Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2022 · 1 min read

तेवर

फूल बनकर अपनी ही खुशबू लुटा देती है जो ,
बैठे – बैठे अक्सर ही मुस्करा देती है जो I
यूँ तो है कठिन बहुत उसको समझ पाना मेरा ,
उठा के फ़िर शोख़ पलकों को झुका लेती है वो II
जो आरिज़ो पे शबनमी मोती ढलक आते
निगाहों से जाम मय के छलक जाते
हवाओं के साज़ पे मचलती शाखेगुल
ज़र्रे ज़र्रे शोख़ अदा से महक जाते
चोरनी वो है नहीं पर आजकल अक्सर ही ,
नूर मौसम की निगाहों का चुरा लेती है वो I
यूँ तो है कठिन बहुत उसको समझ पाना मेरा ,
उठा के फ़िर शोख़ पलकों को झुका लेती है वो II
बदल जाते है रंगी फ़ज़ा के तेवर
चूमे होंठ तवस्सुम की बिजलियाँ आकर
टूट जाता रात की आँखों का जो जादू
फूट पड़ती किरने हुस्न की तपिश पाकर
गुज़र कर अहसास से बन कोई ग़ज़ल ,
जज्बातों में एक हलचल सी मचा देती है वो I
यूँ तो है कठिन बहुत उसको समझ पाना मेरा ,
उठा के फ़िर शोख़ पलकों को झुका लेती है वो II

2 Likes · 2 Comments · 179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विषय - प्रभु श्री राम 🚩
विषय - प्रभु श्री राम 🚩
Neeraj Agarwal
*कुंडलिया छंद*
*कुंडलिया छंद*
आर.एस. 'प्रीतम'
कलयुग और महाभारत
कलयुग और महाभारत
Atul "Krishn"
खोज सत्य की जारी है
खोज सत्य की जारी है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
😢लिव इन रिलेशनशिप😢
😢लिव इन रिलेशनशिप😢
*Author प्रणय प्रभात*
मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
♥️♥️ Dr. Arun Kumar shastri
♥️♥️ Dr. Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कृष्ण जन्म
कृष्ण जन्म
लक्ष्मी सिंह
आपसी समझ
आपसी समझ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चंद सिक्कों की खातिर
चंद सिक्कों की खातिर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिन्दी पर नाज है !
हिन्दी पर नाज है !
Om Prakash Nautiyal
THE B COMPANY
THE B COMPANY
Dhriti Mishra
देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ....
देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
डॉ. दीपक मेवाती
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
" हम तो हारे बैठे हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
कवि रमेशराज
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
मोदी जी ; देश के प्रति समर्पित
मोदी जी ; देश के प्रति समर्पित
कवि अनिल कुमार पँचोली
अपने मन के भाव में।
अपने मन के भाव में।
Vedha Singh
"मेरी बेटी है नंदिनी"
Ekta chitrangini
बाबू जी
बाबू जी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
उत्कृष्ट सृजना ईश्वर की, नारी सृष्टि में आई
उत्कृष्ट सृजना ईश्वर की, नारी सृष्टि में आई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माता शबरी
माता शबरी
SHAILESH MOHAN
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
Ranjeet kumar patre
(18) छलों का पाठ्यक्रम इक नया चलाओ !
(18) छलों का पाठ्यक्रम इक नया चलाओ !
Kishore Nigam
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
Shweta Soni
"जीवन का प्रमेय"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...