Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2018 · 1 min read

एक पगली लड़की

सुनो
एक पगली सी लड़की
तुम्हे बहुत चाहती है
तुम सिर्फ उस के हो
ये सोच के इतराती है
बेइंतहा कोई किसी को
चाहे ये मुमकिन तो नही
बस खूबसूरत से ख्यालों
में डूब जाती है
दर्द की हर एक
दास्तां वो तुम्हारे साथ
हो कर भूल जाती है
यूँ तो जमाने मे भला
कौन किसी का साथ देता है।
फिर भी ना जाने कौन सा
रिश्ता है जो वो तुमसे
निभाये जाती है।
गुमसुम सी रहती है
अपनी ही ख्यालों की
दुनियाँ में कही वो
एक प्यार का आशियाना
तुम्हारे दिल मे सजाये जाती है।
एक पगली सी लड़की
सोच के उन लम्हो को
वेवजह ही मुस्काये जाती है
गुम हो जाती है अपनी
सजायी इस दुनियाँ में
तुम्हे अपना हमसफ़र
वो बनाये जाती है
एक पगली सी लड़की
आज फिर वेवजह ही
क्यों ना जाने मुस्कुराये
जाती है।
कितनी मासूम है
उस की मुहब्बत की
बदले में वो तुम से
कुछ नही बस दो
मीठी प्यारे बोल
ही मांगे जाती है।
तुम ना समझोगे कभी
उस को ये वो भी
जानती है मगर
बस तुम्हे अपने
प्यार का अहसास
दिलाये जाती है।
वो पगली लड़की
बिन कुछ कहे
बिन कुछ सुने
एक नगमा
एक तरन्नुम सी
गाये जाती है।।

संध्या चतुर्वेदी
मथुरा उप

Language: Hindi
521 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैथिली
मैथिली
Acharya Rama Nand Mandal
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
Sahil Ahmad
शब्दों से बनती है शायरी
शब्दों से बनती है शायरी
Pankaj Sen
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
Dr MusafiR BaithA
"ख़ामोशी"
Pushpraj Anant
प्रारब्ध भोगना है,
प्रारब्ध भोगना है,
Sanjay ' शून्य'
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
बेचारी माँ
बेचारी माँ
Shaily
"ओट पर्दे की"
Ekta chitrangini
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बचपन की सुनहरी यादें.....
बचपन की सुनहरी यादें.....
Awadhesh Kumar Singh
24/252. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/252. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माॅ प्रकृति
माॅ प्रकृति
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
इस तरफ न अभी देख मुझे
इस तरफ न अभी देख मुझे
Indu Singh
रूह की चाहत🙏
रूह की चाहत🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
Dr Archana Gupta
"क्षमायाचना"
Dr. Kishan tandon kranti
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
Dr arun kumar शास्त्री
Dr arun kumar शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
संतोष बरमैया जय
मेरे अंदर भी इक अमृता है
मेरे अंदर भी इक अमृता है
Shweta Soni
Being an ICSE aspirant
Being an ICSE aspirant
Sukoon
मैं सत्य सनातन का साक्षी
मैं सत्य सनातन का साक्षी
Mohan Pandey
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
बहुत संभाल कर रखी चीजें
बहुत संभाल कर रखी चीजें
Dheerja Sharma
छोटे-मोटे कामों और
छोटे-मोटे कामों और
*Author प्रणय प्रभात*
प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
Mahender Singh
💐प्रेम कौतुक-423💐
💐प्रेम कौतुक-423💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...