अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' Language: Hindi 96 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 11 May 2022 · 1 min read पिता हैं छाँव जैसे धूप है दुनिया पिता हैं छाँव जैसे। शह्र की तनहाइयों में गाँव जैसे। कोई भी कठिनाई कैसे छू सकेगी। उँगली उनके हाथ में जब तक रहेगी। वो अभावों में मेरी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत 13 4 846 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 20 May 2021 · 1 min read मेघावलियाँ मेघावलियाँ आसमान की बनी अंजुली, मेघों की शुचि धारा अविरल। शीतलता के मृदुल करों से, धुलने लगा धरा मुख-मण्डल। जल अतिशय से तुंग भवन के, बने पनाले सुंदर झरने। गली-... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 14 14 683 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 16 May 2021 · 1 min read प्रथम मेह बंजर वसुधा हुई प्रसूता, घन ने गर्भाधान किया। सुप्त धरा में नव अंकुर ने, प्रथम मेह पय-पान किया। अर्धखुले नयनों से अंकुर, झाँकें मिट्टी के दामन से। महकी सौंधी गंध... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 17 20 1k Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 31 Mar 2019 · 1 min read दूर नगरी *गीत* दूर बहुत है नगरी तेरी, आ ना पाऊँ मिलने को। साँझ ढले तुम आ जाती हो, नयनों बीच टहलने को। ले स्पर्श आपका हरदिन,आ जाती बहती पुरवाई। सुखद ऋतु... Hindi · गीत 8 487 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 14 Mar 2019 · 1 min read मैं तुम्हारे प्यार में हूँ *गीत* मैं अलौकिक दीप्ति मय हूँ, उर्मियाँ उर में उदित है। पुष्प वन गिरि सिंधु लय हैं, दिव्य उस झंकार में हूँ। मैं तुम्हारे प्यार में हूँ। ध्यान में देखा... Hindi · गीत 8 2 508 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 3 Mar 2019 · 1 min read बसंत *बसंत* प्रकृति नवोढ़ा बदल रही है, पहन रही परिधान नया। नित्य दिवाकर की किरणों से, होता सुखद विहान नया। तरु शिखरों पर खिली मंजरी, भ्रमर भ्रमर मदमाये है। पुष्पों के... Hindi · गीत 4 567 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 3 Mar 2019 · 1 min read मेरा मन तुम साथ ले गयी हृदय पटल की स्मृतियों में, प्रिये! विन्यास तुम्हारा है। मेरा मन तुम साथ ले गयी, मेरे पास तुम्हारा है। मेरे मन की एक कल्पना, तुम सर्वाधिक प्यारी हो। माना बहुत... Hindi · गीत 9 639 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 26 Jan 2019 · 1 min read गणतंत्र *गणतंत्र* रात गुजारीं जागे जागे, दिवस हजारों खोए हैं। आजादी की वरमाला में, मुण्ड हजार पिरोए हैं। चिंगारी से सोले तक की, शूलों वाली राह चुनी। छोड़ भीरुता की उँगली... Hindi · गीत 3 320 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 9 Dec 2018 · 1 min read गुनगनी धूप *गीत* कुदरत ने बदला निज रूप। भाने लगी गुनगनी धूप। पत्ते -पत्ते दूब -दूब पर, तुहिन सजे मोती बनकर। कुहरे की जाली से जैसे, धूप आ रही है छनकर। हाथ... Hindi · गीत 3 297 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Nov 2018 · 1 min read मतदान *मतदाता जागरुकता गीत* हर मतदाता का, मतदान जरूरी है। अपनी जीवन शैली, वोटों से पूरी है। नेता यदि योग्य न चुन, ऐसे ही चुन लेंगे। पछताते रहेंगे हम, वे दुख... Hindi · गीत 9 2 459 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 19 Nov 2018 · 1 min read नारी *नारी* तुम भावों का अनुबंधन हो। तुम नातों का अभिनंदन हो। करुणा श्रध्दा प्रेम सिंधु तुम। जगतीतल का केन्द्र बिन्दु तुम। विश्व भुवन में तुम मधुवन हो। तुम स्निग्ध स्पर्श... Hindi · गीत 7 3 558 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 2 Nov 2018 · 1 min read माँ सृष्टि नूतन सर्जना माँ। अति मधुर रव गर्जना माँ। अंक आश्रय है अतुल। पीर भी जिसमें प्रफुल। है निडरता की सतह। विश्व भी जिससे फतह। व्याधियों की वर्जना माँ। सृष्टि... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 53 1k Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 6 Aug 2018 · 1 min read मल्हार *मल्हार* झूला तो डल गये अमियां की डार पै जी। ऐ जी मेघा रह रह रहे हैं फुहार। पिहु पिहु पपिहा मयूरी लगी नाचने री। आए पिय अँगना बदरी लगी... Hindi · गीत 5 461 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 11 Jul 2018 · 1 min read कुण्डलिया *कुण्डलिया* सत्कर्मी पूँजी न ही , हृदय राम से प्यार। निरा दंभ भ्रम पाप का ,खर सम ढोते भार। खर सम ढोते भार, काल के हाथों पिटते। चलते रहे कुमार्ग... Hindi · कुण्डलिया 4 441 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 30 May 2018 · 1 min read दो मुक्तक *1* मुद्दत से गुलजार सजाये बैठे हैं। आखों में उम्मीद जगाये बैठे हैं। शायद इस गुल पर भी आ बैठे तितली। हर तितली पर आँख जमाये बैठे हैं। *2* आशिकी... Hindi · मुक्तक 3 288 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 23 May 2018 · 1 min read यज्ञारती * यज्ञारती * ओम जय यज्ञ विभो। स्वामी जय सर्वज्ञ विभो। आर्त पडा चरणों में, मैं अल्पज्ञ विभो। ओम.... दक्षिणा पत्नी तुम्हारी, सप्तम अवतारा। हम दीनन को दुख से ,... Hindi · गीत 6 344 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 20 May 2018 · 1 min read ग्रीष्म गीत *ग्रीष्म गीत* रिस रही है फिर गगन से, यूँ विरह की आग। तप्त रवि उर -वेदिका पर, कर रहा हो याग। क्षण प्रतिक्षण बढ़ रही है, प्रेम की बस प्यास।... Hindi · गीत 4 527 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 18 Apr 2018 · 1 min read परशुराम स्तुति *परशुराम स्तुति* जय परशुराम जमदग्नि सुत जय रेणुका सुख वर्धकं। जय दैत्यवन दावानलं जय शत्रु दंभ विमर्दकं। कर परशु चण्ड शरासनं तलवार शर भयंकरं। सिर जूट तन मृगचर्म कर रुद्राक्ष... Hindi · गीत 7 2 2k Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 6 Mar 2018 · 1 min read सदा - ए-दिल ***************************************** *गजल* सदा-ए-दिल इजाजत है सितम कर लो मगर फिर भी दुआ देंगे। तुम्हें तकलीफ गर हो तो ते'री दुनिया भुला देंगे। हमारी हो गयी आदत गमों के संग जीने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 318 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 6 Mar 2018 · 1 min read होली *दोहे* बढ़ा उँगलियाँ रश्मि की, ऊषा मले गुलाल। सतरंगी क्षिति के हुए, मटमैले अब गाल। मदमाता मौसम हुआ, पी वासंती भंग। कुदरत ने अँगडाई ले, किये शिथिल सब अंग। लिये... Hindi · दोहा 4 406 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 19 Feb 2018 · 1 min read मौसमी आवारगी है आपसे मौसमी आवारगी है आपसे। खुशबुओं में सादगी है आपसे। है नजर की जुस्तजू जो एक रू। कुदरतन दीवानगी है आपसे। फूल कलियों चांदनी की नाजुकी। शबनमी अंदाजगी है आपसे। प्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 373 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 29 Aug 2017 · 1 min read राधास्तुति *श्री राधास्तुति* श्री राधिके वृषभानुजा घनश्याम चित्त विहारिनी। सुख धाम बरसाने विराजत कीर्ति मंगल दायिनी। गोलोक स्वामिनि नित्य लीलारत रसेश्वर संगिनी। वर भक्ति श्रीपद दायिका कलिकाल कल्मष भंजनी। रजनीश कर... Hindi · कविता 6 2 865 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 1 Aug 2017 · 1 min read बाल गीत* हमारा स्कूल* *स्कूल* स्कूल हमारा मंदिर है, सब आपस में प्यार करें। भाई बहिन यहाँ पर हम सब, सच्चा हम व्यवहार करें। टीचर का सम्मान करें हम, वे भी हमसे प्यार करें।... Hindi · गीत 3 381 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Jul 2017 · 1 min read बेटी के आर्त स्वर *बेटियाँ* मैं भी दुनियाँ देखन चाहूँ ,मुझको भी जिंदा रहने दो। तड़पा दिल ममता को मेरा, मुझको मत तिल-तिल मरने दो।। माँ, भगिनी, पत्नी बनकर, ममता ,प्रेम लुटाऊँगी। 'माँ' बेटे... Hindi · गीत 2 507 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 17 Jul 2017 · 1 min read दर्द चिर सोत रहा *विधा- नवगीत* *दर्द चिर सोता रहा* ------------------------------------------------- चाहतें सहमी हुई हैं आहटों को सुन पुकारे। दर्द चिर सोता रहा अश्रु की चादर लपेटे। छुप गयी संवेदनाएं मुट्ठियों में दिल समेटे।... Hindi · गीत 2 309 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 12 Jul 2017 · 1 min read तुम आओ तो बात बने *गीत* *तुम आओ तो बात बने* ***** मीठा हर आघात बने। तुम आओ तो बात बने। आभासी परिवेशों से। चुरा याद अवशेषों से। मौन हृदय का मध्दम स्वर। बुला रहा... Hindi · गीत 3 4 351 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 9 Jul 2017 · 2 min read नीति के दोहे *दोहे* पचा रहे कल्मष कठिन, कलि के भोजन भट्ट। धर्म चीखता रह गया, अद्भुत यह संघट्ट। खाने को जीता जगत, नहीं धर्म से काम। बना हुआ पशु तुल्य यह, भटक... Hindi · दोहा 2 770 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 May 2017 · 1 min read मानस *कुंडलिनी* मानस के हो बिंब तुम, कहाँ छुपाऊँ प्यार, हृदय रखा है सामने, कर लेना स्वीकार। कर लेना स्वीकार, बने मन मेरा पावस, प्रेमांकुर के पुष्प, करें शुचि सुरभित मानस। Hindi · कविता 2 495 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 May 2017 · 1 min read मानव मानव आँखें खोल ले, मची देश में लूट, सभी ओर विश्वास की , कड़ी रही है टूट। कड़ी रही है टूट, मिटा भारत का गौरव, अपने तक ही व्यस्त, स्वार्थी... Hindi · कविता 2 310 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 May 2017 · 1 min read ममता ममता माँ की क्यों न हो, बोलो आज अधीर, जब खुद के सुत खींच दें, माँ के वक्ष लकीर। माँ के वक्ष लकीर, भुलाकर सारी समता, रंच स्वार्थ में तौल,... Hindi · कविता 2 454 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 May 2017 · 1 min read अजनबी सी हवा की लहर हो गयी। *गीतिका* अजनबी -सी हवा की लहर हो गई। कुछ खफा आज शामो-सहर हो गई। एक वो बेखबर है मेरी प्रीत से। और पूरे जहां को खबर हो गई। वो सुनते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 306 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Apr 2017 · 1 min read श्री परशुराम आरती *आरति* आरति परशुराम मुनिवर की। युध्द दक्ष कर फरसा धर की। उग्र नयन दहकत अति ज्वाला। महा तपस्वी देह विशाला। ब्रह्मचर्य के शुचि निर्झर की। आरती परशुराम मुनिवर की।।१।। जमदग्नि... Hindi · गीत 4 2 467 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 1 Feb 2017 · 1 min read *वसंत गीत* ''आ नूतन कर श्रृंगार उषा" *गीत* कर हर्षित अब संसार उषा। आ नूतन कर श्रृंगार उषा। नभ मंडप में विस्तार वदन। तम का कर सहचर साथ दमन। मृदु सुषमा से महका मंजर। आ अंबर से... Hindi · गीत 1 373 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 1 Feb 2017 · 1 min read सरस्वती वंदना *गीतिका* भाव के शुचि पुष्प लेकर माँ खडे मैं द्वार पर। अब कृपा कर दो भवानी पुत्र की मनुहार पर। मोह के तम से घिरा जीवन भटकता ही रहा। इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 318 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 19 Jan 2017 · 1 min read बेटी जो हँस दे तो कुदरत हँसती है। *बेटिया* सामाजिक बगिया में, गुल सम रहती है। बेटी जो हँस दे तो, कुदरत हँसती है। चिंताऐं हर रोज जकड़ लेती मन को। पल में भोली सूरत हर्षा उठती है।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1k Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 8 Dec 2016 · 1 min read नहीं क्यों आजमाया जो शिकायत है अभी बाकी। . *गजल* नहीं क्यों आजमाया जो शिकायत है अभी बाकी। नजर बदनाम है बेशक शराफत है अभी बाकी। जुबां खामोश बैठी है यकीनन कुछ दबा दिल में। किसी अहसास-ए-दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 343 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 8 Dec 2016 · 1 min read तेरे आगोश ने दिलवर तेरे आगोश ने दिलवर मुझे जीना सिखाया है। मैं बेजां था मैं वीरां था तूने ही जिलाया है। मतीरे -इश्क में तेरे मैं रुसवा था महब मैं था। तूने ही ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 372 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 8 Dec 2016 · 1 min read ए- इंसान तेरे दिल में ऐ- इंसान तेरे दिल में गुमान क्यूँ है। हकीकत- ए- जहान से अनजान क्यूँ है। नश्तर रहम भुला खुद रूह पर चलाए। फिर क्यों मलाल दिल में अहजान क्यूँ है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 273 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 2 Nov 2016 · 1 min read दाग नफरत का *मुक्तक* लिखे अल्फाज कुछ नम जिंदगी की इस कहानी में। बहे जज्बात के सब रंग भी आंखों के' पानी में। धुआं है मुस्कुराहट गुम खुशी दिल से हुई ऐसे। लगा... Hindi · मुक्तक 2 444 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 2 Nov 2016 · 1 min read आँसू दो चार लिखने हैं। *गीतिका* अभी भारत की' छाती पर कई उद्गार लिखने हैं। हृदय की टीस के आँसू हमें दो चार लिखने हैं। कभी मतभेद का ये युध्द मानव का नहीं थमता। इसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 344 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 29 Oct 2016 · 1 min read दीपावली *गीतिका* जिंदगी में भरे प्यार दीपावली। हर्ष का सौम्य उपहार दीपावली। दीप बंधुत्व बन झिलमिलाते रहैं। है तिमिर द्वेष की हार दीपावली। कामना पूर्ण हों आपकी शुभ सकल। श्री सहित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 463 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 26 Oct 2016 · 1 min read सुधा सिंधु से तर निकाली हो जैसे *गीतिका* सुधा सिंधु से तर निकाली हो जैसे। शरद चाँदनी तुम दिवाली हो जैसे। हृदय पुष्प आश्रय सतत पाये जाता। तुम्हीं वह उराधार डाली हो जैसे। भरे भाव भीतर भले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 239 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 15 Oct 2016 · 1 min read देश भक्ति अब दिलों में झिलमिलाना चाहिए। *गीतिका* देश में दीपक स्वदेशी जगमगाना चाहिए। लोभ से बचकर हमें यह पद उठाना चाहिए। और कितना सोए'गी आत्मा तुम्हारी रात भर। देश के लोगो तुम्हें अब जाग जाना चाहिए।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 486 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 30 Sep 2016 · 1 min read धर्म निभाता चल *मुक्तक* सत्य अहिंसा प्रेम धर्म हैं मन से इन्हें निभाता चल। पर जो दंभी कष्ट प्रदायक उनका मान नवाता चल। सब कालों में एक धर्म से न्याय कहाँ हो पाता... Hindi · मुक्तक 1 2 560 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Sep 2016 · 1 min read रम्य भोर *मुक्तक* चुनो जो पंथ अनुगम्य हो जाये। प्रेम से हर भूल क्षम्य हो जाये। उर उर्मियाँ परस्पर अवलंब हों। क्षितिज की हर भोर रम्य हो जाये। अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' रामपुर... Hindi · मुक्तक 1 270 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Sep 2016 · 1 min read जीवन के अंश *मुक्तक* अस्तित्व हीन रहकर भी जो, आश्रय देने वाले हैं। मरते-मरते जीवन के कुछ, अंश उन्होनें पाले हैं। गंध विखेरा करते हैं सुंदरता शुचिता शुष्मा की। परानंद में खो अपना... Hindi · मुक्तक 1 538 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Sep 2016 · 1 min read बातें दिलों की *मुक्तक* चांदनी रात - की अजनबी हो गयी। आज बातें दिलों की कहीं खो गयी। अब डराने लगी अपनी' परछाइयाँ। जब से' इंसानियत दिल तले सो गयी। अंकित शर्मा' इषुप्रिय'... Hindi · मुक्तक 1 247 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Sep 2016 · 1 min read कृपया स्तुति *मुक्तक* प्रेम पुंज करुणायतन, मुरलीधर चित- चोर। रूप राशि निज दास पर, करो कृपा की कोर। प्यास बढे दर्शन किये, पूर्ण तृप्ति के धाम। लख मन मूरति श्याम की, होकर... Hindi · मुक्तक 1 324 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 23 Sep 2016 · 1 min read सैनिक *मुक्तक* गद्दारियों के पद तले वे भेंट ही होते रहे। निज कामना के मृत शवों को अंस पर ढोते रहे। बस त्याग बन कर रह गयी है सैनिकों की जिंदगी।... Hindi · मुक्तक 1 366 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 22 Sep 2016 · 1 min read जी दुखता है *लावणी छंद* जी दुखता है मरते देखा, जब जब सैनिक सीमा पर। धधक रही है ज्वाला मन में, है प्रत्युत्तर धीमा पर। शस्त्र चला देते हैं अक्सर , छुप कर... Hindi · कविता 1 612 Share Page 1 Next