Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) Tag: कविता 37 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 May 2024 · 1 min read माँ बाप बिना जीवन माँ बाप बिना जीवन जैसे बिन माझी के नाव। लहरों की ठोकरें खाती, कभी इधर तो कभी उधर भागे जाती।। माँ बाप बिना जीवन जैसे बिना कुम्हार के चाक पर... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · Best Poetry · Poertywritingchallange · कविता · दर्द 6 1 9 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 May 2024 · 1 min read मेरी माँ छोटी छोटी बातों से जो खुश हो जाती थी।। रास्ते चलते का दुख दर्द जो बाँट लेती थी।। मेरी माँ ऐसी थी। रोती आँखों को जो हँसा देती थी। अपने... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · Best Poetry · Poertywritingchallange · कविता · प्यारी मां 7 2 9 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 May 2024 · 1 min read राम मंदिर -राम मंदिर बूढे से ले कर बच्चों तक सब ने किया था, जिस का इंतजार। गाँव से ले कर शहर तक, जिस के लिए थे सब बेकरार।। राम लला के... Poetry Writing Challenge-3 · Ayodhyarammandir · Best Poem · Best Poetry · Poertywritingchallange · कविता 7 3 8 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 May 2024 · 2 min read मन्नतों के धागे होते है बेटे अलग होती है लड़को की दुनियां लड़कियों से, बचपन से ही इन को मजबूत बनाया जाता है। मर्द को कभी दर्द नही होता यही सिखाया जाता है।। चोट भी लगे... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · Best Poetry · Boys · Poertywritingchallange · कविता 8 3 9 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 May 2024 · 1 min read माँ का प्यार माँ का प्यार दुनियाँ आज मना रही त्यौहार प्यार का माँ। पर मेरा प्यार तो आप थी, जो जताया नही मैंने कभी। पर तेरे जाने से बहुत, अकेली हो गयी... Poetry Writing Challenge-3 · Girls Pain · Maa · Mothers Love · Poertywritingchallange · कविता 7 3 10 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 May 2024 · 1 min read होली के रंग लाल गुलाबी चुंदडी ,नीली हरी बंधेज। प्रीत रंग में खूब रँगी,पिया मोरा रंगरेज।। होरी का त्यौहार है, छाई सब पर भंग। होरी खेलन मैं गयी,मैं भी रह गई दंग।। रंगों... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · Best Poetry · Happy Holi · Poertywritingchallange · कविता 7 2 10 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 May 2024 · 1 min read आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना आसान नहीं होता सफर घर से होस्टल का, यू तो कहने को इंस्टीट्यूट एक छोटा शब्द मात्र है पर जीतना कठिन यह शब्द बोलने में है उस से ज्यादा कठिनाई... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · Best Poetry · Boys · Poertywritingchallange · कविता 7 4 12 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 May 2024 · 1 min read लड़के रोते नही तो क्या उन को दर्द नही होता लड़के रोते नही तो क्या उन को दर्द नही होता। होता तो बहुत है पर वो उस को जाहिर नही करते। सिर्फ बेटियां विदा ही नही होती घर से। बेटे... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · Boys · Hindi Writers · Poertywritingchallange · कविता 7 3 12 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 May 2024 · 1 min read हर दिन माँ के लिए माँ के लिए कोई विशेष दिन नही बन सकता क्योंकि हमारा हर दिन माँ का ही तो दिया है। माँ से ही तो बेटियों का मायका होता है । माँ... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · Girls Pain · Poertywritingchallange · Women · कविता 7 2 10 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 3 Jan 2019 · 1 min read एक लड़का,जो मुझसे प्यार करता है एक लड़का हैं,जो प्यार मुझसे करता है। हालांकि दुनियाँ से कहने से डरता है। थोड़ा दीवाना सा, थोड़ा प्रेमी सा कुछ पागलपन सा,वो करता है। एक लड़का है,जो प्यार मुझे... Hindi · कविता 9 2 496 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 1 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ तुम जननी हो जीवन जन्म दायनी कितनी पावन सादर नमन है। हे माता तुमसे ही जीवन संभव हुआ मातृ दिवस पे आज तुम्हे वंदन। ओ मेरी जननी तुम से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 44 163 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 1 Nov 2018 · 2 min read मेरे प्यारे बेटे,दिवाली पर घर आ जाओ मेरे प्यारे बेटे राजा जल्दी से घर आ जाओ। दिवाली पर राह तके माँ, कुछ दीप तुम भी जला जाओ, आज बनाई घर मे गुजिया मीठी, मावे की जगह प्यार... Hindi · कविता 8 297 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 25 Oct 2018 · 1 min read आज धरा पर चाँद का मान मर्दन होगा आज धरा पर चाँद का मान मर्दन होगा। जब धरती पर सुहागिनों का मंगल होगा। लगा हाथों में सुंदर मेहंदी लगी हुई होगी। काँच की लाल लाल चूडियों से सजा... Hindi · कविता 9 328 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Sep 2018 · 1 min read ब्रज भाषा हाँ मैं ही ब्रज भाषा हूँ कृष्ण की प्यारी हूँ मैं ब्रजभूमि की सुकमारी हूँ मैं काहे शर्माते हो ब्रज बोली बोलन में हमे तो नाज है अपने मोहन पे... Hindi · कविता 4 656 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 17 Sep 2018 · 1 min read राधा रानी जन्म भाद्र मास शुक्ल पक्ष अष्टमी को , प्रकट भयी राधे रानी सुकमार। दैव लोक से आ रहे, सभी दैवता दर्शन को आज। धन्य धन्य हो रही ब्रज भूमि, जहाँ रावल... Hindi · कविता 4 417 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Sep 2018 · 1 min read एक पगली लड़की सुनो एक पगली सी लड़की तुम्हे बहुत चाहती है तुम सिर्फ उस के हो ये सोच के इतराती है बेइंतहा कोई किसी को चाहे ये मुमकिन तो नही बस खूबसूरत... Hindi · कविता 4 523 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 8 Sep 2018 · 2 min read कलम तो जरिया है कलम तो एक जरिया है, दिल के दर्द जताने का। असल मे हर्फों में बयां हो जाये वो हम नही है। जन्मो लगेंगे तुम्हे हमे समझने में। बहुत आसानी से... Hindi · कविता 4 312 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 18 Aug 2018 · 1 min read अटल कहानी दे गये रोता अंबर भी आज व्यथित हो धरती पर छाया सन्नाटा कैसा। जो थे अटल स्वयं एक रक्षक। सोते हैं आज धरती की गोदी में। होनहार थे जन्म से ही वो... Hindi · कविता 4 446 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 4 Aug 2018 · 1 min read सावन में साजन का संग अच्छा लगता है सावन में साजन से मिलना अच्छा लगता है । मेहंदी और महावर से सजना अच्छा लगता है । ये चूड़ी और कंगना अच्छा लगता है । अमवा की डाली पर... Hindi · कविता 5 439 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 2 Aug 2018 · 2 min read यूँ ही नही एक माँ ,माँ बन जाती है। यूँ ही नहीं एक माँ, माँ बन जाती है। रखती नौ मास गर्भ में सहेज के भूर्ण को वहाँ अपने रक्त से सींच कर उसे शिशु बनाती सहती प्रसव पीड़ा... Hindi · कविता 4 469 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 14 Mar 2018 · 1 min read वर्ण पिरामिड मै सीता पावन पवित्र हूँ सहूँगी नही जुल्म तेरे अब।। ये आज की नारी कमजोर समझ मत तेरी भूल है ये।। हूँ राधा कोमल सुकमारी तेरी दामिनी कमजोर नही हूँ।।... Hindi · कविता 4 367 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 14 Mar 2018 · 1 min read कह मुकरियां ??????? उस से जो मै मिल ना पाऊँ सच कितना ही मैं घबराऊँ मिले चैन, देखु जब तेरा लुक का सखी साजन,ना सखी फेसबुक।। जब से वो जीवन मे आया... Hindi · कविता 4 273 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read ए मेरी जान ए मेरी जान सुन आज तुझे हिसाब लिखू दिल ए बेचैन का राज लिखूँ कैसे गुजरे मेरे दिन मेरी रात लिखूँ। है दिल कितना बेकरार लिखुँ। तुझ पर कुर्बान अपनी... Hindi · कविता 4 276 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read महाकाल कालो के काल महाकाल। प्रचंड है। अखंड है। अलौकिक है। अद्भुत है। क्षम्य है। रक्षक है। भक्षक है। सर्वव्यापी है। अन्तर्यामी है। महाव्यापी है। रुद्र है। महाक्रोध है। ज्ञानी है।... Hindi · कविता 4 565 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 4 Jan 2018 · 1 min read सागर ??????? तेज रेत सी तपती हूँ मै, एक कतरा पानी का जो मिल जाये। ये अगन प्यासे दिल की जो बुझ जाये। हो तुम मेरी जलती हुयी काया के सागर।... Hindi · कविता 4 457 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 4 Jan 2018 · 1 min read अपना हाल लिखूँ ए मेरी जान सुन आज तुझे हिसाब लिखू दिल ए बेचैन का राज लिखूँ कैसे गुजरे मेरे दिन मेरी रात लिखूँ है दिल कितना बेकरार लिखुँ तुझ पर कुर्बान अपनी... Hindi · कविता 4 221 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read कह मुकरियां विधा-कह मुकरियां "रात भयी आके सताये। भोर भयी वो चला जाये। है वो मुझे बहुत प्यारा, है सखी साजन,ना सखी तारा।। आगे पीछे हर पल घूमे गालों को मेरे चूमे... Hindi · कविता 4 365 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read गजल जागती रात अकेली -सी लगे। तन्हाई एक सहेली-सी लगे। मुद्दतो से वीरान है ये दिल मुहब्बत अब पहेली सी लगे छोड के गये वो इस तरह रूह वीरान हवेली सी... Hindi · कविता 5 422 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 21 Apr 2017 · 1 min read अधिकार बात करते हो जब अधिकार की, दिया किस ने है अधिकार नारी को। किया छलनी उस के आत्म-सम्मान को, किया हनन हमेशा ही उस के अधिकार को। बात करो जब... Hindi · कविता 4 1 381 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read नफ़रतें यु पनपती है नफरतो की ना बात करो जनाब हर दिल में रहती है आजकल प्यार से ज्यादा नफरते पनपती है आजकल बदले बदले से रहने लगे है जज्बात सभी बिगड़े बिगड़े रहते... Hindi · कविता 3 271 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read तुम से कुछ कहना है **सुनो ** आज तुम से कुछ कहना है क़ौन हो तुम मेरे लिये ये सब पूछ रहे है जरा उन को भी हाल ए दिल बता दो मेरा धड़क रही... Hindi · कविता 3 302 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read काश मेरे भी एक बेटी होती ए काश मेरे भी एक प्यारी सी बेटी होती परियों से उसे सजाती दो प्यारी सी चोटी तेरी बनाती सुंदर सपनो की दुनियॉ में मैं अक्सर खो जाती खूब सारी... Hindi · कविता 5 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 13 Apr 2017 · 4 min read संस्मरण-आरक्षण एक कोढ संस्मरण-आरक्षण एक कोढ बात मई 2008 की है,हम मुम्बई रहते थे और गर्मी की छुटियाँ बिताने अपने शहर मथुरा आते थे।पति जी को ऑफिस से इतना लम्बी छुटियाँ नही मिलती... Hindi · कविता 3 274 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 10 Apr 2017 · 1 min read दर्द देह व्यवपार का कौन बयान कर सकता है, दर्द, देह के व्यपार का। सजती है महफ़िल, जमती है रौनक, आते है लोग, दौलत बहुत होती है पास होता है रुतबा खास खरीदी चीज... Hindi · कविता 3 409 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read राम मंदिर का दर्द ????? काफिया -आरा रदीफ़ -न हुआ ?????? ************** वाह रे मतलब की दुनियॉ, कोई भी हमारा न हुआ। राम मंदिर को तूल तो दिया , कोई आज तक किनारा न... Hindi · कविता 3 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक "कभी अपनी हँसी पर भी गुस्सा आता है, कभी सारे जहाँ को हँसाने को जी चाहता है। कभी छुपा लेते है गमो को दिल के किसी कोने मे, कभी किसी... Hindi · कविता 3 332 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Apr 2017 · 1 min read दिल के अहसास दिल की गहराई ************** आज फिर से तेरी याद दिल तक जा पहुँची एक कसक उठी और बड़ी गहराई से पहुँची तड़प क्या होती है कोई पूछो हम से जब... Hindi · कविता 3 887 Share