आलोक वैद "आजाद" Tag: कविता 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आलोक वैद "आजाद" 7 Apr 2022 · 1 min read कातिल मनुष्य धरती पर शक्ति देखी जिससे धरती रुकती है पेड़ नाम है उसका देखो उसकी अपनी हस्ती है लोग बुरे है काट डालते ऐसे देव समान पेड़ को मुर्गा बकरा छोड़ा... Hindi · कविता 2 138 Share आलोक वैद "आजाद" 27 Mar 2022 · 1 min read वैलेंटाइन झूठे प्यार में ऐसे फांसते शर्म तुम्हें आती नहीं अपने आप को आशिक कहते ये तुम्हें भाती नहीं इस दिन क्या होता है जापानीस पार्क में देखा है सच्चे प्यार... Hindi · कविता 130 Share आलोक वैद "आजाद" 24 Mar 2022 · 1 min read मनुवाद की आंधी आंधी आई आंधी आई अंबेडकरवाद की आंधी आई सत्ता चाहे जिसकी हो मनुवाद रुकता नहीं मनुवाद सोच से है इसलिए शायद मिटा नहीं कलम की ताकत से नायक ने मनुवाद... Hindi · कविता 1 322 Share आलोक वैद "आजाद" 2 Mar 2022 · 1 min read कलयुगी "युवा" छोड़ संस्कृति विदेश भागते ऐसा हाल हुआ है अपने मन की सब करते है ऐसा कमाल हुआ है नही कोई ईश्वर जग में ऐसा उनका कहना है पढ़ लिखकर सोचे... Hindi · कविता 378 Share आलोक वैद "आजाद" 23 Feb 2022 · 1 min read इस युग का संघर्षी एक संघर्षी की सुनाऊं कहानी आज के युग का है वो प्रानी बीएससी बीएड करके भी नोकरी न पाया है कासगंज में रहता है गोपाल नाम वो पाया है बड़े... Hindi · कविता 1 1 168 Share आलोक वैद "आजाद" 13 Feb 2022 · 2 min read बाबा साहेब अंबेडकर शोषित और सताए हुए का एक संघर्षी जन्मा था दवे और कुचलो के लिए शायद वो अजन्मा था उस युग में यूं इतना पढ़ना बस्की सबके बात नहीं भारत छोड़ो... Hindi · कविता 1 238 Share आलोक वैद "आजाद" 13 Feb 2022 · 1 min read प्यार का "उपहार" प्यार में देना क्या प्यार तो खुद एक उपहार है इतना प्यार हो गया है की दिल भी बेकरार है हवाओं के झोंकों को देखा छू रही है फूलों को... Hindi · कविता 1 438 Share आलोक वैद "आजाद" 12 Feb 2022 · 1 min read प्यार "झूठा" सच्ची बात एक बताऊं "आलोक" आज तुम्हें समझाऊं पहली मिलन में ऐसे बोले लैला मजनू का प्यार यही है बातें करते इतना घुस गए अब सिर्फ मेरा प्यार यही है... Hindi · कविता 418 Share आलोक वैद "आजाद" 12 Feb 2022 · 1 min read "मां" सबसे ज्यादा प्यार किसी से तो है मेरे माता-पिता इनसे बढ़कर देखूं तो तो भी मेरे माता पिता प्यार नाम का पहला अक्षर माता ने हमको सिखलाया पापा मम्मी चाचा... Hindi · कविता 264 Share आलोक वैद "आजाद" 12 Feb 2022 · 2 min read अशिकों को पैगाम रोज पैदल पैदल चलकर में स्कूल जाया करता हूं, हर दिन सुबह उसी कली को अक्सर देखा करता हूं। कली एक है भंवरे अनेक ऐसा प्रतीत होता है, क्योंकि कली... Hindi · कविता 622 Share आलोक वैद "आजाद" 8 Feb 2022 · 2 min read अनाथ का "दर्द" शीर्षक अनाथ का "दर्द" अनाथ और बेसहारा उस मासूम का दर्द जो सड़क किनारे फुटपाथ पर जीवन जी रहा है खाना मांगू तो सबको,चोर नजर आता हूं। पैसे मांगू तो... Hindi · कविता 1 490 Share