डॉ. शिव लहरी Language: Hindi 86 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. शिव लहरी 4 Nov 2018 · 1 min read "माँं",क्या लिखूं? माँ,क्या लिखूं? लिखने को शब्द नहीं, विस्तृत सागर,ये बूंद रही। विराट रूप हो तुम माता, भाव इसके कहाँ कही।। माँ, क्या लिखूं? करुणा की मूरत बनाये, ममता की फिर सरयू... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 40 1k Share डॉ. शिव लहरी 14 May 2022 · 1 min read पिता एक सूरज निकल पड़ता हर दिन, जीविका कमाने को। रख दिल मे परिवार, चला खुशियां लाने को ।। न थकता न ही शिकन है, पिता है,ना पत्थर दिल है। पसीना वो बहा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 8 493 Share डॉ. शिव लहरी 19 Oct 2017 · 1 min read आओ दीप जलायें आओ दीप जलायें। आओ दीप जलाये।। ऋषि मुनियों की तपो भूमि में, संस्कारो के बीज उगाये।। आओ दीप जलाये--- आओ दीप जलाये--- हरी धरती, हरे वन है, संसाधन में नहीं... Hindi · कविता 5 3 642 Share डॉ. शिव लहरी 5 Jun 2019 · 1 min read वृक्ष की अभिलाषा भूल जावोगे गिनती, अनगिनत है, मेरे काम। क्या कभी चुकाओगे, कितने ऋण तेरे नाम।। सुबह की सैर भी, करते आकर मेरे पास। सावन के झूलो में भी, चुनते शाखाएँ खास।।... Hindi · कविता 5 4 854 Share डॉ. शिव लहरी 19 Oct 2018 · 1 min read आओ हम दशहरा मनाये आओ हम दशहरा मनाये। सत्य का फिर धनुष चढ़ाये। अनाचार कृत्य, शीशो पर, सदाचार का बाण चलाये।। आओ हम दशहरा मनाये- शक्तियों का दम्भ जो भरते, भोगो से जो मनुजता... Hindi · कविता 5 2 455 Share डॉ. शिव लहरी 22 Apr 2017 · 1 min read कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर) आओ हम लाज बचाये। इस धरती पर पेड़ लगायें।। सुखी धरती, निर्झर सूखे, कूप सूखे तो रह जायेंगे भूखे। आओ हम बून्द बचाये, इस धरती पर पेड़ लगायें।। रूठी नदियां,... Hindi · कविता 4 3 808 Share डॉ. शिव लहरी 14 Aug 2021 · 1 min read आजादी का जश्न आजादी का जश्न, नहीं आसान, सैकड़ों का इसमें, है बलिदान । लटके जो चूमके, फांसी का फंदा, उन्हीं में बसे, भारत माँ के प्राण।। तान के सीना गोलियां खा गये।... Hindi 4 2 733 Share डॉ. शिव लहरी 14 Sep 2017 · 1 min read मेरी हिन्दी हिन्दी की करुण व्यथा का, मैं क्या बयान करूँ? हिन्दी की सब हिन्दी करते, इंग्लिश पर अभिमान क्यों? बात यहाँ की शब्द वहाँ के, चाल यहाँ की,ढाल वहाँ के, हिन्दी... Hindi · कविता 4 2 612 Share डॉ. शिव लहरी 26 Jan 2022 · 1 min read हम सब है भारतवासी हम सब है भारतवासी, भारतीय पहचान बताते है। आओ सब मिलकर हिंदुस्तान बनाते है। जाती धर्म के उपनाम कैसे, अब भारतीय लगाते है। आओ अब फिर से वतन खातिर जां... Hindi · गीत 3 1 988 Share डॉ. शिव लहरी 15 Jan 2023 · 1 min read डर डर के उड़ रहे पंछी डर डर के उड़ रहे पंछी, उन्हें नीड़ तक आना है। ये कैसे जाल बिछ रहे, कैसे पंख बचाना है ।। आशियां उनका वहाँ, सुदूर दरख्त तक जाना है। उड़... Hindi 3 1 303 Share डॉ. शिव लहरी 2 Nov 2018 · 1 min read कीमत एक वोट की तुम क्या जानो, वोट की कीमत ? वोट मेरा अमूल्य है। ये लोकतंत्र की तस्वीर बनाता है। राष्ट्र के निर्माण में, सुनहरी कुंची चलाता है।। तुम क्या जानो, कीमत इसकी... Hindi · कविता 3 1 423 Share डॉ. शिव लहरी 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियां बेटीयां है अनमोल, इनको तु ना तोल। बेटे से बढकर ही, ये करती रखवाली है।। माँ की सहेली है ये, पिता की चिड़कोलि है। भाई के लिए तो जैसे, दुआओं... Hindi · कविता 3 1 1k Share डॉ. शिव लहरी 10 Sep 2021 · 1 min read जय गणराज पूजे हम प्रथम ही, प्रथम करते काज । मेरे मंगल मूर्ति, आओ गणेश आज ।।1।। विघ्न हरो मंगल करो, बुद्धि दो गण राज। प्रकृति ना दूषित हो, उत्सव हो यह... Hindi · दोहा 2 1 506 Share डॉ. शिव लहरी 2 Jun 2023 · 1 min read छाले चल पड़ा हूं लेकर, मेरे गांव का नाम। नहीं है कोई अपना, सिर्फ मेरे है राम। छाले कितने पड़ गये, मन बसा है गांव, रोजी को आया, नहीं शहर में... Poetry Writing Challenge 2 256 Share डॉ. शिव लहरी 4 Jun 2023 · 1 min read स्वास्थ्य स्वास्थ्य है जीवन की प्रथम पूँजी। स्वच्छता स्वास्थ्य की प्रथम कुंजी। शुद्ध पर्यावरण से जुड़ा स्वास्थ्य । इसे दोह रही भौतिकता की गूँजी।। स्वास्थ्य से ही भविष्य और कल। धरती... Poetry Writing Challenge 2 192 Share डॉ. शिव लहरी 3 Mar 2023 · 1 min read परीक्षा ही बदले राहें परीक्षा ही बदले राहें, नव राह दिखाती है। परीक्षा ही अपनो में, अपने खास बताती है। आत्मविश्वास आगे परीक्षा पीछे पाती है। परीक्षा ही देखो सोने को कुंदन बनाती है।... Hindi 2 1 217 Share डॉ. शिव लहरी 20 Sep 2023 · 2 min read तुम बेबाक बोलो, देश कर्णधार तुम बेबाक बोलो, कर्णधार, तुम बेबाक बोलो। कुछ सपनो के दब जाने से, मत खामोशी घोलो।। एक नहीं जीवन पथ में, राहें होती है कई हजार। मंजिल भी सबकी अपनी,... Hindi 2 1 260 Share डॉ. शिव लहरी 1 Oct 2021 · 1 min read वरिष्ठ जन वरिष्ठ नहीं सिर्फ अनुभव के, भंडार होते है स्नेह प्यार के । इन्ही से शुरू होते है हम, यह शिखर है परिवार के । वृद्धजन अधिकारी सम्मान के।। खाते रूखा,... Hindi · कविता 2 2 446 Share डॉ. शिव लहरी 7 Jul 2021 · 1 min read मत लो मजाक मे (भाग 2) मत लो मजाक में, सहयोग करो बचाव में। भूलो ना तीन सूत्र, जीवन आपके हाथ में।। सजग सभी हो जाओ,लड़ना है तेज वार में, मत लो मजाक में, बचना है... Hindi · कविता 2 3 1k Share डॉ. शिव लहरी 6 Oct 2021 · 1 min read जीत कभी जीत कर भी हारता है आदमी, जीतता नहीं जिताता भी है आदमी। हार व जीत दिलों का खेल होता है, कभी हार कर भी जीतता है आदमी ।। "दो... Hindi · मुक्तक 2 342 Share डॉ. शिव लहरी 3 Nov 2021 · 1 min read दीपावली चलो हम दीया सजाये, दीवाली आई दीवाली आई। रोशनी दीये की फैलाये, दीवाली आई दीवाली आई ।। बदली है सूरत यहां अब इस जमाने, खिलते नहीं चेहरे, बन्द क्यों मुस्काने,... Hindi 2 546 Share डॉ. शिव लहरी 17 Dec 2021 · 1 min read सत्यपथ लेकर मशाल अब कौन अड़ा है। परिवर्तन को अब कौन जड़ा है।। मंत्र बता मिल जाते उस ओर , सह लेते है अब करते ना शोर, अन्याय विरोध बजाय बिगुल,... Hindi · कविता 2 1 432 Share डॉ. शिव लहरी 8 Nov 2022 · 1 min read प्रकृति पूजन कार्तिक दोहे- कार्तिक मास देव देवादि अब जगे, होय सुमंगल काज । जागे अब गुरु वृहस्पति, खूब बजेगें साज ।।1 पुनम कार्तिक मास को, होय पवित्र स्नान । पूजे जल धूप... Hindi 2 130 Share डॉ. शिव लहरी 22 Sep 2022 · 1 min read मंजिल मिलती जरूर मंजिल, कितनी लंबी हो डगर। रत्नाकर तक पहुँची है, देखा दरिया का सफर।। पर वह भी रखता है , पर हौसलो से उड़ता है। देखा कभी बाज को,... Hindi 2 249 Share डॉ. शिव लहरी 14 Aug 2022 · 1 min read जान से प्यारा तिरंगा रखा है शीर्ष से ऊपर, सदा ही फहराया रहा । जान से प्यारा तिरंगा , कहीं झुक तो न रहा।। सीने से लगा कर वह, हर हाल में थामे रहा... Hindi 2 1 634 Share डॉ. शिव लहरी 10 Jul 2021 · 1 min read ज़ख्म फ़ितरत इंसान की, भर जाते है, ज़ख्म तन के, समय के साथ। नहीं भरते है, हरे ही रह जाते है, ज़ख्म मन के, समय के साथ ।। करवट बदलते,निद्रा आ... Hindi · मुक्तक 2 514 Share डॉ. शिव लहरी 9 Jul 2017 · 1 min read गुरु और लघु गुरु बिन ज्ञान कहाँ? गुरु बिन ध्यान कहाँ? गुरु बिन कहाँ जीवन, गुरु बिन सम्मान कहाँ।। गुरु बिन राज कहाँ? गुरु बिन साज कहाँ? नहीं चढ़ पाये शिखर, गुरु का... Hindi · कविता 2 1 679 Share डॉ. शिव लहरी 26 Jan 2018 · 1 min read समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि दुनियां की भीड़ में , फसे जा रहे हम , पाने की ललक में , धकेले जा रहे हम। कुछ उम्मीद बनी थी कि नीर मिलेगा , परंतु सुखी नदी... Hindi · कविता 2 792 Share डॉ. शिव लहरी 26 Jul 2018 · 1 min read क्या फर्क पड़ता है? क्या फर्क पड़ता है? आटे में नमक मिलाये। तो क्या फर्क पड़ता है? थोड़ा प्रतिष्ठान बढ़ाकर, घर की ड्योढ़ी सरकाकर, सकडाई से हो दुर घटनाये। क्या फर्क पड़ता है? लोकलुभावन... Hindi · कविता 2 1 590 Share डॉ. शिव लहरी 3 Aug 2018 · 1 min read जिंदगी एक ख़्वाब सी जिंदगी एक ख़्वाब सी, झिलमिल सितारों रात सी, टूटती बेबस नींद यहां, बदलते दिनरात सी। जिंदगी.... कड़कती है बिजलियां, खाली भरती बदलियां, खिलते झरते पुष्प यहां, बदलते मौसम चार सी।... Hindi 2 2 853 Share डॉ. शिव लहरी 19 May 2023 · 1 min read परीक्षा ही बदले राहें परीक्षा ही बदले राहें, नव राह दिखाती है। परीक्षा ही जीवन में, नव सीख सिखाती है। आत्मविश्वास आगे परीक्षा पीछे पाती है। परीक्षा ही देखो सोने को कुंदन बनाती है।... Poetry Writing Challenge 2 1 191 Share डॉ. शिव लहरी 30 May 2023 · 1 min read वन के वासी अनपढ़ कहना ना, शिक्षा प्रकृति की झोली, विषय उसका अलग है, भिन्न रही है बोली। कर्म जिसमें महारथ, शाला उसकी अनोखी, उस्ताद है हुनर का, उसने भी गठरी खोली। कार्य... Poetry Writing Challenge 2 118 Share डॉ. शिव लहरी 4 Jul 2021 · 1 min read वन के वासी अनपढ़ कहना ना, शिक्षा प्रकृति की झोली, विषय उसका अलग है, भिन्न रही है बोली। कर्म जिसमें महारथ, शाला उसकी अनोखी, उस्ताद है हुनर का, उसने भी गठरी खोली। कार्य... Hindi · कविता 2 409 Share डॉ. शिव लहरी 15 May 2023 · 1 min read नीला अम्बर नील सरोवर दिनकर से श्वेत ओर कहाँ। व्योम से स्याह ओर कहाँ। लाल ग़ुलाबी रँगी है धरती, पृथ्वी से रंगीन ओर कहाँ।। नीला अम्बर नील सरोवर। पीली माटी हरे तरुवर। केसरिया केसर... Poetry Writing Challenge 1 497 Share डॉ. शिव लहरी 31 Dec 2022 · 1 min read अब नये साल में शायद बदल जाए यह साल, नए साल में। बदले बंदे, दिल ए हाल ,अब नए साल में।। खुल जाए रास्ते, नहीं हो कोई जाम, छुटे नहीं मंजिल, ना बिखरे मुकाम।... Hindi 1 462 Share डॉ. शिव लहरी 17 Dec 2022 · 1 min read निराशा एक आशा घिरे निराशा के बादल तो क्या हुआ। काली है घनघोर घटा तो क्या हुआ। हरियाली भरी आशा फिर हर्षायेगी। जब यह गरज बरस यूँ चली जाएगी ।। घिरे निराशा के... Hindi 1 263 Share डॉ. शिव लहरी 21 May 2023 · 1 min read डर डर के उड़ रहे पंछी डर डर के उड़ रहे पंछी, उन्हें नीड़ तक आना है। ये कैसे जाल बिछ रहे, कैसे पंख बचाना है ।। आशियां उनका वहाँ, सुदूर दरख्त तक जाना है। उड़... Poetry Writing Challenge 1 273 Share डॉ. शिव लहरी 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियां बेटियां है अनमोल, नहीं इनको तू तोल। बेटे से बढकर ही, ये करती रखवाली है।। माँ की सहेली है, पिता की चिड़कोलि है। भाई के लिये तो जैसे, दुआओं की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 934 Share डॉ. शिव लहरी 21 May 2023 · 1 min read अब नये साल में शायद बदल जाए यह साल, नए साल में। बदले बंदे, दिल ए हाल ,अब नए साल में।। खुल जाए रास्ते, नहीं हो कोई जाम, छुटे नहीं मंजिल, ना बिखरे मुकाम।... Poetry Writing Challenge 1 591 Share डॉ. शिव लहरी 21 May 2023 · 1 min read पिता एक सूरज निकल पड़ता हर दिन, जीविका कमाने को। रख दिल मे परिवार, चला खुशियां लाने को ।। न थकता न ही शिकन है, पिता है,ना पत्थर दिल है। पसीना वो बहा... Poetry Writing Challenge 1 261 Share डॉ. शिव लहरी 21 Oct 2022 · 1 min read व्यक्तित्व नहीं मिलता समंदर में, मेरा अपना किनारा है। बना हूँ चाहे सरोवर सा, पर मेरा अपना नज़ारा है।। (लेखक-डॉ शिव लहरी) Hindi 1 165 Share डॉ. शिव लहरी 14 May 2023 · 1 min read सूरज दादा ड्यूटी पर मेरी भी कुछ दिन ड्यूटी कड़ी है। सुनहरे भविष्य के लिये अड़ी है ।। गाली सुन कर फिर भी तप रहा, जब ही तो आये सावन की झड़ी है।। मेरी... Poetry Writing Challenge 1 365 Share डॉ. शिव लहरी 28 May 2023 · 1 min read मातृ शक्ति कर बंदे तू नारी का सम्मान। रख बंधे तू जननी का मान। मातृ का ही धरा जगत में । जीवन भी इन चरण रज में । जग जगदम्बा सम स्थान।।... Poetry Writing Challenge 1 1 83 Share डॉ. शिव लहरी 28 May 2023 · 1 min read हम सब है भारतवासी हम सब है भारतवासी, भारतीय पहचान बताते है। आओ सब मिलकर हिंदुस्तान बनाते है। जाती धर्म के उपनाम कैसे, अब भारतीय लगाते है। आओ अब फिर से वतन खातिर जां... Poetry Writing Challenge 1 83 Share डॉ. शिव लहरी 30 Aug 2021 · 1 min read भक्ति छंद- जन्माष्टमी प्रेम के तुम सागर हो, मनमोहक अभिराम । हरो आतप जनमन के, आओ मेरे श्याम ।।1।। प्रकटो मुरली धरो, निधि वन करे पुकार । बंशी की मधुर धुन का, व्याकुल... Hindi · दोहा 1 1 849 Share डॉ. शिव लहरी 11 Apr 2018 · 1 min read आओ हम गीत लिखें आओ हम गीत लिखे, कुछ तो इसमे प्रीत लिखे।। बदले है मौसम,बदली है फिजायें, बदले है दिल भी,औ सूरत-ए-अदाएं। आओ फिर से हम, इस पतझड़ में बसंत लिखे।।आओ हम गीत... Hindi · कविता 1 366 Share डॉ. शिव लहरी 26 Jan 2019 · 1 min read बधाई गणतंत्र की लो आज गणतंत्र की बधाई। सैनिको को कोटिशः बधाई।। वतन की खुशियों के खातिर, उन परवानो ने जान गँवाई।। लो आज गणतंत्र की बधाई, लो जनो, लो गणों बधाई। पर... Hindi · मुक्तक 1 361 Share डॉ. शिव लहरी 1 Mar 2019 · 1 min read हम हिंदुस्तानी हम दूर से भले ही,बटें बटें से लगते है, माँ भारती के लिये तो, इकट्ठे डटते है। कँही ग़लतफ़हमी है, मोती बिखरे हुये है, देशप्रेम के धागें में, बहुत कसे... Hindi · कविता 1 580 Share डॉ. शिव लहरी 23 Mar 2020 · 1 min read मत लो मज़ाक में (भाग 1) मत लो अब मजाक में,सहयोग करो बचाव में। जागो, अब ना मौजी बनो,कोरोना की मार में।। जब बहुत हँस लिये,देख पड़ौसी जलते हुये। हंसी नही,खांसी है, देख तमाशा बहुत हुये।... Hindi · कविता 1 2 686 Share डॉ. शिव लहरी 15 Jul 2021 · 1 min read छाले चल पड़ा हूं लेकर, मेरे गांव का नाम। नहीं है कोई अपना, सिर्फ मेरे है राम। छाले कितने पड़ गये, मन बसा है गांव, रोजी को आया, नहीं शहर में... Hindi 1 677 Share Page 1 Next