Radha jha Language: Hindi 125 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Radha jha 11 May 2024 · 1 min read वर्षा आई बादल गरजा वर्षा आई, सूर्य ने किरणों को छुपाई, कृषकों ने मौज मनाई, वाह भाई वाह क्या दिन आई गर्मी से राहत दिलाई, आई आई वर्षा रानी आई थिरक थिरक... Hindi 1 27 Share Radha jha 11 May 2024 · 1 min read बदमाश किरणें बड़े बदतमीज हो गए तुम, क्यों तडपा रहे धरतीवासियों को खुब लगाई फटकार , सूर्य ने अपनी किरणों को। जब ना मानी बात वह प्रेम से, दो लगाई चांटा गाल... Hindi 38 Share Radha jha 13 Jun 2023 · 1 min read यादों के बरसात को छोड़, यादों के बरसात को छोड़, तुमने मुझे, गमों के मौसम में धकेल दिया। मोहब्बत कि सज़ा दी तुने मुझे, बेवफा ऐसा क्यों सितम किया? अपने दर्द के अफसाना को, खुद... Poetry Writing Challenge 1 293 Share Radha jha 13 Jun 2023 · 1 min read मौत का क्या कसूर टुट गया घर सपनों का, बिछा गए सेज कांटों का, यह कार्य और न किसी को, सब दर्द दिए अपनों ने। ना जाने कैसी तुफ़ान आई, जो उड़ा ले गई... Poetry Writing Challenge 1 172 Share Radha jha 11 Jun 2023 · 1 min read हंसती होगी आत्मा उन फिरंगी कि, हंसती होगी आत्मा उन फिरंगी कि, जिनके गुलामी से पाने को छुटकारा, ना जाने कितने दर्द सहे हमारे पुर्वज ने। कहते होंगे हंस हंस कर हर घड़ी, हमारे पितरों से,... Poetry Writing Challenge 1 106 Share Radha jha 11 Jun 2023 · 1 min read बेटियां ना बनाना इस जग के लिए देख दुनिया के दरिन्दो को, तड़प उठा मन मेरा, माफ़ करना बेटियां मेरी, अब आना ना तुम इस दुनिया में। गुज़ारिश समझों या मजबूरी, अच्छी लगे यह बात या बुरी,... Poetry Writing Challenge 110 Share Radha jha 10 Jun 2023 · 1 min read भिन्न भिन्न रोशनी दिया जलकर करतीं उजाला, पर भिन्न होती, रोशनी सभी के लिए। घर में हमारे सजती देवों के थाली में, गृहणी करती अपने घर प्रकाशित, उस दिया के बाती से। दिया... Poetry Writing Challenge 2 105 Share Radha jha 7 Jun 2023 · 1 min read अफसाना यादों कि अफसाना में कहीं खो गए हम, तुम्हें खोजने युही निकल गए हम। लौट के ना आ सकते वे पल खुशी के, फिर भी तेरे यादों के सहारे, जीवन... Poetry Writing Challenge 2 291 Share Radha jha 3 Jun 2023 · 1 min read शहीद अरे, पगली रोती क्यों? मैं तो तेरे पास खड़ा। तेरे सांसों में बसा में, जिन्दा हू तेरे यादों में, पहले तो दुर रहता भी था, पर अब हर घड़ी तेरे... Poetry Writing Challenge 2 195 Share Radha jha 3 Jun 2023 · 1 min read लोभ ना जाने लोग क्या - क्या कर जाते, कारण इसके, सिवा मिथ्या प्रसन्नता के, मिलता न कुछ उन्हें, फिर भी दूसरों के साथ - साथ, लोग अपना घर भी उजाड़... Poetry Writing Challenge 217 Share Radha jha 3 Jun 2023 · 1 min read प्रेम या खिलवाड़ घायल हुआ हिमालय फिर से, ज़ख्म किसी और ने नहीं, अपनों ने ही दिया, ज़रूरत नहीं उसे वैद्य हकीमों कि, सेवा में चाहिए फिर से उसे, कोई राम - कृष्ण... Poetry Writing Challenge 1 235 Share Radha jha 31 May 2023 · 1 min read राज खुशी का यह देखो इस पौधे को, कितना मुस्करा रही है, मां के समीप रह कर, बहुत इतरा रही है। " क्या राज़ तुम्हारी प्रसन्नता का ? तुम दुनिया वाले, ना समझ... Poetry Writing Challenge 207 Share Radha jha 31 May 2023 · 1 min read बेटी मैया तेरी फुलवारी की , मैं एक फूल मासूम, फिर क्यों तोड़ मुझे , किसी ओर को सौंप देती? क्या दर्द न होता तुमको? बिछड़ कर मुझसे। क्यों पत्थर दिल... Poetry Writing Challenge 310 Share Radha jha 31 May 2023 · 1 min read अगर होता दिल पत्थर का ना महसूस होता दुःख ना दर्द कोई अगर होता दिल मेरा पत्थर का। कोई तोड़ भी जाता दिल, तो फर्क ना परता कोई, यु ही खुश रहता हर पल, जैसे... Poetry Writing Challenge 184 Share Radha jha 28 May 2023 · 1 min read ऐसा क्यों होता है? चोट लगती है धड़कन में, पर आंसू आंखों से बहती है। ऐसा क्यों होता है? नैना चलती चाल सब, पर प्रेम दिल को होता है। फंसाती मोह के जाल में... Poetry Writing Challenge 122 Share Radha jha 28 May 2023 · 1 min read पक्षी मैं पाखी दूर गगन की, दूर देश में घुमती हूं। रोक ना सके कोई सरहद हमको, अपने आजादी से विचरतीं हूं। खेलतीं आंख मिचौली तुफानों से, पलति हूं मैं आंधी... Poetry Writing Challenge 211 Share Radha jha 25 May 2023 · 1 min read कहानी प्रेम कि प्रेम कि कहानी , पुरानी बहुत, ना जाने किसने,किसको किया, सबसे पहले प्रेम, पर हर युग में इसने राज किया ।। प्रेम के साथ धोखा ने भी साथ, बसाया घर... Poetry Writing Challenge 2 71 Share Radha jha 25 May 2023 · 1 min read अश्रु कोई गम के तो कोई खुशी के, पर , आंसु तो सभी बहा रहे, अपनों के लिए कोई, कोई अपने लिए, पर निकल रहे नयनों से, यह धारा सभी के,... Poetry Writing Challenge 2 1 120 Share Radha jha 25 May 2023 · 1 min read नैना यु ना खेला कर आंख मिचौली नैना यु ना खेला कर तु , आंख मिचौली , देख, पलकों में तेरे, बसते हैं प्रियतम मेरे, कहीं टूट ना जाए उनसे, हमारी प्रेम कि डोरी। नैना यु ना... Poetry Writing Challenge 2 1 67 Share Radha jha 22 May 2023 · 1 min read एक प्रेम ऐसा भी, मां , मुझे खिला कर , सोई भूखे पेट, दर्द से टुट रह था पुरा बदन, फिर भी पापा मेरे मुस्करा रहे थे कहीं रह ना जाए कमी किसी चीज,... Poetry Writing Challenge 1 1 161 Share Radha jha 22 May 2023 · 1 min read युद्ध ना जाने उजारे मैंने घर कितनों का, छीना सिंन्दुर कितनों का, पिया ना जाने रक्त कितना, फिर भी तृप्त ना हुआ मन। मैं "युद्ध"हु भाई, जब बोले काल सर चढ़,... Poetry Writing Challenge 250 Share Radha jha 26 Feb 2023 · 1 min read इतिहास ना जाने क्यों नाम मेरा सुन, घबराता है जी सबका, भागते हैं मुझसे सब , जैसे कोई भूत मैं, अरे हॉं , मैं भूत ही तो हु, डरो मत तुम्हारा... Hindi 1 118 Share Radha jha 25 Feb 2023 · 3 min read दलित १ ना जाने कहां से उत्पन्न हुआ नाम मेरा, इतिहास पता नहीं आज तक मुझे, सुना है ब्रह्मा ने सृष्टि बनाई, कर्म के आधार पे, बंट गए मानव चार में... Hindi 1 3 152 Share Radha jha 27 Mar 2022 · 1 min read जरुरत हमारी प्रेम को प्रेम कि जरुरत है, झूठे वादे और सपनों कि नहीं, हम यूं हि गुजार लेंगे मेहफिल ज़िन्दगी के, तेरे सच्चे मोहब्बत के सहारे , हमें झूठे शान... Hindi · मुक्तक 2 457 Share Radha jha 3 Feb 2022 · 1 min read धोखा अपने ही अतरंगी अदाएं में, इतने मसरुफ़ थे हम, कि पता ही ना चला , कब किसने धोखा दे दिया हमें। जिस के लिए में रोज़, मांगती थी मन्नतें, वह... Hindi · कविता 1 219 Share Radha jha 1 Feb 2022 · 1 min read जहां तेरे यादों का अफताब ना हो सुन कुहू कुहू कोयल के, देख रंग बिरंगी फुलों को, बसंत के आगमन से, मेरा दिल भी विचलित हो गया, तेरे यादों को अपने गलियारों में देख। ना जाने क्यों... Hindi · कविता 2 359 Share Radha jha 11 Jan 2022 · 1 min read काजल काजल ,काला है तु, पर उपेक्षा ना कर सकता तेरा कोई। नयनों में बस के तु, रुप धर लेता सुन्दरता का, नयनों की शोभा बढ़ा कर, उसे अपने अधीन कर... Hindi · कविता 371 Share Radha jha 10 Jan 2022 · 1 min read चलते रहना अपने मकसद कि ओर देख ना अपने पांव के तलवों को, तुम बढ़ मुसाफिर अपने मंजिल के ओर। राह में ना जाने कितने कांटे होंगे, ना जाने कितने पार करने होंगे पड़ाव, टूटेंगे ना... Hindi · कविता 2 325 Share Radha jha 31 Oct 2021 · 1 min read दुःख के समय कोई सहारा ना होता दुःख के समय कोई सहारा ना होता, ना भगवान होते,ना इन्सान होता, अपने भी अपने को मेहमान कहते, दोषी भी नहीं आदमीयों की, जब स्वयं मुख भगवान ने मोड़ा, फिर... Hindi · कविता 292 Share Radha jha 19 Oct 2021 · 1 min read चल मुसाफिर गांव के ओर चल मुसाफिर गांव के ओर, अपने शहर का हाल है बुरा। विकास के नाम पे, संस्कारों का हो रहा विनाश। आधुनिकता के आग में झोंक दिया सब परम्परा। अश्लिलता से... Hindi · कविता 1 1 273 Share Radha jha 20 Aug 2021 · 1 min read अपने कलम को कहीं तो विराम दो अपने कलम को कहीं तो विराम दो, क्यों उलझा रहे हो इसे, दुनिया के झंझटों में, क्यों घसीट रहें हों इसे, इनके बईमानी के राहों पे, कदर इस से ज्यादा... Hindi · कविता 1 312 Share Radha jha 31 Jul 2021 · 1 min read फिर भारत को परतंत्र करो ना तुम अपने जन हुए पराए, तब विदेशी के हम गुलाम हुए, पर, बात अब भी समझ ना आती, कैसे तुम इंसान हुए?? ठोकरें ना जाने कितने खाएं, ना जाने कितने कष्ट... Hindi · कविता 1 2 410 Share Radha jha 25 Jul 2021 · 1 min read क्यों पराधिन मानती अपने को? बन मानव जब आऊं धरा पे, मुझे अपने कोख में रख लेना, ममता कि आंचल से हमको, इस विधाता की सुरक्षा तु कर लेना, रचनाकार को भी तु रच देना... Hindi · कविता 2 1 232 Share Radha jha 21 Jun 2021 · 1 min read शक का ज़हर चांद से कहा चांदनी ने, करतें हो प्रेम क्या हमसे, दिलरुबा मेरी मेहबूबा, करतीं ऐसे प्रश्न क्यों?? शंका है मुझे तुम्हारे नियत पे, क्या झूठ बोल रहे हो मुझसे। सपनों... Hindi · कविता 314 Share Radha jha 4 Jun 2021 · 1 min read ना जाने नसीब ने क्या खेल खेला था पांच भाई होते हुए भी, मैं अकेला था, ना जाने नसीब ने क्या खेल , खेला था। माता- पिता रहते हुए भी था अनाथ में, ना जाने विधाता ने ऐसा... Hindi · कविता 1 258 Share Radha jha 24 May 2021 · 1 min read बरखा रानी हंसा जब नभ खिलखिला कर मानो सूचित कर रहा हमें, सतर्क हो जाओ सभी, आ रही है बरखा रानी अपने साथी के संग, खुशी से झूमने लगे पेड़ पौधे सब,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 3 421 Share Radha jha 20 May 2021 · 1 min read बरखा तेरा दोष नहीं!! बरखा, यूं तु ना आया करो, हमसे नजर ना मिलाया करो। देख तुम्हें याद आती हमें, ठुकरा दिया था किसी ने हमें। धोखा मिला है मोहब्बत में हमें, तेरे आने... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 2 348 Share Radha jha 16 May 2021 · 1 min read बरखा पुरवइया मेघा गरजी, चली पुरवइया, आई बरखा देख रवैया, चमक चमक कर बिजली चमके, घण घण मेघा शोर मचाएं, एक दूजे से होड़ लगाएं, देखो देखो बरखा आई, ले फूल थाली... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 463 Share Radha jha 14 May 2021 · 1 min read क्या विश्वास करु उनके बातों पे क्या विश्वास करु उनके बातों पे, जो हर दो घड़ी में बदलते है, जिन्हें खुद ही नहीं पता, कब, क्या और किससे क्या - क्या वादे कर जाते हैं।। क्या... Hindi · कविता 3 518 Share Radha jha 1 May 2021 · 1 min read लाचार लाशें की पुकार लाशें कर रही पुकार, हम तो चल बसे दुनिया से, सह के दर्द सभी, तुम तो ठहर जाओ अपने घर में, कैद कर लो ख़ुद को इस नायाब पिंजड़े में,... Hindi · कविता 1 268 Share Radha jha 3 Apr 2021 · 1 min read आए क्यों ना माधव २ फितरत होती इन्सानों की, मढ़ते अपने गलतियों के दोष ईश्वर पे, खड़ा था मैं गलियारों में, भैया युधिष्ठिर के वचन से बंधे, वचन लिया था उन्होंने मुझसे, केशव, कदम ना... Hindi · कविता 2 347 Share Radha jha 3 Apr 2021 · 1 min read आए क्यों ना माधव तुम १ बात पूछनी है माधव , आज्ञा हो तो पूछूं क्या, संकोच कैसा कृष्णे तुम्हें, दूंगा तेरे हर सवालों के जवाब में जी भर के, हों रहा था मेरा जब वस्त्र... Hindi · कविता 2 315 Share Radha jha 28 Mar 2021 · 1 min read चलु,चले खेले होली पाहुन कत मिलत एहन सौभाग्य यो, चलु , खेले होली एत ना खेलने त कत खेलवे फगुआ, श्याम तन पे चढत रंग नइ कोनो, चलु लगाएल जाएत अहाँ के यो,... Hindi · गीत 1 490 Share Radha jha 19 Mar 2021 · 1 min read नदियां से कहा नदियां से कहा ले चल हमें, अपने धारा के संग, जहां दिखे तुम्हें पिया हमारे, छोड़ देना तुम हमें वहां पे, रूठ गए ना जाने कब, चल दिए थे तेरे... Hindi · कविता 1 1 554 Share Radha jha 3 Feb 2021 · 1 min read अनोखा एहसास त्यागा मैने दुनिया सारी, त्यागी लोक लाज सभी। अपने हि परछाईं में, जब ढुढ़ने लगी मैं तुम्हें, तब जा के एहसास हुआ, शायद कोई रिश्ता है नया, पहले भी ना... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 59 424 Share Radha jha 31 Jan 2021 · 1 min read कैसे भुल जाऊं ज़ख्म वे कैसे भुल जाऊं ज़ख्म वे, जो दिये तुम्हारे पुर्वजों ने, विलग करना चाहा था हमें, हमारे ही धरती से। तहस नहस किया हमारे धर्मों को, दर्द जो दिया दिल को,... Hindi · कविता 2 2 270 Share Radha jha 19 Jan 2021 · 1 min read कैसे मानूं रावण प्रतापी तुम?? कैसे मानूं रावण प्रतापी तुम, छल कर लाएं तुम मुझे, बना भेष ढोंगी का, फिर भी कहते गर्व से, मैं रावण कांपता धरा जिसके चलने से।। लांघ ना सके लखन... Hindi · कविता 1 2 347 Share Radha jha 20 Dec 2020 · 1 min read प्रश्न अगर होता मैं नहीं तो, क्या शब्दों कि उत्पत्ति होती? अगर होता मैं नहीं तो,क्या होती पहचान तुम्हारी? अगर होता मैं नहीं तो, क्या जानते चांद सितारों को? अगर होता... Hindi · कविता 3 369 Share Radha jha 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना पूरी दुनिया में मचा दिया हा हा कार, सबको कर दिया बेकार, नाम सुन के इसका सबको आ जाएं रोना, यह है उत्पाती कोरोना।। ना जाने कहां से यह यमदूत... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 31 434 Share Radha jha 7 Sep 2020 · 1 min read हिन्द की सेना हिन्द की सेना ना हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई है, हिन्द की सेना के रग रग में अन्याय के खिलाफ लड़ाई है।। हिन्द की सेना सिर्फ वे नहीं जो शरहद पर रहते,... Hindi · कविता 3 421 Share Page 1 Next