Vindhya Prakash Mishra Language: Hindi 370 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vindhya Prakash Mishra 4 Mar 2018 · 1 min read मंच संचालन में स्वागत सम्मान हेतु पंक्तियाँ मंच संचालन में स्वागत सम्मान हेतु पंक्तियाँ- आप पधारे आंगन हमारे छाई हर ओर खुशहाली है हर्षित हो उठे छात्र सभी जोर बजाते ताली है । जैसे इच्छित वर पाएँ... Hindi · कविता 8 5 14k Share Vindhya Prakash Mishra 24 Apr 2022 · 1 min read पिता हैं धरती का भगवान। पिता है धरती पर भगवान, उंगली पकड़कर चलना सिखाया सही गलत में भेद बताया। गढता है सच्चा इंसान पिता है धरती पर भगवान। कठिनाई में साथ रहा है, सर पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 8 6 817 Share Vindhya Prakash Mishra 18 Dec 2020 · 1 min read है कोरोना बहुत न हम डर खाएंगे है कोरोना बहुत हम भी घर जाएंगे । जबतक खतरा रहा न शहर जाएंगे । कांपते लोग है घर मे दुबके हुए। भूख के मारे है ये बेचारे है पानी... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 20 516 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माता – मां मां माता। माता जीवन दाता है। माता भाग्य विधाता है। माता से मिलती है सीख माता मे दिखता है ईश। माता से मिलती ममता है। माता से न... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 22 537 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Jul 2020 · 1 min read दवा सा आजमाया है । #दवाई मुझे भी तो लोगों ने समय समय पर आजमाया है। मैं किस चीज की दवा हूँ न आजतक बताया है । भरी शीशी दवाई सा मुझे झकझोरा है। जब... Hindi · कविता 6 2 277 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Jul 2020 · 1 min read जो थोड़ा स्वाभिमानी हो जो तुम्हे न कभी सम्मान दिया अवसर पाकर अपमान किया उसपर इतना न शोर करो। केवल उसको इग्नोर करो। जिसकी नजर में आपका मान नहीं मत जाओ जहाँ सम्मान नहीं... Hindi · कविता 5 4 348 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Sep 2018 · 1 min read भगवान भी इंसान से परेशान हैं । जिंदगी की जंग में जो पहलवान है । जीने की जुगत में कितने परेशान हैं । धन ही नहीं सब कुछ जीवन समझ लो इंसानियत रहे जिंदा वही इंसान है... Hindi · कविता 4 382 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Oct 2018 · 1 min read मन कहता नेता बन जाऊँ- मन कहता नेता बन जाऊ। पहनू लम्बा कुर्ता टोपी जोर जोर से मैं चिल्लाऊ। मन कहता नेता बन जाऊँ कोई नहीं पूछेगा पढाई टैक्स नहीं जो होगी कमाई बी आई... Hindi · कविता 4 1 466 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Oct 2019 · 1 min read करवा चौथ (@ करवा चौथ@) पति से खूब प्रीति बढै निशदिन इस हेतु ही व्रत ये धारति हैं । दीर्घ जीवी बनें नित सुहाग रहे ये प्रेम की दीपक बारति है। पति... Hindi · कविता 4 1 261 Share Vindhya Prakash Mishra 24 May 2020 · 1 min read प्यारे घन धरती पर आओ प्यारे घन धरती पर आओ, छन छन बूँद पड़े पृथ्वी पर जन जन में खुशहाली लाओ। मुदित विहंगा चञ्चु फाडकर। गिरती बूँदो से प्यास बुझाओ। मोती सदृश पत्तो से छनकर... Hindi · कविता 4 2 253 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Jul 2020 · 1 min read ताना क्यों मारना ताने तनातनी देते, रोज सनातनी देते। मन की हालात बताते, शब्द बड़े चुभ जाते। जिससे न बने बना लो दूरी, किस बात की है मजबूरी। जो सच्चे मे अपने है,... Hindi · कविता 4 1 463 Share Vindhya Prakash Mishra 17 Jul 2020 · 1 min read जख्म हैं कुछ दिनों में भर जाएंगे है कोरोना बहुत हम भी घर जाएंगे । जबतक खतरा रहा न शहर जाएंगे । कांपते लोग है घर मे दुबके हुए। भूख के मारे है ये बेचारे है पानी... Hindi · कविता 4 2 597 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Aug 2020 · 2 min read सुविचारो का बोझ व्यंग्य- सुविचारों का बोझ यह कहने या सुनने में अजीब लगता है कि सुविचार बोझ कैसे हो सकता है पर जिस चीज की उपयोगिता न हो और उसे ढोना पड़े... Hindi · लेख 4 310 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Apr 2018 · 1 min read बेवफाई कैसा प्यार कैसी बफाई है । कोई बताए इश्क की कोई दवाई है । मेरे सीने में वफा का रंग है साथी। वह करती प्यार कैसे है। जिसमें बेवफाई और... Hindi · कविता 3 407 Share Vindhya Prakash Mishra 6 Jun 2018 · 1 min read गुब्बारे मुझे प्यारे हैं । (आज की प्रस्तुति) बाल कविता गुब्बारा --------------------------------- गुब्बारे मुझे प्यारे हैं, रंग बिरंगे छोटे मोटे, कुछ लम्बे कुछ पंक्षी जैसे आसमान में तारे हैं । गुब्बारे मुझे प्यारे हैं ।... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1 441 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Oct 2018 · 1 min read आंसू से गीला तन है । फिर कुछ कहने का मन है । कलम उठी लिखने को बात नहीं मिला मुझको कोई साथ । संवादो में बहे बेदना। आंसू से गीला तन है । फिर कुछ... Hindi · कविता 3 411 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Jun 2019 · 1 min read चांद पर चाहे बाद में जाना चांद पर कुछ बाद में जाना, कुछ आवश्यक कर्तव्य निभाना, काल कवलित हो रहे है मासूम, इस का कोई हल ढूंढना । हाहाकार मचा बिहार में, जान ले रहा बुखार... Hindi · कविता 3 218 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Aug 2019 · 1 min read माँ शारदे माँ शारदे कर मे लेकर पुष्प हार करते वंदन शत शत बार हमको अज्ञानता से तार दे ** माँ शारदे माँ शारदे। आये शरण में तुम्हारे तू अंधेरो से निकाले।... Hindi · कविता 3 374 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Sep 2019 · 1 min read शिक्षक #शिक्षक । ——————————– शिक्षक का सम्मान हो, जो है ईश समान। सही राह दिखलाए देते हैं सद्ज्ञान। परिश्रमी नवोन्मेषी जो समाज की शान भावी के निर्माण में इनका योगदान ।... Hindi · कविता 3 555 Share Vindhya Prakash Mishra 21 Oct 2019 · 1 min read गीत बनाकर गाया कर । दर्द बढ़े जब दिल का अपने गीत बनाकर गाया कर। अपने हैं जो कहाँ का शिकवा। हरदम गले लगाया कर। अपना साथी आप बने तो नयी राह अपनाया कर। क्या... Hindi · कविता 3 324 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Dec 2019 · 1 min read चुहिया चुहिया करती है मनमानी, बड़ी मूॅछ है दो दो चार, इसके कई काम बेकार । बिल्ली को देखें छिप जाती लुका छिपी का खेल खिलाती कोई वस्तु बचने न पाए,... Hindi · कविता · बाल कविता 3 528 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Jan 2020 · 1 min read खुद को ही मैं भूल गया हूँ । खुद को ही मैं भूल गया हूँ नहीं मिला हूँ वर्षो से। अपनी बातें भूल गया हूँ सबकी हालत चर्चो से। जेब कहा है पता नहीं पर बढते जाते खर्चों... Hindi · कविता 3 2 336 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Jun 2020 · 1 min read जिसके जान से ही मेरी पहचान है । जिसके जान से ही मेरी पहिचान है, तुम नही तो दिन मेरा सूनसान है। नजरे है कटीली दिलपर आ लगी, आंखे तो उसकी पूरी धनुष का बान है। आने लगी... Hindi · कविता 3 455 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Jul 2020 · 1 min read चंदा मामा चंदा मामा दूर रहे हो ऊपर से ही घूर रहे हो। मुँह मटका चिढाते हो दिखते कभी छिप जाते हो। चमक चांदनी साथ में लाते इसलिए ओषधिपति कहलाते। कभी मिलने... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1 429 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Aug 2020 · 1 min read रक्षाबंधन पर्व प्रेम की थाल सजा बहना, अक्षय अक्षत का टीका करती हैं रोली कुंमकुंम शुभ मंगल धागे में प्रेम पिरोया करती हैं । दीप सदा दुख दूर करे आशीर्वाद दिया करती... Hindi · कविता 3 3 479 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Aug 2020 · 1 min read रक्षाबंधन का त्योहार बहनों से हो आंगन गुलजार भाई बहन का बढ़े प्यार रक्षाबंधन का त्योहार बहना मांग रही उपहार । देती आशीर्वाद सौ-बार रक्षा बंधन का त्योहार ।। भैया रक्षा मेरी करना... Hindi · कविता 3 3 277 Share Vindhya Prakash Mishra 6 Nov 2021 · 1 min read बेचारा नही सहारा नहीं, पर मैं हारा नहीं। भटकता रहा कोई किनारा नहीं। फौलाद का हूँ मै पारा नहीं । किस्मत का मारा पर बेचारा नहीं। विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 257 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Sep 2022 · 1 min read शिक्षक को समर्पित पंक्तियां नमन करू मैं गुरु को शिक्षक नाम महान। अपने पाल्य सा हमे देते है जो ध्यान। पथ प्रदर्शक हम कहे ये समाज की शान।। भाई सा व्यवहार हो मित्र सा... Hindi · Teachers Day 3 143 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Oct 2022 · 1 min read करवा चौथ #करवा चौथ करवा चौथ का पर्व पुनीत महा गृहणी सज प्रिय निहारति है। पति से खूब प्रीति बढै निशदिन इस हेतु ही व्रत ये धारति हैं । दीर्घ जीवी बनें... Hindi 3 3 161 Share Vindhya Prakash Mishra 29 Oct 2022 · 1 min read बिटिया रानी खुशियों का कारण है मेरी बिटिया दुख का निवारण है बिटिया घर की किलकारी बिटिया हम सबकी प्यारी है बिटिया । माँ की दुलारी बिटिया सबसे ही न्यारी है बिटिया... Hindi 3 1 214 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Nov 2022 · 1 min read बाल दिवस पर विशेष बचपन के दिन की यादें प्यारी सी तोतली बातें नही चाह थी न परवाह खुशी भरी थी दिन व रातें। आगे की परवाह न थी न पछतातें बीती बातें मस्त... Hindi · बाल कविता 3 796 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Jan 2023 · 1 min read नववर्ष 2023 *नववर्ष 2023* नया वर्ष हो, नया हर्ष हो नई खुशी, नव उत्कर्ष हो नयी सुबह हो, नयी शाम हो नई मज़िलें, नए मुकाम हो नए लक्ष्य हों, नए कार्य हो... Hindi · नववर्ष 3 1 308 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदनशीलता मानव की पहचान घाव मरहम से छिपाए जाते है, कभी नही सबको दिखलाए जाते है। खुले अगर तो संक्रमण तय है। और घाव बढने का भी तो भय है। मक्खी केवल घाव खोजकर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · संवेदना 3 2 27 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2024 · 1 min read भक्षक सब कुछ गड़बड़ झाला है भक्षक ही रखवाला है। सच कोई कह ही न पाए मुख पर पड गया ताला है । अब किससे उम्मीद बची है सब कारनामा काला... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · संवेदना 3 31 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Jul 2017 · 1 min read मुझे श्रेष्ठ होने का भ्रम था। मुझे श्रेष्ठ होने का भ्रम था ज्ञान कही कुछ कम था। अपना देखा बेहतर माना नही किया तुलना लोगो से। देखा जब संसार घूमकर पाया अपने को अंजाना। भ्रम था... Hindi · कविता 2 1k Share Vindhya Prakash Mishra 29 Oct 2017 · 1 min read बेटी खुशियों का कारण है मेरी बिटिया दुख का निवारण है बिटिया घर की किलकारी बिटिया हम सबकी प्यारी है बिटिया । मा की दुलारी बिटिया सबसे ही न्यारी है बिटिया... Hindi · कविता 2 529 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Feb 2018 · 1 min read कवि की कविता सोच रहा था लिखूॅ शब्द में मैं अपने एहसास कुछ बातें अनूठी लिख दूँ कुछ बातें हो खास। समझ रहा हूँ एक बात तो, अच्छा लेखन की है आस। स्वयं... Hindi · कविता 2 1 511 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Mar 2018 · 1 min read गौरेया आंगन के कोनो में आकर ची ची गीत सुनाती थी चावल के दाने पाकर पूरा परिवार बुलाती थी। मीठी मीठी मधुर स्वरों में गुनगुन गीत गाती थी। गौरेया आंगन में... Hindi · कविता 2 350 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Apr 2018 · 2 min read #सेल्फी # शौक या मनोविकार अगर आप सेल्फी के शौकीन हैं तो पढ़ें मेरा लेख - नारसीसिज्म जिसका अर्थ है आत्म प्रेम- हम इस शब्द की चर्चा क्यों कर रहे हैं । मनोवैज्ञानिक रूप से... Hindi · लेख 2 404 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Apr 2018 · 1 min read अपने -अपने सपने सपने बुनते एक एक कर जैसे कलियां खिलती है । पाकर पानी हवा धूप में खिलती और निखरती है । पर मौसम बदलाव ले आया नीरस पतझड घिर घिर आया... Hindi · कविता 2 215 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Apr 2018 · 1 min read पैसों से मत तोलो मुझे कर्म करू असफल कहलाऊ इसमें क्या है मेरा दोष मैं गरीब से जाना जाऊँ इससे भी न होता रोष। मैं चलते चलते थक जाऊँ इसमें क्या है मेरा दोष ।... Hindi · कविता 2 363 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Apr 2018 · 1 min read रिसते रिश्ते जग की है बाते सुनाता सुनो तुम । अनुभव की बाते मिले जो चुनो तुम । कही सच कही झूठ बिकता है लेकिन। दिल की है बाते कभी तो सुनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 283 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2018 · 1 min read सच कह दूँ पर कौन सुनेगा सच कह दूँ पर कौन सुनेगा? सच में सच का साथ न दोगे कमजोरो को हाथ न दोगे । दोष सिद्ध निर्बल पर होता। सबल पाप करता और सोता। नीर... Hindi · कविता 2 279 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Apr 2018 · 1 min read दोहा गर्मी का मौसम आया, चिलचिल करती धूप। पक्षी पानी को ढूढे, सूख चुके हैं कूप ।। बदल रहा मौसम देखो, मानव का है लोभ हरियाली गायब हुई, बढ गए सबमें... Hindi · दोहा 2 518 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Apr 2018 · 1 min read माता जीवन दाता - कविता (माता जीवन दाता) माता जीवन दाता है। माता भाग्य विधाता है। माता से मिलती है सीख माता मे दिखता है ईश। माता से मिलती ममता है। माता से... Hindi · कविता 2 268 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Apr 2018 · 1 min read कर्तव्य कर्तव्य कर रहा हूं करतब नही दिखाना कौशल की कामना है प्रतिभा नही दिखाना कम ही मिला भले ही कम कामना रही है जीवन है छोटा समझो इसको न यूँ... Hindi · कविता 2 312 Share Vindhya Prakash Mishra 3 May 2018 · 1 min read आओ न पास बैठो दिल के तार छेड़ो आओ न पास बैठो, दिल के तार छू लो। कुछ बात हो दिल से दिल की सुंदर विचार ले लो।। कुछ प्रीत झलक जाए कही बात याद आये। मन भर... Hindi · गीत 2 307 Share Vindhya Prakash Mishra 4 May 2018 · 1 min read व्यंजन गीत क ख ग घ ड़ गाओ। च छ ज झ ञ सुनाओ।। ट ठ ड ढ ण सरल है । त थ द ध न से नल है ।। प... Hindi · कविता 2 354 Share Vindhya Prakash Mishra 26 May 2018 · 1 min read प्यारे घन धरती पर आओ प्यारे घन धरती पर आओ, छन छन बूँद पड़े पृथ्वी पर जन जन में खुशहाली लाओ। मुदित विहंगा चञ्चु फाडकर। गिरती बूँदो से प्यास बुझाओ। मोती सदृश पत्तो से छनकर... Hindi · कविता 2 326 Share Vindhya Prakash Mishra 29 May 2018 · 1 min read बडा कारसाज होता है भगवान कृति सुंदर है ईश्वर की मानव भी उसकी संतान । जबतक आस्था रहे धर्म पर, नहीं निराश होता इंसान ।। सब अच्छा करता है ईश्वर, यही शब्द आस्था महान ।।... Hindi · कविता 2 714 Share Page 1 Next