VINOD CHAUHAN Tag: कविता 194 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next VINOD CHAUHAN 6 Apr 2024 · 1 min read हाय वो बचपन कहाँ खो गया ख्वाबों ख्यालों का जहाँ सो गया हाय वो बचपन कहाँ खो गया ढूंढता हूँ बहुत मैं आज कोने कोने नही मिल रहे मिट्टी के वो खिलौने हर कोई वस अब... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 171 Share VINOD CHAUHAN 6 Apr 2024 · 1 min read चलो जिंदगी का कारवां ले चलें कुछ जमीं ले चलें कुछ आस्माँ ले चलें चलो जिंदगी का कारवाँ ले चलें न देखें है कौन कैसा यहाँ सभी इस जहां के हैं सबका जहां प्रेम सद्भाव सबके... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 149 Share VINOD CHAUHAN 6 Apr 2024 · 1 min read मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है खुदा ने खूबसूरत है दुनिया बनाई मुबारक खुदा को ये उसकी खुदाई... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 98 Share VINOD CHAUHAN 27 Mar 2024 · 1 min read वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज) अरे! वो तेरा है ना तेरा था ना तेरा वो कभी होगा सवेरा है ये दो पल का अंधेरा भी कभी होगा भ्रम है ये जी रहा जिसमें छोड़ इस... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 3 105 Share VINOD CHAUHAN 24 Mar 2024 · 1 min read आई होली आई होली आई होली आई होली रंग प्यार के लाई होली आई होली आई होली रंग प्यार के लाई होली बच्चे भर-भर पिचकारी मारें बीच रास्ते सब गुब्बारे मारें मस्ती के पल... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 107 Share VINOD CHAUHAN 19 Mar 2024 · 1 min read बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज) जीवन की सच्चाई समझो क्यों फिरते हो नादान बने बीज अंकुरित अवश्य होगा पर पुनर्जन्म नहीं होगा कब सुखे पेड़ हैं हरे हुए कहाॅ॑ लहराए पौधे मरे हुए ये सत्य... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 3 162 Share VINOD CHAUHAN 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज अधूरी है मंदिर में ना तो राम मिला मस्जिद में ना रहमान मिला ईसा मिला ना गिरजाघर में सत्य की खोज अधूरी है वो स्वर्ग कहाॅ॑ किसने देखा कहां इंद्रलोक है ज्ञात... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 7 176 Share VINOD CHAUHAN 18 Mar 2024 · 1 min read अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज) जबसे मानव ने जन्म लिया देखो तबसे ही भटक रहा जीवन की विहंगम राहों में मिला नहीं सत्यसार मगर बचपन में खेला खूब सुनो सपने ही सपने थे ऑ॑खों में... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 4 138 Share VINOD CHAUHAN 16 Mar 2024 · 1 min read मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं अपने ही सवालों से क्यों मौन हूँ मैं बचपन से जवानी खयालों में गुजरी हर घड़ी देखो बस सवालों मैं गुजरी डूबा... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 125 Share VINOD CHAUHAN 16 Mar 2024 · 1 min read तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ कोई रास्ता दिखा, मेरे खुदा मैं क्या करूॅ॑ तेरी इबादत करूॅ॑, या तो शिकायत करूॅ॑ पूछता हूँ तुझी से अब, बता मैं क्या करूँ तेरी इबादत करूॅ॑, या तो शिकायत... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 150 Share VINOD CHAUHAN 16 Mar 2024 · 1 min read ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ कर्म ही बड़ा है इसीलिए, मैं बस काम जानता हूँ धर्म मजहब के नाम पर, सदाचार खो रहे हो जानते... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 130 Share VINOD CHAUHAN 11 Mar 2024 · 1 min read अब मेरी मजबूरी देखो मैं भी साथ चला करता था, अब मेरी मजबूरी देखो जिनके साथ रहा करता था, आज उन्हीं से दूरी देखो मैं भी साथ चला करता था............. जिनके काम किए हैं... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 104 Share VINOD CHAUHAN 11 Mar 2024 · 1 min read पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है वो साथ है तो फिर मुझे क्या फिक्र है पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है पति मेरा मेरी जिंदगी का ............ लग्न हुआ तो उनके खयाल देखने लगी नव... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 129 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read उस रावण को मारो ना राम मिलेगा खुद के अंदर गुण हृदय में धारो ना जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना---जो ढूंढ रहे हो मंदिर मंदिर राम नाम की रटते... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 110 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑ मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑ गम हो कोई तो भी गुनगुना के चलता हूॅ॑ मैं तो हमेशा बस.......... जिंदगी में चाहे अनगिनत सवाल रखता हूॅ॑ कोई खफा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 131 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं सागर की लहरें रुक सी गई हैं काली घटाएं झुक सी गई हैं जबसे आए हो तुम जिंदगी में सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं-सागर की लहरें जाग उठी हैं... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 94 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर लोग किस्मत का मारा समझने लगे हमने औरों को मंजिल दिखाई मगर लोग हमको बंजारा समझने लगे--हमने किस्मत से दुनिया को था भ्रम टूट... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 108 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read जब दादा जी घर आते थे सबके ह्रदय खिल जाते थे जब दादा जी घर आते थे--जब दादा जी छाता लेकर घर से जाना थैला लेकर घर में आना हमें देखकर बस मुस्काते थे--जब दादा जी... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 203 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read दादी माॅ॑ बहुत याद आई सपने में दी आज दिखाई दादी माॅ॑ बहुत याद आई---दादी माॅ॑ सपनों में जब कभी आती है जैसे कि रूबरू हो जाती है बहुत देर वह बतियाती है फिर खो... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 165 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read बचपन में थे सवा शेर बचपन में थे सवा शेर जो यौवन आते वो शेर हो गए सच्चाई इन शेरों की सुनिए शादी होते सब ढ़ेर हो गए---बचपन में जानें कैसा जीवन आया भूले अपना... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 136 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read बचपन याद बहुत आता है बचपन याद बहुत आता है आज भी मन में मुस्काता है बचपन याद जिद्द करना वो कसमें वायदे मचल आती बचपन की यादें बीता पल यूॅ॑ महक जाता है बचपन... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 171 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल सबसे न्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल जहाॅ॑ मिले ममता की छाया होता है वह माॅ॑ का ऑ॑चल--सबसे प्यारा हर दुविधा में माॅ॑ का ऑ॑चल हर पीड़ा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 104 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read जिस नारी ने जन्म दिया जिस नारी ने जन्म दिया उसकी कोंख लजाते क्यों जिस ऑ॑चल में बचपन बीता उसी से मुॅ॑ह छिपाते क्यों जिस नारी ने जन्म दिया............... शर्म हया काफूर हुई सब लाज... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 128 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read हर तरफ खामोशी क्यों है दिल हैरान है हर तरफ खामोशी क्यों है लोग सहमें और चेहरों पर उदासी क्यों है------दिल बुझे-बुझे से लगते हैं खयालात सबके मेरे जैसे ही क्यों लगते हैं हालात सबके... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 164 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना वक्त तुम्हारा साथ ना दे तो पीछे कदम हटाना ना विकट समय में रख हौसला अपने होश गंवाना ना अच्छा माॅ॑झी नांव कभी भी बीच मंझधार नहीं छोड़े आंधी और... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 202 Share VINOD CHAUHAN 20 Feb 2024 · 1 min read कहाॅ॑ है नूर कहाॅ॑ है नूर कहाॅ॑ अब नूर-ए-जिंदगी है हद हो चुकी है पार हया न शर्मिंदगी है रोज होते हैं उपवास और रोज़े यहां पर मगर न तो खुदा न खुदा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 126 Share VINOD CHAUHAN 20 Feb 2024 · 1 min read अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है अरे कोई बताएगा-क्या कोई बताएगा कहीं महफ़िल तो कहीं ये तन्हाई क्यों है अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑......... कौन किसका क्या ले जाता है झूठा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 131 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read यह नफरत बुरी है ना पालो इसे यह नफरत बुरी है ना पालो इसे दिलों में खलिश है निकालो इसे--यह नफरत न तेरा न मेरा न इसका न उसका है सबका वतन ये बचा लो इसे--यह नफरत... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 3 168 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read कोई भोली समझता है कोई भोली समझता है कोई कोमल समझता है कोई औरत को बस ममता की एक मूर्त समझता है जन्म जिसने दिया मुझको तुम्हें और इस सृष्टि को उसी देवी को... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 150 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read वक्त नहीं है दो घड़ी मुस्कुरा लूं पर वक्त नहीं है दो घड़ी खिलखिला लूं पर वक्त नहीं है दो घड़ी मुस्कुरा लूं.......... काम है बहुत से ये जिंदगी दो पल की पल... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 149 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read मैं पीपल का पेड़ मैं पीपल का पेड़ मैं पीपल का पेड़ पवित्र पूजनीय प्रफुल्लित छायामयी हरित हर्षित मैं पीपल का पेड़ कितने ही युग हैं गए गुजर मैं जिंदा यूॅ॑ खड़ा अमर मैं... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 229 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read परिंदा खुश किस्मत आजाद परिंदा बेघर पर आबाद परिंदा आसमान में उड़ने वाला सबको आता याद परिंदा पिंजरे में कोई कैद ना करना करता है फरियाद परिंदा भोर का तारा ज्यों... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 283 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे मैं जो कहता हूॅ॑ खुदा कसम मान जाओगे ये जिंदगी है तुम्हारी सुनो एक अबुझ पहेली आसान दिखती है मगर नहीं आसान... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 214 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑ ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑ ना मुरीद रखता हूॅ॑ ना मेहरबान रखता हूॅ॑ अगर कुछ रखता हूं-अगर कुछ रखता हूॅ॑ देखो अलग सोच है अलग पहचान रखता... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 1 175 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं डूबता सूरज हूॅ॑ या कोई टूटा हुआ ख्वाब हूॅ॑ मैं बंद कमरे में अकेला जलता हुआ चिराग हूॅ॑ मैं महफिलों में हॅ॑सता रहा धड़कनों में बसता रहा लबलबाते जाम से... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 195 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते कौन कहता है कि इनके अरमाॅ॑ नहीं होते छुपा लेते हैं ओंश के रूप में ये ऑ॑सू दर्द दिल के इनके कभी भी बयाॅ॑... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 146 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read है नसीब अपना अपना-अपना किसको क्या मिले हैं नसीब अपना-अपना खुशियां मिले या गम है नसीब अपना-अपना राहें जुदा-जुदा हैं सुख-दुख की जिंदगी में मिले कौन सी डगर ये है नसीब अपना-अपना कोई पूजता... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 1 117 Share VINOD CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी ना कोई राजा है ना कोई रानी सुनो सुनाऊं.......... प्रकृति का तो ह्रास हो रहा चारों तरफ सर्वनाश हो रहा है दूषित हो रही हवा और... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 147 Share VINOD CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read संस्कारों को भूल रहे हैं आडंबर की होड़ लगी है संस्कारों को भूल रहे हैं गैरों की गलबहियाॅ॑ होकर मात पिता को भूल रहे हैं-आडंबर की होड़ मानवता का फर्ज निभाते औरों को नित्य राह... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 3 3 106 Share VINOD CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read ना वह हवा ना पानी है अब नित रोज ही नई कहानी है अब ना वह हवा ना वह पानी है अब लोग भटक रहे हैं भ्रम के सायों में ना वह बचपन ना वो जवानी है... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 124 Share VINOD CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑ अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑ हालात सुधरे हैं या बिगड़े आज तोल रहा हूॅ॑ अफसोस है मैं............ मैंने संकल्प लिया था गरीबी को मिटाने का पर अफसोस... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 111 Share VINOD CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read आ गए आसमाॅ॑ के परिंदे आ गए आसमाॅ॑ के परिंदे छा गए आसमाॅ॑ के परिंदे - आ गए कोई भी इनमें कम नहीं कोई भी इनको गम नहीं बतला रहे आसमाॅ॑ के परिंदे - आ... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 136 Share VINOD CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना यही इच्छा है मेरी जिसे हरगिज ना ठुकराना जलाना आग में ना ही........... किसी के काम आ जाए सुनो मिट्टी की... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 110 Share VINOD CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें भीगा है मन बारिश में भीगा आसमाॅ॑ भीगी धरा भीगा है तन बारिश में ----- भीगे अरमाॅ॑ घनघोर घटाएं गिर-घर आएं हर्षित मन को खूब लुभाएं... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 135 Share VINOD CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव यह कैसा धर्म युद्ध है केशव अपनों का सॅ॑हार हुआ अपनों के हथियार चले अपनों पर अत्याचार हुआ-ये पूत पिता पितामह खोए खोया सब रिश्ते नातों को भाई बंधु और... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 119 Share VINOD CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read मेरा गुरूर है पिता मेरा हर्ष मेरा गर्व या कहूॅ॑ मेरा गुरूर है पिता मेरी सजल इन अंखियों का कोहिनूर है पिता मेरे पिता को फक्र मुझ पर और फिक्र है मेरी इसीलिए मैं... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 189 Share VINOD CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑ जमाने के रंगों में मै ढ़लने लगा हूॅ॑ ना चाहकर भी खुद को बदलने लगा हूॅ॑ जमाने के रंगों में............ हकीकत समझ आ रही जिंदगी की सपनों से भी आगे... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 149 Share VINOD CHAUHAN 1 Feb 2024 · 1 min read यह कौन सी तहजीब है, है कौन सी अदा नाराजगी पड़ोसी से, पड़ोसन पे यूॅ॑ फिदा यह कौन सी तहजीब है, है कौन सी अदा यह कौन सी तहजीब है........... देखा नहीं कि हमको तुम यूॅ॑ मुॅ॑ह को फेरते... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 3 170 Share VINOD CHAUHAN 1 Feb 2024 · 1 min read छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा तेरे चेहरे में छिपा है बता ये मंज़र कैसा ऑ॑॑ख कातिल और नजर में ये खंजर कैसा तेरे चेहरे में छिपा है.......... लोग कहते हैं तुमसा नहीं कोई जमाने में... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 3 171 Share VINOD CHAUHAN 1 Feb 2024 · 1 min read करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए करो सम्मान पत्नी का.......... अगर रुठे तो मना लो रिझाकर प्यारी बातों से ना खिंचो लम्बी कहानी अगर तकरार हो जाए करो... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 175 Share Previous Page 2 Next