आचार्य सदानन्द पाल Tag: कविता 93 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आचार्य सदानन्द पाल 7 Jan 2022 · 1 min read भींगा रुमाल हँसते, मुस्काते, खिलखिलाते आदमी का पॉकेट सर्च करना, तो तुम्हें वहाँ भींगा रुमाल मिलेगा ! कि सिर्फ़ वक्त झुकता है, किसी तानाशाह सामने ! वरना आदमी दिल से कभी झुकता... Hindi · कविता 2 429 Share आचार्य सदानन्द पाल 23 Nov 2021 · 1 min read मिट्टी का देह, कानून का सम्मान और हमारा फ़र्ज़ विज्ञान भी कहता है, शरीर में पानी ही पानी है! आग भी टकरा जाय तो क्या, आखिर बुझा देंगे? कितने तन्हा हैं हम, जिंदगी की इस यात्रा में ! है... Hindi · कविता 2 500 Share आचार्य सदानन्द पाल 27 Oct 2021 · 1 min read सुरक्षित दीवाली कुम्हार-कृति लिए ज्योति-पर्व में उनके घर और दिल में जाकर भी दीप जलाएँ, जिनके घर और दिल में अबतक किसी प्रकार के रोशन नहीं हुए हैं, तभी आपकी दीपावली सफल... Hindi · कविता 1 257 Share आचार्य सदानन्द पाल 12 Oct 2021 · 1 min read ललन भैया ललन भैया अचानक ही बीमार पड़ गए, दिल्ली में इलाज चल रहा था, परंतु इलाजरत भैया आखिरकार चल बसे ! एकबार मेरे पास 'अठन्नी' नहीं रहने के कारण उन्होंने मुझे... Hindi · कविता 278 Share आचार्य सदानन्द पाल 12 Oct 2021 · 1 min read जय सिरचन, जय रेणु सिरचन चिक, सीतलपाती आदि बनाते हैं ! वह पैसे के लिए काम नहीं करता है, वह प्रेम और खाने के लिए कार्य करता है। वह मुँहजोर है, पर कामचोर नहीं!... Hindi · कविता 1 336 Share आचार्य सदानन्द पाल 12 Oct 2021 · 1 min read कुमित्र नहीं चाहिए क्योंकि किसी भी पक्ष के प्रति प्रताड़ना मानवाधिकार का प्रत्यक्ष उल्लंघन है! आइये, हम हाथ नहीं, दिल मिलाते हैं । 'विश्व हृदय दिवस' पर हृदय यानी दिल से शुभमंगलकामनाएं! कल... Hindi · कविता 305 Share आचार्य सदानन्द पाल 12 Sep 2021 · 1 min read चाँद पर क्यों मानव ? 50 साल से ऊपर हो गए 'चाँद' पर मानव के पहुँचे हुए, पर हम 'धरती' की समस्याओं को यथावत रखे हुए हैं ! लानत है ऐसी अंतरिक्षीय उपलब्धि पर !... Hindi · कविता 1 320 Share आचार्य सदानन्द पाल 12 Sep 2021 · 1 min read आशियाना हाँ, वो तो है ! हम एक आशियाना ठीक से बना नहीं पाए हैं, परंतु बाहर से आकर यहाँ बसे ऐसे जनप्रतिनिधि भी हैं, जो भवन के विस्तारीकरण में ही... Hindi · कविता 1 583 Share आचार्य सदानन्द पाल 12 Sep 2021 · 1 min read उम्मीद और दुनिया कहते हैं- उम्मीदों पर दुनिया टिकी है, पर अबतक दुनिया पे उम्मीद टिकाए था ! 'भाग्य' कुछ नहीं होती ! हारे को हरिनाम..... पर वफादार कौन हैं, वक्त और सुविधा... Hindi · कविता 1 302 Share आचार्य सदानन्द पाल 12 Sep 2021 · 1 min read औसत लोगों की पूछ सब जगह औसत प्रतिभा की पूछ है, क्योंकि औसत लोगों को टैलेंटेड से डर लगता है ! आखिर जो चीजें उनमें नहीं है, वो दूसरों में कैसे देख सकते हैं... Hindi · कविता 1 261 Share आचार्य सदानन्द पाल 5 Sep 2021 · 1 min read रिच फ़ूड मुझे नहीं पचता मैं गरीब आदमी, इसलिए 'रिच फ़ूड' मुझे नहीं पचता है। सिम्पल खाता हूँ, सिम्पल पहनता हूँ यानी सादा जीवन, उच्च विचार । आपने मुझे कई सुख और शिक्षा दिए हैं,... Hindi · कविता 2 268 Share आचार्य सदानन्द पाल 5 Sep 2021 · 1 min read शिक्षक दिवस और घी शिक्षक दिवस के सुअवसर पर सभी गुरुजनों को सादर नमन कि जिनसे मैं 'क' से कहानी लिखने की समझ, तो 'आ' से आवारापंती करने की धमक विकसित हुई । विकसित... Hindi · कविता 1 395 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Aug 2021 · 1 min read फ़ख्त अठन्नी-चवन्नी केस-मुकद्दमे.... मकान बनाने.... और फिर मित्रो के साथ नहीं मिलने पर और इच्छा अनुसार काम नहीं होने पर टूट गया हूँ.... आज तो मामावाले में और भी खर्च हो गया....... Hindi · कविता 2 604 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Aug 2021 · 1 min read नृत्य और मृत्यु नृत्य के बाद मृत्यु तय है ! मृत्यु तो हो गई और मृत्यु के साथ नृत्य शुरू, फिर परलोक में भी वो सिखाएगी नृत्य ! Hindi · कविता 1 476 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Aug 2021 · 1 min read पिता का अंधभक्त नहीं ! पिता कभी भी 'लिम्का' या 'कोकाकोला' नहीं रहा, उसने हमेशा ही 'अनुशासन' में रखा, किन्तु जो हो, मैं पिता का अंधभक्त नहीं ! Hindi · कविता 1 277 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Aug 2021 · 1 min read व्यक्तिगत विचार कोई ऐसा कृत्य मत कीजिए, जो देशहित के विरुद्ध जाए ! देश से ऊपर व्यक्तिगत विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है ! Hindi · कविता 1 592 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Aug 2021 · 1 min read तमन्नाओं के शहर सोचनेवाले सोचते रहेंगे कहनेवाले कहते रहेंगे पर करनेवाले जो हैं वो सोचते तो हैं, कहते नहीं, अपितु करते हैं कि किसी ने सच कहा है- सिर्फ़ सोचने से कहाँ मिलते... Hindi · कविता 2 399 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Aug 2021 · 1 min read टमाटर टाइप अ-तटस्थ यानी पेंडुलम यानी टमाटरटाइप लोगों को गाँव में क्या कहा जाता है ? मुझे पता नहीं ! Hindi · कविता 1 350 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Aug 2021 · 1 min read क्यों है ना ? पत्रकारिता में येलो, रेड क्या है ? हंस, बगुला, बया क्या है ? ऐसे प्रश्न हमारे खोजी अभियान चलानेवालों से प्रतिपक्ष भी पूछ सकता है ! क्यों ? है ना... Hindi · कविता 1 445 Share आचार्य सदानन्द पाल 6 Aug 2021 · 1 min read छपाछप पॉवर नदारद है ! दिनभर तार बदलने के चक्कर में न हवा मिल रही है, न प्रकाश मिल रही है ! मोटर नहीं चला, तो पानी नहीं मिल रही है।... Hindi · कविता 2 364 Share आचार्य सदानन्द पाल 30 Jul 2021 · 1 min read प्यार-बेकरार अपन नाहीं कार, तो बे-कार बुलेट पर लेट हो जाते मास्टरजी! छु छु अंदर.... छुछुन्दर! प्यार बे-करार ! Hindi · कविता 1 336 Share आचार्य सदानन्द पाल 28 Jul 2021 · 1 min read सौ फीसदी झूठ 'खाली हाथ आये थे, खाली हाथ जाओगे', जिसने यह कहा है, यह सौ फीसदी झूठ है, क्योंकि जन्म और मृत्यु के समय हाथ बन्द मुट्ठी किए होती हैं ! Hindi · कविता 1 440 Share आचार्य सदानन्द पाल 27 Jul 2021 · 1 min read सादरांजलि नमन अपने सहकर्मी श्री सुधाकर जी के परमाराध्य पिताजी की पुण्यतिथि पर सादर नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि ! अभिनेता जयंत के पुत्र 'गब्बर सिंह' यानी अमज़द खान की पुण्यतिथि पर ऐसे... Hindi · कविता 1 268 Share आचार्य सदानन्द पाल 26 Jul 2021 · 1 min read सर्वोत्तम आहार मछली या दूसरे जीवों को मारकर खाने से बुद्धि अगर विकसित होती, तो तमाम मांसाहार प्राणियों की प्रजातियाँ विलुप्त नहीं होती, न ही विलुप्ति के कगार पर होती ! सृष्टि... Hindi · कविता 1 470 Share आचार्य सदानन्द पाल 18 Jul 2021 · 1 min read डिजिटल माँ मैं भूलता नहीं.... इस डिजिटल अभिवादन को क्या भूलूँ ? क्या बिसारूं ? सहयोग अच्छी बात है, पर अभी के जटिल वक्त में अगर माँ बनी हैं, तो ताउम्र बगैर... Hindi · कविता 1 289 Share आचार्य सदानन्द पाल 17 Jul 2021 · 1 min read रुतबा गायब, मित्रता गायब ! भीड़वाले मित्र चाटुकार, चापलूस होते हैं ! जो आपके आगे-पीछे करेंगे, वो रुतबे कायम रहने तक ही कद्र करेंगे ! रुतबा गायब, मित्रता गायब? Hindi · कविता 1 488 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Jul 2021 · 1 min read हृदकामनाएँ महामानव राहुल सांकृत्यायन के जन्मदिवस पर हृदकामनाएँ.... तो वहीं बिग बी की गुड्डी, आराध्या की नानी, श्वेता-अभि की माँ 'जया भादुड़ी बच्चन' के जन्मदिवस पर हृदयश: मंगलकामनाएँ ! Hindi · कविता 1 246 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Jul 2021 · 1 min read पेट खुराकी घर के पेड़ के 'बेल' ही आज के लिए निवाला है रोज नहीं खाने से आदमी मर नहीं जाएंगे ! आज की रात यही मिली है पेट-खुराकी और बौद्धिक खुराक... Hindi · कविता 1 270 Share आचार्य सदानन्द पाल 9 Jul 2021 · 1 min read स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा किसी सद्कार्य में आगे बढ़ रहे मित्रो से, पड़ोसियों से स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा कीजिए, ईर्ष्या नहीं ! क्या यह देश ईर्ष्या करनेवालों का देश है, जहाँ आपके आसपास रहनेवाले अधिकांश लोग... Hindi · कविता 1 255 Share आचार्य सदानन्द पाल 8 Jul 2021 · 1 min read बिखरे प्रेम एक चित्रकार की अद्वितीय चित्रकृति ! चित्रकार को अशेष शुभकामनाएं.. बिखरे हुए कागजों को सिलसिलेवार समेटने और सहेज़ने में वक्त लगता है ! ऐसे ही हैं, बिखरे हुए लोग और... Hindi · कविता 1 432 Share आचार्य सदानन्द पाल 7 Jul 2021 · 1 min read मुखौटा मुखौटा तो एक प्रतीक मात्र है ! दरअसल संसार की सम्पूर्ण मानवजाति प्रकृति को मुँह दिखाने के काबिल ही नहीं हैं ! Hindi · कविता 1 278 Share आचार्य सदानन्द पाल 4 Jul 2021 · 1 min read पति बेचारे अपने मायके आ गयी हूँ, अभी कुछ माह यहीं रहूँगी ! मिलना-जुलना बंद, अंटशंट पर चाक-चौबंद ! यही तो है अभिशप्त प्रेम, केम छो, छो केम ! मशविरे भी फोन... Hindi · कविता 1 1 720 Share आचार्य सदानन्द पाल 3 Jul 2021 · 1 min read लूजर या विनर सुख का आशय यह नहीं कि हमने दुःख पर विजय प्राप्त कर ली ! दुःख तो किसी न किसी भाँति रहेंगे ही, उनका सामना कीजिए ! किसी ने सच कहा... Hindi · कविता 1 423 Share आचार्य सदानन्द पाल 1 Jul 2021 · 1 min read देश ऊपर कोई ऐसा कृत्य मत कीजिए, जो देशहित के विरुद्ध जाए ! देश से ऊपर व्यक्तिगत विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है ? Hindi · कविता 2 355 Share आचार्य सदानन्द पाल 30 Jun 2021 · 1 min read कादो-पानी सबमें साइकिल साइकिल खुद योग का सर्वोत्तम साधन है। सच में पैदलराही अब भी साइकिल के प्रति उत्सुक रहते, उसे तकते, उसे देखते ! चाहे कादो-पानी हो या नीम-हकीम के पास जाने... Hindi · कविता 1 250 Share आचार्य सदानन्द पाल 26 Jun 2021 · 1 min read काला जामुन और रसगुल्ली में प्यार काला जामुन और रसगुल्ली में प्यार, होती मीठी-मीठी तकरार, पर दोनों हैं शादी को तैयार ! रसगुल्ली की माँ लड़के के रंग से खफा ! यह सिर्फ मनुष्यों में ही... Hindi · कविता · बाल कविता 1 541 Share आचार्य सदानन्द पाल 24 Jun 2021 · 1 min read डाकिये को मालूम ! डाकिये को मालूम, मेरा कोई नहीं है पता; क्योंकि मैं हूँ अघोषित या सच में लापता ! Hindi · कविता 1 196 Share आचार्य सदानन्द पाल 22 Jun 2021 · 1 min read प्रेम पुराण प्रेम तक ही सीमित होते हैं, प्रेम के मसले ! दुनियावी बवालों, सियासती हलालों और मज़हबी सवालों से प्रेमी अछूते ही रहते हैं ! प्रेम सियासतदां नहीं ही बने, तो... Hindi · कविता 1 606 Share आचार्य सदानन्द पाल 21 Jun 2021 · 1 min read दाढ़ी के बाल सफेद होने शुरू हो गए हैं यथा 'सुंदरता' तो सिरफ़ 'जुगनूँ' है, अभी भक -भक, तो अभी ही गायब ! मुझे तो.... असुन्दरता यानी कदर्य से प्यार है ! फिर- दाढ़ी के बाल सफेद होने शुरू... Hindi · कविता 1 341 Share आचार्य सदानन्द पाल 16 Jun 2021 · 1 min read पथभ्रष्ट हो जाओ, पर लक्ष्यभ्रष्ट नहीं ! वे भारत भ्रमण सहित कई देशों की यात्रा भी किये। 'शेखर : एक जीवनी' उनकी प्रसिद्धि प्राप्त उपन्यास है। 'आँगन के पार द्वार', 'कितनी नावों में कितनी बार' आदि काव्य-कृतियाँ... Hindi · कविता 1 298 Share आचार्य सदानन्द पाल 16 Jun 2021 · 1 min read किरानी जी (व्यंग्य) मालपुवे, खीर, दहीबड़ा, चाट और कटहल की सब्जी को कई-कई बार धसेड़ लिया है । वह किसी राजा की 'रानी' नहीं हैं, बावजूद लोग उसे 'किरानी' कहते हैं ? Hindi · कविता 253 Share आचार्य सदानन्द पाल 15 Jun 2021 · 1 min read इक रेख काजर मेरे नजर में "मिस्टर बिहार" मनिहारी नहीं, मेरे दिल में बसते हैं.... वाकई, बेहद 'क्यूटी' लुक है.... स्मार्ट टीचर.... सदाबहार टेक्नोक्रेट.... प्रिय मृगेंद्र जी, इक रेख 'काज़र' चस्पा कर निकलिए... Hindi · कविता 1 234 Share आचार्य सदानन्द पाल 15 Jun 2021 · 1 min read प्रकृति : मजा या सजा आजकल दिन में एक ही परेशानी होती है, सिर्फ गर्मी से ! किन्तु रात में परेशानी का कारण कम से कम तिगुनी हो जाती है- गर्मी, मच्छर और अंधकार! सम्पूर्ण... Hindi · कविता 1 408 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Jun 2021 · 1 min read सभी सहकर्मी मित्र नहीं होते मनिहारी में 8 बरस हो गए, आशीष सर को छोड़कर किसी भी मित्र, सहकर्मी या जान-पहचानवालों ने अपने घर पर 'चाय' के लिए भी नहीं बुलाये ! लोग मनिहारी में... Hindi · कविता 1 563 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Jun 2021 · 1 min read सरकारी स्कूल में पढ़ाना अगर सरकारी शिक्षक भी अपनी संतानों को सरकारी विद्यालयों में नहीं पढ़ाते हैं, तो खुद वह अपनी अक्षमता का बयां कर रहे हैं ! सरकारी विद्यालय के ऐसे नियोजित शिक्षकों... Hindi · कविता 1 387 Share आचार्य सदानन्द पाल 12 Jun 2021 · 1 min read नकारात्मक व्यक्ति नकारात्मक और ईर्ष्यालु व्यक्ति का 'संगीत' से संबंध हो ही नहीं सकता ! हर संगीतकार प्रत्येक से प्रेम करता करते हैं न कि घृणा, न ईर्ष्या ! Hindi · कविता 1 255 Share आचार्य सदानन्द पाल 10 Jun 2021 · 1 min read मुहब्बत आज भी 'चेहरों' से शुरू होती है ! किसी ने कितना करीब कहा है- कितना अजीब है, दिलों की बात करता है जमाना; पर मुहब्बत आज भी, चेहरों से शुरू होती है ! प्रेम में भावों, संवेदनाओं और... Hindi · कविता 1 208 Share आचार्य सदानन्द पाल 5 Jun 2021 · 1 min read मुझे अच्छे नहीं सच्चे मित्र चाहिए हमें अच्छे नहीं, सच्चे मित्र चाहिए ! सच्चे मित्र आपके प्रखर आलोचक होते हैं, भीड़वाले मित्र चाटुकार, चापलूस होते हैं ! जो आपके आगे-पीछे करेंगे, वो रुतबे कायम रहने तक... Hindi · कविता 3 6 295 Share आचार्य सदानन्द पाल 4 Jun 2021 · 1 min read नजरें जब मिली मुस्कराये तुम भी थे हाँ, कुछ देर पहले ही बाहर से घर आया हूँ ! बारिश में भींग गया हूँ ! अब तो धूप खिल आई है, प्रकृति हरीभरी और निराली है ! ऐसे... Hindi · कविता 2 1 321 Share आचार्य सदानन्द पाल 3 Jun 2021 · 1 min read अब बादल मौत लेकर आता है अब बादल मौत लेकर आता है, जब चाहिए भारतीय किसानों को- तब यूरो पाने यूरोप चले जाता है। मानसून पूर्व बारिश की बारिशी इतनी तंज कसता व रंज लाता है,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 8 357 Share Page 1 Next