Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2022 · 1 min read

जहां तेरे यादों का अफताब ना हो

सुन कुहू कुहू कोयल के,
देख रंग बिरंगी फुलों को,
बसंत के आगमन से,
मेरा दिल भी विचलित हो गया,
तेरे यादों को अपने गलियारों में देख।

ना जाने क्यों तु फिर आ गए,
मेरे मन को बहलाने को,
दर्द होता है मुझे, तड़पती हुई हर पल,
यह बात क्यों ना समझ पाते तुम,
बार बार आ के मेरे सपनों,
यु क्यों मेरा दिल तोड़ जाते हो।

समझा के तुम्हरे यादों को ,
थक चुकी में,
छुपाए अपने ग़म की दुनिया से,
उव गई में,
करती हु गुजारिश फिर से तुम्हें,
अपने यादों को कर दो मना,
मेरे सामने ना आए वे,
जीने दे अपने ज़िन्दगी मुझे,
जहां तेरे यादों कि आफताब ना हो।

Language: Hindi
2 Comments · 354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
The Profound Impact of Artificial Intelligence on Human Life
The Profound Impact of Artificial Intelligence on Human Life
Shyam Sundar Subramanian
किस बात का गुमान है यारो
किस बात का गुमान है यारो
Anil Mishra Prahari
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
हिस्सा,,,,
हिस्सा,,,,
Happy sunshine Soni
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
SUDESH KUMAR
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़।
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़।
Rj Anand Prajapati
"कवियों की हालत"
Dr. Kishan tandon kranti
*घर आँगन सूना - सूना सा*
*घर आँगन सूना - सूना सा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#शेर-
#शेर-
*प्रणय प्रभात*
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Irfan khan
हो गई जब खत्म अपनी जिंदगी की दास्तां..
हो गई जब खत्म अपनी जिंदगी की दास्तां..
Vishal babu (vishu)
बता ये दर्द
बता ये दर्द
विजय कुमार नामदेव
जो चीजे शांत होती हैं
जो चीजे शांत होती हैं
ruby kumari
मुर्शिद क़दम-क़दम पर नये लोग मुन्तज़िर हैं हमारे मग़र,
मुर्शिद क़दम-क़दम पर नये लोग मुन्तज़िर हैं हमारे मग़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
लोगो समझना चाहिए
लोगो समझना चाहिए
शेखर सिंह
सीख गांव की
सीख गांव की
Mangilal 713
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2962.*पूर्णिका*
2962.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हालात ए वक्त से
हालात ए वक्त से
Dr fauzia Naseem shad
दृष्टि
दृष्टि
Ajay Mishra
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
Shashi kala vyas
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
Neelam Sharma
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
Awneesh kumar
देह धरे का दण्ड यह,
देह धरे का दण्ड यह,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...