Saraswati Bajpai 239 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Saraswati Bajpai 23 May 2024 · 1 min read कैसे मैं खुशियाँ पिरोऊँ ? बरस सोलह जिन्दगी के संग तेरे है रचे। जाने कितने शीत ताप संग में हमने सहे। हम कभी विचलित हुए और कभी तुम भी थके। किन्तु सब नैराश्य तज फिर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 94 Share Saraswati Bajpai 23 May 2024 · 1 min read क्या संग मेरे आओगे ? सुनो मेरी राह में बहुत गिरि कानन खड़े है, ऐसी दुर्गम राहों में, क्या साथ तुम चल पाओगे? क्या संग मेरे आओगे? वेदना से तप्त हो मन ये मरूभूमि हुआ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 116 Share Saraswati Bajpai 23 May 2024 · 1 min read मैं दिया बन जल उठूँगी रात्रि के काले अंधेरे और अमावस के दिनों में, मैं तेरे आंगन की देहरी में दिया बन जल उठूंगी। भरूंगी आलोक पथ में सहचरी बन संग चलूंगी। दौड़कर जा पथ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 129 Share Saraswati Bajpai 23 May 2024 · 1 min read मैं पुकारंगी तुम्हें मैं पुकारूंगी तुम्हें, हर बोल में बोलो न बोलो। साधना हो तुम्हीं मेरी, संग में ले लो न ले लो। मेरे जीवन का तुम ही , आगाज़ हो व अन्त... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 173 Share Saraswati Bajpai 23 May 2024 · 1 min read प्रेम यहाँ कण-कण में है। राधा कृष्णा की भूमि है ये, प्रेम यहां कण-कण में है। प्रेम यहां की मिट्टी में तरुवर में और जल में है। है कृष्ण यशोदा प्रेम यहां जो अमर सूर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 200 Share Saraswati Bajpai 23 May 2024 · 1 min read जीवन डगर के ओ सहचर जीवन डगर के ओ सहचर, पहचान मेरी तुमसे प्रियवर। मेरे सिर की छत तुमसे है, मैं तेरी ही छाया सहचर। प्रीति से अपनी बना ये घर, मेरे सहचर मेरे प्रियवर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 127 Share Saraswati Bajpai 22 May 2024 · 1 min read तुम शब्द मैं अर्थ बनूँ तुम बनो शब्द सा यदि प्रवाह, मैं अर्थ की धारा बनूं । तू एक पग आ तो सही मैं चार पग आगे बढूं । तुम साथ दो मेरा अगर न... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 147 Share Saraswati Bajpai 22 May 2024 · 1 min read ऐ चाँद ऐ चाँद, तू रोज रात के अंधेरों को रोशनी से भरता जरूर है । समय का चक्र तुझे भी कभी पूरा कर देता है और कभी अपूर्ण पर तू बिना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 201 Share Saraswati Bajpai 22 May 2024 · 1 min read तुम बूंद बूँद बरसना सब शीत ताप सहते सहते तन मन कोमलता छूट गई । टकरा टकरा आघातों से केंचुल तन मन की कठोर हुई।। तुम बूंद बूंद बरसोगे जब तब जा मुझको पा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 128 Share Saraswati Bajpai 22 May 2024 · 1 min read तितली भी मैं तितली थी मैं तुम्हारे लिए ही तो उड उड़कर आती थी तुम खुश होते थे मुझे देखकर तुम्हारी इस खुशी पर बलि जाती थी । पर तुम्हारे डर ने मुझे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 132 Share Saraswati Bajpai 22 May 2024 · 1 min read कितना खाली खालीपन है जीवन के सब उद्यम हारे मुझको पूरा करने में तुम जो साथ नहीं होते तो कितना खाली खालीपन है ! जाने क्यों जब तुम जाते हो संग मेरा मन ले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 127 Share Saraswati Bajpai 22 May 2024 · 1 min read विनती हे प्रभो ! पृथ्वी के सब रुप रंग में निरख सकूँ तेरी विराट सत्ता, तेरी विराट जलराशि में भिगो सकूँ अपना तन ही नहीं वरन मन भी, तेरी दी हुई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 117 Share Saraswati Bajpai 5 May 2024 · 1 min read संवेदना जगत की इस दौड़ में अब नित खो रहीं संवेदनाएँ, कल्पना के शिखर चढ़ने को पाँव तले दबती संवेदनाएँ, इतनी जल्दी में सभी हैं छोड़ भागे संवेदनाएँ, सुख में हों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 146 Share Saraswati Bajpai 5 May 2024 · 1 min read संवेदनाएँ संवेदना रस है चेतनता का यही तो फर्क है जड़ व चेतन का । जैसे पेड़-पौधों में जल, रस बनकर उन्हे संवारता है। ऐसे ही जीव की संवेदना का स्तर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 146 Share Saraswati Bajpai 22 Jan 2024 · 1 min read हे राम हृदय में आ जाओ हे राम तुम्हारा निर्वासन तो मात्र तुम्हारे भवन से था, किन्तु तुम्हारी जग माया में क्यों तुम नजर नहीं आते? क्यों छलते रहते तुम सबको यहाँ नहीं तुम, वहां नही... Hindi · कविता 257 Share Saraswati Bajpai 22 Jan 2024 · 1 min read रामलला रामलला की छवि प्राकट्य के साथ ही सूर्य देव भी कई दिवस के बाद आज खुद को रोक न पाए प्रकट हो गए राम को आशीर्वाद देने ऐसा लगा मानो... Hindi · कविता 417 Share Saraswati Bajpai 21 Jan 2024 · 1 min read पेड़ और चिरैया आती है चिरैया रोज बैठती है पेड़ पर चीं ची चीं करते जाने क्या क्या कह जाती है । सुनता है पेड़ सब धार उसे गोद में यूँ जैसे कोई... Hindi · कविता 208 Share Saraswati Bajpai 12 Jan 2024 · 1 min read पाती प्रभु को विसर्जन, विसर्जन, विसर्जन याद है मेरा ये उद्घोष और थके हारे मन का स्वयं का अस्तित्व मिटा सब तुम पर विसर्जित कर देना । मुझे भान है, यह विसर्जन तुम... Hindi 228 Share Saraswati Bajpai 11 Jan 2024 · 1 min read विनती हे प्रभो ! पृथ्वी के सब रुप रंग में निरख सकूँ तेरी विराट सत्ता, तेरी विराट जलराशि में भिगो सकूँ अपना तन ही नहीं वरन मन भी, तेरी दी हुई... Hindi · कविता 231 Share Saraswati Bajpai 8 Jan 2024 · 1 min read कितना खाली खालीपन है ! जीवन के सब उद्यम हारे मुझको पूरा करने में तुम जो साथ नहीं होते तो कितना खाली खालीपन है ! जाने क्यों जब तुम जाते हो संग मेरा मन ले... Hindi · कविता 313 Share Saraswati Bajpai 26 Dec 2023 · 1 min read आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे पूरे होशो जोश से आज जी ले ज़िन्दगी । छेड ले तू तान मन की झूमकर तू नाच ले जो भी... Quote Writer 401 Share Saraswati Bajpai 26 Dec 2023 · 1 min read कोंपलें फिर फूटेंगी कितना भी ये शीत कँपा दे और हेमन्त सब पात झरा दे किन्तु शेष जीवन जब तक है नई कोंपलें फिर फूटेंगीं एक एक कोंपल से फिर जाने कितने पात... Hindi · कविता 450 Share Saraswati Bajpai 10 Aug 2023 · 1 min read सदा के लिए सदा के लिए कहाँ ठहर पाता है कोई समय के साथ आगे बढ़ना ही होता है। बदलता है जीवन रोज रोज एक नए अंदाज में जीना होता है। इसलिए मत... Quote Writer 2 543 Share Saraswati Bajpai 10 Aug 2023 · 1 min read हाँ ये सच है हाँ ये सच है, तुम मिले थे कभी गर्मी में झुलसी देह को शाम की पुरवा हवा सा जैसे हवा को बाँध नहीं सकते सदा के लिए तुम्हें भी रोक... Hindi · कविता 1 376 Share Saraswati Bajpai 22 Jul 2023 · 1 min read एक गुनगुनी धूप एक अरसे की लम्बी रात्रि निराशा के गहन अंधकार व ठिठुरती शीत के बाद आज कुछ मद्धिम सी रोशनी सुबह की सुगबुगाहट दे रही है, एक गुनगुनी धूप का टुकड़ा... Hindi · कविता 407 Share Saraswati Bajpai 8 Jul 2023 · 1 min read ऐ सावन अब आ जाना सावन जो तू आया ही है मेरे घर भी आ जाना । रिमझिम रिमझिम तृप्ति बूंद कुछ मेरे घर बरसा जाना । कब से सूना रिक्त पड़ा घर अतिथि कोई... Hindi · कविता 1 305 Share Saraswati Bajpai 8 Jul 2023 · 1 min read अब नहीं पाना तुम्हें शेष न साहस तुम्हें अब खोने का इसलिए ही अब नही पाना तुम्हें । दरमियां अब और दूरी आ न जाएं इसलिए अब पास न आना हमे । है सुना... Hindi · कविता 310 Share Saraswati Bajpai 1 Mar 2023 · 1 min read विषाद छाती जकडी हुई है विषाद के शीत से मानो कोई भीतर ही भीतर प्राण घोंट रहा है । ये विषाद जैसे मन को पूरा निचोड़ कर बताना चाह रहा है... Hindi · कविता 368 Share Saraswati Bajpai 25 Feb 2023 · 1 min read लौटना मुश्किल होता है बहुत मुश्किल होता है निरन्तर बढ रहे उत्साही कदम पीछे की ओर मोड़ना जब ऑंखे देख पा रही हो अपनी मंजिल को बहुत करीब से। बस चन्द कदमों का ही... Hindi · कविता 421 Share Saraswati Bajpai 24 Feb 2023 · 1 min read हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें शायद इतना कि अमाप है मन मस्तिष्क से। सब कुछ तुम पर बस वार देना चाहती हूँ यह मेरा बड़प्पन नहीं बल्कि मेरा अस्तित्व... Hindi 410 Share Saraswati Bajpai 21 Feb 2023 · 1 min read सब स्वीकार है आज़मा ले जिन्दगी मुझको हर एक मोड़ पर अब तेरी हर आज़माइश शौक से स्वीकार है । अब कोई तुझसे शिकायत करने मैं न आऊँगी । न ही तेरी देयता... Hindi · कविता 422 Share Saraswati Bajpai 21 Feb 2023 · 1 min read सच है, दुनिया हंसती है सच है दुनिया हंसती ही है किसी नई डगर जब चला कोई पर हंसती है तो हंसने दो मुझे निरा मूर्ख उन्हें कहने दो मैं अपने पथ की मतवाली मैं... Hindi · कविता 1 326 Share Saraswati Bajpai 11 Feb 2023 · 1 min read तितली थी मैं तितली थी मैं तुम्हारे लिए ही तो उड उड़कर आती थी तुम खुश होते थे मुझे देखकर तुम्हारी इस खुशी पर बलि जाती थी । पर तुम्हारे डर ने मुझे... Quote Writer 987 Share Saraswati Bajpai 9 Feb 2023 · 1 min read "ज़िन्दगी जो दे रही "ज़िन्दगी जो दे रही सब शौक से स्वीकार है। प्राप्त जो भी हो रहा जीवन को अंगीकार है। प्रभु तेरी सब देयता से कर्म पथ पर मैं बढूंगी। पुरस्कार सा... Quote Writer 1 612 Share Saraswati Bajpai 8 Feb 2023 · 1 min read " बहुत बर्फ गिरी इस पेड़ पर " बहुत बर्फ गिरी इस पेड़ पर खुशियों के पात सारे झर गए किन्तु इसमें आस अब तक शेष है फिर आएगा बसन्त फिर सब पात होंगे कूजेगी कोकिल मुदित... Hindi · Quote Writer 345 Share Saraswati Bajpai 1 Feb 2023 · 1 min read निशान मिट गए सारे निशान हमारे उनके घर की चौखटों से दरें दीवारें जिस घर की हमसे मुस्कुराकर ही सदा मिली है । क्यों ये दीवारें न पहचान पाती मेरी शख्सियत... Hindi · कविता 299 Share Saraswati Bajpai 10 Jan 2023 · 1 min read कुछ तो रिश्ता है पूर्व जन्म का अनजाना सा अद्भुत बड़ा सुहाना सा मेरे सारे अनुभव कहते तुमसे कुछ तो रिश्ता है । दूर रहो या पास रहो ये मन तुम में ही रमता... Hindi · कविता 3 4 323 Share Saraswati Bajpai 9 Jan 2023 · 1 min read मेरा अन्तर्मन जाने कैसा है अन्तर्मन ये कुछ भी समझ न पाती मै कभी ये एकदम कोरा लगता दिखती कभी अबूझ आकृतियां जैसे हूँ कोई निपट निरक्षर कुछ भी पढ़ न पाती... Hindi · कविता 2 2 250 Share Saraswati Bajpai 3 Jan 2023 · 1 min read नववर्ष 2023 ये कैसा नव वर्ष नवलता का कोई आभास नहीं । सब कुछ ठहरा ठहरा है कहीं कोई आगाज़ नहीं । बहुत सोंचती पुनः पुनः मैं शिष्टाचार निभाऊं मैं भी नवल... Hindi · कविता 1 287 Share Saraswati Bajpai 12 Dec 2022 · 1 min read नैतिक मूल्य नैतिक मूल्य हमारे समाज व संस्कृति का एक प्रतिमान हैं । ये हमें जीवन जीने के ढंग तो सिखाते ही हैं । इस समाज में जीवनयापन सहज बनाते हैं ।... Hindi · Daily Writing Challenge · मूल्य 1 349 Share Saraswati Bajpai 10 Dec 2022 · 1 min read प्रेम प्रेम, अनिर्वचनीय भाव ईश्वर तक पहुंचने का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। क्षणिक सुख-दुख जगत मे परमानन्द अहसास है। किन्तु प्रेम की सत्ता को उसमें पूरी तरह डूबकर एकाकार होकर ही पा... Hindi · Daily Writing Challenge · प्रेम 3 394 Share Saraswati Bajpai 10 Dec 2022 · 1 min read मुस्कान एक सरल सी मुस्कान सबको जीत लेती है खोल देती हृदय द्वार सबका प्रेम संजो लेती है। जैसे मृदु सरल जल पाषाण काट देता है वैसे एक सरल मुस्कान कई... Hindi · Daily Writing Challenge · मुस्कान 1 238 Share Saraswati Bajpai 9 Dec 2022 · 1 min read माता-पिता हमारा जो अस्तित्व है आधार है माता पिता । माता यदि भूमि है तो आकाश है अपने पिता । छाँव है माता की ममता बन धूप मिलते है पिता ।... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता · माता पिता 2 826 Share Saraswati Bajpai 9 Dec 2022 · 1 min read वर्तमान बहुत सरल है वर्तमान में रहना किन्तु जैसे सरल रेखा में कठिन वक्र रेखा नहीं ढल पाती हमारा कठिन मन भी वर्तमान में नहीं टिक पाता । अतीत भविष्य के... Hindi · Daily Writing Challenge · वर्तमान 7 4 355 Share Saraswati Bajpai 8 Dec 2022 · 1 min read समाचार वो हवाएं जो कल तक सब संदेशे लाती थी आज क्या बात हुई कोई समाचार नहीं ? मैने तो आज भी तुमको संदेशा भेजा था हवा ने बात वो तुमसे... Hindi · Daily Writing Challenge · समाचार 2 213 Share Saraswati Bajpai 7 Dec 2022 · 1 min read धूप कड़कती ठिठुरन में तन को सहलाती है। सुखद प्रेम स्पर्श दे उमंग भर जाती है। आकाश से उतरती संवारती धरा सब खेतों में पका अन्न सांझ ढले जाती है। रात... Hindi · Daily Writing Challenge · धूप 4 2 543 Share Saraswati Bajpai 7 Dec 2022 · 1 min read नायक तमाम मुश्किलों में घिरा हो पर स्वयं का साहस नहीं डिगता । जो धर धीर सब स्वीकार ले भला तूफान उसके सामने फिर कब कहाँ टिकता ? जो खुद के... Hindi · Daily Writing Challenge · नायक 3 340 Share Saraswati Bajpai 6 Dec 2022 · 1 min read अंतरिक्ष इस पूरे अंतरिक्ष में कहीं तो संचित होंगे मन के सब भाव । माना आज सब भाव ग्रहों के साथ यत्र तत्र बिखर गए पर एक दिन ग्रहों की गति... Hindi · Daily Writing Challenge · अंतरिक्ष 2 278 Share Saraswati Bajpai 26 Nov 2022 · 1 min read साहस जब बार- बार गिरकर भी खड़े हो सके हम | जब हार कर भी कई बार निज लक्ष्य न तजे हम । यूँ संभलने का साहस न इतना सरल है... Hindi · Daily Writing Challenge · साहस 2 171 Share Saraswati Bajpai 25 Nov 2022 · 1 min read कल्पना मेरे मन की माटी में बीज बन जब आए तुम कल्पना की पौध तब नवांकुर ले फूट आयी। कल्पना के ये नवांकुर वृक्ष होना चाहते है। और ऊँचे उठकर वो... Hindi · Daily Writing Challenge · कल्पना 2 178 Share Previous Page 2 Next