Bhupendra Rawat Language: Hindi 323 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read देर आये,दुरुस्त आये देर आये,दुरुस्त आये हर्फ़ों का बाज़ार साथ लाये। हर एक पहलू को समझ कर आये पन्नो में सजाते जाए,ये हर्फ़ ही सबको दर्द समझाये। विकास का मुद्दा नझर ना आये... Hindi · कविता 2 4k Share Bhupendra Rawat 1 Sep 2017 · 2 min read बदलते युग में शिक्षा के बदलते उद्देश्य और महत्व शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो जीवन को एक नई विचारधारा प्रदान करता है। यदि शिक्षा का उद्देश्य सही दिशा में हो तो आज का युवा मात्र सामाजिक रूप से... Hindi · लेख 2 2 4k Share Bhupendra Rawat 17 May 2020 · 3 min read स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात शिक्षा का स्तर स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात शिक्षा के गिरते हुए स्तर में सुधार लाने के लिए सत्ताधीश सरकार द्वारा समय समय पर कई प्रयास किये गए । शिक्षा के क्षेत्र में सुधार... Hindi · लेख 3 3k Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read आओ बच्चो खेले खेल आओ बच्चो खेले खेल घोडा,बिल्ली और ये है रेल बड़े अज़ब के है ये खेल किस्म किस्म के है सब खेल आओ मिलकर खेले खेल बचपन के है ये सब... Hindi · कविता 1 1k Share Bhupendra Rawat 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियां देखो जन्म लिया जब मैंने सबसे में अंजान थी। लड़के की चाह में जन्मी इस जग मे मैं बढ़ी मुश्किल से, दुनिया तब बढ़ी हैरान और परेशान थी। लुप्त हो... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Bhupendra Rawat 24 May 2021 · 2 min read हास्य व्यंग्य...... शादी के पश्चात हास्य व्यंग्य..…....... इस व्यंग्य का वास्तविक जीवन से कोई सम्बंध नही है सबसे ज्यादा हंसी तो तब आती है शादी से पहले कामकाजी कही जाने वाली लड़की सबसे ज्यादा काम... Hindi · लघु कथा 3 2 1k Share Bhupendra Rawat 18 Sep 2017 · 1 min read बीते हुए पलों को याद कर मुस्कुराना ही तो ज़िन्दगी है बीते हुए पलों को याद कर मुस्कुराना ही तो ज़िन्दगी है दुःख में तेरा साथ आ जाना ही तो ज़िन्दगी है देख कर पलके झुकाना चुपके से मुस्कुराना ही तो... Hindi · कविता 1 970 Share Bhupendra Rawat 26 Sep 2017 · 1 min read जो नारी का अपमान करेगा जग क्यों उसका सम्मान करेगा जो नारी का अपमान करेगा जग क्यों उसका सम्मान करेगा जिस नारी ने जन्म दिया हे मूर्ख तू कैसे जन्म देने वाली माँ का अपमान करेगा नर्क होगा नसीब तुझे... Hindi · कविता 1 956 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read मान है बेटी सम्मान है बेटी मान है बेटी सम्मान है बेटी घर के आंगन में मुस्कान है बेटी माता पिता की पहचान है बेटी एक नही दो घरों का ईमान है बेटी कई रिश्तों का... Hindi · कविता 1 2 923 Share Bhupendra Rawat 4 Aug 2017 · 1 min read माँ माँ है कभी भूली जाती नही माँ की याद हमेशा सताती रही। बिन माँ के लोरी गाए नींद भी आती नही। माँ सपनों में आ लोरी गाकर सुलाती रही रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 812 Share Bhupendra Rawat 14 Aug 2017 · 1 min read भारत माँ भारत माँ को भी आ गयी शर्म देख कर अपने बच्चों के क्रम अब नही रही बच्चो को लाज़ कर दिया देश का नाम ख़ाक जिस थाली में खाया था... Hindi · कविता 1 783 Share Bhupendra Rawat 9 Aug 2017 · 1 min read माँ माँ तो माँ ही होती है जब भी देखो अपने बच्चों की चिंता में होती है सोए हुए बच्चे होते है वो नींदे अपनी खोयी होती है माँ तो माँ... Hindi · कविता 1 778 Share Bhupendra Rawat 3 Sep 2017 · 1 min read नेता जी को चढ़ा बुखार क्यूंकि चुनाव पड़े है अबकी बार नेता जी को चढ़ा बुखार क्यूंकि चुनाव पड़े है अबकी बार गड़े मुद्दे नेता जी ने दिये उखाड़ हिन्दू मुस्लिम जात - पात का मुदा नेता जी ने दिया उतार... Hindi · कविता 1 792 Share Bhupendra Rawat 11 Jan 2017 · 1 min read माँ.......…... माँ...... आज फिर बच्चा बन जाने को दिल चाहता है माँ तेरे आँचल में छिप जाने को दिल चाहता है। है, सब कुछ आज फिर भी ग़रीब हूँ तेरे प्यार,ममत्व... Hindi · कविता 1 744 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read पत्थर को खुदा पत्थर को खुदा मानने लगे है लोग इंसानो को धुत्कारने लगे है लोग। फल तो इंसानो के कर्म का ही है यहाँ पत्थर को दोषी मानने लगे है लोग। जा-बा-जा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 709 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read माँ मेरी भाग्य विधाता है मैं तेरे चरणों की धूल माँ मेरी भाग्य विधाता है इस जहाँ में मेरा माँ से जन्मों का नाता है माँ ने मुझको जन्म दिया बना मैं माँ का साया... Hindi · कविता 1 759 Share Bhupendra Rawat 4 Aug 2017 · 1 min read माँ माँ है कभी भूली जाती नही माँ की याद हमेशा सताती रही। बिन माँ के लोरी गाए नींद भी आती नही। माँ सपनों में आ लोरी गाकर सुलाती रही रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 673 Share Bhupendra Rawat 12 Sep 2017 · 1 min read जख्म आज भी ताजे हो जाते है जख्म आज भी ताजे हो जाते है जब यादे बनकर वो पल आँखों के समक्ष आ जाते है दर्द होता है उस वक्त जब सारे किस्से फिर वही गीत गाते... Hindi · कविता 2 722 Share Bhupendra Rawat 26 Aug 2017 · 1 min read इंसानियत सबकी मर गयी जग उठा शैतान इंसानियत सबकी मर गयी जग उठा शैतान बाबा को भगवान बना बैठे है ये मूर्ख इंसान अंहिसा का पाठ पढ़ाते थे कल तक आज हिंसा को किया प्रणाम नाज़ाने ढोंगी... Hindi · कविता 1 654 Share Bhupendra Rawat 17 May 2020 · 2 min read आलीशान बंगलो में बैठे मजदूर नीति के निर्माणकर्ता कोरोना महामारी जैसी संकट की स्थिति में आलीशान बंगले में बैठकर मजदूरों की समस्याओं पर व्यख्यान करने वाले समस्त विपक्ष के नेताओ का प्रवासी मजदूरों के प्रति लगाव बहुत ही... Hindi · लेख 4 3 609 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तुम मेरी जान लेकर क्यों ऐसा करती हो मुक्तक.......... तुम मेरी जान लेकर क्यों ऐसा करती हो मेरी हर बात पर तुम क्यों अकड़ती हो तुम आदत बन गयी ,तुमको ये मालूम है भला आदत बन तुम क्यों... Hindi · मुक्तक 1 619 Share Bhupendra Rawat 25 Aug 2017 · 1 min read दिल लगाना कब मना है दिल लगाना कब मना है रुला कर मुस्कराना कब मना है कई तूफाँ आए है यहाँ उफ़ान में कश्ती चलाना कब मना है कांटे ही कांटे हो जब हर तरफ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 583 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read आज के जमाने में आज के जमाने में कौन किसे याद करता है। बिछड़ कर कौन याँ मिलने की फ़रियाद करता है। अक्सर भूल जाते है,अक्स भी कौन पाने की चाह में खुद को... Hindi · कविता 1 535 Share Bhupendra Rawat 19 May 2020 · 1 min read जरा सी जेब भारी हुई लोगों के तेवर बदल गए जरा सी जेब भारी हुई लोगों के तेवर बदल गए बदलते रिश्तों के साथ जीने के ढंग बदल गए आज इंसान इंसानियत को तलाश रहा बदलते मौसम के जैसे आज... Hindi · मुक्तक 5 2 592 Share Bhupendra Rawat 26 May 2021 · 1 min read न पूज तू पत्थर को,तू पूज इंसान न पूज तू पत्थर को,तू पूज इंसान इंसानियत को तू ज़िंदा रख ख़ुदा से कर फरमान,ख़ुदा से कर फरामन कि इंसान जिंदा होए,इंसान अगर ज़िंदा होए तो इंसानियत कदापि न... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 5 607 Share Bhupendra Rawat 8 Jan 2020 · 1 min read ज़िन्दगी की दौड़ में जिम्मेदारियों के बोझ तले चलता हूँ रोज छोटी सी आस लिए निकल पड़ता हूँ ज़िन्दगी की दौड़ में कुछ अपने हैं और कुछ पराए इस भीड़ भरी दुनिया में खुद... Hindi · कविता 1 1 571 Share Bhupendra Rawat 16 Aug 2017 · 1 min read बेटी हाइकु 1 बेटा या बेटी ना करो अपमान एक समान 2 बेटी भी होती परिवार की जान नहीं सामान 3 एक नहीं दो आँगन है रोशन बढाती मान 4 कई... Hindi · हाइकु 1 582 Share Bhupendra Rawat 3 Sep 2017 · 1 min read कभी धुप तो कभी छाव सी है ये ज़िन्दगी कभी धुप तो कभी छाव सी है ये ज़िन्दगी तो कभी बहती नाव सी है ये ज़िन्दगी कभी मंझधार में लटकी तो कभी किनारों की कश्ती है ये ज़िन्दगी कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 542 Share Bhupendra Rawat 31 Jul 2017 · 1 min read जन्नत माता पिता के रूप में ही मुझे मेरा खुदा नज़र आया है माता पिता के चरणों में ही मैंने जन्नत को पाया है | माता पिता के चरणों में ही... Hindi · कविता 1 555 Share Bhupendra Rawat 4 Aug 2017 · 1 min read कदम लडखडाये तो भी आगे चलना होता है क़दम लडखडाये तो सम्भलना होता है मंज़िल हो दूर फिर भी आगे चलना होता है हर कदम पर गिराने वाले मिल ही जाते है उनको पछाड़ मंज़िल की और बढ़ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 633 Share Bhupendra Rawat 17 Jan 2017 · 1 min read न हिन्दू मरा,न कोई मुसलमान,मरा है तो सिर्फ इंसान ना कोई हिन्दू मरा ना ही मरा है कोई मुसलमान इतिहास गवाह है, मरा है तो सिर्फ इंसान। धर्म तो था,और रहेगा नही रहेगा तो इसे चलाने के लिए इंसान।... Hindi · कविता 1 557 Share Bhupendra Rawat 9 Aug 2017 · 1 min read क्या मेरे बिना भी जिंदा रहे पा रहे हो तुम उन्होंने मुझसे एक सवाल पूछा मेरे बिना भी क्या जिंदा रह पा रहे हो तुम हमनें भी मुस्कुराते हुए उनके दिए ज़ख्मो के दर्द को सिया वो ताज्जुब हो गए... Hindi · कविता 1 523 Share Bhupendra Rawat 15 Aug 2017 · 1 min read रात बाकी है अभी आज की पूरी रात बाकी है तेरे मेरे बिच की मुलाकात बाकी है तेरे इंतज़ार में गुज़ार दी है कई रातें आज भी मेरी तुझ से बात बाकी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 521 Share Bhupendra Rawat 22 Jul 2017 · 1 min read दो गज़ ज़मीन दो गज़ ज़मीन याँ किसे नसीब होती है ज़िन्दगी हमेशा मौत के करीब होती है दफ़न हो जाते है याँ लाशों के ढ़ेर में ज़िन्दगी सदा याँ गरीब होती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 567 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read सफिने का समुन्द्र में डूब जाना मुश्किल था मुक्तक....... सफिने का समुन्द्र में डूब जाना मुश्किल था उनके जहां से खुद को बाहर पाना मुश्किल था डूब गया सफीना जब अपने हीआशियाने में समुन्द्र में सफिने को बहाना... Hindi · मुक्तक 1 533 Share Bhupendra Rawat 28 Jul 2017 · 1 min read दर्द ऐ दिल अब तो बताना होगा दर्द ऐ दिल अब......तो बताना होगा जख्म जो दिया है......उसे दिखाना होगा | आशिक़ है याँ सब.........प्यार के मारे हुए कोरे पन्नो पर उनको......दर्द जताना होगा | बिखर जाते है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 563 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read माँ माँ माँ…............. माँ मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ इस जन्म क्या हर जन्म तेरा बेटा होने की मैं ख़ुदा से फरियाद करता हूँ। माँ तेरे आँचल जैसा सुकूँ कहाँ... Hindi · कविता 1 557 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read अब इंतज़ार क्या करना तेरा दीदार क्या करना अब इंतज़ार क्या करना तेरी राह में भटक गए हम अब तेरा इक़रार क्या करना जहाज जब डूब गया किनारे में तो फ़िर समुंद्र को पार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 549 Share Bhupendra Rawat 7 Aug 2017 · 1 min read हम तो उनकी रवानी लिख रहे है हम तो उनकी रवानी लिख रहे है तेरी और मेरी कहानी लिख रहे है वो पढ़े उनकी महेरबानी लिखे रहे है उसके कर्मों की ज़बानी लिख रहे है उनके दिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 497 Share Bhupendra Rawat 8 Aug 2017 · 2 min read कभी मुझे पढ़ लेना तुम कभी मुझे पढ़ लेना तुम कभी मैं तुम्हे पढ़ लूँगा पढ़ कर तुम्हारे जज़्बातों को मैं कोरे पन्नो में लिख दूँगा कभी जो मेरे सपने में तुम चोरी से आ... Hindi · कविता 1 515 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read जब यादों के सहारे जिंदगी जीनी मुश्किल हो जाती है मुक्तक...... जब यादों के सहारे जिंदगी जीनी मुश्किल हो जाती है तो मौत ही एकराह नज़र आती है डूब जाती है कश्ती भी शांत धारा में जब ये अटकने लग... Hindi · मुक्तक 1 490 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read हमकों नहीं घबराना होगा हमकों नहीं घबराना होगा। नदी की बहती धारा जैसे, हमको बढ़ते जाना होगा आंधी,तूफाँ,बरसातों से भी नही हमको घबराना होगा। अटल खड़े पहाड़ो है,जैसे निर्भिक हो टकराना होगा आगे बढ़ते... Hindi · कविता 1 1 518 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read अब हर जगह तू ही तू नज़र आता है अब हर जगह तू ही तू नज़र आता है तेरे बिन सपना भी अधूरा रह जाता है नही होती सुबह तेरे बिन ओ मेरी जाना तेरा तस्सवुर ही तो, दिल... Hindi · कविता 1 502 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read तेरी हर चाल से वाकिफ हूँ मैं तेरी हर चाल से वाकिफ हूँ मैं अनजाने सफ़र का ठहरा मुसाफ़िर हूँ मैं सोच समझकर रखा है क़दम अंगारों में घायल सिरफिरा सा आशिक़ हूँ मैं भूपेंद्र रावत 21।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 506 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2021 · 1 min read चलो झूठ बोले चुनाव का वक़्त है आओ चलो झूठ बोले वर्षों से अटका है, विकास आओ चलो झूठ बोले मज़हब भी तो एक मुद्दा है, हमारे पास चलो झूठ बोले मंदिर,मस्जिद, गिरजा,चर्च... Hindi · कविता 2 2 561 Share Bhupendra Rawat 1 May 2020 · 1 min read कोरोना की जंग तो नही लेकिन कोरोना की जंग तो नही लेकिन भूख और जीवन के बीच दो वक्त की रोटी की जंग आज नही तो कल मार ही डालेंगी भूख की लड़ाई है जीवन से... Hindi · कविता 5 2 509 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read दिन में भी तुम रात में भी तुम हो मेरे अंदर छिपे जज़्बात में भी तुम हो दिन में भी तुम रात में भी तुम हो मेरे अंदर छिपे जज़्बात में भी तुम हो बहती हुई फ़िज़ाओं के एहसास में भी तुम हो मेरे भीतर ख्यालात में... Hindi · कविता 1 502 Share Bhupendra Rawat 4 Sep 2017 · 1 min read अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है आग जो लगी है कल्ब में दिखानी जरूर है तिश्र्गी है आब की वो तो बुझ ही जायेगी तेरी और अपनी कहानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 533 Share Bhupendra Rawat 25 Sep 2017 · 1 min read ना पूछो तुम हाल मेरे दिल का हो गया हाल बेहाल इस दिल का ना पूछो तुम हाल मेरे दिल का हो गया हाल बेहाल इस दिल का दिल के दर्द को आँखों ने पनाह दी बरस गये मोती बनकर दिल लगाने की सज़ा... Hindi · कविता 1 541 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read मेरे जीने का तू ही तो सहारा है जब जहां सोता सारा है नदां दिल ने तुझे पुकारा है चादं तारों के छाव में आवारा दिल हुआ बेचारा है बीमार दिल का तू ही सहारा समुंद्र का तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 461 Share Page 1 Next