Neelam Sharma Tag: कविता 202 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neelam Sharma 19 Aug 2017 · 1 min read अनुप्रास अलंकार सादर प्रेषित हर पल घटता झीना झरना सम, जीवन जल है। शनै:शनै: कम होती आयु,त्वम जीवन छल है। रह रह रतिभ्रम में मानव हृदय विकल विह्लल है । सरल सोम्य... Hindi · कविता 1 2k Share Neelam Sharma 25 Dec 2016 · 3 min read किन्नर ......माँ के नाम एक पाती , जो लिखी है रह जाती माँ के नाम एक पाती , जो लिखी है रह जाती किन्नर ...... कहते हैं मनुष्य गलतियों का पुतला है.यह सार्वविदित व स्वीकार्य भी है ,किंतु ईश्वर ! क्या ईश्वर... Hindi · कविता 1 2k Share Neelam Sharma 16 Jun 2017 · 1 min read मुस्कान मुस्कुराहट तेरे होठों पर खिलती जो,मेरे चेहरे की वो रौनक है। मुस्कुराहट-मुस्कान तेरी, कभी है शहद, कभी नमक है। सुन, दिव्य आभा और नूर सहेजे है तेरी मुस्कान। हृदय मेरे... Hindi · कविता 1k Share Neelam Sharma 4 Aug 2017 · 1 min read स्वाभिमान स्वाभिमान को मारकर जीना यह न तुम स्वीकार् करो ओरों के उपकार पर जीना, खुद पर है धिक्कार अहो। माना परिभाषाएं स्वाभिमान की,बस शब्दों में सीमित हैं। मूल्य संज्ञान अब... Hindi · कविता 1 1k Share Neelam Sharma 8 Jun 2017 · 1 min read अनुराग प्रणय स्नेह अनुरक्ति प्रेम और अनुराग जीवन की बगिया खिलाते जैसे पुष्प पराग। अनुराग है कण कण में, अनुराग है जन्म मरण में। अनुराग है नभ और थल में, है... Hindi · कविता 1 1 1k Share Neelam Sharma 19 Aug 2017 · 1 min read करुण रस है बैठी भू,वसुधा,अति सुन्दरी भावुक और चिन्तालीन प्रदूषण,प्रलय भय से व्याकुल,स्वर्णिम हुई अति मलीन। नवल कोमल सौरभ मय सुंदर सरसिज शोभा कभी पाते थे तितली,बुलबुल, कोयल,मधुकर भी कितने आनंदित हो... Hindi · कविता 1k Share Neelam Sharma 17 Jul 2017 · 1 min read फूलों की बगिया मदहोश दिवाना हुआ भंवर,अलि मधुकर है बवराया देख कोंपले बगिया में षटपद भृंगी होमंत्रमुग्ध भरमाया। भूला पुष्प सहेजें शूल,रहा कलियों पर भ्रमर वो झूल, खूब खिले सुमन कुसुम मंजरी रंग... Hindi · कविता 1k Share Neelam Sharma 4 Jun 2017 · 1 min read धागे धागे मजबूत डोर होते हैं, अनमोल रिश्तों के धागे। कभी भी जो नहीं टूटे, हैं मजबूत जोड़ ये धागे। हर समस्या का हैं होते,सफल तोड़ ये धागे प्रीत का बंधन... Hindi · कविता 1 1k Share Neelam Sharma 15 Aug 2017 · 1 min read कविता चाहो उड़ालो हमारी हसीं,हंसता हर पल छोड़ जाऊंगा। सुन मैं तो झोखा हूं हवाओं का साथ उड़ा ले जाऊंगा। मैं तो बहता दरिया हूं ए जहां न तू रोक मुझे... Hindi · कविता 997 Share Neelam Sharma 14 Jul 2017 · 1 min read मन मयूर देखो नाचता मन मयूरा, हैं पंख छितराये, मेरा पंख फैलाने को जी चाहता है। नहीं पंख इसके, मगर दिल एक पंछी उन्मुक्त उड़ जाने को, जी चाहता है। बिगुल हैं... Hindi · कविता 881 Share Neelam Sharma 31 Jul 2017 · 1 min read जन्नत कहां ढूंढता मानव तू ,उक़बा, ख़ुल्द,बहिश्त और जन्नत। इरम,ग़ैब,कौसर सब यहीं है,तू कर्म कर और मांग मन्नत। स्वर्ग, बैकुण्ठ, परलोक,सुरलोक और देवलोक भी यहीं है। प्राकृतिक सौंदर्य ग़र बचाले, स्वर्गिक... Hindi · कविता 1k Share Neelam Sharma 16 Jun 2017 · 1 min read दोस्ती और प्यार दोस्ती और प्यार है दोनों में गूढता अपार...... न बदलें हैं न बदलेंगे दोस्ती और प्यार के मायने। इनके समय बेहतर परस्पर सरोकार के मायने। अगर दोस्ती दामन है तो... Hindi · कविता 2 889 Share Neelam Sharma 31 Jan 2020 · 1 min read सायली छंद पता नहीं क्यो? यादों के पन्ने आज फिर फड़फड़ाते। मोह के धागे तेरी उँगलियों में, जा उलझे क्यों? संभली तुफानो से समंदर में फँसकर हिदायतें लिख दी। सहेजती अश्रु अँखियाँ,... Hindi · कविता 4 1 728 Share Neelam Sharma 13 Nov 2018 · 1 min read मां माँ (1) जननी, माँ, प्रसू,धात्री,वत्सला,सुदर्शना ममतामयी ओस कणों सी निर्मल कोमल जीवन बगिया सरसा गयी आँखों में है नीर तेरे ,माँ त्याग है तेरे आँचल में नित कष्ट नए सहकर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 67 717 Share Neelam Sharma 19 Nov 2017 · 1 min read अंदाज अपना अपना कभी भी छेड़ दो नीलम, हृदय का साज अपना है। नहीं पीटा ढिंढोरा आज तक, कुछ ऐसा राज़ अपना है। नहीं कुछ आम,सुन ऐ सनम जब मैं खुद ही हूं... Hindi · कविता 725 Share Neelam Sharma 13 Aug 2017 · 1 min read कृष्ण हे वासुदेव केशव सर्वपालक तुम्हारा क्या मैं अर्थात लिखूं? तुम अच्युत, गोपाल, उपेंद्र, पुरुषोत्तम क्या मैं यथार्थ लिखूं। हे परमआनंद,सागरअनंता, कामसांतक,कंस वधकर्ता अद्भुत सौंदर्य के स्वामी, किन शब्दों में परमार्थ... Hindi · कविता 2 666 Share Neelam Sharma 16 Jul 2017 · 1 min read आवाज़ का आगाज़ घोष,ध्वनि,नाद,बन धड़कन, गूँजती साँसों में मधुर तेरी याद । रौरव,शब्द ,आवाज़, सुन कण-कण मुखर हर साज़। आहट,कोलाहल,कलरव,रव, और वाद तेरी चाहत गूंजती बन उल्लसित उर उन्माद। धूम,ग़ुल,उच्चारण कृष्ण बांसुरी सम... Hindi · कविता 736 Share Neelam Sharma 22 May 2017 · 1 min read सिंदूरी शाम सिंदूरी शाम थककर है आया देख सूरज सांझ की बांहों में, शर्म से हो गई सांझ सिंदूरी। भोर बोली कि सूरज मेरा है पास तेरे आना बस है मजबूरी। कुछ... Hindi · कविता 701 Share Neelam Sharma 10 Jun 2017 · 1 min read इंसान इंसान क्यों न रहा इंसान तू बता ए मानुष मनुष्य, तू क्यों रहा न आदमी बता यह नर रहस्य l एेसा हुआ क्या जो बना तू असुर और निशाचर, है... Hindi · कविता 652 Share Neelam Sharma 7 Jul 2017 · 1 min read आफताब वो आफताब है महफिल का उसे चमकने दो यारों वो माहताब है दिल का उसे चहकने दो यारों उसी के आने से खिलती है मेरे जीवन की फुलवारी वो गुलाब... Hindi · कविता 621 Share Neelam Sharma 14 Aug 2017 · 1 min read माखन चोर क्यों मैया मुझे माखनचोर सब कहते? मैं चोरी नहीं करता। थोड़े से माखन मिश्री से भला किसका पेट मां भरता। मां कल तो हद ही पार हो गई, मिलीं बरसाने... Hindi · कविता 645 Share Neelam Sharma 28 Apr 2018 · 2 min read पावस ऋतु हरित त्वरित प्रकृति लहराई,सप्त रंग पहनी सावन पाग। पड़ी पहली पावस बूंद अधर,गया योवन रोम-रोम में जाग। सादर प्रेषित। प्रदत्त शब्द :-पावस खड़ी बोली हिंदी विधा:-स्वतंत्र कविता दिन :-शनिवार दिनांक:-२८-०४-२०१८... Hindi · कविता 1 604 Share Neelam Sharma 7 Jul 2017 · 1 min read नारी नारी तेरे कई रूप तू वसुधा तुझमें समाए सब स्वरूप चंचल तन है और मन निर्मल व्यवहार भी कुशल और वाणी कोमल सदैव समर्पिता तू , ममता का आँचल |... Hindi · कविता 665 Share Neelam Sharma 8 Nov 2017 · 1 min read कविता ढल रहा है क्षितिज तले भानु शिथिल होकर, हो रही अलंकृत सांझ, कुछ सुरमई सी होकर। बाट जोहती सिंदूरी संध्या फैली गगन में, पी से मिलन की है सहेजे नव... Hindi · कविता 572 Share Neelam Sharma 26 Oct 2017 · 1 min read गिद्ध जीवन की आपाधापी में सूनापन ही संग बस रह गया हाय,मतलबी गिद्धों के बीच इक ठूंठा तरु बस रह गया थी कभी हरियाली मम जिंदगी और वृद्ध वृक्ष पर आज... Hindi · कविता 591 Share Neelam Sharma 19 Nov 2017 · 1 min read बीस वर्ष दिल के अरमान, सुनहरे सपनों की डोर पिया है तुमसे बांधी। तुमसे रिश्ता मेरा नहीं तोड़ पाई, तुम्हारे कुछ रिश्तों की आंधी। मुझको तन्हा किया जिनकी खातिर, सदा ढूंढें वो,रिश्तों... Hindi · कविता 659 Share Neelam Sharma 24 Dec 2017 · 1 min read नौजवान हे ऊर्जस्वित नोजवान लहू तुम तुम गतिमान रहो सदा हर्ष में। बदल दो तस्वीर राष्ट्र-सुदेश की मानवीय मूल्य चमके उत्कर्ष में। नव पीढ़ी तुम नव प्रभात में, अग्रसर रहो ले... Hindi · कविता 1 557 Share Neelam Sharma 8 Jun 2017 · 1 min read जब चांद घिरा बादलों में। देख अकेला रजनीश को एक दिन आ घेरा मेघों ने। परिवेश भयावह बना दिया होकर एकजुट घने काले मेघों ने। विशाल गगन में था चांद अकेला नहीं साथ थे तारे।... Hindi · कविता 610 Share Neelam Sharma 11 Dec 2017 · 1 min read ओस ओस अहा! प्रभात ऊषा बेला में,किसने छिड़की ओस की बूंदें। श्वेत धवल मोती की सी लड़ी, होती ओस की बूंदें। कौन जोहरी है गया भूल,ये उज्ज्वल चौंध के हीरे। देख... Hindi · कविता 587 Share Neelam Sharma 29 Jun 2017 · 1 min read जीवन की कहानी जीवन की कहानी पाँच तत्त्वों में सीमित हमारी जिंदगानी है। पृथ्वी,अग्नि,आकाश,हवा और पानी है। यही जीवन की कहानी है। जीवन हर क्षण युद्ध कुरुक्षेत्र है जिसमें सत्य को विजय दिलानी... Hindi · कविता 611 Share Neelam Sharma 9 Apr 2018 · 1 min read आहुति आहुति जीवन चक्र के अग्निकुंड संग, नित वेदी बनकर सजती हूं। आहुति स्व उम्मीदों की,,,,,निस हवन में स्वयं को तजती हूं। छूने सूरज- चांद-तारे बढ़,नीले अंंबर की चोटी चढ़ती हूं।... Hindi · कविता 2 549 Share Neelam Sharma 21 Nov 2017 · 1 min read किस्मत सुन,लगी है फिर से रेस,मुझमें और मेरे हालात में। देखो बैठी है मेरी किस्मत लगाकर अचूक घात में। मैं तो उलझनों से उभरने का खोज रही थी मौका देकर मुझे... Hindi · कविता 573 Share Neelam Sharma 13 Aug 2017 · 1 min read कृष्ण हे वासुदेव केशव सर्वपालक तुम्हारा क्या मैं अर्थात लिखूं? तुम अच्युत, गोपाल, उपेंद्र, पुरुषोत्तम क्या मैं यथार्थ लिखूं। हे परमआनंद,सागरअनंता, कामसांतक,कंस वधकर्ता अद्भुत सौंदर्य के स्वामी, किन शब्दों में परमार्थ... Hindi · कविता 1 669 Share Neelam Sharma 17 Jun 2017 · 1 min read आंसू आंसू हृदय की घनीभूत पीड़ा का, अद्भुत अहसास हैं आंसू। बीती कटु और मधुर स्मृतियां लाते पास हैं आंसू। करुण कलित असहनीय विरह का विकल राग हैं आंसू। प्रिय की... Hindi · कविता 519 Share Neelam Sharma 25 May 2018 · 1 min read दौलत-ए-बचपन दौलत-ए-बचपन......…✍️ सुनों, बेहिसाब सी गलतियाँ होती हैं बचपन की बेशुमार दौलत। देतीं हैं सबक भी अनेकोंबार और संग सुधरने की हज़ार मौहलत। बचपन की दौलत होतीं हैं, दादी-नानी की कहानियाँ।... Hindi · कविता 1 545 Share Neelam Sharma 21 Jul 2017 · 1 min read कल्पना अकल्पनीय स्वर्णिम कल्पना मेरे इंद्रधनुषी रंगें ख्वाब हैं। दिव्य प्रकाश पुंज अद्भुत फैला बहुरंगी और नायाब है। फिज़ाएं भी रंगी हुई, वातावरण रंगा हुआ। आकाश गंगा की धारा ने, स्वच्छंद... Hindi · कविता 1 518 Share Neelam Sharma 13 Jan 2018 · 1 min read सत्ता विधा :- कविता दिनांक:-13/01/2018 सादर प्रेषित दी गई शब्दावली संग नाओनोश - बहुत शराब पीना नक्बत - दुर्भाग्य निगेहबाँ - पहरे दार रक्षक महफ़िल - सभा सनक - पागलपन प्रभुत्व... Hindi · कविता 530 Share Neelam Sharma 20 Jun 2017 · 1 min read देखा है तपती रातों में हमने मौसम को सर्द देखा है। तुम्हारे दर्द में हमने हमारा दर्द देखा है। बदलती दुनिया में हमने गिरगिट का शागिर्द देखा है मौका फिराक लोगों को... Hindi · कविता 542 Share Neelam Sharma 30 Sep 2017 · 1 min read कविता प्रत्येक जीव से पूछ रहे, क्या खग मृग मधुकर श्रेनी जो बसती मम उर- हृदय, क्या तुम देखी सुमृगनैनी। अधर लगाइ रस दिया सीय पुष्प खिले उपवन में पिया हिय... Hindi · कविता 1 566 Share Neelam Sharma 25 Apr 2018 · 1 min read माटी का सजीव पुतला बना सजीव माटी का पुतला,थी कुदरत उत्साहित। बीच चौरासी योनि थी हुई, अद्भुत सुकृति निर्मित। नीलम नभ में घुमा चाक,स्वयं प्रकृति ने माटी सानी। सोचा कि नव निर्माण करेगा और... Hindi · कविता 1 515 Share Neelam Sharma 28 Jun 2018 · 1 min read खोता बचपन दो वक्त की दाल- रोटी को है, देखा लाचार होता बचपन, गुटके-बीड़ी और अगरबत्तियों में देखा धुंआ होता बचपन। कूड़े के ढेर और गंदे इनालों में, स्व पहचान नित खोता... Hindi · कविता 2 529 Share Neelam Sharma 7 Jul 2017 · 1 min read सुकून उड़ गया जो तेरे गम में ,वो दिन-रात का सुकून है जो छाया है रहता हम पर, तेरे इश्क का वो जुनून है मत भूल कि खुशियों की जो बारात... Hindi · कविता 512 Share Neelam Sharma 8 May 2018 · 1 min read तूफान तूफान...….!!! उठ रहा जो हृदय मेरे,तीव्र जिसके अति झोंकें। रेतिले-बर्फीले इस तुफान को कोई तो रोके। अस्मिता लूटता रहा,मानव तू क्यों दानव सा होके। ले आज प्रकृति क्रोधित हुई,रुकती नहीं... Hindi · कविता 1 492 Share Neelam Sharma 22 Nov 2017 · 1 min read तिमिर तिमिर सुन,स्याह तिमिर के पीछे देखो,झांक रहे हैं उजियारे हटाकर घटा तम की,कर उजास अंधियारे जो गलियारे। क्यों चुरा बैठी है अमा तू झिलमिलाते चांद सितारों की तरुणाई, बस तब... Hindi · कविता 504 Share Neelam Sharma 23 Nov 2017 · 1 min read राहगीर शब्द - मुसाफिर हे पंथी,राही,अथक राहगीर पथ भूल न जाना पथिक कहीं । सुन पथ में बहुत हैं तीक्ष्ण शूल, तो कष्ट अत्यधिक होंगे हीं। लता पुष्प वल्लरियां चाहे हो... Hindi · कविता 489 Share Neelam Sharma 7 Jul 2017 · 1 min read अश्रु बदरी अश्रु बदरी हूँ दुःख से भरी अश्रु बदरी मैं बरसूँ या खामोश रहूँ रश्मि विमुख हुई जीवन से किससे जाकर ये बात कहूँ। बिन सरिता तरिणी डूब रही आकर मैं... Hindi · कविता 501 Share Neelam Sharma 29 Jun 2018 · 1 min read मेघ मनुहार मेघ मनुहार बादल- बदली कर रहे शीर्ष गगन मनुहार सजल नयन में ढूँढते, जन्म जन्म का प्यार। क्षितिज पार अंबर ऊपर, धवल मेघ संसार नयन नयन में हो रहा अभिव्यक्ति... Hindi · कविता 3 498 Share Neelam Sharma 9 Jan 2019 · 1 min read बाकी है ख्वाबों के आकाश में, अभी तो पंख फैलाएँ हैं मैंने मंजिल । असली उड़ान होसलों की , ज़िन्दगी में अभी बाकी है देनें हैं कई इम्तेहान अभी ज़िन्दगी के नीलम... Hindi · कविता 546 Share Neelam Sharma 5 Jan 2018 · 1 min read तन्हा रास्ते तन्हा रास्ते.... कोई होता जिसको अपना,हम अपना कह पाते कान्हा तू भी पास नहीं सुन मेरे,जिसको मैंने अपना जाना। तन्हा तन्हाई बस संग है और हुई दुनिया बेरंग है दूर... Hindi · कविता 1 511 Share Neelam Sharma 7 Feb 2019 · 1 min read करते साजन का अभिनंदन। माथे की बिंदिया चमचम, पैरों में पायल की छनछन, हाथों में कंगन की खनखन, रुनझुन छनके कमरबंद, करते साजन का अभिनंदन। रिश्ता अपना खुशबू चंदन, रहे दीप्त क्षितिज-सा यौवन, नित... Hindi · कविता 1 491 Share Page 1 Next