ललन भैया
ललन भैया अचानक ही
बीमार पड़ गए,
दिल्ली में
इलाज चल रहा था,
परंतु इलाजरत भैया
आखिरकार चल बसे !
एकबार मेरे पास ‘अठन्नी’
नहीं रहने के कारण
उन्होंने मुझे
अखबार तक
नहीं दिए थे !
उस दिन तो मुझे
उनका यह कृत्य
अच्छा नहीं लगा था,
किन्तु बाद में मुझे लगा….
ज़िन्दगी में
स्पष्टवादिता
और बेबाक़ीपन जरूरी है !
हालाँकि कुछ लोगों को
बेबाक-उत्तर
सुनना पसंद नहीं है,
तथापि उनसे मेरा
उनकी मृत्युपर्यंत
साथ रहा !
उनकी क्या उम्र होगी ?
यही साठ या कुछ कम
या कुछ बेसी !
भरा-पूरा परिवार
छोड़कर न जाने
कहाँ चले गए भैया ?