Alok Saxena 46 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Alok Saxena 3 May 2022 · 1 min read श्रृंगार सृष्टि का करता सृजन स्वयं सौंदर्य का आधार है , विध्वंस और निर्माण जिसकी दृष्टि का चमत्कार है , अवतरित हुआ धरा पर नित्य करने नव अनुभूति , स्वयं करता... Hindi · कविता 2 1k Share Alok Saxena 13 May 2022 · 1 min read हसद हसद दिलों से हटाओ बहुत अँधेरा है , गिले शिकवे सब भुलाओ बहुत अँधेरा है , दर्द पाओगे अगर ज़ख्म कोई छेड़ोगे शमा मोहब्बत की जलाओ बहुत अँधेरा है , Hindi · शेर 1 959 Share Alok Saxena 12 Mar 2022 · 1 min read अँखियों के झरोखे से मन का गुलशन महक उठा हवाओं के झोंके से , मुस्करा के जो देखा तुमने अँखियों के झरोखे से l इक ख़्वाब सा झूम उठा मौसम के तराने पर ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 863 Share Alok Saxena 19 Apr 2022 · 1 min read उस दिन मद से लहराते क़दमों को अनजान सी किसी डगर पर मोड़ा था तुमने जिस दिन सागर की गहराई को दर्द की उठती लहरों से तौला था हमने उस दिन Hindi · कविता 2 788 Share Alok Saxena 3 May 2022 · 1 min read कहानियां कंटीली राहों से गुजरकर ज़ज़्बातों में कुछ कहानियां लिखी गयी किताबों में , उलझ गयी ज़ुल्फ़ों में वफ़ा की इस कद्र कुछ कहानियां रह गयी बस यादों में , गुरुर... Hindi · कविता 2 4 692 Share Alok Saxena 30 Jun 2022 · 1 min read तुमको भूल ना पाएंगे तमाम उम्र कोशिश रही ना रहे निशां बाकी कोई , ना ही यादों की बज़्म सजे ख्यालों में हो न साकी कोई , लेकिन आसां नहीं होगा ये अश्क़ आँखों... Hindi 527 Share Alok Saxena 16 Jul 2022 · 1 min read भटकता चाँद गर्म रात की ख़ामोशी में नूर टपकता क्यों रहता है , ठिठुर ठिठुर के जाड़े में भी चाँद भटकता क्यों रहता है , नील गगन में जुगनू जैसे अनगिनत सितारे... Hindi 3 2 512 Share Alok Saxena 16 Sep 2022 · 1 min read ऋतु युगों युगों से सुनते आये सबकी वही कहानी है l सुख की सर्दी दुःख की गर्मी दो ऋतु आनी जानी है l जीना इसी धूप छाँव में क्यों दुविधा ,... Hindi 538 Share Alok Saxena 8 May 2022 · 1 min read उम्मीदों के परिन्दे उम्मीदों के परिन्दे जब परवाज़ करते है ख्वाबों के ऊँचे आसमां में , उनके पसीने की बूंदें दरार बना देती सख्त से सख्त चट्टान में , बेबसी सहेज के बेचते... Hindi · कविता 452 Share Alok Saxena 16 May 2022 · 1 min read कारस्तानी लम्हों ने दर्द दिया यहाँ कतरों ने उसे संजोया है I टूटे ख्वाबों के टुकड़ों को दिल के ऊसर में बोया है I ये बिखरी हुई मेरी हस्ती वक़्त की... Hindi · कविता 1 485 Share Alok Saxena 17 Apr 2022 · 1 min read तन्हाई किसका रस्ता देख रहे हो यादों की परछाई में कौन आएगा शमा जलाने रात की इस तन्हाई में इंतज़ार क्यों करते हो तुम सुबह की आँखें खुलने का मौसम पर... Hindi · कविता 2 4 426 Share Alok Saxena 7 Jan 2022 · 18 min read एक तूफ़ानी रात बादलों की तेज़ गड़गड़ाहट के साथ भयानक बारिश , रह रह कर कड़कती बिजली और दूर- दूर तक बिखरे घने पेड़ पौधों का अंधेरों से आंख मिचौली करना ऐसा प्रतीत... Hindi · कहानी 2 2 483 Share Alok Saxena 5 Jun 2022 · 1 min read ख़ुशी उसकी ख़ुशी मेरे लिए जैसे आसमानी दुआ कोई मेरा दर्द पी गया कोई रात सिमटी मन के कोने में मेरे अंतर को छू गया कोई उसकी ख़ुशी मेरे लिए बेहिसाब... Hindi · कविता 3 2 393 Share Alok Saxena 18 Apr 2022 · 1 min read तेरा मेरा नाता तेरा मेरा नाता जैसे , गुल का गुलशन से आत्मा का मन से भक्त का भजन से सांसों का जीवन से तेरा मेरा नाता जैसे, अश्क़ों का निग़ाह से काँटों... Hindi · कविता 1 416 Share Alok Saxena 18 Apr 2022 · 1 min read फूल चहक उठा नन्हा सा परिंदा मन का , बिख़ेर ख़ुश्बू जब फ़िज़ा में मुस्कराया फूल एक अर्से से दबी चिंगारी फिर भड़की , पुरानी किताब में जो सूखा नज़र आया... Hindi · कविता 3 449 Share Alok Saxena 11 Feb 2022 · 1 min read हम तुम ख्वाबों की हंसीं वादी में , तेरी यादों के साए है शोख़ लवों की मुस्कानो ने , सुर्ख़ से गुलाब महकाए है हम तुम दोनों भूल गए की , अक्सर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 379 Share Alok Saxena 28 Apr 2022 · 1 min read नूर बिजली सी गिराई क्यूँ तुमने इन शोख नज़र से इशारों की , कभी नज़र न लग जाए यूँ ही इस ज़मीं को चाँद सितारों की, कहीं बहक न जाऊं मस्ती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 387 Share Alok Saxena 21 Jul 2022 · 1 min read साँझ सूरज डूबा जिसकी ख़ातिर वो एक पहेली है l इंतज़ार कर रही रात का साँझ अकेली है l भागदौड़ के किसी तरह दिन तो गुज़र गया , थकी निग़ाहों में... Hindi 1 412 Share Alok Saxena 21 Jan 2022 · 1 min read मज़ारें इक बार और सही ज़ख़्म को छेड़ो अपने , दाद देने के अंदाज़ निराले है I ग़म के साए अपने तन्हा रातें अपनी , महफ़िल फिर यादों की तेरे हवाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 333 Share Alok Saxena 15 Apr 2022 · 1 min read तुम हो व्यूह ध्वस्त कर तिमिर रात्रि का अरुणोदय का वंदन तुम हो l झंकृत कर जीवन वीणा के तारों का स्पंदन तुम हो ll कविता में तुम , छंद में हो... Hindi · कविता 2 402 Share Alok Saxena 31 May 2022 · 1 min read परी उनकी हर अदा में बच्चों सी शरारत है खुदा की इनायत को तक़दीर ही मानो जो हया के परदों में परी सी लगती है बुरी नज़र के लिए शमशीर उसे... Hindi · कोटेशन 2 417 Share Alok Saxena 11 Jan 2022 · 1 min read मेरी शाम “ शुक्रिया, नाम लव पे कोई तो आया बेरुखी से चाहें पुकारा मुझे , खुशनसीबी मेरी , लव से निकला तेरे वो बेगाना नहीं , मेरा नाम है I “... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 312 Share Alok Saxena 28 Jan 2022 · 1 min read गिला (GILA) “ याद आया मुझको एक बार फिर ख़ौफ़ में डूबे दिनों का सिलसिला , उजाले और अन्धेरों में बंटी ज़िंदगी को रहा मुझसे गिला , कब्र में दफना दिया ज़ज़्बात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share Alok Saxena 26 Jul 2022 · 1 min read मौत रफ़्ता रफ़्ता दबे पांव बिना आहट के , मौत कुछ इस तरह ज़िंदगी से मिलती है I ये हंसी ख्वाब दिखाकर छलती सबको , मेरे आग़ोश में एक मीठी नींद... Hindi 1 2 364 Share Alok Saxena 26 Jul 2022 · 1 min read दुआ तुम वो दुआ हो रूह में उतर कर दर्द और तकलीफ़ों से उबार लोगे , अनचाही उलझनों से घिर गया हूँ मुझे यकीं है तुम सँभाल लोगे , Hindi 311 Share Alok Saxena 14 Jul 2022 · 1 min read रेत का घर मौसमे दिल पे छाई गुलाबी रंगत कोई अरमां जगा लिया हमने, खिल उठे फूल फिर उडी खुश्बू रेत का घर बना लिया हमने , उठा तूफां ज़ज़्बात के समंदर में... Hindi 315 Share Alok Saxena 24 Jul 2022 · 1 min read इन्साफ जुर्म की दहशत में पलता कितना भी घना अँधेरा हो , बेईमानी की आग में पल पल जलता हुआ सवेरा हो , शोले कितने भी भड़काए नफ़रत की ज़हरीली हवाएं... Hindi 287 Share Alok Saxena 5 Apr 2022 · 1 min read दर्द कोई भी दर्द इतना बड़ा नहीं की जो कश्मीरी हिन्दुओं के जज़्बात कह सके , रूह कांप उठी शर्मसार इंसानियत की ख़ुदा करें हैवानों को अब तो सजा मिले Hindi · कविता 263 Share Alok Saxena 20 Jan 2022 · 1 min read वेदना दृश्य बनते है बिगड़ते है , रंग सजते है बिखरते है I वेदना आंख में सिमटती जब अश्रु मन की सतह को रंगते है I Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 244 Share Alok Saxena 1 Feb 2022 · 1 min read ख़्वाबों की अर्थी “ किसी के ख़्वाबों की अर्थी से मांग सजा के अपनी , लाल चुनरिया ओढ़ के चल दी साथ किसी के सजनी “ “ बहक उठेंगी सांसें तेरी मेरे अश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 240 Share Alok Saxena 20 Jul 2022 · 1 min read रोता आसमां मैंने देखा अक्सर ही आसमां को रोते l धरती की दरकी छाती में बबूलों को बोते , बारूदों की ढेरी में इंसानों को खोते , निगाहों को लालच के कितने... Hindi 239 Share Alok Saxena 15 Feb 2022 · 1 min read गुस्ताख़ निग़ाह सर्द हवा के झोंके सा एहसास तेरा, मेरे वज़ूद का इक हिस्सा न बन जाए कहीं . तेरी गुस्ताख़ निग़ाहों ने ढाए जो सितम , लव खुले तो आंसू न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 223 Share Alok Saxena 18 Oct 2022 · 1 min read राज दिल में रख कर क्या होगा ज़ज़्बात जुबां पर आने दो , दिल में उल्फ़त के शोलों को नग्मों में जरा ढल जाने दो , शोर मचाती शोख़ हवा को... Hindi · कविता 1 252 Share Alok Saxena 22 May 2022 · 1 min read दुआ रात ढली और सुबह जगी भर गयी रौशनी कण कण में , खुश्बू से लजाते फूलों सा सुख हो सबके जीवन में , सूरज की जलती काया से उजाले में... Hindi · कविता 2 208 Share Alok Saxena 8 Mar 2022 · 1 min read जीवन में एक दिन मधुवन में खिलती कलियों सी , दंत कथाओं की परियों सी , नीरसता से पूर्ण हृदय में आना बन मधुमास निमंत्रण , तुम मेरे इस एकाकी से जीवन में एक... Hindi · कविता 200 Share Alok Saxena 18 Feb 2022 · 2 min read कोरोना का अंधड़ शहर की वीरान गलियां सूने रास्ते यहाँ के , रात का ख़ामोश काजल किसने लगाया सुबह के, दर्द ने फिर साज़ छेड़ा ख़ौफ़ से सहमी निगाहें , गूंज उठी इस... Hindi · कविता 210 Share Alok Saxena 26 Mar 2022 · 1 min read लम्हे नागिन सा लहराते है नदिया के लरजते धारे , सड़कों पे टहलते फिरते बेफ़िक्री से यार सारे , पानी की रिमझिमी बूंदें बहती कागज़ की कश्ती , फिर शाम सिंदूरी... Hindi · कविता 201 Share Alok Saxena 20 Jan 2022 · 1 min read तेवर फूल बनकर अपनी ही खुशबू लुटा देती है जो , बैठे - बैठे अक्सर ही मुस्करा देती है जो I यूँ तो है कठिन बहुत उसको समझ पाना मेरा ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 183 Share Alok Saxena 15 Aug 2022 · 1 min read गुलिस्तां केसरिया बाना हो या जौहर की ज्वालायें बलिदानों की नींव पे खड़ा हिन्दुस्तां अपना सूरज बन के राह दिखाता सारी दुनिया को प्यार की खुश्बू बिखेर रहा गुलिस्तां अपना Hindi 197 Share Alok Saxena 1 Mar 2022 · 1 min read कली गुलाब की “ हसरत- ए - दीदार लेकर जाग उठी रात भी चादर- ए-शबनम में लिपटी एक कली गुलाब की “ “ सावन की घटाओं में थिरकती बूंदें पानी की तेरी ज़ुल्फ़ों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 168 Share Alok Saxena 27 Mar 2022 · 1 min read मौसम गुलशन में इश्क़ के अक्सर हर रंग के ग़ुल मुस्काते है, ग़म और ख़ुशी के कितने मौसम आते जाते है l ज़ुल्फ़ों की घटा मचली बरसात का पैग़ाम ले ,... Hindi · कविता 145 Share Alok Saxena 26 Aug 2022 · 1 min read इंतज़ार ज़ख्म मचलते है आज मन में चुभी एक फाँस , पल पल यूँ टूट कर मुस्कान लव से रूठकर , जाने कहाँ गुम हो गई राहे अश्क़ में खो गई... Hindi 166 Share Alok Saxena 8 Apr 2022 · 1 min read खिड़की ग़मों से तपती हुई धूप में जलता हुआ , अश्क़ों के जाम में दर्द उफनता हुआ , निग़ाह से आसमां की बूंदें सी ढलक चली , तुझे पाने की चाहत... Hindi · कविता 136 Share Alok Saxena 30 May 2023 · 1 min read रूठे लफ़्ज़ रूठे रूठे लफ़्ज़ लग रहे कुछ नाराज़ सी बातें है , स्याह अँधेरे का काजल भर निग़ाह में सिमटी रातें है , घिर आयी घनघोर घटायें ज़ज़्बातों में उठा फिर... Hindi 189 Share Alok Saxena 28 May 2023 · 1 min read गज़रा ख़ौफ़ज़दा आसमां की तन्हाई मिटाने के लिए मुस्कराते सितारों ने बेहिसाब जलाये है दिए, गज़रा अपने नूर का ले भटक रहा इक चाँद रात के लहरा उठे स्याह गेसुओं के... Hindi 128 Share Alok Saxena 27 Apr 2024 · 1 min read निष्ठुर संवेदना दुष्कर पथ, प्रस्तर के टीले तप्त मार्ग , तपते रहना है l पथ अवरुद्ध करे यदि बाधा , नित संघर्ष करते रहना है l भावहीन चक्षुओं ने अनगिनत विध्वंस के... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 5 2 47 Share