sushil yadav 53 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil yadav 10 Jan 2017 · 3 min read दोहे फिर तिलक लगे रघुवीर .... अंग-अंग सारा टूटता,छलनी हुआ शरीर कब छोड़ोगे बोलना ,अपना है कश्मीर जग सारा अब जानता,'पाक' नही करतूत भीतर से हर आदमी,छिपा हुआ बारूद जिस झंडे... Hindi · कविता 1k Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read दोहे.. आगामी चुनाव से ... दोहे.. आगामी चुनाव से ... बेटे से पद छीनता,कितना बाप कठोर यौवन ययाति सा मिले,बात यही पुरजोर $ पिता पुत्र से बोलता ,देखो वीर सपूत सायकल तुझे सौप दूँ ,और... Hindi · कविता 765 Share sushil yadav 7 Jul 2017 · 1 min read उनसे चाह के मागना......21212 : 21212: 212 वस्ल की रिदा में तन्हाई देते रहे स्याह अंधियार परछाई देते रहे -- उनसे चाह के मागना मुनासिब न था बात-बात में जो सफाई देते रहे -- उफक तक कदम-कदम... Hindi · कविता 588 Share sushil yadav 7 Jul 2017 · 1 min read काश सभी कुछ ... काश सभी कुछ सोचा हो जाता समझो कितना अच्छा हो जाता तेरे तसववुर पागल हम रहते दुनिया को कोई धोखा होजाता हम जो लिखते राम-कहानी शायद तुझको फतवा हो जाता... Hindi · कविता 558 Share sushil yadav 18 Feb 2017 · 1 min read कोई दीवार तो ढूढ.... रोने की बात पर कहकहा लगा भाई समय के साथ ही निशाना लगा भाई तबीयत पूछता है कौन बीमार की टिफिन है सामने खाना लगा भाई नदारद हुए किसी पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 536 Share sushil yadav 7 Jul 2017 · 1 min read भूल गये तुमको ..... भूल गये तुमको, यूँ बातों ही बात में हम इतने भीगे तनहा बारिश,-बरसात में हम ज़ुल्म -सितम क्या जानो, सहना पड़ता जब-तब फिर छोटी कुटिया,फिर वो ही औकात में हम... Hindi · कविता 536 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 4 min read व्यंग :::मन रे तू काहे न धीर धरे II मन रे तू काहे न धीर धरे II मेरा मन 8/11 के बाद जोरो से खिन्न हो गया है | जिस तिजौरी के पास जा कर अपनी कमाई का... Hindi · कविता 467 Share sushil yadav 11 Jan 2017 · 1 min read सोचती हूँ तुझे.....२१२२ १२२२ १२२२ २ ~ सोचती हूँ तुझे सब ध्यान में रखती हूँ ये शराफत जतन से म्यान में रखती हूँ कब सजाने दिया तुमने मुझे तस्वीरे चीज हर फेकने की मकान में रखती... Hindi · कविता 506 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read नोट की महिमा ..... नोट की महिमा जिन नोटन की बात करत हैं,उसकी महिमा अपरंपार नोन-तेल,वा राशन-पानी, खरीद फरोख्त ये अधार बड़का नोट तिजौरी शोभा,छुटका लिपट रहे अखबार सूना-सूना सब नेग भयो,दुआर - चार... Hindi · कविता 513 Share sushil yadav 7 Mar 2017 · 1 min read देख तुम्हारी सादगी , अपने-अपने दंभ को ,भूल-बिसर के आज शामिल होली में रहो ,जुड़ता दिखे समाज # फागुन-फागुन सा हुआ ,सावन बिछुड़ा मीत छोड़ अधर की बासुरी ,राधा विरहा गीत # कायरता की... Hindi · दोहा 523 Share sushil yadav 7 Jul 2017 · 1 min read मुझे जो लूट ले...... पुराना वो समय-शहर कहाँ है मुझे जो लूट ले रहबर कहाँ है दुआ बुजुर्ग की होती साथ कभी बता दो अब वही गुहर कहाँ है बहुत कमजोर सायकल का पहिया... Hindi · कविता 1 442 Share sushil yadav 7 Jul 2017 · 1 min read 2122:1212: 2211: 2122: 2 फर्क पड़ता नही...ं नाव को फेंक, पाँव में, जो भँवर बाँध लेते हैं लोग नादान जीने का अजब हुनर बाँध लेते हैं फर्क पड़ता नही जमाने को मेरे होने का शायद एवज मेरे... Hindi · कविता 436 Share sushil yadav 7 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक 2122 2122 2122 गलत राय गलत मशवरा देने वाले मुंसिफी की आड़ फतवा देने वाले बिजलियाँ सौ सौ गिरे तेरे घरों में जन्नते काश्मीर जला देने वाले सुशील यादव न्यू... Hindi · मुक्तक 490 Share sushil yadav 19 Feb 2017 · 1 min read तेरा,मेरा फेरा ..... छन्न पकैया छन्न पकैया ,दूभर है अब जीना एक उधर फागुन बौराया,दूजा इधर कमीना --छन्न पकैया छन्न पकैया ,चुनाव डूबा यूपी --बिना चखना के बेमजा ही,अब फोकट वाली पी छन्न... Hindi · कविता 485 Share sushil yadav 27 Feb 2017 · 5 min read नन्द लाल छेड़ गयो रे उस जमाने में नंदलालों को छेड़ने के सिवा कोई काम नहीं था |सरकारी दफ्तर ही नहीं होते थे, जहाँ बेगारी कर ली जाए |अगर ये दफ्तर भी होते तो चैन... Hindi · लेख 428 Share sushil yadav 18 Feb 2017 · 1 min read छन्न पकैया .... छन्न पकैय्या छन्न पकैय्या, चिर्पोटी बंगाला अमसुर होवत राज तुंहरे ,हमरो देश निकाला छन्न पकैय्या छन्न पकैय्या, राजनीति खपचल्हा दिन बहुरे काखर हे देरी ,होवय नकटा- ठलहा छन्न पकैय्या छन्न... Hindi · गीत 435 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read क्या खोया क्या पाया .... क्या खोया क्या पाया .... कुनबा सभी गया बिखर,बनता तिनका जोर एक अहम आंधी उठी,चल दी सभी बटोर & मेरे घर में जोड़ का ,कुछ तो करो उपाय नासमझी नादान... Hindi · दोहा 373 Share sushil yadav 7 Jul 2017 · 1 min read 1222: 1222: 122, तलाश आया हूँ तुफानों का गजब मंजर नहीं है इसीलिए खौफ में ये शहर नहीं है तलाश आया हूँ मंजिलो के ठिकाने कहीं मील का अजी पत्थर नहीं है कई जादूगरी होती यहाँ... Hindi · कविता 344 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read बिना कुछ कहे बिना कुछ कहे सब अता हो गया हंसी सामने चेहरा हो गया दबे पाँव चल के,गया था कहीं शिकारी वही, लापता हो गया मुझे दख, 'फिर' गई निगाह उनकी गुनाह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read समझौते की कुछ सूरत देखो समझौते की कुछ सूरत देखो है किसको कितनी जरूरत देखो ढेर लगे हैं आवेदन के अब लोगो की अहम शिकायत देखो लूटा करते , वोट गरीबों के जाकर कुनबो की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 366 Share sushil yadav 27 Feb 2017 · 1 min read उन दिनों ये शहर..... उन दिनों ये शहर...... उन दिनों ये शहर बेतरतीब हुआ करता था मगर दिल के बहुत ,करीब हुआ करता था यूं लगता था, तुझे छू के बस आई हो हवा... Hindi · कविता 327 Share sushil yadav 22 Jan 2017 · 1 min read राजनीति के छल-कपट, संग तुम्हारा छोड़ के,कहीं न जाती नाथ गठबन्धन निभती रहे ,राजनीति के साथ भरसक अपना है अभी,इतना महज प्रयास रूठी जनता से मिले ,वोट हमी को ख़ास कल थे वे... Hindi · दोहा 308 Share sushil yadav 7 Jul 2017 · 1 min read किया-धरा रह गया .... 1222 1212 212 -- जख़म मेरा कहीं हरा रह गया किया सारा, किया-धरा रह गया -- लगा के आग मुझे देखा किए तपा कुंदन कई दफा रह गया -- अभी... Hindi · कविता 304 Share sushil yadav 27 Feb 2017 · 4 min read अपोजीशन की होली .... अपोजीशन की होली .... नत्थू,! इस देश में गलाकाट प्रतिस्पर्धा वाले चुनाव के बाद गहन सन्नाटा पसर गया है। होली जैसे हुडदंग वाले त्यौहार में रंग-भेद ,मन-भेद ,मतभेद की काली... Hindi · कविता 285 Share sushil yadav 6 Aug 2018 · 1 min read धुँआ-धुँआ धुआं -धुआं ,है शहर में, हवा नहीं है मैं जो बीमार हूं ,मेरी दवा नहीं है तलाश उस शख्स की, है अभी जारी जिसके पांव , छाले -छाले जो थका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 307 Share sushil yadav 12 Jan 2017 · 1 min read छतीसगढ़ी ::प्यास मरत हन :: हमू ला कछु निशानी दे दो चुहके बर आमा चानी दे दो # मरत प्यास हन जम के भइय्या मतलहा तनक, पानी दे दो # रहीम घला, भला राम बने... Hindi · कविता 323 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read तिनका- तिनका ..... तिनका तिनका ` तिनका-तिनका तोड़ के ,रख देता है आज बस्ती दिखे अकड़ कहीं ,फिजूल कहीं समाज & परिभाषा देशहित की ,पूछा करता कौन बहुत खरा एक बोलता ,दूजा रहता... Hindi · दोहा 265 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read मन भीतर क्या झांकता , ज्ञान जला तन्दूर मंजिल तेरी पास है ,ताके क्यूँ है दूर चुपड़ी की चाहत अगर , ज्ञान जला तंदूर $ जिससे भी जैसे बने ,ले झोली भर ज्ञान चार दिवस... Hindi · दोहा 307 Share sushil yadav 13 Jan 2017 · 1 min read तितली ...सुशील यादव ऐसी तितली वैसी तितली जाने कैसी-कैसी तितली --फूल-फूल का रस लेती --पत्ते आराम से बैठी तितली कभी-कभी बारिश हो जाती कुछ बुँदे, पर-पैर भिगाती --गीले फूलों कुछ खींच न पाती... Hindi · कविता 290 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read कहते हैं आजकल ..... नासूर का होता अगर..... नोटबन्दी शायद कहीं हथौड़ा सा बन गया कोई उठा के फायदा थोड़ा सा बन गया मार्केट जिसकी थी नहीं वेल्यु किसी प्रकार वो हिंनहिनाता दौड़ता घोडा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share sushil yadav 7 Jul 2017 · 1 min read इस तरफ आएगा कौन.....212 212 212 सब के आगे उदासी न रख तलब को और प्यासी न रख है मुझे रात भर जागना जुगनुओं की तलाशी न रख इस तरफ आएगा कौन अब मुल्तवी और फांसी... Hindi · कविता 257 Share sushil yadav 13 Jan 2017 · 1 min read बात पहुचानी है सुशील जी ....2122, 2212, 2212,2122 आँख में आंसू, तलब का जखीरा ले के क्या करोगे हर किसी के आगे अपना रोना ले के क्या करोगे ##_पाँव में हो जंजीर तो वाजिब नहीं सोचना ये ##_ढोल-ढपली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share sushil yadav 7 Jul 2017 · 1 min read 2122 :1222 : 122: 12 :: एक बार जो पहना ..... जिंदगी कौन तुझसे, मसखरी कर सका लड के कहाँ उम्र,अपनी बड़ी कर सका खुद वजूद से भटकते रहता है आदमी आप-स्वयं से कब, यायावरी कर सका तिलस्म दिखे हैं होते... Hindi · कविता 291 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 4 min read व्यंग प्रभु मोरे अवगुण .... व्यंग्य प्रभु मेरे अवगुण ..... / सुशील यादव वे प्रभु थे। .....सभी के गुण-अवगुणों का लेखा-जोखा खुफिया तरीके से रखते थे । पहले के जमाने में ज़रा सी रिक्वेस्ट पर,... Hindi · कविता 279 Share sushil yadav 26 Jan 2017 · 1 min read छत्तीसगढ़ी लुलवा के हाथ म डफली तोतरा करा तुतरु हवय फस्करा के कब बैठही सत्तर साल ले देश उखडू हवय सुशील यादव Hindi · कविता 254 Share sushil yadav 10 Feb 2017 · 1 min read किताबों में दबे फूल का मौसम .. रवानी खून में ,ख्यालो मे ललक नहीं है तेरी आँखों में पहले की चमक नहीं है कभी आती दूर से आवाज तेरी सी वहां देखू कोई वैसी गमक नहीं है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 267 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read सामयिक ,,,,,सायकिल छाप दोहे सायकिल छाप दोहे आज आदरणीय परम,रूठ गए हैं आप लायक अपने पूत से ,रूठा करता बाप % आहत मन से देखते ,कुछ अनबन कुछ मेल सायकल की अब मान घटी... Hindi · दोहा 1 239 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल 1 २२१ २१२१ १ २२१ २१२ यूँ आप नेक-नीयत, सुलतान हो गए सारे हर्फ किताब के, आसान हो गए समझे नहीं जिसे हम, गुमनाम लोग वो हक़ छीन के हमी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read उतरा दिखे गुरूर ..... Dohe कॉलर नही कमीज में,पेंट नही है जेब नँगा होने तक रचो,कोई नया फरेब % उम्मीदों के दौर में ,तुम भी पालो ख़्वाब कैशलेस हो खोपड़ी,'बाबा छाप'खिजाब % पंछी बैठे... Hindi · दोहा 237 Share sushil yadav 26 Jan 2017 · 1 min read पारस कहु ले लान के.... छतीसगढ़ी दोहे लोकतंत्र के नाम ले ,पार डरो गोहार कुकुर ओतके भोकही ,जतके चाबी डार लहसुन मिर्चा टोटका,मिझरा डाल बघार जतका झन ला नेवते,चांउर पुरत निमार लोकतंत्र सुन्दर बिगुल,बजवइय्या हे कोन अड़सठ-सत्तर... Hindi · दोहा 253 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read जीने का मजा नहीं है २१२२ २१२२ २१२१ २२ सुशील यादव साथ मेरे हमसफर वो साथिया नही है लुफ्त मरने में नहीं ,जीने का मजा नहीं है रूठ कर चल दिए तमाम सपने- उम्मीद इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read आम आदमी ..... 221 1221 1221 122 आम आदमी ..... हमने तुमको नोट बदलते नहीं देखा काले-उजले फेर में चलते नहीं देखा तुम सितमगरों की दुनिया,रहने के आदी चट्टान दबे नीचे, निकलते नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share sushil yadav 4 Aug 2018 · 1 min read नाव को फेंक 2122:1212: 2211: 2122: 2 फर्क पड़ता नही…ं sushil yadav sushil yadav कविता July 7, 2017 नाव को फेंक, पाँव में, जो भँवर बाँध लेते हैं लोग नादान जीने का अजब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share sushil yadav 4 Aug 2018 · 2 min read किस दिन मैं छिपा करता हूँ करोड़ बारह सौ फूंके हैं ,बांटे मोबाइल सरकार गंवार-अपढ़ जनता होवे,मोबाइल की क्या दरकार जिन गावो में भूखा प्यासा,खेती करता दिखे किसान मोबाइल उन हाथो देकर,तुम समझो खुद धन्य महान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 224 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read ये कैसा धुँआ हो गया 3 १२२ १२२ १२२ १२ सुशील यादव .... शहर में ये कैसा धुँआ हो गया कहीं तो बड़ा हादसा हो गया किसी जिद, न जाने, वहां था खड़ शिनाख्त, मेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 214 Share sushil yadav 26 Mar 2017 · 1 min read विरासत की जमीनों को ..सुशील यादव .. बदल मेरे छत को भिगोने नहीं आते आसान से सदमो में रोने नहीं आते रूठा रहता मेरे जज्बात का मासूम क्या बात इधर बिकने खिलौने नहीं आते बंजर मिली हमको... Hindi · कविता 223 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read मैली-सियासत ..... सुशील यादव २१२२ २१२२ २१२ तुम नजर भर ये, अजीयत देखना हो सके, मैली-सियासत देखना ये भरोसे की, राजनीती ख़ाक सी लूट शामिल की, हिमाकत देखना दौर है कमा लो, जमाना आप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 203 Share sushil yadav 4 Aug 2018 · 1 min read नाव को फेक 2122:1212: 2211: 2122: 2 फर्क पड़ता नही…ं sushil yadav sushil yadav कविता July 7, 2017 नाव को फेंक, पाँव में, जो भँवर बाँध लेते हैं लोग नादान जीने का अजब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share sushil yadav 27 Feb 2017 · 1 min read सीने में लिखा नाम सीने में लिखा नाम धुआँ-धुआँ है शहर में, हवा नही है मै जो बीमार हूं ,मेरी दवा नहीं है तलाश उस शख्श की, है अभी जारी जिसके पावों छाले-छाले, जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share sushil yadav 10 Jan 2017 · 1 min read खिले-खिले फूल ..... नींद में कोई चल के देखे काले… खिले-खिले फूल ..... नींद में कोई चल के देखे काले नोट बदल के देखे एक नटनी रस्सी पे चलती यूँ भी कोई सम्हल के देखे कोई सूरत नजर न आती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 211 Share Page 1 Next