'अशांत' शेखर Tag: कविता 78 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid 'अशांत' शेखर 14 Jun 2022 · 1 min read ✍️मैं परिंदा...!✍️ ✍️✍️ मैं परिंदा...!✍️✍️ .............................................................// वक़्त के इस हालात का हूँ मैं परिंदा । फिर भी उड़ने का रखता हूँ मैं इरादा ।। उलझा हूँ मैं,जो तेरा बिछाया है जाल ।... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 4 6 833 Share 'अशांत' शेखर 3 Jul 2022 · 1 min read ✍️बचपन था जादुई चिराग✍️ ✍️बचपन था जादुई चिराग✍️ ……………………………………………………………// चलो फिर लौटकर आते है मासूमियत भरे उस नन्हें बचपन में झूठमूठ की गुड्डे गुड़ियो की शादी है आओ खाना पकाते मिट्टी के बरतन में... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 1 2 787 Share 'अशांत' शेखर 8 Jun 2022 · 1 min read ✍️घुसमट✍️ ✍️घुसमट✍️ -----------------------// नदीचा तो काठ आज मनात डोहाळला अन आसवांचा पुर लोचनात भरून आला..! तुझ्या भेटीस हा जिव कसा अधिरला बघ हुंदक्याना ही श्वास किती जड झाला..! ह्या वेदनेचा सुखाशी... Marathi · कविता 1 670 Share 'अशांत' शेखर 26 Jun 2022 · 1 min read ✍️दरिया और समंदर✍️ ✍️दरिया और समंदर✍️ ………………………………………………………// दरिया ने कब किसकी है प्यास बुझाई । दरिया के सफर ने तो केवल प्यास बढ़ाई ।। दरिया पे ना लगाओ तोहमत दलदल का । खुद... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 3 6 636 Share 'अशांत' शेखर 7 Jun 2022 · 1 min read ✍️✍️पुन्हा..!✍️✍️ ✍️✍️पुन्हा..!✍️✍️ ------------------------------// पुन्हा..! कातरवेळी क्षुद्र काळजात उजळी स्वप्नदिवा । आयुष्याचे अग्निदिव्य पेलतांना पायात येई अग्निनिवा ।। --------------------------------// ✍️"अशांत"शेखर✍️ 07/06/2022 Marathi · कविता 515 Share 'अशांत' शेखर 18 Jun 2022 · 1 min read ✍️अग्निपथ...अग्निपथ...✍️ ✍️अग्निपथ...अग्निपथ...✍️ .............................................................// भाई,रोटी के लिए छिड़ गयी है जंग युवा जल रहा,देश की हालात है तंग फूटे रहे है सर,खून से है लथपथ... रोको अग्निपथ...अग्निपथ... भाई,पिट पर हो वार तो... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 1 6 508 Share 'अशांत' शेखर 8 Jun 2022 · 2 min read ✍️वो "डर" है।✍️ ✍️वो "डर" है।✍️ ------------------------// एक अनचाहा अंजानासा थोड़ा जाना पहचानासा..! मुझे वो बचपन से ही मिलता था, दादा दादी के कहानियों में नाना नानी की जुबानियो में, माँ के लाडली... Hindi · कविता 2 8 484 Share 'अशांत' शेखर 29 Jun 2022 · 1 min read ✍️अज़ीब इत्तेफ़ाक है✍️ ✍️अज़ीब इत्तेफ़ाक है✍️ ………………………………………// जीवन के रास्तों में न जाने कितने अज़ीब मोड़ है, वक़्त के साथ ना मुड़ो तो ये जाते कही ओर है... फिर मिलते कही ओर है...... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 2 4 463 Share 'अशांत' शेखर 11 Jul 2022 · 1 min read ✍️ते मोगऱ्याचे झाड होते✍️ ✍️ते मोगऱ्याचे झाड होते✍️ ……………………………………………………// तिच्या आठवणीचे तसे न फार वेड होते दाटलेले अंतःकरण आज फार जड होते कसे पाझरले काळीज दगडाच्या उरात पाऊलांना अंथरुण जरासे आखुड होते उसंत वेदनेला... Marathi · Ashantshekharlekhani · कविता 383 Share 'अशांत' शेखर 10 Jun 2022 · 1 min read ✍️मातम और सोग है...!✍️ ✍️मातम और सोग है...!✍️ -----------------------------------// वो फूंक कर चिंगारी शहर में, पूछता है किसने आग लगाई ? सारे चूल्हों की बुझाकर आँच , पूछता है किसने भूख सुलगाई ? कल... Hindi · kavita/ashantshekha · कविता 1 4 345 Share 'अशांत' शेखर 8 Jun 2022 · 1 min read ✍️✍️जरी ही...!✍️✍️ ✍️✍️जरी ही...!✍️✍️ --------------------------------// गर्द तिमिर उतरी वाटेला दिशाच उणा होई । उरी आशा पहाटली उजेडाची जरी ही...! वर्तमान अनवाणा येई ।। -----------------------------------// ✍️"अशांत"शेखर✍️ 07/06/2022 Marathi · कविता 1 347 Share 'अशांत' शेखर 20 Jun 2022 · 1 min read ✍️मेरी कलम...✍️ ✍️मेरी कलम...✍️ .............................................................// आज मेरी कलम मुझसे खुद खफ़ा है । कुछ कहने के कोशिश में वो कही दफ़ा है । हरेक लफ्ज़ो का वो मांग रही है हिसाब। पूछती... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 2 352 Share 'अशांत' शेखर 8 Jun 2022 · 1 min read ✍️सुकून✍️ ✍️सुकून✍️ -----------------------// उसकी बातों पर यकीन था उसने कहाँ 'ये जिंदगी बड़ी ही रंगीन है"। मैंने अपने जिंदगी के कोरे "कैनवास" पे इंद्रधनु के सारे रंग उँडेल दिये... हरा,लाल,पिला, गुलाबी,जामुनी,निला... Hindi · कविता 3 4 337 Share 'अशांत' शेखर 24 Jun 2022 · 1 min read ✍️इँसा और परिंदे✍️ ✍️इँसा और परिंदे✍️ ……………………………………………………// उन परिंदों के हौसले देखिये अब वो मिलकर जाल बुने जा रहे है। एक एक सभी होकर इक्कठे वो मिलकर डाल ही उड़ाने जा रहे है।... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 2 2 364 Share 'अशांत' शेखर 9 Jun 2022 · 1 min read ✍️किसान की आत्मकथा✍️ ✍️किसान की आत्मकथा✍️ ------------------------------------// जोत के रखा उसने खेत सारा, बच्चोकी रोटी के वास्ते... और पानी का एक कतरा भी न था सुखी आँखों में नमी के वास्ते... --------------------------------------// ✍️"अशांत"शेखर✍️... Hindi · कविता 2 2 423 Share 'अशांत' शेखर 6 Dec 2022 · 1 min read ✍️क्रांतिउर्जा के क्रांतिसूर्य सदियों के घने अंधरो की सख़्त दीवारों को फाड़कर निकला था उसकी आँखों से आफ़ताब की रोशनी का एक बवंडर.. कफ़स में पड़े मुर्दा ज़िस्म उठकर खड़े हुए मानो साँस... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 1 384 Share 'अशांत' शेखर 23 Jun 2022 · 1 min read ✍️"एक वोट एक मूल्य"✍️ ✍️"एक वोट एक मूल्य"✍️ .........................................// यदि राज करने का कोई विहित कारण ही नहीं तो फिर राजकारण क्यूँ ? अब कोई निहित राजपाट ही बचे नहीं तो लोकतंत्र में राजगद्दी... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 1 2 291 Share 'अशांत' शेखर 9 Jun 2022 · 1 min read ✍️क्रांतिसूर्य✍️ ✍️क्रांतिसूर्य✍️ ------------------------// माझ्या कफल्लक लेखनी ने निर्मिकाला भाषेचे ज्ञान मागीतले, भाषेने शब्दाचे दान मागीतले, शब्दाने अर्थाचे ऋण मागीतले, अर्थाने आयुष्यभर व्याज फेडण्याचे कबूल केले जरीही... तरीही... तुझ्या अगाध कीर्तिवर तुला... Marathi · कविता 3 308 Share 'अशांत' शेखर 21 Jun 2022 · 1 min read ✍️मनस्ताप✍️ ✍️मनस्ताप✍️ ............................................// दुःखा सवेच माझी सदा साठगाठ सूखा सवे हल्ली नाहीच कुठे भेटगाठ देहाला भिड़ला हा विखारी वारा डोळ्यात ओथंबल्या अश्रुंच्या विरक्त धारा नसातच आटले सळसळणारे रुधिर कणभर आठवणीला काळीज... Marathi · Ashantshekharlekhani · कविता 1 344 Share 'अशांत' शेखर 6 Jun 2022 · 1 min read ✍️कालचक्र✍️ ✍️कालचक्र✍️ -----------------------------// आसवांचे ओझे डोळ्यांनी पेलले डोळ्यांचे दुःख काळजांनी झेलले काळजात घाव मनाने केलेत मनाला जखमा काळाने दिल्यात काळाला वेदना जगाने दिल्यात जगात हिंसा मानवाने केल्यात मानवाच्या डोळ्यात आसवे दुःखांची... Marathi · कविता 1 2 293 Share 'अशांत' शेखर 2 Jun 2022 · 1 min read ✍️जीवन की ऊर्जा है पिता...!✍️ ✍️जीवन की ऊर्जा है पिता...!✍️ -----------------------------------------------------------// यदि आप अपने जीवनी के आरंभ को याद करोगे तो सबसे पहले उँगली थामे हुए पिता को पाओगे नन्हें नन्हें झकोलते कदमो के प्रारंभ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 8 287 Share 'अशांत' शेखर 23 Jul 2022 · 1 min read ✍️जिंदगी के तौरतरीके✍️ ✍️जिंदगी के तौरतरीके✍️ …………………………………………………………………// समंदर में कागज़ के नांव की बता क्या है हस्ती ? वक़्त के तूफाँ से पार करनी है जिंदगी की कश्ती जिसको लगे ये जिंदगी है... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 3 4 302 Share 'अशांत' शेखर 11 Jun 2022 · 2 min read ✍️तो ऐसा नहीं होता✍️ ✍️तो ऐसा नहीं होता....✍️ ----------------------------// तो ऐसा नहीं होता.... यदि इतिहास में दफ़न वो सच फिर से उजागर नहीं होता और ना उखाड़ते वो गढ़े मुर्दे जो आपके प्रगतिशील वर्तमान... Hindi · kavita/ashantshekha · कविता 1 305 Share 'अशांत' शेखर 18 Jun 2022 · 1 min read ✍️अश्क़ का खारा पानी ✍️ ✍️अश्क़ का खारा पानी ✍️ .......................................................................// अब नहीं होता बर्दाश्त मुझ से घुट घुटकर जीना और जीते जी मरना। अब नहीं साहा जाता मुझसे जित जित हारना और हारकर पिछडना... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 1 2 271 Share 'अशांत' शेखर 26 Oct 2022 · 1 min read ✍️आकाशदीप मिट्टी का दिया अँधेरे में मायुस बैठा है विद्युत की प्रकाश लड़ियाँ ऊँची ऊँची गगनचुम्बी इमारतों में जगमगा रही है धीरे धीरे दिये की छोटी सी इक लौ विलुप्त हो... Hindi · कविता 4 8 416 Share 'अशांत' शेखर 8 Jun 2022 · 1 min read .✍️साथीला तूच हवे✍️ ✍️साथीला तूच हवे✍️ ------------------------// जसे...! परतीच्या सांझेला पाखरांचे थवे । डोळ्यांच्या वाटेला स्वप्न उमेदीचे नवे ।। क्षितिजा पल्याड खोल गर्भाचा अंधार मावळेना । वाटते...! निराशेच्या दारात एकदा प्रकाश दिव्यांना उजळून... Marathi · कविता 1 228 Share 'अशांत' शेखर 7 Jun 2022 · 1 min read ✍️माटी का है मनुष्य✍️ ✍️माटी का है मनुष्य✍️ ------------------------------// तू सृष्टि,कलुषित उत्पत्ती है मानव । तू दृष्टी पापहीन वृत्ती है दानव..।। तू अधीर लोभ चित्त मोह है मनुष्य । तू हृदयी भावनाहीन लिन भोग... Hindi · कविता 4 9 233 Share 'अशांत' शेखर 9 Jun 2022 · 1 min read ✍️बस इतनी सी ख्वाईश✍️ ✍️बस इतनी सी ख्वाईश✍️ ------------------------------------// यहाँ तक चलते चलते कई पाँव थक जाते है...! बड़ा लंबा है जिंदगी का एक छोटा पड़ाव, हम ढूँढ रहे बसर, जिंदगी कहाँ ठहरी होगी...?... Hindi · कविता 2 3 231 Share 'अशांत' शेखर 7 Nov 2022 · 1 min read कल्पना ही कविता का सृजन है... कल्पना से सूंदर कविता है... ऐसा वो कहती है.. कल्पना जेहन को विचारों से सहेजती है... और कविता शब्दो का साज शृंगार करती है... मैंने कहाँ मगर कल्पना ही तो... Hindi · Ashantlekhani · कविता 6 9 326 Share 'अशांत' शेखर 25 Jun 2022 · 1 min read ✍️इश्तिराक ✍️इश्तिराक …………………………………………………………// मैंने वक़्त को ओर थोड़ा समय माँगा उसने मेरे रुके कदमो को हिसाब माँगा वक़्त ने कहाँ बढ़ता चल मैं तेरे साथ चलूँगा सफर में जहा तेरे कदम... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 3 4 329 Share 'अशांत' शेखर 20 Aug 2022 · 1 min read ✍️ए जिंदगी तू कहाँ..?✍️ ✍️ए जिंदगी तू कहाँ..?✍️ ....................................................// किरदारों के साँचे में ढालकर इस रंगमंच का तमाशा बनाकर ए जिंदगी तू कहाँ से देखती है इँसान के हरकतों को छुपकर ? मुश्किलो के... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 2 2 269 Share 'अशांत' शेखर 19 Jun 2022 · 1 min read ✍️इंसान के पास अपना क्या था?✍️ ✍️इंसान के पास अपना क्या था?✍️ .........................................................// धर्म और मज़हब से पहले इंसान के पास अपना क्या था? ये धरती थी खुला आसमान था इंसान सिर्फ यहाँ एक मेहमान था।... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 2 4 211 Share 'अशांत' शेखर 28 Jun 2022 · 1 min read ✍️बोन्साई✍️ ✍️बोन्साई✍️ ……………………………………………………// कोई आरजु नहीं थी फिर भी घर के आंगन मे एक बीज बोकर आयी हूं... कुछ पानी की बुँदे छिड़क देना उसको भी धरती के बोझ से बाहर... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 3 4 226 Share 'अशांत' शेखर 16 Jun 2022 · 1 min read ✍️✍️लफ्ज़✍️✍️ ✍️✍️लफ्ज़✍️✍️ ...........................................// कभी किसी का आत्मसम्मान कट के हो जाये चूर... कभी किसी का स्वाभिमान फट के हो जाये गुरूर... अपने तीखे लफ्ज़ो में निर्मान ना हो कभी ऐसी पैनी... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 1 209 Share 'अशांत' शेखर 28 Jun 2022 · 1 min read ✍️पिता:एक किरण✍️ ✍️पिता:एक किरण✍️ …………………………………………………// एक उँगली थाम कर चला है वो अनुपम हाथ जिसकी रेखाओं को है बरसों के तजुर्बे का साथ वो सिखाता है महान पदचिन्हों पर चलने के गुर... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 3 6 213 Share 'अशांत' शेखर 21 Jun 2022 · 1 min read ✍️हिटलर अभी जिंदा है...✍️ ✍️हिटलर अभी जिंदा है...✍️ .......................................................// यदि,सपने सच होते है,तो मैं बहोत डरा हुवा महसूस कर रहा हूँ... हिटलर की प्रतिआत्मा अपने झूठे संघर्ष की सच्ची कहानी बयां करते हुए मैं... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 3 4 217 Share 'अशांत' शेखर 14 Aug 2022 · 1 min read ✍️चंद सांसो का सफर...✍️ ✍️चंद सांसो का सफर...✍️ ……………………………………………………………// सारी उम्र कड़ी धुप ने जिस्म को तपाया है । फिर भी मेरी जिद्द ने ख़्वाबो को तराशा है ।। यकींन है के अब भी... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 5 13 235 Share 'अशांत' शेखर 12 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : जल कुदरत की अनमोल देन जल है वो महान थे जिन्होंने विश्व में पहली जलक्रांति के विचार को छेड़ा के हर जिव पशु पक्षी और मानव का जल पर समान अधिकार... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 6 2 258 Share 'अशांत' शेखर 16 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : समय समय चलता है साथ साथ जब आप उसके अनुकूल रास्तो पर चलते रहते है मगर आपका कोई कदम समय के विपरीत रास्तो पर पड़ जाये तो वो भी तुरंत अपना... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 3 215 Share 'अशांत' शेखर 26 Jun 2022 · 1 min read ✍️✍️जूनून में आग✍️✍️ ✍️✍️जूनून में आग✍️✍️ ………………………………………………………// मांगना है तो ऐसे मांगो कोई ख्वाईश ही रहे ना बाकी देना है तो ऐसे दो कोई गुंजाईश ही बचे ना बाकी ऐसे चाह भर दो... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 3 6 193 Share 'अशांत' शेखर 30 Jun 2022 · 1 min read ✍️एक ख़ता✍️ ✍️एक ख़ता✍️ ……………………………………………………// बहोत अच्छा लिखते है...! क्या चेहरा भी पढ़ते है...? नहीं..! वो जो आपकी कलम से ना दर्द टपकता है..! क्या चेहरे में भी नजर आता है..? इतनी... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 2 4 259 Share 'अशांत' शेखर 17 May 2023 · 1 min read ना आप.. ना मैं... कई अर्से तक अपने आप को टालते रहा.. अपने आप से छुपते रहा मैं... और एक दिन आईने से मुलाक़ात हो गयी मेरी... अब मैं अपने आपको जानने लगा हूँ... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 3 2 265 Share 'अशांत' शेखर 14 Jun 2022 · 1 min read ✍️सुर गातो...!✍️ ✍️सुर गातो...!✍️ ..............................................// तो न बरसताच डोळ्यात अश्रुंचा पुर येतो....! तो ढगाळताच पुन्हा अंधार क्रूर होतो...! चंद्र वाट अडवताच तो प्रकाशतारा दूर जातो...! कंठात वेदनेचा मी कन्हत कन्हत सुर गातो...!... Marathi · Ashantshekharlekhani · कविता 241 Share 'अशांत' शेखर 27 Jun 2022 · 1 min read ✍️✍️एहसास✍️✍️ ✍️✍️एहसास✍️✍️ ……………………………………………………// मैं कभी कभी सोचता हूँ सील दूँ ओठों को के जुबाँ से फिर कोई गहरी बात ना निकले पर इन आँखों का क्या करूँ ये भी तो बोलते... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 3 4 259 Share 'अशांत' शेखर 15 Jun 2022 · 1 min read ✍️झूठा सच✍️ ✍️झूठा सच✍️ ................................// किसीने खूब कहाँ "भगवान के घर देर है अंधेर नहीं"। यहाँ इंसान के महलों में आँखे चकाचौन्ध रोशनी में भी अंधी है, और हर नेक काम में... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 1 1 202 Share 'अशांत' शेखर 20 Jun 2022 · 1 min read ✍️प्रकृति के नियम✍️ ✍️प्रकृति के नियम✍️ ...............................// ये कैसी विपदा है मैं, मैं नहीं... तू, तू नहीं... अब हम कही नहीं... मैं, तू नहीं... तू, मैं नहीं... विश्वास नहीं, तो खोजले अपने आपको... Hindi · कविता 2 200 Share 'अशांत' शेखर 14 Jun 2022 · 1 min read .✍️कबीर-मुर्शिद मेरा✍️ ✍️कबीर-मुर्शिद मेरा✍️ .......................................................// "पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।" इस युद्धजन्य स्थिति में कबीर कितने समर्पक है। काश इस... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 2 4 200 Share 'अशांत' शेखर 24 Oct 2022 · 1 min read ✍️पेट की भूख का शोर वो नजरे गढ़ाये खड़ा था जगमगाती रोशनी उसकी आँखों में जुगनू की तरह आंखमिचौली खेल रही थी वैसे तो सारा आसमाँ बेशुमार प्रकाशदीपो से झिलमिल हो उठा था लेकिन उसके... Hindi · Ashantlekhani · कविता 6 9 232 Share 'अशांत' शेखर 29 Jul 2022 · 1 min read ✍️एक तारा आसमाँ से टूटा था✍️ ✍️एक तारा आसमाँ से टूटा था✍️ ……………………………………………// एक तारा आसमाँ से टूटा था शायद वो अपनों से रूठा था क्या कोई चांदनी बेवफ़ा थी या उसके चाहत से खफ़ा थी... Hindi · Ashantshekharlekhani · कविता 3 11 180 Share 'अशांत' शेखर 23 Nov 2022 · 1 min read ✍️साहस उठने से ज्यादा तकलीफ़देह है गिरना और भी मुश्किल है गिरते हुए को संभालना उठ नही पाया तो वह जिंदा रह सकता है गिरनेवाला बच जाये ये उसकी किस्मत है... Hindi · Ashantlekhani · कविता 2 2 236 Share Page 1 Next