Suryakant Dwivedi Language: Hindi 235 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read खंडकाव्य यह जीवन है खंड काव्य खण्ड खण्ड अपने भाष्य क्या खोया है, पाया क्या अधर अधर पर कटु हास्य।। किरदारों के कथ्य रचे हैं अवतारों के सत्य पढ़े हैं किंतु... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 104 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read कैसे कहें घनघोर तम है गीत कैसे कहें घनघोर तम है सुनें व्यंजना मन है पल है कौंध रहीं जो बिजली सारी गरजा, बरसा, बिखरा जल है। प्रतिध्वनि में ये गूंज किसकी देख,भर रहा है... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 110 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read षड्यंत्रों की कमी नहीं है मन का केवल भेद चाहिए षड्यंत्रों की कमी नहीं है चौसर पर हैं हम सब यारों शकुनि पासा फेंक रहा है कह द्रोपदी लाज की मारी कलियुग आंखें सेंक रहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 62 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read क्यों दोष देते हो क्यों.इन हवाओं को दोष देते हो...? उदधि के सीने पर तो तुम ही तूफान लाये थे ज्वार भाटे के संग भी तुमको रोमांच भाये थे अब कहते हो हमसे तुम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 66 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read अदाकारी अदाकारी सीखकर अदाकार बन गए कलम के सिपाही फनकार बन गए लहराती ज़ुल्फों में अब उड़ती है ग़ज़ल गीतों के कमरों में रोशनदान हो गए मानते थे पहले जो लिखना... Poetry Writing Challenge-2 · हास्य-व्यंग्य 68 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read कान्हा घनाक्षरी कान्हा घनाक्षरी नया हर दिन रहे, नई हर प्यास रहे भोर के क्षितिज का, अभिराम कीजिये मन में तरंग रहे, तन में उमंग रहे घेरे न उदासी फिर, राम राम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 55 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read क्षितिज के उस पार क्षितिज के उस पार क्षितिज के उस पार तिमिर घोर तिमिर है मैं नहीं जाना चाहता सुना, वहां जीवन नहीं सुना है, वहां तप नहीं सुना है, वहां संताप है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 59 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read भावुक हुए बहुत दिन हो गए भावुक हुए बहुत दिन हो गये.. तन-मन बदले आँसू सूख गये। भाव से ही नीर का रिश्ता होता है.. हो जाये कुछ भी क्या होता है।। बदल रही दुनिया मानक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 80 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read श्याम-राधा घनाक्षरी *घनाक्षरी* आँगन में भोर भई, भोर भई भोर भई राधिका हैरान भई, भोर कब हो गई छम छम छम छम, बाजे जब घुंघरू तो कहने लगीं सखियां, जाने कहां खो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 110 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read कितने बदल गये क्यों दोष देते हो अपने को देखो कितने बदल गये.. आग ने पानी से आँख ने आँसू से दीये ने तूफ़ान से धूप ने बादल से रूप ने काजल से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 50 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read मकर संक्रांति मकर संक्रांति .......... उत्तरायण हो गए तुम राशि बदल दी तुमने धनु से मकर में आ गए तुम सूर्य हो, अदम्य ओजस्वी।। असम्भव क्या तुम्हारे लिए न भी होते तो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 65 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read आप सुनो तो तान छेड़ दूं गीत आप सुनो तो तान छेड़ दूं, मन के गीत सुनाने को सर सर सर बहती है सरिता, मन के भाव जताने को चंदा ने चुनरी फहराई, तारों का मस्तक... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 68 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read व्यंग्य क्षणिकाएं क्षणिकाएं इन आँसुओं को कौन समझाए अब ये टपकते नहीं सूखते हैं..... जब रोती भी हैं आंख रुमाल भीगता नहीं। 2 बहुत दिन से उनकी खैर खबर नहींं मिली अब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 62 Share Suryakant Dwivedi 17 Feb 2024 · 1 min read दिन और रात-दो चरित्र चरित्र दिन और रात के चरित्र में कितना अंतर होता है.. दिन में दोस्त सभी रात में तन्हा होता है। उजली उजली बातें अपनी रहने दो कड़वी कड़वी बातें उनको... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 1 120 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read हट जा भाल से रेखा गीत हट जा हट जा भाल से रेखा, ओ मेरी तकदीर देख लिया संसार यह तेरा, क्या किसकी तस्वीर।। लिख लिख काग़ज़ हम धर लेबे, जावें खुली किताब मोर पंख... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 73 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read व्यंग्य क्षणिकाएं अनकही 1. बरसों से यह मकान खुला नहीं है चाट गई दीमक,कोई मिला नहीं है।। 2. संबंध कपूर है आरती तक जला फिर काफ़ूर है।। 3. बहुत दिनों से कोई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 114 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read शब्दों की रखवाली है गीत शब्द हमारे मन का चित्रण शब्दों की हरियाली है जब भी शब्द झरे अधरों से शब्दों की रखवाली है ।। शब्द सुमन अर्पण यह जन का अभिलाषा उद्बोधन का... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 137 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read हां राम, समर शेष है आज भी वही सागर है वही जिद रास्ता नहीं दूंगा युगों से यही तो हो रहा है कोई किसी को रास्ता नहीं देता मार्ग, पथ, रास्ता सबकी अपनी गति है...... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 110 Share Suryakant Dwivedi 16 Aug 2023 · 1 min read क्यों हवाओं को दोष देते हो क्यों.इन हवाओं को दोष देते हो... उदधि के सीने पर तो तुम ही तूफान लाये थे ज्वार भाटे के संग भी तुमको रोमांच भाये थे अब कहते हो हमसे तुम... Hindi · कविता 1 301 Share Suryakant Dwivedi 26 Jul 2023 · 1 min read प्यार और पंछी प्यारा प्यारा है यह पंछी, और पिंजड़ा धाम है कैसे कह दूं मैं तुम से, परतंत्रता परिणाम है जागे जागे रातभर जो, जुगनुओं की आस में कह रहा चंदा अकेला,... Hindi · गीत 148 Share Suryakant Dwivedi 26 Jul 2023 · 1 min read युगांतर युगांतर ******* सदियों के आँगन में कुछ हमने भी रोपा होगा सूरज को क़ैद किया होगा या चंदा से बैर किया होगा। नीलांचल से जब बिजली कौंधी होगी बादल फ़टे... Hindi · कविता 140 Share Suryakant Dwivedi 14 Jul 2023 · 1 min read आने घर से हार गया जीता जग सारा मैंने अपने घर से हार गया रोकर एक पिता यूं बोला चंदा से सूरज हार गया।। शब्द, शब्द से शब्द बड़े शब्द, शांत नि:शब्द खड़े नेह-प्यार के... Hindi · कविता 1 124 Share Suryakant Dwivedi 11 Jul 2023 · 1 min read नगमे अपने गाया कर नग़मे अपने गाया कर (गीत) कभी कभी तो आया कर कभी कभी तो जाया कर कहती विपदा, रात गई नग़मे अपने गाया कर।। अपने में ही मस्त रहा सपने में... Hindi · गीत 120 Share Suryakant Dwivedi 29 Apr 2023 · 1 min read पीढियों के दोहे पीढियों के दोहे 1. बार बार मुख देखते, करते कंघी बाल। खेले, कूदे, संवरे, बदली-बदली चाल।। 2. सच सच तू दर्पण बता, कैसा मेरा रूप मैं छाया हूँ तात की,... Hindi · दोहा 158 Share Suryakant Dwivedi 11 Mar 2023 · 1 min read गीत शब्द गीत शब्द हमारे मन का चित्रण शब्दों की हरियाली है जब भी शब्द झरे अधरों से शब्दों की रखवाली है ।। शब्द सुमन अर्पण यह जन का अभिलाषा उदबोधन का... Hindi · गीत 289 Share Suryakant Dwivedi 7 Mar 2023 · 1 min read पथ से कैसे हार मान लूँ *गीत* मैं जीवन की अभिलाषा हूँ कैसे मैं मझधार मान लूँ मैं राही हूँ पगडंडी का पथ से कैसे हार मान लूँ झंझावातों की बस्ती में बदले बदले चेहरे सबके... Hindi · गीत 81 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2023 · 1 min read *धूप में रक्त मेरा* *धूप में रक्त मेरा* हर किरण के संग कदा यह रक्त भी तपा होगा बहा होगा पसीना फिर सूरज तब खिला होगा। जाने कितने पलों को मैंने,मिट्टी में गूँधा होगा... Hindi · कविता 237 Share Suryakant Dwivedi 9 Feb 2023 · 1 min read सच की पेशी झूठ के सामने आ गया सच झूठ ने अंगड़ाई ली सच की हँसाई हुई झूठ पर आवरण था सच का व्याकरण था झूठ ने साबित कर दिया सच झूठा है...... Hindi · कविता 226 Share Suryakant Dwivedi 7 Feb 2023 · 1 min read उधारी जीवन कुछ उधार था जीवन पर चुका दिया हमने भी क्या क्या बिता दिया।। सूरज, चाँद, सितारे ये रश्मि ये अँगारे सभी तो अपने थे पेट की भूख ने भी क्या-क्या... Hindi · कविता 87 Share Suryakant Dwivedi 7 Feb 2023 · 1 min read एक था वृक्ष सम्वेदना के पुष्पों की क्या है व्यथा सूखे वृक्ष पर सुनो कलरव की कथा।। नींव ने यह सोचकर दरख़्त महान किये चूमेंगे आकाश यह सपने जहान किये। आशाओं के बोझ... Hindi · कविता 166 Share Suryakant Dwivedi 5 Feb 2023 · 1 min read बेटों की बात बेटों की बातें ----------- चलो आज बेटों पर लिखते हैं उनके कमरे को देखते हैं..... सुना है..... आवारा है निखट्टू है पढ़ता नहीं बस, खेलता है हां, कभी कभी किताबों... Hindi · कविता 113 Share Suryakant Dwivedi 28 Jan 2023 · 1 min read दोहा कुर्सी मुक्तक एक हैं, दोनों के पद चार। एक शोभित छंद करे, दूजी दे सरकार।। सूर्यकान्त Hindi · दोहा 171 Share Suryakant Dwivedi 28 Jan 2023 · 1 min read हट जा हट जा भाल से रेखा गीत हट जा हट जा भाल से रेखा, ओ मेरी तकदीर देख लिया संसार यह तेरा, क्या किसकी तस्वीर।। लिख लिख काग़ज़ हम धर लेबे, जावें खुली किताब मोर पंख... Hindi · गीत 145 Share Suryakant Dwivedi 25 Jan 2023 · 1 min read वीर गाथा क्या सुनाएं उठती-गिरती लहरों पर आओ कोई गीत लिखें तुम अपनी व्यथा कहो हम अपनी कथा कहें.. क्या सुनाएं तुमको गाथा क्या बताएं अभिलाषा रिक्त-सिक्त वसंत खड़ा है कहें किससे... Hindi · कविता 1 179 Share Suryakant Dwivedi 23 Jan 2023 · 1 min read बताओ न बताओ न तुम उजले हम उजले कौन है काला, बताओ न तुम वाकिफ हम वाकिफ क्या है राज, बताओ न तुम सत्यनिष्ठ हम सत्यनिष्ठ कौन है झूठा, बताओ न तुम... Hindi · कविता 70 Share Suryakant Dwivedi 20 Jan 2023 · 1 min read मुक्तक *मुक्तक* कुछ यादों के झीने परदे, कुछ यादें बाकी हैं सांसों के इस महासमर में, कुछ बातें बाकी हैं उठा रक्खा है सिर पर देखो, ये चींटी पहाड़ सा पूछ... Hindi · मुक्तक 283 Share Suryakant Dwivedi 20 Jan 2023 · 1 min read मेरुदंड यह मेरुदंड है न! जिस पर हम खड़े हैं वह टूट गया है.. हमसे रूठ गया है शरीर का बोझ सहन नहीं होता अनवरत अघात अनवरत पक्षघात अनवरत पीड़ा, यह... Hindi · कविता 2 220 Share Suryakant Dwivedi 13 Jan 2023 · 1 min read सच सच बोलो दिल पर रखो हाथ और सच-सच बोलो किसने बहती नदी में यहां,कंकड़ नहीं फेंके।। भीड़, हिंसा, दमन, तंज मान, मर्यादा, लाज, शर्म आलोचनाओं का अमृत यहां किसने नहीं पीया? उठा-पटक... Hindi · कविता 1 304 Share Suryakant Dwivedi 11 Jan 2023 · 1 min read पिता की पराजय पिता की पराजय ************ आज आँखे चमकी गोद में था जो बेटा आज जवान हो गया कंधे तक आ गया अब और आगे निकल गया छोटा हुआ बाप मगर क़िरदार... Hindi · कविता 3 2 188 Share Suryakant Dwivedi 8 Jan 2023 · 1 min read आशा निराशा *आशा* बदल बदल कर करवटें, ले सपनों की आस। आ रहा सूरज कोई, भरने को उच्छवास।। *निराशा बदल-बदल कर करवटें, करती नींद कमाल। सपनों की इस सेज पर, कुछ दिन... Hindi · दोहा 170 Share Suryakant Dwivedi 3 Jan 2023 · 1 min read दोहा साँसों की है पोटली, उसमें रंग हजार। ज्यूँ सरसो के खेत में, पीले पुष्पाहार।। सूर्यकांत Hindi · दोहा 139 Share Suryakant Dwivedi 28 Dec 2022 · 1 min read दोहा माँ है ऐसी साधना, मन्त्र, जाप संकल्प। अक्षत, रोली तात है, युग युग नहीं विकल्प।। सूर्यकांत Hindi · दोहा 1 159 Share Suryakant Dwivedi 27 Dec 2022 · 1 min read मुक्तक बिकने को आओ तो खरीदार नहीं मिलता चाहो यहां खरीदना, बाजार नहीं मिलता नाजुक जनाब, दौर है, और दाम बेहिसाब लगा रहे हैं बोलियां, खुद्दार नहीं मिलता।। सूर्यकांत Hindi · मुक्तक 139 Share Suryakant Dwivedi 26 Dec 2022 · 1 min read दोहा आये हम दुआओं से, गए दवा के साथ। साँसों में सपने जड़े, खाली सबके हाथ।। सूर्यकांत Hindi · दोहा 112 Share Suryakant Dwivedi 22 Dec 2022 · 1 min read पतंग गीत इक पंतग है जीवन अपना बस धागों से सैर जाये उड़ती जब यह यारा सब मांगे हैं खैर अभी अभी अंबर चूमा था लेकर नई उड़ान हाथों में थी... Hindi · गीत 144 Share Suryakant Dwivedi 22 Dec 2022 · 1 min read दोहा बेटी बेटी कोमल फूल सी, है बगिया की शान बसती उसके नेह में, बस बाबुल की जान।। सूर्यकान्त द्विवेदी Hindi · दोहा 81 Share Suryakant Dwivedi 21 Dec 2022 · 1 min read क्या करूँगा उड़ कर क्या करूंगा उड़कर मुझे जमीं पर रहने दो उड़ते परिंदों को मैंने धरती पर उतरते देखा नीला था यह गगन पर दाने दाने भटकते देखा भूख प्यास सब है यहीं... Hindi · कविता 120 Share Suryakant Dwivedi 21 Dec 2022 · 2 min read बोध कथा। अनुशासन एक धार्मिक बोध कथा जीवन में कई बार कठोर फैसले लेने पड़ते हैं। घर हो तो फैसले न हों तो घर नहीं चलता। संतान के आगे समर्पण कर दो तो... Hindi · लघु कथा 218 Share Suryakant Dwivedi 13 Dec 2022 · 1 min read मेरे भी अध्याय होंगे मेरे भी अध्याय होंगे जीवन के इस कथा शेष में मेरे भी अध्याय होंगे माना यह पूजा न होगी फिर भी कुछ उपाय तो होंगे। थोड़ा सा संघर्ष होगा थोड़ा... Hindi · कविता 140 Share Suryakant Dwivedi 11 Dec 2022 · 1 min read बंधन बंधन से बंधन के धागे बात बात पर रूठे टूटे बंधन है तो बस पालना सुन लोरी माँ, सो जाते।। ** बंधन से बंधन की बातें बंधन से अंतस की... Hindi · कविता 170 Share Previous Page 2 Next