अशोक मिश्र Tag: कविता 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अशोक मिश्र 6 Nov 2021 · 1 min read चिंगारी मैं एक चिंगारी हूँ आग के शोले से टूट कर निकली अपने अस्तित्व को खोजती बिना धार की दुधारी हूँ, मैं एक चिंगारी हूँ मौका मिलते ही अनाजों के ढेर... Hindi · कविता 289 Share अशोक मिश्र 6 Nov 2021 · 1 min read भारतीय संस्कृति ?लड्डू - भारतीय संस्कृति ! जो दाने को दाने से जोड़ कर उत्सव मनाने का सन्देश देता है | और ?केक - पश्चिमी संस्कृति ! जो काट कर, बांट कर... Hindi · कविता 1 2 292 Share अशोक मिश्र 1 Nov 2021 · 1 min read घावों का कोई मोल नहीं दावों का कोई मोल नहीं घावों का कोई मोल नहीं। रिश्तों से बढ़कर इस जग में कुछ भी होता अनमोल नहीं।। अपने तो अपने होते हैं जब गैर दिखायें अपनापन... Hindi · कविता 1 2 327 Share अशोक मिश्र 28 Oct 2021 · 1 min read वही है सबके चमन का माली कहाँ निकालोगे दिल की बातें जगह तो कोई नहीं है खाली कहीं पे नेता जमे हुये हैं कहीं पे बैठे हुये मवाली बुझा दो अंगार अपने ही अंदर सुकून शायद... Hindi · कविता 1 2 425 Share अशोक मिश्र 9 Oct 2021 · 1 min read एक सच्चाई काल के गाल में समायेंगे इक दिन सब, कोई भी विद्या फिर काम नहीं आयेगी | एक ही अवलम्बन है भवसागर तरने का, राम नाम नैया ही पार ले जायेगी... Hindi · कविता 427 Share अशोक मिश्र 9 Oct 2021 · 1 min read वैश्या और नेता वैश्या का घर और नेता का मकान दोनो में अंतर केवल एक है एक की अपने शरीर की कमाई और एक की फेक है बेचते दोनो हैं दोनो ही कमाते... Hindi · कविता 463 Share अशोक मिश्र 5 Oct 2021 · 1 min read आत्मबोध हम पर प्रहार करने वालो अब दाँव नहीं चलने वाला रख दिया पाँव जो मग में अब वह पाँव नहीं हिलने वाला जिनको खुद का ही बोध नहीं सिखलाते हमको... Hindi · कविता 294 Share अशोक मिश्र 21 Sep 2021 · 1 min read जब भौंरा उपवन नष्ट करे जब ठगे किसान किसानो को और मानव मानव को चूसे जब भौंरा उपवन नष्ट करे नेता जेबों मे धन ठूसे जब विद्यार्थी लेकर निकलें विद्या की अर्थी सरे आम शिक्षा... Hindi · कविता 240 Share अशोक मिश्र 31 Aug 2021 · 1 min read हे प्रभु ( प्रार्थना) मम नाथ करिय सनाथ सिर पर हाथ प्रभु धर दीजिये भगवान दीजै ग्यान मम अभिमान प्रभु हर लीजिये हे विष्णु करुणासिंधु अब मोहि दास आपन कीजिये जेहि जोनि जन्मउँ नाम... Hindi · कविता 570 Share अशोक मिश्र 29 Aug 2021 · 1 min read आधुनिक परिभाषायें मित्रता की आँड़ में जो शत्रुवत व्यवहार करे असली मित्र वह ही कहाता है कलियुग में सत्पथ से हटाके ध्यान कुपथ दिखाये सदा असली शुभचिंतक कहाता है कलियुग में धर्म... Hindi · कविता 492 Share अशोक मिश्र 10 Aug 2021 · 1 min read राम मंदिर राम मंदिर नींव पूजन 05अगस्त 2020 की रचना पांच सदियों की आस पूरी हो गई आज भव्य राम मंदिर अब बनेगा अयोध्या में कलयुग का बनवास पूरा अब होगा शीघ्र... Hindi · कविता 1 494 Share अशोक मिश्र 4 Aug 2021 · 1 min read प्रभु वंदना श्रीराम कहो सुखधाम कहो दशरथनंदन भगवान कहो कौशल्यासुत की जय बोलो रघुनंदन सीताराम कहो केशव बोलो श्रीकृष्ण कहो राधाबल्लभ की जय बोलो लक्ष्मीपति नारायण बोलो और करुणासिंधु प्रणाम कहो जै... Hindi · कविता 1 2 591 Share अशोक मिश्र 25 Jul 2021 · 1 min read माँ माँ कोई रिश्ता नहीं माँ एक भावना है माँ का सम्मान तो ईश्वर की साधना है माँ को बृद्धाश्रम की राह दिखाने वालो तुमको सुख मिलेगा यह भ्रम पालना है... Hindi · कविता 1 607 Share अशोक मिश्र 20 Jul 2021 · 1 min read महादेव नैनों में ज्योति है और कानों में श्रवण शक्ति प्राण है शरीर में और कारण है अकारण का देवों में महादेव ताप है वो अग्नी का भूखे की भूख है... Hindi · कविता 264 Share अशोक मिश्र 11 Jul 2021 · 1 min read कोरोना लाकडाउन है कोई स्थाई उपचार नहीं खुद ही हम सब को अब संभल जाना चाहिए शारीरिक दूरी के साथ मास्क लगाओ सभी साबुन से हाथ बार बार धोना चाहिए हाथ... Hindi · कविता 1 505 Share अशोक मिश्र 8 Jul 2021 · 1 min read बचपन की चिट्ठी आज मुझे इक ख़त आया मै तनहा जब बैठा था तभी डाकिया ख़त लाया आज मुझे इक ख़त आया ख़त देखा तो सिहर गया चेहरा मेरा निखर गया उसकी पहली... Hindi · कविता 1 742 Share अशोक मिश्र 6 Jul 2021 · 1 min read सोंच सबकी गई है सोंच सिमट सरायन जैसी इसमें अब घाघरा का फैलाव कैसे आयेगा हांथ के विषाणु तो मरेंगे सैनीटाइजर से आत्मा के विषाणु कौन घोल मार पायेगा सोंचो और... Hindi · कविता 386 Share अशोक मिश्र 5 Jul 2021 · 1 min read मैं दिया हूँ मैं दिया हूँ अपने गंतव्य की ओर मैं चल दिया हूँ मैं दिया हूँ मेरा उद्देश्य तो अंधेरा होते ही खुद जलकर प्रकाश फैलाना दूसरों को राह दिखाना आजीवन दूसरों... Hindi · कविता 344 Share अशोक मिश्र 3 Jul 2021 · 1 min read जन गण मन से प्यार है जन जन से प्यार है जन गण मन से प्यार है मुझको तो अपने तिरंगे झंडे से प्यार है हिमगिरि का मुकुट पहने दिखता है जिसमें ओज सागर चरण पखारता... Hindi · कविता 1 2 407 Share अशोक मिश्र 1 Jul 2021 · 1 min read सौन्दर्य गाँव की गोरी गलियारे से गुजरी जब फूल और कलियों की सांस तब अटक गई यौवन लचकाते हुये नयन मटकाते चली सूरज के घोड़ों की लगाम तब भटक गई लहरायी... Hindi · कविता 1 2 422 Share अशोक मिश्र 30 Jun 2021 · 1 min read जय श्री राधे राधे राधे कहने से पाप सब हैं धुल जाते राधा का नाम ही स्वयं में परम धाम है राधा है मार्ग सुलभ श्याम को रिझाने का राधे को बुलाओ आ... Hindi · कविता 495 Share अशोक मिश्र 28 Jun 2021 · 1 min read दुनियां ये दुनियां इतनी छोटी है कि चलने पर आपस में सिर टकराता है और कभी इतनी बड़ी हो जाती है कि भाई भाई को पहचान नहीं पाता है आखिर कितनी... Hindi · कविता 507 Share अशोक मिश्र 25 Jun 2021 · 1 min read जीवन तेरे कितने रूप जीवन तेरे कितने रूप कहीँ पर छाँव कहीँ पर धूप कभी ममता का मधुरिम पुंज कभी निर्जन वन का स्तूप। कभी कड़वाहट का अहसास कभी गुड़ की ढेली का भास... Hindi · कविता 301 Share अशोक मिश्र 24 Jun 2021 · 1 min read परछाई कल मैंने एक सपना देखा सपने में एक चेहरा देखा चेहरा कुछ मेरे जैसा था कुछ बूढ़ा सा दिखता था मुझसे बोला धीरे से वह मैने तेरी जेब खंगाली मै... Hindi · कविता 1 339 Share अशोक मिश्र 23 Jun 2021 · 1 min read राजनीति कुछ लोग कहते हैं कि राजनीति का काम गंदा है लेकिन कम समय में अधिक मुनाफा देने वाला यही सबसे उत्तम धंधा है नेता छोटा हो या बड़ा पक्ष का... Hindi · कविता 218 Share