भविष्य त्रिपाठी 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भविष्य त्रिपाठी 15 Sep 2021 · 1 min read हिन्दी भाषा नहीं नये नवरत्न, नहीं कुछ नई अभिलाषा। सकल भू विख्यात हो, भारत की हिन्दी भाषा।। - भविष्य त्रिपाठी। Hindi · कविता 3 303 Share भविष्य त्रिपाठी 30 Jul 2021 · 4 min read सेना की शक्ति एक बार की बात है,, एक नगर था धरमपुर। और वहाँ के राजा भी बड़े धर्मात्मा थे। वह मान में युधिष्ठिर,, तो दान में कर्ण के समान थे। प्रजा को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 9 463 Share भविष्य त्रिपाठी 18 Mar 2021 · 1 min read श्रेष्ठ कवि कैसा हो? कवि श्रेष्ठ है वही हो जिसमें,, छवि कृष्ण की दिखलाती। रास बहुत हैं खास बाँसुरी,, यह धरा चन्द्र को समझाती। -------------------------------------------------------- भविष्य,,,,,,, Hindi · कविता 2 754 Share भविष्य त्रिपाठी 17 Mar 2021 · 1 min read कल्पना चावला की स्मृति में कल्पना से परे कार्य जो,, कल्पना ने कर दिखलाया। भारत ही है विश्व गुरु यह,, पुनः विश्व को सिखलाया।। करनाल में जन्म लिया,, और स्वयं काल को झेला था। रखकर... Hindi · कविता 1 501 Share भविष्य त्रिपाठी 10 Mar 2021 · 1 min read हाथ की लकीर हाथों की लकीरों से मुकद्दर नहीं बनता। बैठे ही कोई सहसा सिकंदर नहीं बनता। हैं जहां में लोग कई जिनके हाथ नहीं हैं,,, बिना क्षार-सलिल संग समंदर नहीं बनता। ✍️भविष्य,,,,,,, Hindi · कविता 1 408 Share भविष्य त्रिपाठी 10 Mar 2021 · 1 min read दीदी बनाम मोदी दीदी और मोदी में,, शह और मात जारी है। शाह की सियासत,, विरासत पर भारी है।। -भविष्य त्रिपाठी Hindi · कविता 332 Share भविष्य त्रिपाठी 10 Mar 2021 · 1 min read चौपाई "चौपाई": ।। ऽ ऽ। । ऽ ।। ऽऽ मन में क्रोध दम्भ अरु द्वेषा। ।। ।।।। ।। ।।।। ऽऽ मन खण्डित तन पण्डित वेशा। ।ऽ । ।। ऽ।। ।। ऽऽ... Hindi · मुक्तक 523 Share भविष्य त्रिपाठी 10 Mar 2021 · 1 min read हालत- ए-इंसाँ क्या हालत-ए-इंसाँ जहां में आज ऐसी हो गई। सोते हैं श्वान घर में ठहर,, सोते सड़क इंसाँ कई।। Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 317 Share भविष्य त्रिपाठी 10 Mar 2021 · 1 min read मेरा देश है सौभाग्य ये मेरा,, कि ये भारत की धरती है। पश्चिम-सभ्यता झुककर,, जिसे प्रणाम करती है।। जिसके चरणों को सागर-सलिल स्पर्श करता है। जिसका जय-गान करने को अम्बर भी गरजता... Hindi · कविता 289 Share भविष्य त्रिपाठी 24 Feb 2021 · 1 min read लाठी भी पैर बन जाती है जब वह क्षण आता है,, लाठी भी पैर बन जाती है। कदम चार चल कर जाना,, उस समय सैर कहलाती है।। जो रात हुई,, फिर बात वही,, मुझे बारम्बार सताती... Hindi · कविता 1 302 Share भविष्य त्रिपाठी 22 Feb 2021 · 1 min read क्या सम्मान करते,,, क्या सम्मान करते वो,, जो ध्वज को ध्वस्त करते हैं। मेरे मंदिर की महिमा को,, किले चढ़ नष्ट करते हैं। कभी सोचा था ऐसे भी होते कुछ लोग हैं जग... Hindi · कविता 1 244 Share भविष्य त्रिपाठी 8 Feb 2021 · 1 min read "आजादी का आगाज" आये थे बनकर व्यापारी,, विरासत के राजा बन बैठे। अंग्रेज छीन हमसे आजादी,, एक बड़ी भूल थे कर बैठे।। जिस भारत में राम हुए हैं,, कृष्ण सुदर्शन-धारी हैं। जिस भारत... Hindi · कविता 2 301 Share भविष्य त्रिपाठी 4 Feb 2021 · 1 min read सुदामा-द्वारिका आगमन एक हाथ लकुटिया, दूजे हाथ पोटरिया, सुदामा निज सखा से मिलने द्वारका जाते हैं। चलते हैं बढ़ते है, थकते हैं,, रुकते हैं, गिरने के बाद फिर खड़े हो जाते हैं।।... Hindi · गीत 1 349 Share भविष्य त्रिपाठी 4 Feb 2021 · 1 min read उदय हो रहा विजय का सूरज,, छटने लगा अँधेरा है।। उदय हो रहा विजय का सूरज,, छटने लगा अँधेरा है। कलरव फिर-से गूँज उठा है,, होने लगा सवेरा है।। कोयल की ध्वनि फिर गूँजी,, चिड़ियों ने डाला डेरा हैं।। उदय... Hindi · कविता 1 3 271 Share भविष्य त्रिपाठी 4 Feb 2021 · 1 min read सम मात्रिक छंद ऽ। ।ऽ ।।।ऽ राहें नहीं बदलतीं,, ।।। ऽऽ ।।। ऽऽ ऽ मगर राही बदल जाते हैं। ऽऽ ।ऽ ।।।ऽ राजा नहीं बदलते,, ।। ।।ऽ ।।। ऽऽ ऽ पर सिपाही बदल... Hindi · कविता 2 1 247 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read "महा-स्वारथ" कृष्ण जी धृतराष्ट्र की सभा में दुर्योधन से कहते हैं-- ------------------------------------------------------- जब मैं विनम्र हो जाता हूं,, तब महा-बुद्ध हो जाता हूं। जब मैं क्रुद्ध हो जाता हूं,, तब महा-युद्ध... Hindi · कविता 3 411 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read सोरठा सोरठा: आपदा भी अवसर,, बनो तुम आत्मनिर्भर। न रखो विपद का भय,, इक दिन होगी ही विजय।। भविष्य त्रिपाठी Hindi · कविता 427 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read मतदान ऽ ।। ।।ऽ ऽ ।ऽ ।।। हो मत करने से शक्त मनुज,, ऽ ।। ऽ ऽ ।।। ।।ऽ। हो मत से ही मनुज-पहचान । ।। ।।। ऽ ।।। ।ऽ ऽ... Hindi · कविता 254 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read "महास्वारथ" स्वरचित खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग से लिया गया अंश----- "धृतराष्ट्र की सभा में श्रीकृष्ण-विराटरूप दर्शन'' --------------------------------------------------------------- अहंकार में अंधा होकर,, दुर्योधन ने हरि को बाँधना चाहा। जो हैं अविनाशी, जग-प्रकाशी,,... Hindi · कविता 440 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read दीपावली कविता दीपोत्सव की है,, और होलिकोत्सव निकट है,, तो दीपावली के दीपक को पुनः स्मरण करते हुए उस पावन अवसर पर स्वरचित कविता पुनः प्रकाशित! _____________________________________________ दिव्य-दीपक से दीपावली के,,... Hindi · कविता 255 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read परिश्रमी समय समय रुकता नहीं,, सतत अनवरत चलता ही जाता है। समय अपनी चाल से,, मनुज को परिश्रम करना सिखलाता है।। --------------------------------------भविष्य त्रिपाठी Hindi · कविता 221 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read कोरोना के काल में कठिन है,, कोई कथन कहना,, इस कोरोना के काल में। जो जीत लेते थे,, प्रत्येक जंग,, आज फँस गए इस जाल में।। --------------भविष्य त्रिपाठी Hindi · कविता 1 292 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read गाय चराने जाते हैं वो गाय चराने जाते हैं वो,, मुरली बजाते हैं वो। नटखट ग्वाल बालों संग,, माखन चुराते हैं वो।। वे नटवर नागर हैं। ये करुण का सागर हैं।। वो यशोदा नंदन हैं,,... Hindi · कविता 1 482 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read अभिलाषा,,, भाषा के लिए...... सोरठा: नहीं नए नवरत्न,, ना कुछ नई अभिलाषा। सकल भू विख्यात हो,,, भारत की हिंदी भाषा।। ------------भविष्य त्रिपाठी Hindi · कविता 1 449 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read महास्वारथ स्वरचित खण्डकाव्य महास्वारथ के प्रथम सर्ग से ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। शनि भी शायद शांत नहीं,, कौरवों पर हो रहे थे। धर्मी-धृतराष्ट्र भी सुत,, मोह निद्रा में सो रहे थे। महाभारत यह समर... Hindi · कविता 284 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read खण्डकाव्य- "महास्वारथ" भीम दुःशासन से रणभूमि में कहते हैं-- तेरे इन भुज दण्डों को,, मैं खंड खंड कर दूंगा। तुझको देकर दंड दंड,, मैं रण प्रचंड कर दूंगा।। देख न अब मैं... Hindi · कविता 1 323 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read मन क्या है? मन क्या है? एक कमल है,, जो खिलता है कीचड़ में। जो शोभित राजा के सिर पर,, तो अभिमानी हो जाता है। वेद-धर्म और न्याय सभी को,, अहंकार में खो... Hindi · कविता 1 1 446 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read आपदा यह अवसर,,,,, ऽ । ऽ ।। ।।।। ऽ आपदा यह अवसर है,,, । । ऽ । ऽ ।। ।। ऽ विपदा अभी सिर पर है। । । ऽ ऽ ।ऽ ।।ऽ लड़ना... Hindi · मुक्तक 1 440 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read कोरोना कथति युद्धं देही! व्यर्थ न सब व्यथित-व्याकुल, इस विपदा से हो पड़े। जो महान थे वो महारथी, इस महामारी से रो पड़े।। पर भय न खाया, दुःख भुलाया,, कदम मिलाकर हो खड़े। पुनः... Hindi · कविता 1 1 328 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read मन पर जीत मन के जीते जीत है,, मन के हारे हार। जिन निज मन नहीं नियंत्रण,, सो जीवन बेकार।। सो जीवन बेकार,, जिन निज मन बस होई। जीते सकल संसार,, विश्व विजय... Hindi · कुण्डलिया 1 1 341 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read छोटी सी नाव आंकड़े अक्सर चौका देते है चुनाव में। दो लोग बैठे थे एक छोटी सी नाव में।। मंजिल मालूम थी,, पर दिखता ना किनारा था। यह मानो कि डूबते को,, तिनके... Hindi · कविता 287 Share भविष्य त्रिपाठी 3 Feb 2021 · 1 min read सत्य पथिक ________________________ हे सत्य-पथिक,, सत्य-पथ में बाधा पत्थर,, तब तक नहीं हटेंगे। हे सत्य-पथिक,, मन से शांत हम डटकर,, जब तक नहीं चलेंगे।। _______________________ _____________भविष्य त्रिपाठी Hindi · कविता 1 305 Share भविष्य त्रिपाठी 2 Feb 2021 · 2 min read सेना की शक्ति एक बार की बात है,, एक नगर था धरमपुर। और वहाँ के राजा भी बङे धर्मात्मा थे। वह मान में युधिष्ठर,, तो दान में कर्ण के समान थे। प्रजा को... Hindi · कहानी 2 4 335 Share भविष्य त्रिपाठी 2 Feb 2021 · 1 min read रण मध्य राणा मेवाड़ राज रण कौशल से, शत्रु की नींद भी टूट गई। मानो हाथों से काँप काँप,, शमशीर अचानक छूट गई।। चेतक पर चढ़ चिल्लाता था। मानो सिंह सम वह ध्वनि... Hindi · कविता 1 264 Share भविष्य त्रिपाठी 2 Feb 2021 · 1 min read मानव का धर्म मानव का मानव से धर्म यह, निष्फल भाव तू कर्म कर। न तनिक डर मृत्यु से तू , मानव का मानव से धर्म कर।। तू धर्म कर, जो कर्म कर,,... Hindi · कविता 1 2 298 Share भविष्य त्रिपाठी 2 Feb 2021 · 1 min read पवनारोहिणी देख पवन वेग के घोड़े को,, अंग्रेज वहाँ से दौड़े थे। कुछ गिरे धड़ाम से धरती पर,, कुछ बचे बहुत ही थोड़े थे।। डर-डर-डर थे वो जाप रहे,, कर थर्रा-कर... Hindi · कविता 1 1 318 Share भविष्य त्रिपाठी 2 Feb 2021 · 1 min read ऐ सीमा पर रहने वाले ऐ सीमा पर रहने वाले,, ऐ गोली को सहने वाले,, ऐ जय भारत कहने वाले,, जब होली खेली जाती है,, तुम गोली को हो सह लेते। जब घर जाते दीवाली... Hindi · कविता 2 3 342 Share भविष्य त्रिपाठी 2 Feb 2021 · 1 min read मीठा आम मैं घूम रहा था एक बगीचा,, फल से लदे हुए थे पेड़। मीठे मीठे और रसीले,, आम लटकते खट्टे बेर।। देख-कर मुँह में पानी आया,, आम था पीला मन को... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1 465 Share भविष्य त्रिपाठी 2 Feb 2021 · 1 min read महा-स्वारथ चौसर के पाँसो से नहीं, पाण्डव 'भविष्य' से खेले थे। मानो आमंत्रण देकर, आये कष्टों को झेले थे। वन में विधि विपरीत बड़ी, पाण्डवों के साथ थी। अब सिर्फ शून्य-सम्पत्ति,... Hindi · कविता 1 1 302 Share