कुमार अविनाश केसर 78 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 कुमार अविनाश केसर 20 Feb 2022 · 1 min read सूरज सूरज, तुम क्यों जलते हो इतना? कहाँ से आती है तुम्हारी ज्वाला? क्यों इतनी तपन है तुममें? कैसे उठाए फिरते हो इतना ताप? मैं जब भी महसूसता हूँ - तुम्हारी... Hindi · कविता 1 2 446 Share कुमार अविनाश केसर 19 Feb 2022 · 1 min read आकाशदीप चाँद! आज तुम - बहुत सुंदर दिख रहे हो। जानते हो - कैसे? विचारों के घने बादलों के बीच, मन के आकाश पर, लुक-छिप करते, इशारों के अनकहेपन जैसे!! रुई... Hindi · कविता 333 Share कुमार अविनाश केसर 18 Feb 2022 · 1 min read ज़िन्दगी मैंने तुम से चाहा था गगन भर प्यार! यह कैसी किस्मत की मार!! तूने मुझसे ही ठान दी रार!! कहां तो चाहा था- आसमान के कैनवास पर, बिखरे रंगों के... Hindi · कविता 1 162 Share कुमार अविनाश केसर 18 Feb 2022 · 1 min read वर्षों बाद वर्षों बाद वर्षों बाद भी देखने पर आसमान औँधा ही दीख पड़ता है- नीलिया उजाले से पूता हुआ। बरसों बाद भी देखने पर चाँद ऊपर ही दिखता है- दूधिया हँसी... Hindi · कविता 1 304 Share कुमार अविनाश केसर 12 Feb 2022 · 1 min read मेरा बचपन मेरा बचपन जब भी जाता गाँव, दौड़कर बचपन मेरा आता है. सुबक-सुबक भीगी आँखों से, मुझको गले लगाता है। वह छप्पर-छजनी का घर, मुझे अब भी वहीं बुलाता है। जाऊँ... Hindi · कविता 352 Share कुमार अविनाश केसर 11 Feb 2022 · 1 min read प्रश्न तुम कहाँ रहते हो ? इतने दिन! पाँच साल लंबे दिन ! पाँच साल लंबी रातें! किस खोह में बैठते हो? नंगे विचारों, खोखले हाथों, शायराना अंदाज़ों वाले वादों के... Hindi · कविता 1 153 Share कुमार अविनाश केसर 10 Feb 2022 · 1 min read वज़ूद बहुत देखा है, ज़माने के सितारों का कमाल ! सुबह होते ही जिनका कोई वजूद ना रहा। Hindi · शेर 2 285 Share कुमार अविनाश केसर 10 Feb 2022 · 1 min read एक दीया अपने लिए ये खामोश, काली रातें, क्यों घूरती हैं मुझको! एक नन्हा -सा दीया तो हमने अपने लिए जलाया था। Hindi · शेर 1 157 Share कुमार अविनाश केसर 8 Feb 2022 · 1 min read दर्द के बहाने न देख इस बेदर्द जमाने के चलते-फिरते ताने न देख! दिल के ज़ज्बातों के आगे होंठ के गाने न देख!! डूब के, दरियाव के मौजों में पलते जाले न देख! दिल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 222 Share कुमार अविनाश केसर 8 Feb 2022 · 1 min read उनको सलाम! (लता जी के लिए ) जिंदगी को जिंदगी दे के गए जो इस जहाँ में, जिंदगी को रोशनी देकर गए उनको सलाम!! लाख तूफानों में रोशन ही रहे जिनके दीये, रोशनी बुझते हुए को दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share कुमार अविनाश केसर 4 Feb 2022 · 1 min read माँ शारदे हे जगतारिणी! वीणाधारिणी! जगजननी माँ शारदे! तू जग को तार दे! ये जग अंधेरे से घिरा है! आदमी पद से कितना गिरा है! सबको ज्ञान का सार दे! माँ शारदे!... Hindi · गीत 1 247 Share कुमार अविनाश केसर 4 Feb 2022 · 1 min read अब आती नहीं चिड़िया!!! अब चिड़िया आती नहीं मुंडेर पर! फड़फड़ाते नहीं पंख, सुबह को समेटकर- अब गाती नहीं चिड़िया.... अब आती नहीं चिड़िया... कौवे भी, अतिथि का संदेश लेकर नहीं आते.... कहां चली... Hindi · कविता 430 Share कुमार अविनाश केसर 4 Feb 2022 · 1 min read कविता के आंसू आज कविता रोती है सिर पटक पटक कर! कितनों के अरमान ढह गए! कितनों के मंजिल जा छूटे! कितनों के शीशों के जैसे चनक चनक के दिल जा टूटे! दानवता... Hindi · कविता 2 1 287 Share कुमार अविनाश केसर 3 Feb 2022 · 1 min read बगरो बसंत है सुमन प्रभात का खिला, गगन धरा से जा मिला, ज्योति किरण फुट पड़ी, हिलती कमरिया गगरिया से बोलती - जलभर.... जलभर.... मनभर.... मनभर.... नित्य प्रति भोर में मुर्गा है बाँगता।... Hindi · कविता 1 229 Share कुमार अविनाश केसर 1 Feb 2022 · 1 min read माहताब भी कत्लेआम कर जाएगा! तुम रोज इसमें इस तरह झाँका ना करो, ये आइना है टूट कर बिखर जाएगा। लबों पे अपने दर्द की हिचकियाँ न लाना कभी, सुन के मंजर ये सारा दहल... Hindi · शेर 1 150 Share कुमार अविनाश केसर 31 Jan 2022 · 1 min read भरम कुछ भरम पाल रखे हैं, टूट जाएँ तो अच्छा है। अपने पराये पाल रखे हैं, छूट जाएँ तो अच्छा है। जिन्हें तुम्हारी परवाह नहीं 'केसर' वे कभी कभी रूठ जाएँ... Hindi · शेर 2 2 179 Share कुमार अविनाश केसर 30 Jan 2022 · 1 min read तेरे ख़्वाब में मैं तेरे नक्शे कदम यूं चल नहीं सकता, तुम्हारी आदतों में इस कदर मैं ढल नहीं सकता, मुझे मज़बूर इतना भी नहीं करना कभी 'केसर', तेरे ख़्वाब में अब फिर... Hindi · शेर 1 202 Share कुमार अविनाश केसर 30 Jan 2022 · 1 min read तुम परिंदे हो तुम परिंदे हो, चाहे जहां उड़ लो, बसेरा धरती का कोना है! कर लो सैर दुनिया की, दफ़न मिट्टी में होना है!! Hindi · मुक्तक 1 275 Share कुमार अविनाश केसर 30 Jan 2022 · 1 min read शर्तों पर ज़िन्दगी आग सुलगती रहे तो ठीक है, ज़ज़्बात उफनते रहें तो ठीक है, जिंदगी का क्या ठिकाना! या रब! शर्तों पर ही सही, चलती रहे तो ठीक है!! Hindi · मुक्तक 1 139 Share कुमार अविनाश केसर 30 Jan 2022 · 1 min read लोग ये जो सड़कों पर चलते हैं हाथ हिलाते हुए लोग, महफ़िलों में बेवज़ह, बेदिल हाथ मिलाते हुए लोग, अनजाने, अनसुलझे, बेदम, बेगाने, दीवाने लोग, कौन जाने कहाँ रुकेंगे ये रिश्तों... Hindi · मुक्तक 1 139 Share कुमार अविनाश केसर 30 Jan 2022 · 1 min read नींद ना आती तो आँचल ओढ़ा देती माँ! नींद ना आती तो आँचल ओढ़ा देती माँ, भूख लगती तो सागर लुटा देती माँ, पता नहीं, बटुए में कैसे निकल आते थे दो चार रुपए! एक माँगूँ तो दो... Hindi · मुक्तक 2 208 Share कुमार अविनाश केसर 30 Jan 2022 · 1 min read हे दीपशिखे! हे दीपशिखे तुम सतत निरंतर इन अजस्र स्रोतों में बहती रहती हो, हे दीपशिखे! दुनिया की मधुरमयी धारा में नित स्रोतस्विनी होकर तुम, स्वतप्त पिघलती रहती हो, हे दीपशिखे! तू... Hindi · कविता 1 376 Share कुमार अविनाश केसर 29 Jan 2022 · 1 min read तेरी याद सीने में है तेरे जाने का ग़म अबतक मेरे सीने में है। तेरा वो खुद्दार सितम अबतक मेरे जीने में है, रफ्ता-रफ्ता तेरी साँसों-सी महकने लगी है। तेरी निगाहों की वो जलती-सी तन्हाइयाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 186 Share कुमार अविनाश केसर 28 Jan 2022 · 1 min read जनता ज़िंदाबाद हो गईल जनता ज़िंदा लाश हो गईल, घोड़वन स के घास हो गईल. जिनगी सब के झंड बनल बा, नेतवन के घमंड चढ़ल बा. जनधन योजना सबकर घर के धनवा धो गईल.... Hindi · कविता 1 171 Share कुमार अविनाश केसर 27 Jan 2022 · 1 min read महफिल मिला ना कारवां हम तो अपनी हमसरी कुछ इस तरह ढूंढते रहे,आज तक अपना कहीं महफिल मिला, ना कारवां। या खुदा जब भी तुम्हारी याद दिल को छू गई, दिल के इशारे ने... Hindi · शेर 1 1 447 Share कुमार अविनाश केसर 27 Jan 2022 · 1 min read एक ही मुकाम मेघ हुआ, घास भीगी, कास भींगे, दुपहरी उदास भींगी, बुढ़िया उदास भींगी, मिट्टी का प्यार भीगा, मन का कुछ भार भीगा, पत्ती फूल फल भीगे, चित के सब मल भीगे।... Hindi · कविता 1 211 Share कुमार अविनाश केसर 26 Jan 2022 · 1 min read प्यार का गीत प्यार से हमको तुम यूं पुकारा करो, आंख में डाल आंखें दुलारा करो। कि रहे दूरियां न तेरे दिल से अब, ख्याल हर एक पल तुम हमारा करो। मेरे हृदय... Hindi · गीत 1 386 Share कुमार अविनाश केसर 26 Jan 2022 · 2 min read लौटो गांधी आओ, फिर से धरती पर उग आओ गांधी। फिर से भारत मांग रहा है तेरी एक कुर्बानी, कर्म तुम्हारा याद रखेगा भारतवर्ष जुबानी, मार्ग दिखाता सत्य तुम्हारा हरदिल है बलिदानी,... Hindi · कविता 1 189 Share Previous Page 2