Suryakant Dwivedi Language: Hindi 265 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Suryakant Dwivedi 5 Mar 2024 · 1 min read जाने कहां गई वो बातें तीन मनः स्थिति पर एक प्रयास। *गीत* जाने कहाँ गई वो बातें,कहाँ गई वो रातें ढूंढ रहा है मन का जुगनू, हर आँगन चौबारे कसौटी पर हम भी तुम भी,... Hindi · गीत 142 Share Suryakant Dwivedi 3 Mar 2024 · 1 min read दस्तक भूली राह दरवाजा कहने को घर है मकान है/ द्वार है दस्तक है... मैं हूं/तुम हो/सब हैं मिलने-जुलने वाले हैं लेकिन हुआ क्या...? दस्तक मौन है।। बाहर स्वागतम् लिखा है मुद्दत हुई कोई... Hindi · कविता 2 2 129 Share Suryakant Dwivedi 29 Feb 2024 · 1 min read दीप शिखा सी जले जिंदगी गीत दीप शिखा सी जले जिंदगी, जल जल कर जल जाने को। आत्म रूप आकाश बांचती, हृदय कलश चमकाने को।। श्वास श्वास में धधक रही है, एहसासों की आस लिए।... Hindi · गीत 1 2 114 Share Suryakant Dwivedi 28 Feb 2024 · 1 min read एक घर था* एक घर था..! अब मकान है दीवारें दरक रही हैं नींव हिल रही है कहने को सभी हैं रहता कोई नहीं है चींटी भी नहीं चढती दीमक दीवार भूल गई।... Hindi · कविता 49 Share Suryakant Dwivedi 27 Feb 2024 · 1 min read तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर तर्जनी तर्जनी आज आक्षेप कर रही विभा पर विभा...! क्यों कि हो गई है कजली अरे कजली पर तो मैंने सदा आक्षेप लगता देखा है परंतु विभा की यह कैसी... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 104 Share Suryakant Dwivedi 27 Feb 2024 · 1 min read युद्ध और शांति युद्ध और शांति धधकती ज्वालाओं के बीच कभी न कभी गंगाजल निकलेगा और तुम कहोगे युग परिवर्तन हो गया।। तब यही इतिहास तुमसे करेगा सवाल युग बदला....? कब बदला...?? किसने... Hindi · कविता 78 Share Suryakant Dwivedi 26 Feb 2024 · 1 min read याचना गीत जब से सीखी इन हाथों ने, करनी याचना सच मानो, तभी से कायर हो गईं भावना। दरवाज़े दस्तक को भूले, अतिथि मौन खड़े हम न जावें कोई न आवे... Hindi · गीत 122 Share Suryakant Dwivedi 26 Feb 2024 · 1 min read #दोहे #दोहे 1 बदला-बदला दौर है ,बदला बदला रूप। मुद्दत से उतरी नहीं, आंगन में अब धूप।। 2 आई विपदा पूछने, कैसा मेरा हाल। बोली सुइयां घड़ी से, अद्भुत तेरी चाल।।... Hindi · दोहा 60 Share Suryakant Dwivedi 25 Feb 2024 · 1 min read #कहमुकरी #कहमुकरी कैसी बदली, कैसी बदली देखूं जब भी, बोले पगली रंग रूप का, यह है अर्पण क्या सखि साजन, ना सखि दर्पण रोज रात को, मुझे सतावे आ जा आ... Hindi · Quote Writer · कविता 171 Share Suryakant Dwivedi 24 Feb 2024 · 1 min read क्या होगा लिखने गीत क्या होगा लिखने से भैया, क्या होगा छपने से मौन पड़े जब शब्द यहां तो, क्या होगा कहने से रखते थे किताब में हम, मोरपंख भी यादों में रहे... Hindi · गीत 1 122 Share Suryakant Dwivedi 23 Feb 2024 · 1 min read जीवन है बस आँखों की पूँजी जीवन है बस आँखों की पूँजी बार बार कहना क्या लुप्त हुए भले लोक से बार बार दिखना क्या जीवन है राग का मेला चलो चलो सुर सजनी श्रृंगारी पूनम... Hindi · कविता 1 118 Share Suryakant Dwivedi 23 Feb 2024 · 1 min read कोरोना और पानी कोरोना और पानी पानी का बुलबुला चमका और मर गया बच्चे ताली बजा रहे थे मर गया...मर गया जाने कितने बुलबुलों की, यूँ ही मौत हो गई पानी सोचता रहा,... Hindi · कविता 2 119 Share Suryakant Dwivedi 23 Feb 2024 · 1 min read इंसान को इंसान ही रहने दो इंसान को इंसान ही रहने दो उसको देवता न बनाओ बनाया देवता तो वह दूर चला जायेगा इंसान रहा तो कभी न कभी पास आ जायेगा वैसे भी तुमने उसे... Hindi · कविता 1 111 Share Suryakant Dwivedi 23 Feb 2024 · 1 min read पंख कटे पांखी पंख कटे पांखी लेकर हमने स्वप्न सजाये हैं इस शून्य आकाश में हमने भी घर बनाये हैं।। पंछी होते तो उड़ लेते या कर लेते हम आखेट हर डाल पर... Hindi · कविता 1 68 Share Suryakant Dwivedi 23 Feb 2024 · 1 min read बदरी..! बदरी..! तुम वही तो हो जो कल भी आई थीं मिटा दिया था तुमने खुद को प्रेम में.. उफ़न पड़ी थीं नदियाँ बह गये थे टापू/ शहर एक कपास से... Hindi · कविता 1 56 Share Suryakant Dwivedi 22 Feb 2024 · 1 min read अदाकारी अतुकांत कविता अदाकारी सीखकर अदाकार बन गए कलम के सिपाही फनकार बन गए लहराती ज़ुल्फों में अब उड़ती है ग़ज़ल गीतों के कमरों में रोशनदान हो गए मानते थे पहले... Hindi · कविता 1 86 Share Suryakant Dwivedi 22 Feb 2024 · 1 min read भावुक हुए बहुत दिन हो गये.. भावुक हुए बहुत दिन हो गये.. तन-मन बदले आँसू सूख गये। भाव से ही नीर का रिश्ता होता है.. हो जाये कुछ भी क्या होता है।। बदल रही दुनिया मानक... Hindi · कविता 1 53 Share Suryakant Dwivedi 22 Feb 2024 · 1 min read जीवन और महाभारत जीवन और महाभारत जन्म....शैशव...यौवन शिक्षा...जीवन...यापन विवाह...संस्कार...बच्चे बच्चे...कैरियर...बच्चे.. यही चक्र तो सबका है इसी चक्र पर चलना है थोड़ा लिखा, थोड़ा घूमे थोड़ा मिले, कुछ रूठे कुछ गले लगे, कुछ बिछुड़े... Hindi · कविता 1 79 Share Suryakant Dwivedi 22 Feb 2024 · 1 min read बुढापे की लाठी उंगली पकड़कर चलना बुढ़ापे की लाठी है संस्कारों के हाथों में ही समय की बैसाखी है।। कोलाहल के कंठ में ऋचाएं संचित हैं यह यज्ञ की वेदियां मंडित-खंडित हैं।। अक्षय... Hindi · कविता 1 104 Share Suryakant Dwivedi 20 Feb 2024 · 1 min read मन की इच्छा मन पहचाने गीत मन की इच्छा मन ही जाने ओ रे पगले कब पहचाने मन है तेरा, मन है व्याकुल संकुल संकुल ये है आकुल जीवन का जब मोल नहीं है जीवन... Hindi · गीत 122 Share Suryakant Dwivedi 20 Feb 2024 · 1 min read एक दोहा दो रूप एक दोहा दो रूप मेघों में छिपते नहीं, करते निशिदिन काज। सूरज से हम तेज हैं, चंदा के सरताज।। 2 हम चंदा सी चाँदनी, सूरज सम हैं आग। मेघों में... Hindi · दोहा 141 Share Suryakant Dwivedi 20 Feb 2024 · 1 min read तन से अपने वसन घटाकर गीत तन से अपने वसन घटाकर जयती जयती बोल रहे हैं गिरने को आतुर है गंगा पग धरती के डोल रहे हैं। ह्रास सभी पनघट पर देखा गागर ऊंची तन... Hindi · गीत 147 Share Suryakant Dwivedi 18 Feb 2024 · 1 min read आतंक, आत्मा और बलिदान ऐ वतन !! मेरे वतन कुछ लिखना चाहता हूं कुछ कहना चाहता हूं अपनी आत्मा का सवाल अपने वतन का जलाल माना, तुम मेरी मौत पर बहुत रोए, फूल चढाए... Hindi · कविता 130 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read जीता जग सारा मैंने जीता जग सारा मैंने अपने घर से हार गया रोकर एक पिता यूं बोला चंदा से सूरज हार गया।। शब्द, शब्द से शब्द बड़े शब्द, शांत नि:शब्द खड़े नेह-प्यार के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 211 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read क्या कर लेगा कोई तुम्हारा.... गीत क्या कर लेगा कोई तुम्हारा, अड़े रहो आकाशी बूँदों का, अस्तित्व नहीं होता रात रात भर, जाग जाग कर नयन क्यों खोवै पल दो पल की नींद तुम्हारी सपन... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 2 152 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read पिता का गीत गीत मत पूछो किस तरह जिया हूं । कदम-कदम पर गरल पिया हूं इस दीपक के दस दीवाने सबकी चाहत ओ’ उलाहने जर्जर काया, पास न माया कैसे कह दे... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 186 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read सावन बीत गया सखी बीत गया मधुमास न जागा कोई अहसास कि सावन रीत गया... कि सावन बीत गया परछाई जो साथ चली अंगड़ाई जो साथ ढली अब बस मीठी यादें हैं तेरी... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 148 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read रिटायमेंट (शब्द चित्र) रिटायमेंट (शब्द चित्र) ******** मन रमता नहीं तन टिकता नहीं दूर है मंजिल जग मिलता नहीं सामने उस वृक्ष को देखो कल तक हरा भरा था तने मजबूत थे सबको... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 154 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read युगांतर युगांतर ******* सदियों के आँगन में कुछ हमने भी रोपा होगा सूरज को क़ैद किया होगा या चंदा से बैर किया होगा। नीलांचल से जब बिजली कौंधी होगी बादल फ़टे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 167 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read प्यारा-प्यारा है यह पंछी प्यारा प्यारा है यह पंछी, और पिंजड़ा धाम है कैसे कह दूं मैं तुम से, परतंत्रता परिणाम है जागे जागे रातभर जो, जुगनुओं की आस में कह रहा चंदा अकेला,... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 207 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read खंडकाव्य यह जीवन है खंड काव्य खण्ड खण्ड अपने भाष्य क्या खोया है, पाया क्या अधर अधर पर कटु हास्य।। किरदारों के कथ्य रचे हैं अवतारों के सत्य पढ़े हैं किंतु... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 163 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read कैसे कहें घनघोर तम है गीत कैसे कहें घनघोर तम है सुनें व्यंजना मन है पल है कौंध रहीं जो बिजली सारी गरजा, बरसा, बिखरा जल है। प्रतिध्वनि में ये गूंज किसकी देख,भर रहा है... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 189 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read षड्यंत्रों की कमी नहीं है मन का केवल भेद चाहिए षड्यंत्रों की कमी नहीं है चौसर पर हैं हम सब यारों शकुनि पासा फेंक रहा है कह द्रोपदी लाज की मारी कलियुग आंखें सेंक रहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 110 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read क्यों दोष देते हो क्यों.इन हवाओं को दोष देते हो...? उदधि के सीने पर तो तुम ही तूफान लाये थे ज्वार भाटे के संग भी तुमको रोमांच भाये थे अब कहते हो हमसे तुम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 113 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read अदाकारी अदाकारी सीखकर अदाकार बन गए कलम के सिपाही फनकार बन गए लहराती ज़ुल्फों में अब उड़ती है ग़ज़ल गीतों के कमरों में रोशनदान हो गए मानते थे पहले जो लिखना... Poetry Writing Challenge-2 · हास्य-व्यंग्य 140 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read कान्हा घनाक्षरी कान्हा घनाक्षरी नया हर दिन रहे, नई हर प्यास रहे भोर के क्षितिज का, अभिराम कीजिये मन में तरंग रहे, तन में उमंग रहे घेरे न उदासी फिर, राम राम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 106 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read क्षितिज के उस पार क्षितिज के उस पार क्षितिज के उस पार तिमिर घोर तिमिर है मैं नहीं जाना चाहता सुना, वहां जीवन नहीं सुना है, वहां तप नहीं सुना है, वहां संताप है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 169 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read भावुक हुए बहुत दिन हो गए भावुक हुए बहुत दिन हो गये.. तन-मन बदले आँसू सूख गये। भाव से ही नीर का रिश्ता होता है.. हो जाये कुछ भी क्या होता है।। बदल रही दुनिया मानक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 188 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read श्याम-राधा घनाक्षरी *घनाक्षरी* आँगन में भोर भई, भोर भई भोर भई राधिका हैरान भई, भोर कब हो गई छम छम छम छम, बाजे जब घुंघरू तो कहने लगीं सखियां, जाने कहां खो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 193 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read कितने बदल गये क्यों दोष देते हो अपने को देखो कितने बदल गये.. आग ने पानी से आँख ने आँसू से दीये ने तूफ़ान से धूप ने बादल से रूप ने काजल से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 104 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read मकर संक्रांति मकर संक्रांति .......... उत्तरायण हो गए तुम राशि बदल दी तुमने धनु से मकर में आ गए तुम सूर्य हो, अदम्य ओजस्वी।। असम्भव क्या तुम्हारे लिए न भी होते तो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 149 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read आप सुनो तो तान छेड़ दूं गीत आप सुनो तो तान छेड़ दूं, मन के गीत सुनाने को सर सर सर बहती है सरिता, मन के भाव जताने को चंदा ने चुनरी फहराई, तारों का मस्तक... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 123 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read व्यंग्य क्षणिकाएं क्षणिकाएं इन आँसुओं को कौन समझाए अब ये टपकते नहीं सूखते हैं..... जब रोती भी हैं आंख रुमाल भीगता नहीं। 2 बहुत दिन से उनकी खैर खबर नहींं मिली अब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 117 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read दिन और रात-दो चरित्र चरित्र दिन और रात के चरित्र में कितना अंतर होता है.. दिन में दोस्त सभी रात में तन्हा होता है। उजली उजली बातें अपनी रहने दो कड़वी कड़वी बातें उनको... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 1 197 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read हट जा भाल से रेखा गीत हट जा हट जा भाल से रेखा, ओ मेरी तकदीर देख लिया संसार यह तेरा, क्या किसकी तस्वीर।। लिख लिख काग़ज़ हम धर लेबे, जावें खुली किताब मोर पंख... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 150 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read व्यंग्य क्षणिकाएं अनकही 1. बरसों से यह मकान खुला नहीं है चाट गई दीमक,कोई मिला नहीं है।। 2. संबंध कपूर है आरती तक जला फिर काफ़ूर है।। 3. बहुत दिनों से कोई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 177 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read शब्दों की रखवाली है गीत शब्द हमारे मन का चित्रण शब्दों की हरियाली है जब भी शब्द झरे अधरों से शब्दों की रखवाली है ।। शब्द सुमन अर्पण यह जन का अभिलाषा उद्बोधन का... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 225 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read हां राम, समर शेष है आज भी वही सागर है वही जिद रास्ता नहीं दूंगा युगों से यही तो हो रहा है कोई किसी को रास्ता नहीं देता मार्ग, पथ, रास्ता सबकी अपनी गति है...... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 210 Share Suryakant Dwivedi 16 Aug 2023 · 1 min read क्यों हवाओं को दोष देते हो क्यों.इन हवाओं को दोष देते हो... उदधि के सीने पर तो तुम ही तूफान लाये थे ज्वार भाटे के संग भी तुमको रोमांच भाये थे अब कहते हो हमसे तुम... Hindi · कविता 1 372 Share Suryakant Dwivedi 26 Jul 2023 · 1 min read प्यार और पंछी प्यारा प्यारा है यह पंछी, और पिंजड़ा धाम है कैसे कह दूं मैं तुम से, परतंत्रता परिणाम है जागे जागे रातभर जो, जुगनुओं की आस में कह रहा चंदा अकेला,... Hindi · गीत 180 Share Previous Page 2 Next