Bhupendra Rawat Tag: ग़ज़ल/गीतिका 114 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Bhupendra Rawat 18 Nov 2017 · 1 min read वो जीने की अब दुहाई दे रहा वो जीने की अब दुहाई दे रहा अश्क आँखों में उसके दिखाई दे रहा आँखों का छिपा हुआ दर्द अब लबों से सफाई दे रहा राही बहुत है सफर के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 317 Share Bhupendra Rawat 18 Nov 2017 · 1 min read अपना ऐसा मिजाज़ रहने दो खुद का खुद में राज रहने दो म्यान में बंद उनकी तलवार रहने दो पर्दे के पीछे तब्बसुम का वार रहने दो बिन उनके ज़िन्दगी यार रहने दो हाथों में अपने अखबार रहने दो खुद आप से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 433 Share Bhupendra Rawat 29 Sep 2017 · 1 min read क़िस्मत जिसकी रूठ गयी होगी क़िस्मत जिसकी रूठ गयी होगी उम्मीद उसकी सारी टूट गयी होगी लेकर चला था सफ़ीना अपना दरिया में लहरों से टकराकर कश्ती डूब गयी होगी वफ़ा के किस्से सुनाते थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 260 Share Bhupendra Rawat 25 Sep 2017 · 1 min read ज़िन्दगी में ऐतबार कौन करे ज़िन्दगी में ऐतबार कौन करे , डूब कर समुंद्र में दरिया पार कौन करे ज़िन्दगी तो एक तमाशा है , बेवफाओं से याँ प्यार कौन करे . छीन लिया जिसने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 433 Share Bhupendra Rawat 25 Sep 2017 · 1 min read दर्द है, आँखों से मोती बन निकल ही जायेगा दर्द है, आँखों से मोती बन निकल ही जायेगा सिरफिरा बन अब तू किधर को जायेगा ना होगा साथी कोई तेरे सफर का अब तू ही बता तन्हा बन कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 428 Share Bhupendra Rawat 22 Sep 2017 · 1 min read ख़्वाबों में दुनिया अपनी, बनाए बैठे है ख़्वाबों में दुनिया अपनी, बनाए बैठे है दिल अपना गैरो से लगाए बैठे है क़लम से दोस्ती जब से कर ली है कोरे पन्नो में दर्द सजाए बैठे है टूट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 439 Share Bhupendra Rawat 21 Sep 2017 · 1 min read लबों को सिना जरूरी है जाम दर्द का पीना जरूरी है लबों को सिना जरूरी है जाम दर्द का पीना जरूरी है क्यों इतना मुस्कुरा रहे हो यहाँ दर्द में भी हँसी का लिबाज़ पहनना जरूरी है उनकी यादें तो बदलते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 287 Share Bhupendra Rawat 12 Sep 2017 · 1 min read लोग क़रीब बुलाते है क्यों लोग क़रीब बुलाते है क्यों क़रीब बुलाकर दूर चले जाते है क्यों ख़्वाब दिखा कर झूठे हक़ीक़त में तोड़ जाते है क्यों जब मरहम लगाना नही आता तो जख्म दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 501 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read ज़िंदगी भर उनकी निगाहों में रहा जैसे बहती हुई फ़िज़ाओं में रहा ज़िंदगी भर उनकी निगाहों में रहा जैसे बहती हुई फ़िज़ाओं में रहा तलाशता रहा आशियाना दरख्तों में सुखी हुई टहनी की शाखाओं में रहा बहती रही कश्ती फ़िज़ाओं में मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 216 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read लोग हमेशा सताते रहे लोग हमेशा सताते रहे अश्क़ आँखों में आते रहे तड़पते रहे गए हम उनकी यादों में वो भी सदा अपनी यादों में तड़पाते रहे भटक गए थे चंद क़दम वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 490 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read प्रकति से मत करो खिलवाड़ प्रकति से मत करो खिलवाड़ प्रक्रति है हमारे जीवन का आधार आधार ही नही होगा तो कैसे रहे पाओगे आधार बिन अपनी क्या पहचान बताओगे प्रक्रति ही तो हमारे जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 273 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read वो मुलाकात भी मुलाकात क्या थी वो मुलाकात भी मुलाकात क्या थी दिल में जब उसके जगह ही ना थी वफ़ा की बात भी क्या करते थे अब वो गमज़दा भी ना थी गिरियां हो कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 203 Share Bhupendra Rawat 8 Sep 2017 · 1 min read आज फिर यादों का जन्म हो गया सारी यादों का था कत्ल हो गया आज फिर उससे मिलन हो गया गुज़रा हुआ कल था समक्ष फिर आज फिर दिल में जख्म हो गया दर्द में तड़पते रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 307 Share Bhupendra Rawat 7 Sep 2017 · 1 min read ख़्वाबों को ही अब हम अपना बताते है ख़्वाबों को ही अब हम अपना बताते है हकीकत में वो हमसे दूर ही नजर आते है मोती अब आँखों के खुद ही सूख जाते है जख्म में अब वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 362 Share Bhupendra Rawat 6 Sep 2017 · 1 min read अभी चेहरे पर हिजाब रहने दो अभी चेहरे पर हिजाब रहने दो उसे बंद किताब रहने दो सवाल है ढेरों किताब में सवाल अभी राज़ रहने दो चांद तारों से भरी रात बाकी है बोतल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 417 Share Bhupendra Rawat 5 Sep 2017 · 1 min read इंसानियत का हिज़ाब गायब है इंसानियत का हिज़ाब गायब है अपनों का प्यार ग़ायब है लूट रहे है इंसान यहां इंसानो को आज इंसानो का ईमान ग़ायब है बिक रहा है ईमान बाज़ारों में बाज़ार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 540 Share Bhupendra Rawat 4 Sep 2017 · 1 min read अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है आग जो लगी है कल्ब में दिखानी जरूर है तिश्र्गी है आब की वो तो बुझ ही जायेगी तेरी और अपनी कहानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 635 Share Bhupendra Rawat 3 Sep 2017 · 1 min read ये कैसा हादसा हुआ है ये कैसा हादसा हुआ है अब कैसा रगडा हुआ है जोड़ने की चाह थी दिल को ये तो टूट कर बिखरा हुआ है ठोकरों से बाहर निकल कर दिल फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 316 Share Bhupendra Rawat 3 Sep 2017 · 1 min read कभी धुप तो कभी छाव सी है ये ज़िन्दगी कभी धुप तो कभी छाव सी है ये ज़िन्दगी तो कभी बहती नाव सी है ये ज़िन्दगी कभी मंझधार में लटकी तो कभी किनारों की कश्ती है ये ज़िन्दगी कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 619 Share Bhupendra Rawat 2 Sep 2017 · 1 min read जब तू ही अंजान बन बैठी है खुदा से शिकायत क्या करूँ अब तेरी बगावत क्या करूँ जब तू ही अंजान बन बैठी है तो अपनो की पहचान क्या करूँ गुज़ीदा जवहार थी खान का बता अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 545 Share Bhupendra Rawat 2 Sep 2017 · 1 min read इश्क की गलियों में जनाब दिल सच्चा सा लगता है कुछ कच्चा सा लगता है अभी बच्चा सा लगता है इश्क की गलियों में जनाब दिल सच्चा सा लगता है उकूबत है इश्क में ग़ालिब तभी दिल बिखरा सा लगता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 435 Share Bhupendra Rawat 27 Aug 2017 · 1 min read अब वो यार हमारा है देखिये अब वो यार हमारा है देखिये ऐसा प्यार हमारा है देखिए दिलकश अदा है उसकी मारने वाली अब बिमार दिल हमारा है देखिये ज़िन्दगी अब तुम ही तो हो वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 322 Share Bhupendra Rawat 27 Aug 2017 · 1 min read मरहम के नाम पर जख्म देकर कहाँ चल दिये इश्क़ फरमाकर ज़नाब कहाँ चल दिए मरहम के नाम पर ज़ख्म देकर कहाँ चल दिए रोशन गलियों से निकाल कर अँधेरे में छोड़कर कहाँ चल दिए मरते दम तक साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 553 Share Bhupendra Rawat 26 Aug 2017 · 1 min read नबी नही ज़ालिम वाइज वो खुदा से शिक़ायत कैसी है अब ये इनायत कैसी है फ़ाइक ने जब किया हो फ़रेब तो फ़तवे पर फ़ित्ना की जरूरत कैसी है फ़ाइक--श्रेष्ठ,महान फ़त्वा= न्यायिक आदेश फ़ित्ना= विद्रोह,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 450 Share Bhupendra Rawat 25 Aug 2017 · 1 min read खुद पर गुमान कैसा है ख़ुद पर गुमान कैसा है अब ये इंतकाम कैसा है जब फ़िदा हो दिल दुश्मन पर तो हाथों में ये जाम कैसा है जब खिंज़ा हो हर तरफ तो बागों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 294 Share Bhupendra Rawat 25 Aug 2017 · 1 min read दिल लगाना कब मना है दिल लगाना कब मना है रुला कर मुस्कराना कब मना है कई तूफाँ आए है यहाँ उफ़ान में कश्ती चलाना कब मना है कांटे ही कांटे हो जब हर तरफ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 686 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क़ में वफ़ा कीजिए इश्क़ में वफ़ा कीजिये नही तो ग़मज़दा कीजिए नज़र में क्यों रखा है अपनी अब सदा केलिए दफ़ा कीजिए अंदर ही अंदर क्यों पी रहे हो दर्द दर्द ज़रा शब्दों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 317 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read अब इंतज़ार क्या करना तेरा दीदार क्या करना अब इंतज़ार क्या करना तेरी राह में भटक गए हम अब तेरा इक़रार क्या करना जहाज जब डूब गया किनारे में तो फ़िर समुंद्र को पार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 620 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क़ से शिकायत भी बहुत थी इश्क़ से शिकायत भी बहुत थी दिल ने दी हिदायत भी बहुत थी इश्क़ की गलियों में दिल ने की आज़माईश भी बहुत थी इश्क़ में जुदाई की रातों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 243 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क में सताया भी बहुत है इश्क में सताया भी बहुत है इश्क में रुलाया भी बहुत है बहती रही कश्ती पानी में कश्ती को डुबाया भी बहुत है आग को लगाया भी बहुत है जंगल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 358 Share Bhupendra Rawat 22 Aug 2017 · 1 min read दर्द का ज़ाम पीना नही आया ज़िन्दगी को ज़ीना नही आया दर्द का ज़ाम पीना नही आया दर बदर भटकते रहे ज़ालिम दुनिया में पर लोगों को समझना नहीं आया नक़ाब तो हज़ार थे इस जहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 466 Share Bhupendra Rawat 22 Aug 2017 · 1 min read अश्क़ देने यार फिर आ गए अश्क़ देने यार फ़िर आ गए लबों की हँसी चुराने आ गए मीठी मीठी बाते करके ज़हर पिलाने आ गए शांत बहती हुई धारा में कश्ती यार डुबाने आ गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 385 Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read खो गया बचपन किसी कोने में खो गया बचपन किसी कोने में खेलने के दिन नसीब नही झोली में पढ़ाई के दिनों काम में लग गए बचपन के दिन यूं ही गुज़र गये नदां हम बचपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 351 Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read कर यार बस ज़ख्म दिए इतने उसने कहा अब तू कर यार बस ग़म जदा हो गए वो अब ग़म देकर गये वो यार बस तोहमत थी उनकी क़ल्ब (दिल)में दर्द देकर गये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 443 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read फिर नसीब होगा तू बडा खुश नसीब होगा वो तेरे दिल के करीब होगा जब भी होगा नाम तेरा लबों पर उस दिन तेरा नसीब होगा जिस दिन पिएंगे ज़ाम नाम का तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 548 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read मेरे जीने का तू ही तो सहारा है जब जहां सोता सारा है नदां दिल ने तुझे पुकारा है चादं तारों के छाव में आवारा दिल हुआ बेचारा है बीमार दिल का तू ही सहारा समुंद्र का तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 485 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read इरादा कर लिया क्या इश्क़ करने का इरादा कर लिया क्या बर्बाद होने का इरादा कर लिया क्या कश्ती अपनी तूफानों में ले चले डूबने का इरादा कर लिया क्या मरहम नही है इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 502 Share Bhupendra Rawat 19 Aug 2017 · 1 min read दर्द है फिर भी जिए जा रहा हूँ तुम्हारे बगैर भी जिए जा रहा हूँ दर्द है फिर भी पिए जा रहा हूँ लबों को अपने सिये जा रहा हूँ ग़म जुदाई का पिए जा रहा हूँ क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 497 Share Bhupendra Rawat 19 Aug 2017 · 1 min read अब तुम आती भी हो तो बताती नही अब तुम आती भी हो तो बताती नही एहसास अपने आने का कराती नही हवा के झरोख़ों सी आती हो चुपके से छूकर जाती नही फ़लक से दोस्ती कर ली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 507 Share Bhupendra Rawat 18 Aug 2017 · 1 min read जिंदगी ने मुझे पाठ पढ़ाया है जिंदगी ने मुझे पाठ पढ़ाया है ठोकरों ने मुझे जीना सीखाया है कदम कदम पर भटकता रहा मैं हर पल ठोकरों ने मुझे समय के अनुरूप ढलना सीखाया है समय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 311 Share Bhupendra Rawat 17 Aug 2017 · 1 min read मैं जो भी हूँ तेरी ही तो मेहरबानी है मैं जो भी हूँ तेरी ही तो मेहरबानी है हालातों से लड़कर पहचान बनानी है कल तक तेरे सहारे खड़ा था मैं अब अपने सहारे जिंदगी बितानी है दर्दों का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 451 Share Bhupendra Rawat 17 Aug 2017 · 1 min read ज़िन्दगी तेरी होने लगी है ज़िन्दगी तेरी होने लगी है सपनों में तेरे खोने लगी है लब भी नाम तेरा बुदबुदाते है अब तेरी आदत सी होने लगी है कोरे पन्नो में नाम तेरा नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 305 Share Bhupendra Rawat 17 Aug 2017 · 1 min read खिलिंगे फूल गुलशन में खिलेंगे फूल गुलशन में तुम पास आओ तो जरा गुल फिर होगा गुलज़ार प्यार जताओ तो जरा तुम्हारी मेहरबानी में जिंदा है माली बन प्यार दिखाओ तो जरा मुरझा गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 316 Share Bhupendra Rawat 16 Aug 2017 · 1 min read दिल लगाया ना होता दिल ने धोखा खाया ना होता नदां दिल तुझसे लगाया ना होता अगर समझता तेरी चालाकियों को तेरे पास दिल कभी आया ना होता बदलते मौसम की तरह बदल गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 357 Share Bhupendra Rawat 15 Aug 2017 · 1 min read रात बाकी है अभी आज की पूरी रात बाकी है तेरे मेरे बिच की मुलाकात बाकी है तेरे इंतज़ार में गुज़ार दी है कई रातें आज भी मेरी तुझ से बात बाकी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 578 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read ज़िन्दगी भर मैं सफ़र में रहा ज़िन्दगी भर मैं सफ़र में रहा तन्हा रहा फिर भी जिंदा रहा ज़िन्दगी बशर कर दी उनके इंतज़ार में उनके आने की आस लिये जिन्दा रहा हमनें कब माना था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 390 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read शहर में उड़ती हुई ख़बर आयी है शहर में उड़ती हुईएक ख़बर आयी है कुछ मासूमों ने अपनी जान गवाई है कही सफ़ेद कपड़ो में दाग ना लग जाए इसलिए आपातकाल में मीटिंग बुलाई है आज तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 444 Share Bhupendra Rawat 10 Aug 2017 · 1 min read पेश वो अदब से आते नही पेश अदब से वो अब आते नही दुखड़ा अपना अब सुनाते नही दोस्ती फरिश्तों से कर ली है अपना अब वो हमें बताते नही मुस्करा कर वो दूर जाते रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 349 Share Bhupendra Rawat 9 Aug 2017 · 1 min read वो मेरे जर्रे जर्रे में बस्ती है मुझे अब हिचकी आती नही याद उसकी मुझे सताती रही वो मेरे जर्रे जर्रे में बस्ती है हर एक जर्रे में दर्द समाती रही गमज़दा है वो अब सदा के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 427 Share Bhupendra Rawat 7 Aug 2017 · 1 min read हम तो उनकी रवानी लिख रहे है हम तो उनकी रवानी लिख रहे है तेरी और मेरी कहानी लिख रहे है वो पढ़े उनकी महेरबानी लिखे रहे है उसके कर्मों की ज़बानी लिख रहे है उनके दिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 575 Share Previous Page 2 Next