Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2021 · 1 min read

मतदान

ऽ ।। ।।ऽ ऽ ।ऽ ।।।
हो‌ मत करने से शक्त मनुज,,
ऽ ।। ऽ ऽ ।।। ।।ऽ।
हो मत से ही मनुज-पहचान ।
।। ।।। ऽ ।।। ।ऽ ऽ
मत मनुज का परम धर्म है,,
।ऽ ।। ।। ।। ऽ ऽ।
करो सब निज मत का दान ॥
– भविष्य त्रिपाठी।

Language: Hindi
254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"ଜୀବନ ସାର୍ଥକ କରିବା ପାଇଁ ସ୍ୱାଭାବିକ ହାର୍ଦିକ ସଂଘର୍ଷ ଅନିବାର୍ଯ।"
Sidhartha Mishra
गज़रा
गज़रा
Alok Saxena
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
लक्ष्मी सिंह
एकादशी
एकादशी
Shashi kala vyas
धन्य होता हर व्यक्ति
धन्य होता हर व्यक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सुनो जीतू,
सुनो जीतू,
Jitendra kumar
जुगनू
जुगनू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत
किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
बिषय सदाचार
बिषय सदाचार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
धोखा
धोखा
Paras Nath Jha
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"कैफियत"
Dr. Kishan tandon kranti
धर्म बनाम धर्मान्ध
धर्म बनाम धर्मान्ध
Ramswaroop Dinkar
23/09.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/09.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
भाई बहन का रिश्ता बचपन और शादी के बाद का
भाई बहन का रिश्ता बचपन और शादी के बाद का
Rajni kapoor
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
manjula chauhan
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
ग़ज़ल/नज़्म - दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया
ग़ज़ल/नज़्म - दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया
अनिल कुमार
नया विज्ञापन
नया विज्ञापन
Otteri Selvakumar
लडकियाँ
लडकियाँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ज़िंदगी आईने के
ज़िंदगी आईने के
Dr fauzia Naseem shad
"अपनी करतूत की होली जलाई जाती है।
*Author प्रणय प्रभात*
दिल लगाएं भगवान में
दिल लगाएं भगवान में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रार्थना
प्रार्थना
Shally Vij
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Neeraj Agarwal
*न्याय-व्यवस्था : आठ दोहे*
*न्याय-व्यवस्था : आठ दोहे*
Ravi Prakash
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
Ranjeet kumar patre
Loading...