Share Dheerja Sharma 26 Dec 2023 · 1 min read एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के करीब लाती है,पंछी - फूल दिखाती है -फोन नहीं ! Quote Writer 272 Share Dheerja Sharma 25 Dec 2023 · 1 min read बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे टूटा अनुशासन तो बिखर जायेंगे। न भाए ये बात तो हमसे न रूठो बस जा के ये बात किसी झाड़ू से पूछो! ***धीरजा शर्मा***** Quote Writer 1 330 Share Dheerja Sharma 24 Dec 2023 · 1 min read अकेले हुए तो ये समझ आया अकेले हुए तो ये समझ आया कि कुछ भी नहीं था मेरे पास मेरे सिवाय। धीरजा शर्मा Quote Writer 249 Share Dheerja Sharma 13 Dec 2023 · 1 min read जितनी तेजी से चढ़ते हैं जितनी तेजी से चढ़ते हैं उतनी तेज़ी से बदरंग हुए जाते हैं। ये रिश्ते भी जनाब मेहंदी से हुए जाते हैं। ***धीरजा शर्मा*** Quote Writer 240 Share Dheerja Sharma 13 Dec 2023 · 1 min read कांधा होता हूं कांधा होता हूं कांधा ढूंढता नहीं। लड़का हूं जनाब, कभी रोता नहीं Quote Writer 1 1 260 Share Dheerja Sharma 13 Dec 2023 · 1 min read बेइंतहा सब्र बक्शा है बेइंतहा सब्र बक्शा है मेरे ईश्वर ने मुझे। पर जो टूटा इसका बांध तो सब बह जाएगा तुम भी........... और तुम्हारी दुनिया भी । ****धीरजा शर्मा**** Quote Writer 309 Share Dheerja Sharma 13 Dec 2023 · 1 min read ज़िंदगी इतनी मुश्किल भी नहीं ज़िंदगी इतनी मुश्किल भी नहीं जितना बना देते हैं हम । आसान चीजों को भी कितना उलझा देते हैं हम । ***धीरजा शर्मा*** Quote Writer 1 1 313 Share Dheerja Sharma 11 Dec 2023 · 1 min read जो छिपाना चाहती थी तुमसे जो छिपाना चाहती थी तुमसे बता गई मैं। और फिर से अपनी मोहब्बत जता गई मैं। ****धीरजा शर्मा***** Quote Writer 1 1 126 Share Dheerja Sharma 11 Dec 2023 · 1 min read इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब कि आह ! नाराज़ होना छोड़ दिया । ****धीरजा शर्मा***** Quote Writer 1 296 Share Dheerja Sharma 23 Oct 2023 · 1 min read छोटी छोटी चीजें देख कर छोटी छोटी चीजें देख कर खुश हो जाती हूं मैं जैसे आसमान के रंग और बादलों की आकृतियां । धीरजा शर्मा Quote Writer 1 226 Share Dheerja Sharma 28 Aug 2023 · 1 min read बहुत संभाल कर रखी चीजें बहुत संभाल कर रखी चीजें फिर मिलती नहीं हैं। ढेर सारे ख्वाब संभाल कर रखे थे अब शायद खो गए हैं ! °°°धीरजा शर्मा Quote Writer 367 Share Dheerja Sharma 20 Aug 2023 · 1 min read तुम्हारा घर से चला जाना तुम्हारा घर से चला जाना महज एक व्यक्ति का चला जाना नहीं था तुम्हारे चले जाना का मतलब था घर से रोशनी का चला जाना और टूट जाना घर की... Quote Writer 507 Share Dheerja Sharma 18 Aug 2023 · 1 min read कुछ इस तरह से खेला कुछ इस तरह से खेला इस ज़िन्दगी का खेल बेमेल लोगों से हमेशा हमनें रखा मेल। कुछ इस तरह से तय किये हैं हमने रास्ते दफन कर दीं ख्वाहिशें मंज़िल... Quote Writer 457 Share Dheerja Sharma 16 Aug 2023 · 1 min read # होड़ # होड़ ये निश्चित है कि मंज़िल है सभी की वहीं... उस पार। बस निश्चित नहीं कि कौन पहुंचेगा पहले ...मेरे यार! सबको जाना उस छोर फिर यहां... कैसी प्रतिस्पर्धा... Quote Writer 342 Share Dheerja Sharma 30 Jul 2023 · 1 min read होड़ ये निश्चित है कि मंज़िल है सभी की वहीं... उस पार। बस निश्चित नहीं कि कौन पहुंचेगा पहले ...मेरे यार! सबको जाना उस छोर फिर यहां... कैसी प्रतिस्पर्धा ! कैसी... Hindi · आपसी होड़ · कविता · रेस 95 Share Dheerja Sharma 14 Jun 2023 · 1 min read अपने साथ तो सब अपना है अपने साथ तो सब अपना है अपने दूर तो सुख सपना है। Quote Writer 409 Share Dheerja Sharma 14 Jun 2023 · 1 min read वो खुशनसीब थे वो खुशनसीब थे जिनके हिस्से में घर आया। विधाता ने नसीब में भटकन लिखी मेरे हिस्से सफ़र आया। ****धीरजा*** Quote Writer 1 1 509 Share Dheerja Sharma 11 Jun 2023 · 1 min read अब अग्नि परीक्षा न होगी कलियुग की नारी ने ठाना वो अग्नि परीक्षा न देगी। स्वाभिमान की खातिर अब वो अपने वर को त्यज देगी। नर राम कहो कब बन पाया? मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाया ?... Hindi · अग्निपरीक्षा · कविता · स्त्री 1 1 334 Share Dheerja Sharma 11 Jun 2023 · 1 min read फिर भी मैं परायी हूँ आंगन दीवारों में बरामदे , चौबारों में भीतर तक समायी हूँ और दादी तुम कहती हो फिर भी मैं परायी हूँ। अचार ,दाल ,भात में कटोरी, चम्मच परात में भीतर... Hindi · कविता · परायी · बेटी 1 203 Share Dheerja Sharma 6 Jun 2023 · 1 min read औरत का जीवन औरत का जीवन सिर्फ उसका जीवन नहीं होता परिवार के साथ साथ जीती है वह समाज के लिए भी । संभाले रखती है वह देश की सांस्कृतिक विरासत। बन जाती... Quote Writer 1 665 Share Dheerja Sharma 6 Jun 2023 · 1 min read इन्द्रधनुष इन्द्रधनुष बाबा की दवाई दादी की पूजा सामग्री बुआ की हुकूमतें पिता की सब ज़रूरतें भाई की फ़रमाइशें मेरी सारी ख्वाहिशें सब कुछ पूरा करती थी। मां इन्द्रधनुष थी... सबके... Quote Writer 681 Share Dheerja Sharma 6 Jun 2023 · 1 min read सुनो स्त्री, सुनो स्त्री, इतने सम्मान से मत देखो उसे! उसे..... जिसने अपने भाषण में तुम्हे देवी और पूजनीया, आदरणीया और मातृस्वरूपा कहा है ! अक्सर भाषण समाप्त होने पर वह ........ Quote Writer 591 Share Dheerja Sharma 5 Jun 2023 · 1 min read वह नही समझ पायेगा कि वह नही समझ पायेगा कि काम से लौट कर काम पे लगना कैसा होता है। वह यह भी नहीं समझ पायेगा कि पुरूष का संडे बच्चों का फन डे उसका... Quote Writer 1 845 Share Dheerja Sharma 3 Jun 2023 · 1 min read बूढ़ी माई के बाल भूरी आंखें, पिचके गाल उलझे उलझे बेतरतीब बाल। वह छोटा सा लड़का, मेरे पास आकर रोज़ दार्शनिक अंदाज़ में कहता लो आंटी जी बूढ़ी माई के लाल बाल कल हरे,... Poetry Writing Challenge · कविता · बालश्रम 1 378 Share Dheerja Sharma 31 May 2023 · 1 min read महाभारत जारी है अपने अपने कुरुक्षेत्र में हर एक खड़ा है। फ़र्क़ नहीं छोटा है या वो बड़ा है। कोई शहसवार है कोई पैदल तैयार है। किसी के साथ हैं भीष्म किसी का... Poetry Writing Challenge · 27 युद्ध · कविता 294 Share Dheerja Sharma 31 May 2023 · 1 min read गुरुदक्षिणा सुनो मेरे बच्चों जितना ज्ञान है मेरे पास बांटती रही हूं तुम लोगों में। और तुम इस अर्जित ज्ञान का प्रयोग करोगे आजीविका अर्जन में। एक ऊंचाई पर पहुंच कर... Poetry Writing Challenge · 26 गुरुदक्षिणा · कविता 194 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read पिता,पिता होता है पिता, पिता होता है, माँ नहीं होता। उसके पास होते हैं दो विशाल कंधे••• जिस पर बिठा अपने बच्चों को दुनिया घुमाना चाहता है। एक पहाड़ जैसा सीना••• जिसमें वो... Poetry Writing Challenge · 25 पिता · कविता 233 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read परिवर्तन नहीं फर्क पड़ता अब तानो का उलाहनों का शब्दों के बाणों का रुठने और मनाने का। नही सताती अब मुझे मायके जाने की इच्छा नही रुलाती अब मुझे घर वालों... Poetry Writing Challenge · कविता 2 371 Share Page 1 Next