Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2022 · 1 min read

अँखियों के झरोखे से

मन का गुलशन महक उठा
हवाओं के झोंके से ,
मुस्करा के जो देखा तुमने
अँखियों के झरोखे से l
इक ख़्वाब सा झूम उठा
मौसम के तराने पर ,
छा गया नशा सा कुछ
फिर सारे ज़माने पर ,
चेहरे पे भटक के जुल्फ़ों की
लटें आ गई धोख़े से ,
मुस्करा के जो देखा तुमने
अँखियों के झरोखे से l

2 Likes · 848 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Winner
Winner
Paras Nath Jha
'आभार' हिन्दी ग़ज़ल
'आभार' हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अमृत मयी गंगा जलधारा
अमृत मयी गंगा जलधारा
Ritu Asooja
राम काव्य मन्दिर बना,
राम काव्य मन्दिर बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
वादा  प्रेम   का  करके ,  निभाते  रहे   हम।
वादा प्रेम का करके , निभाते रहे हम।
Anil chobisa
मानव जीवन में जरूरी नहीं
मानव जीवन में जरूरी नहीं
Dr.Rashmi Mishra
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
भाव तब होता प्रखर है
भाव तब होता प्रखर है
Dr. Meenakshi Sharma
अपना यह गणतन्त्र दिवस, ऐसे हम मनायें
अपना यह गणतन्त्र दिवस, ऐसे हम मनायें
gurudeenverma198
संसार का स्वरूप (2)
संसार का स्वरूप (2)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
दूसरी दुनिया का कोई
दूसरी दुनिया का कोई
Dr fauzia Naseem shad
हुनर हर जिंदगी का आपने हमको सिखा दिया।
हुनर हर जिंदगी का आपने हमको सिखा दिया।
Phool gufran
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
Mahender Singh
ये मतलबी दुनिया है साहब,
ये मतलबी दुनिया है साहब,
Umender kumar
क्रिकेट
क्रिकेट
SHAMA PARVEEN
जीवन से पहले या जीवन के बाद
जीवन से पहले या जीवन के बाद
Mamta Singh Devaa
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
2611.पूर्णिका
2611.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
शिव प्रताप लोधी
कुछ तो उन्होंने भी कहा होगा
कुछ तो उन्होंने भी कहा होगा
पूर्वार्थ
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
भगतसिंह ने कहा था
भगतसिंह ने कहा था
Shekhar Chandra Mitra
किसी का खौफ नहीं, मन में..
किसी का खौफ नहीं, मन में..
अरशद रसूल बदायूंनी
हम
हम "फलाने" को
*Author प्रणय प्रभात*
चुप्पी
चुप्पी
डी. के. निवातिया
Sometimes he looks me
Sometimes he looks me
Sakshi Tripathi
फिलहाल अंधभक्त धीरे धीरे अपनी संस्कृति ख़ो रहे है
फिलहाल अंधभक्त धीरे धीरे अपनी संस्कृति ख़ो रहे है
शेखर सिंह
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...