'अशांत' शेखर Tag: मुक्तक 112 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid 'अशांत' शेखर 3 Jun 2022 · 1 min read .✍️वो थे इसीलिये हम है...✍️ ✍️वो थे इसीलिये हम है...✍️ ---------------------------------------------------- // पिता..! हमारे जीवन सृष्टि के है शिल्पकार... वो है जनक हम उनका अविष्कार... बिना उनके कैसे मिलता व्यक्तित्त्व को नया आकार... संसाररूपी कश्ती... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 6 12 312 Share 'अशांत' शेखर 5 Jun 2022 · 1 min read ✍️मैंने पूछा कलम से✍️ ✍️मैंने पूछा कलम से ✍️ --------------------------------------// मैंने पूछा कलम से किसके लिये क्या लिखूं ? कलम ने कहाँ राम के लिये "मर्यादा" सीता के लिये "अग्निपरीक्षा" कृष्ण के लिये "वरदान"... Hindi · मुक्तक 6 19 677 Share 'अशांत' शेखर 22 Jul 2022 · 1 min read ✍️एक ख़ुर्शीद आया✍️ ✍️एक ख़ुर्शीद आया✍️ ………………………………………………// जब परछाई के साये अपने वजूद को अंधेरो मे खोज रहे थे जहाँ को रोशन करने एक ख़ुर्शीद आया... अज्ञान के गहरे भंवर में फंसकर उम्मीदों... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 5 10 360 Share 'अशांत' शेखर 11 Sep 2022 · 1 min read ✍️दरिया से सागर✍️ ✍️दरिया से सागर✍️ ……………………………………………// बड़ा ही सरल होता है समंदर के लिए मीठे पानी के किसी भी दरिया को अपनी गोद में समा लेना उतना ही मुश्किल होता है असीम... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 5 8 177 Share 'अशांत' शेखर 4 Jun 2022 · 1 min read ✍️दिल बहल जाता है।✍️ ✍️दिल बहल जाता है।✍️ -------------------------------------// मानव गर जंग कलम से करना सिख ले, तो हथियार जंग खा जायेंगे । कितना अच्छा होगा बेवजह लोग मारे नही जायेंगे। मानव गर तंग... Hindi · मुक्तक 4 4 261 Share 'अशांत' शेखर 5 Jun 2022 · 1 min read ✍️वो पलाश के फूल...!✍️ ✍️वो पलाश के फूल...!✍️ ------------------------------------// वो पलाश के फूल...! गहरे केसरी लाल जैसे जंगल में हो आग वो पलाश के फूल...! फ़ागुन का संकेत दर्शाते हैं बसंत का एहसास जगाते... Hindi · मुक्तक 4 7 1k Share 'अशांत' शेखर 13 Jun 2022 · 1 min read ✍️✍️हिमाक़त✍️✍️ ✍️✍️हिमाक़त✍️✍️ ......................................// यहाँ हर कोई हर किसीका सुकून छीनने के फिराक में है। यहाँ कोई किसीका रंज-ओ-गम चुराने की हिमाक़त नहीं करता।। ..........................................// ✍️"अशांत"शेखर✍️ 13/06/2022 Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 4 2 249 Share 'अशांत' शेखर 16 Jul 2022 · 1 min read ✍️कल के सुरज को ✍️ ✍️कल के सुरज को ✍️ ……………………………………………// बाकी तो कुछ अब बचा नहीं.. यूँही हौसले समेटकर बैठे है.. के कोई फिर हमें ना गिरा सके.. कई दफा उठकर खड़े हुए है... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 4 4 231 Share 'अशांत' शेखर 4 Aug 2022 · 1 min read ✍️एक फ़िरदौस✍️ ✍️एक फ़िरदौस✍️ …………………………………………// मेरे अंदर हौसलों का एक बियाबान है जो किसी जालिम मौसम की जी तोड़ कोशिशों से उजड़ नही सकता मैंने अपने बूलंद इरादों से उसकी जड़ो को... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 4 8 293 Share 'अशांत' शेखर 20 Aug 2022 · 1 min read ✍️आग तो आग है✍️ ✍️आग तो आग है✍️ ……………………………………………// आग है बस जलना जानती है जलाना उसके फ़ितरत में नहीं है आप चाहे अपने पेट के वास्ते रोटी सेक लो या फिर अपनी स्वार्थ... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 4 6 463 Share 'अशांत' शेखर 11 Sep 2022 · 1 min read ✍️आँखरी रूह में हो आप✍️ ✍️आँखरी रूह में हो आप✍️ ………………………………………// दूसरा मौका नही है आपको इँसा की जिस्म में ये पहली बार था और ये आँखरी रूह में हो आप अब मर्जी आपकी जिस्म... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 4 8 157 Share 'अशांत' शेखर 12 Sep 2022 · 1 min read ✍️ये भी कोई मोहब्बत है✍️ ✍️ये भी कोई मोहब्बत है✍️ ……………………………………………………// कोई इश्क़ विश्क़ नहीं था पुलिस के एक ही मार में अम्मी का नाम पुकार रहा था वो बेवकुफ बेमतलब उस से पीछा छुड़ा... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 4 5 161 Share 'अशांत' शेखर 17 Sep 2022 · 1 min read ✍️चीते की रफ़्तार जहाँपनाह क्या अब विकास भी चीते की रफ़्तार सा होगा अभी तक आपने महंगाई के रफ्तार की चिता जलाई नहीं …………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 17/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 4 6 144 Share 'अशांत' शेखर 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️संस्कृती के कठोर रक्षाकवच... अनित्य सनातनी अज्ञान के स्याह अंधेरो में ज्ञान की रोशनी यूँही झाँकती नहीं हटवादी अविवेकी अंधकार के तमस में परिवर्तनशील सोच की इक लौ कभी जलती नहीं क्यूँ की संस्कृती... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 4 8 255 Share 'अशांत' शेखर 5 Jun 2022 · 1 min read ✍️"सूरज"और "पिता"✍️ ✍️"सूरज"और "पिता"✍️ --------------------------------------// आप सभी को ऐसा लगता होगा के "सूरज" संध्या समय डूब जाता होगा । ये सच नहीं है... वो धरा की दुसरे हिस्से में बसे अपने बच्चों... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 3 6 384 Share 'अशांत' शेखर 13 Jun 2022 · 1 min read ✍️खुशी✍️ ✍️✍️खुशी✍️✍️ ......................................// कितना मेकअप ओढ़े घूमती फिरती है खुशी, यहाँ वहाँ और कहाँ कहाँ... जैसे गम की कोई बिसाद ही नहीं । कितनी भी परते हटा लो यहाँ वहाँ और... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 2 253 Share 'अशांत' शेखर 29 Jun 2022 · 1 min read ✍️व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी✍️ ✍️व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी✍️ …………………………………………………………// आप व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी हो ? फिर तो… गहन विषयो के अध्ययन में हो अच्छे प्रोफाइल के जतन में हो सच या झूठ के फैसलों में... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 4 342 Share 'अशांत' शेखर 30 Jun 2022 · 1 min read ✍️बेवफ़ा मोहब्बत✍️ ✍️बेवफ़ा मोहब्बत✍️ ………………………………………………………// सुबह मेरे मोहब्बत की झूठी कसमे खाई दोपहर एक ओर रूठी मोहब्बत रंग लाई शाम को तय हुई मोहब्बत की रस्मे निभाई रात को बची मासूम मोहब्बत... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 2 154 Share 'अशांत' शेखर 3 Jul 2022 · 1 min read ✍️हौंसला जवाँ उठा है✍️ ✍️हौंसला जवाँ उठा है✍️ ………………………………………// दिल में मेरे इरादों का एक सैलाब उठा है... तप्ती लावा का जलजला उठा है। बोल देता लफ्ज़ो से कुछ बज़्म में तेरे... जबाँ पे... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 2 158 Share 'अशांत' शेखर 7 Jul 2022 · 1 min read ✍️जिंदगी खुला मंचन है✍️ ✍️जिंदगी खुला मंचन है✍️ …………………………………………………// जिंदगी क्या है..? जिस्म के जीवित एहसासो का एक खुला मंचन है..! अपने ही कोशिशों से इस जीवन के रंगमंच को सजाना है खुशियों में... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 4 238 Share 'अशांत' शेखर 10 Jul 2022 · 1 min read ✍️साँसों को हवाँ कर दे✍️ ✍️साँसों को हवाँ कर दे✍️ ………………………………………………// मुझे सजा के तू रख ले या कोई सजा देके रख ले दर्द को कुछ पल की रज़ा दे दे चाहे दिल को हमेशा... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 4 213 Share 'अशांत' शेखर 23 Jul 2022 · 1 min read ✍️क्या ये विकास है ?✍️ ✍️क्या ये विकास है ?✍️ ………………………………………// आखिर ये विकास का क्या मॉडल है ? या फिर विकास नाम का कोई मॉडल है ? जो छप्पन इंच के छोटे परदे पे... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 305 Share 'अशांत' शेखर 14 Aug 2022 · 1 min read ✍️ना तू..! ना मैं...!✍️ ✍️ना तू..! ना मैं...!✍️ ……………………………………// यदि एक दफ़ा दश्त में शोला भड़क गया तो खेत खलियाँ में भी धुँवा उठेगा, खेत खलियाँ की आँच गाँव तक पहुंचेगी, गाँव की लपटे... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 8 221 Share 'अशांत' शेखर 13 Sep 2022 · 1 min read ✍️निर्माणाधीन रास्ते✍️ ✍️निर्माणाधीन रास्ते✍️ …………………………………………………// सफलता की राहे हमेशा निर्माणाधीन रास्तो की तरह टूटी फूटी होती है जब भी चलने का प्रयास करो उखड़े हुए रास्तो पर मार्ग बदलने का संकेत मिलता... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 4 179 Share 'अशांत' शेखर 13 Sep 2022 · 1 min read ✍️ अपने रिश्ते ही कुछ ऐसे है कई दिनो से जहरीली बातों का स्वाद चखा नहीं रसोई में अपने रिश्तों के हाथ का तिखा पका नहीं …………………………………………// ©✍️- 'अशांत' शेखर 13/09/2022 Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 3 6 325 Share 'अशांत' शेखर 2 Oct 2022 · 1 min read ✍️सिर्फ गांधी का गांधी होना पर्याप्त नहीं था... सिर्फ गांधी का गांधी बनना ही पर्याप्त नहीं होता है… उनके महात्मा होने के सफर का पड़ाव कभी समाप्त नही होता है… एक जिंदा गांधी कभी कभी मर सकते है... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 2 148 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️तजुर्बों से अधूरे रह जाते गर किताबो में सारी बाते पढ़ लेते तो.. इस जिंदगी से फिर क्या सिख लेते हम सुबह को बेचकर शाम कैसे ख़रीदना..? इन तजुर्बों से यूँही अधूरे रह जाते हम... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 6 185 Share 'अशांत' शेखर 8 Oct 2022 · 1 min read ✍️हम जिस्म के सूखे एहसासो से बंझर है रोज कही ना कही उठती होगी आवाजें हमें तो शोरशराबे की आदत सी पड़ गयी है...! रोज कही ना कही उठता होगा धुँवा हम तो अंगारों में झुलसते ही रहते... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 9 209 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️रूह के एहसास... मैं गहरा दर्द हूँ आँखों में भरकर भी आप मुझे गिरा सकते हो मैं चोटिल लफ्ज़ हूँ जुबाँ से बोलकर भी आप मुझे महसूस करा सकते हो गर लफ्ज़ अश्क़... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 4 312 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️मगर क्रांति के अंत तक.. पीड़ाएँ कभी बोलती नहीं वो मौन ही रहती है सब्र के अंत तक.. चेतन मन ही विद्रोह की निर्मिती करता है.. अक्सर पीड़ा का मौन टूटने के बाद.. मगर क्रांति... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 4 208 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️कभी कभी कभी कभी रास्ते पैरोंतलों से गुमसुम गुजर जाते है कभी कभी कदमो के भरोसे हम मौन खड़े रह जाते है कभी कभी वक़्त छूट जाता है हम खाली हाथों को... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 2 194 Share 'अशांत' शेखर 2 Jun 2022 · 1 min read ✍️वास्तविकता✍️ ✍️वास्तविकता✍️ ------------------–-------------------// गुजरा बचपन उस चाल में जहाँ पुलिस का काफी पहरा होता था पीछे चाल सामने थाना होता था पिता मेरे कर्तव्यदक्ष पुलिसवाले थे घर में कमही थाने में... Hindi · मुक्तक 2 310 Share 'अशांत' शेखर 3 Jun 2022 · 1 min read ✍️किसान के बैल की संवेदना✍️ ✍️किसान के बैल की संवेदना✍️ ---------------------------------------------------// मालक सूली पर अपने आपको ना चढ़ाईये मुश्किल के कीचड़ में परिवार के पाँव ना गढ़ाईये इस दफ़ा इंसान से ईश्वरअल्ला की इबादत और... Hindi · मुक्तक 2 2 231 Share 'अशांत' शेखर 5 Jun 2022 · 1 min read ✍️मैं जब पी लेता हूँ✍️ ✍️मैं जब पी लेता हूँ ✍️ --------------------------------------// मैं जब थोड़ीसी पी लेता हूँ । अस्सल जिंदगी जी लेता हूँ ।। मुझे दुर तक कोई डर नहीं सताता है। मेरे पास... Hindi · मुक्तक 2 340 Share 'अशांत' शेखर 6 Jun 2022 · 1 min read ✍️क्या क्या पढ़ा है आपने ?✍️ ✍️क्या क्या पढ़ा है आपने ?✍️ --------------------------------------------// क्या क्या पढ़ा है आपने ? रामायण,महाभारत,गीता खण्ड खण्ड अखंड पढ़ी है! क्या पाखंड पढ़ा है आपने ? क्या क्या पढ़ा है आपने... Hindi · मुक्तक 2 8 466 Share 'अशांत' शेखर 13 Jun 2022 · 1 min read ✍️✍️नींद✍️✍️ ✍️✍️नींद✍️✍️ ................................…...// मेरी रूह से जाने की एक दफ़ा इजाजत क्या दी..! वो वापस लौटने का नाम ही नहीं लेती, कही अर्से हुए उसे मिले हुए...! वो आँखों से ओझल... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 2 348 Share 'अशांत' शेखर 13 Jun 2022 · 1 min read ✍️✍️व्यवस्था✍️✍️ ✍️✍️व्यवस्था✍️✍️ ................................................// मैं जानता हूँ कल फिर यहाँ जिंदगानियाँ तरन्नुम होगी, फ़तेह की कहानियाँ नयी जुबाँ लिखेगी, खुशियों के मेले लगेंगे आदमियों की भीड़ सजेगी। क्या फर्क पड़ता है गर... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 377 Share 'अशांत' शेखर 13 Jun 2022 · 1 min read ✍️जिंदगी✍️ ✍️जिंदगी✍️ ......................................// दोस्त चेहरे की क्या अहमियत वो बड़े कलंदर होते है। हम दिल में समंदर ढूंढते है। कभी वो फुर्सत में खुलकर मिली तो उसके भी चेहरे पर समंदर... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 2 189 Share 'अशांत' शेखर 15 Jun 2022 · 1 min read ✍️सिर्फ दो पल...दो बातें✍️ ✍️सिर्फ दो पल...दो बातें✍️ ............................................// कल नये साल के सौ मीठेबोल संदेश भेजें और बाकी है..! रोज किसी के जन्मदिन की बधाईयाँ... शादी वर्षगांठ की खुशियाँ... और किसीके पुण्यस्मरण की... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 355 Share 'अशांत' शेखर 17 Jun 2022 · 1 min read ✍️✍️ए जिंदगी✍️✍️ ✍️✍️ए जिंदगी✍️✍️ .......................................// तू नहीं जानती ए जिंदगी मुश्किल वक़्त कैसे गुज़रता है..! कड़ी धूप में अश्कों की गीली चादर सुखाने में ही दिन ढलता है..! फिर तन्हा दिल सूखे... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 182 Share 'अशांत' शेखर 18 Jun 2022 · 1 min read ✍️आप क्यूँ लिखते है ?✍️ ✍️आप क्यूँ लिखते है ?✍️ ................................................................// पुरे दिन की जहांन की हरकतें, मौसम की हलचल, करवट बदलता वक़्त, इन सबको निचोड़कर कुछ गंदगी को छानके कुछ अच्छाई को पिरोके लफ्ज़ो... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 266 Share 'अशांत' शेखर 24 Jun 2022 · 1 min read ✍️पुरानी रसोई✍️ ✍️पुरानी रसोई✍️ ………………………………………// बचपन की रसोई मुझे याद है वो पितल की थालियां वो पितल की प्यालियां दीवाल पर टंगी लकड़ी के पाट पर सजी होती थी । थोड़े से... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 373 Share 'अशांत' शेखर 28 Jun 2022 · 1 min read ✍️✍️हादसा✍️✍️ ✍️✍️हादसा✍️✍️ ………………………………………// दिल के मर्ज़ का ना पूछो हाल उसकी कुछ चहेती यादो में थोड़ा सँवर जाता है अनचाहे हादसों की जरासी आहट में ओर ज्यादा ही चौकन्ना हो जाता... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 172 Share 'अशांत' शेखर 2 Jul 2022 · 1 min read ✍️इत्तिहाद✍️ ✍️इत्तिहाद✍️ ……………………………………// एक आसमान है और एक चाँद... पीछे तारो का जमघट है। एक ज़मी है और एक मैं... बाकी मायूसी का मरघट है। मोहब्बत की भरी कहकशाँ में महफ़िल... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 282 Share 'अशांत' शेखर 15 Jul 2022 · 1 min read ✍️अच्छे दिन✍️ ✍️अच्छे दिन✍️ ………………………………………// हमने कहाँ मांगे थे बेबस लाचारी के ये अच्छे दिन लौटा दो हमें न कड़वे ना मिठे वो पुराने बीते दिन चूल्हें की बुझती लौ और टिमटिमाती... Hindi · मुक्तक 2 4 415 Share 'अशांत' शेखर 26 Jul 2022 · 1 min read ✍️खुदाओं के खुदा✍️ ✍️खुदाओं के खुदा✍️ ………………………………………………………// ये वाइज़ तो निकले थे ढूँढने एक ही खुदा और मिले यहाँ बेहिसाब खुदाओं के खुदा ये जहाँ की इंसानी नस्ले कर रही है सज़दा सादगी... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 444 Share 'अशांत' शेखर 29 Jul 2022 · 1 min read ✍️किताबें और इंसान✍️ ✍️किताबें और इंसान✍️ ………………………………………………………// दुनिया जानने की सूझबूझ परखने की जिज्ञासु समझ उसी दिन से अंदर ही अंदर विकसित होने लगी थी... जिस दिन शिक्षा की पाठशाला में किताबो के... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 6 215 Share 'अशांत' शेखर 29 Jul 2022 · 1 min read ✍️मानो तो ये भी सही✍️ ✍️मानो तो ये भी सही✍️ ……………………………………………// गहरे रात के अँधेरे में सूरज को खोजने का मतलब 'तत्वज्ञान' गहरे रात के अँधेरे में सूरज उगने से पहले ही उजाले खोजने का... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 240 Share 'अशांत' शेखर 6 Aug 2022 · 1 min read ✍️हाथ के सारे तिरंगे ऊँचे लहराये..!✍️ ✍️हाथ के सारे तिरंगे ऊँचे लहराये..!✍️ …………………………………………………………// एक सांवली सी सूरत का बच्चा अपनी छोटी बहन की एक उंगली नन्हें हाथ से थामकर दूसरे हाथ में देश की गरिमा संभाल... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 4 361 Share 'अशांत' शेखर 11 Aug 2022 · 1 min read ✍️बहन भाई की सलामती चाहती है✍️ ✍️बहन भाई की सलामती चाहती है✍️ ………………………………………………………// स्वरक्षा के कच्चे धागे में रिश्तों की मजबूती चाहती है एक बहन अपने भाई के भविष्य की सलामती चाहती है भाई पर मुश्किले... Hindi · Ashantshekharlekhani · मुक्तक 2 2 162 Share Page 1 Next