Neelam Sharma Tag: कविता 202 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neelam Sharma 13 Nov 2018 · 1 min read मां माँ (1) जननी, माँ, प्रसू,धात्री,वत्सला,सुदर्शना ममतामयी ओस कणों सी निर्मल कोमल जीवन बगिया सरसा गयी आँखों में है नीर तेरे ,माँ त्याग है तेरे आँचल में नित कष्ट नए सहकर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 67 717 Share Neelam Sharma 31 Jan 2020 · 1 min read सायली छंद पता नहीं क्यो? यादों के पन्ने आज फिर फड़फड़ाते। मोह के धागे तेरी उँगलियों में, जा उलझे क्यों? संभली तुफानो से समंदर में फँसकर हिदायतें लिख दी। सहेजती अश्रु अँखियाँ,... Hindi · कविता 4 1 728 Share Neelam Sharma 18 Sep 2023 · 1 min read कूल नानी नानीजी मेरी हैं बड़ीं कूल। पर छोटा हूँ;वह जाती भूल।। अलग ही चलते इनके रूल। हँसकर कहतीं चल तू स्कूल।। ग्यारह माह का अबोध भला कभी कहीं स्कूल को जाता... Hindi · कविता 4 164 Share Neelam Sharma 19 Mar 2024 · 1 min read अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी । संघर्ष पथ की संगिनी नारी तू पत्नी, प्रिया,कभी अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी । चलती रहती प्राण पथ हरदम अकेली जीवन है पाषाण पथ,नहीं कोई सहेली। कैद करती दुख के तिमिर को मुट्ठियों... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 1 97 Share Neelam Sharma 29 Jun 2018 · 1 min read मेघ मनुहार मेघ मनुहार बादल- बदली कर रहे शीर्ष गगन मनुहार सजल नयन में ढूँढते, जन्म जन्म का प्यार। क्षितिज पार अंबर ऊपर, धवल मेघ संसार नयन नयन में हो रहा अभिव्यक्ति... Hindi · कविता 3 498 Share Neelam Sharma 3 Jul 2018 · 1 min read जल हैं बाट जोहती नल पर....... कुछ सोच रहीं क्यों जल जीवन? कुछ कलश सहेजे कमर पर। हैं बाट जोहती नल पर......... कोई न नद जल कूप शेष बिन छाँव बिलखते,हृदय... Hindi · कविता 3 2 327 Share Neelam Sharma 15 Nov 2018 · 1 min read बच्चों जैसे पौधे सूने घर के बंजर आंगन में,कुशा रूप उगे रोंये कुछ बीजों से सजी है बगिया,कुछ गमलों ने संजोए। हर एक बीज बूढ़ी अम्मा ने था, बहुत स्नेह से बोया वही... Hindi · कविता 3 2 270 Share Neelam Sharma 15 May 2019 · 1 min read वोट सुधरेगा समाज सुन नीलम, सही चुनाव से कम होगा तनाव। मत घर बैठो,आदर्श नागरिक बस एक वोट से करो बदलाव। अटके न कहीं ग़लत निर्णय से, विकासशील सुदेश की नाव।... Hindi · कविता 3 4 345 Share Neelam Sharma 16 Jun 2017 · 1 min read दोस्ती और प्यार दोस्ती और प्यार है दोनों में गूढता अपार...... न बदलें हैं न बदलेंगे दोस्ती और प्यार के मायने। इनके समय बेहतर परस्पर सरोकार के मायने। अगर दोस्ती दामन है तो... Hindi · कविता 2 889 Share Neelam Sharma 9 Apr 2018 · 1 min read आहुति आहुति जीवन चक्र के अग्निकुंड संग, नित वेदी बनकर सजती हूं। आहुति स्व उम्मीदों की,,,,,निस हवन में स्वयं को तजती हूं। छूने सूरज- चांद-तारे बढ़,नीले अंंबर की चोटी चढ़ती हूं।... Hindi · कविता 2 549 Share Neelam Sharma 4 Jun 2018 · 1 min read पर्यावरण दिवस या विवश? पर्यावरण विवश!!! विश्व स्तर पर फैला प्रदूषण, कर पर्यावरण को विवश। देखो,मात्र कुछ वृक्ष लगाकर, मन रहा पर्यावरण दिवस। ये तो वही बात हो गई कि माँ को समय पर... Hindi · कविता 2 464 Share Neelam Sharma 19 Jun 2018 · 1 min read नाव डगमग डगमग डोले मनवा, ,,,,,,,,,बाल हृदय अनोखा चाव है। आओ देखो बंटी - बबली क्या खूब बनी कागज की ये नाव है। पहली बूंद पावस की पाकर, हरित वसुधा का... Hindi · कविता 2 306 Share Neelam Sharma 21 Jun 2018 · 1 min read वीरां गाँव ग़मगीन सूनी सारी गलियाँ,उजाड़-वीरां सारे गाँव, कंक्रीट हृदय,उजड़ी बस्ती,नहीं शेष पेड़ों की छाँव। निर्जन नहीं गाँव कूचे गलियाँ रिश्ते भी वीरां हुए हैं, सुन,झूठे मुखोटों के पीछे,बस कौवों की काँव... Hindi · कविता 2 354 Share Neelam Sharma 28 Jun 2018 · 1 min read खोता बचपन दो वक्त की दाल- रोटी को है, देखा लाचार होता बचपन, गुटके-बीड़ी और अगरबत्तियों में देखा धुंआ होता बचपन। कूड़े के ढेर और गंदे इनालों में, स्व पहचान नित खोता... Hindi · कविता 2 529 Share Neelam Sharma 5 Jan 2019 · 1 min read गिला किसे पुछूँ ? है ऐसा क्यों ? हुई हाय क्या ख़ता है। कहाँ ढूढूं ? वो मीठे पल,सनम जब बेवफा है। बेजुबान है इश्क मेरा, नहीं इसकी जुबां है। तेरी... Hindi · कविता 2 297 Share Neelam Sharma 15 May 2019 · 1 min read वोट सुनो-सुनो आदर्श नागरिकों,,,,आज मातृदिवस है, भ्रष्टाचारियों के कुशासन से,,,माँ भारती विवश हैं। करते प्रेम तुम मातृभूमि से,तो कर कर्त्तव्य निभाव, बहुमूल्य हर एक वोट है,,,,करें सद्बुद्धि से चुनाव। प्रजातंत्र के... Hindi · कविता 2 303 Share Neelam Sharma 2 Jan 2024 · 1 min read विराम चिह्न विराम अर्थ होता है -'रुकना'! बच्चों रखना ध्यान। अभिव्यक्ति में ठहराव का करवाता यह भान।। भाषा को जीवंत बनाता 'विराम चिन्ह' का ज्ञान। 'विराम चिह्न' के शुद्ध प्रयोग से आती... Hindi · कविता · विराम चिह्न 2 2 158 Share Neelam Sharma 7 Feb 2024 · 1 min read श्रृंगार माथे की बिंदिया चमचम, पैरों में पायल की छनछन, हाथों में कंगन की खनखन, रुनझुन छनके कमरबंद, करते साजन का अभिनंदन। रिश्ता अपना खुशबू चंदन, रहे दीप्त क्षितिज-सा यौवन, नित... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 86 Share Neelam Sharma 5 May 2024 · 1 min read प्रेम तुझे जा मुक्त किया "प्रेम तुझे अब मुक्त किया!" अपनी श्वासों को प्राण वायु से क्यों कान्हा तुमने रिक्त किया। अव्यक्त रही उर अभिव्यंजनाओं पर पहरेदार नियुक्त किया।। जन्म जन्म की प्रीत नहीं है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 26 Share Neelam Sharma 6 May 2024 · 1 min read किताब-ए-जीस्त के पन्ने किताब-ए-जीस्त के पन्ने उलटते रहते हैं । भरे तुफानों में जीवन सिमटते रहते हैं। हुईं हैं आँखें उनींदीं तुम्हारी चाहत में, तेरी जुदाई में करवटें बदलते रहते हैं। कभी मिला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 24 Share Neelam Sharma 25 Dec 2016 · 3 min read किन्नर ......माँ के नाम एक पाती , जो लिखी है रह जाती माँ के नाम एक पाती , जो लिखी है रह जाती किन्नर ...... कहते हैं मनुष्य गलतियों का पुतला है.यह सार्वविदित व स्वीकार्य भी है ,किंतु ईश्वर ! क्या ईश्वर... Hindi · कविता 1 2k Share Neelam Sharma 4 Jun 2017 · 1 min read धागे धागे मजबूत डोर होते हैं, अनमोल रिश्तों के धागे। कभी भी जो नहीं टूटे, हैं मजबूत जोड़ ये धागे। हर समस्या का हैं होते,सफल तोड़ ये धागे प्रीत का बंधन... Hindi · कविता 1 1k Share Neelam Sharma 5 Jun 2017 · 1 min read दरमियां उन्वान- दरमियां......। हर रोज़ न सही मगर कभी कभी दरमियां तेरे मेरे कुछ तो है अजनबी खींचता है मुझे किसी चुंबक की तरह। है अंजाना सा जो रिश्ता, मैं क्या... Hindi · कविता 1 369 Share Neelam Sharma 8 Jun 2017 · 1 min read अनुराग प्रणय स्नेह अनुरक्ति प्रेम और अनुराग जीवन की बगिया खिलाते जैसे पुष्प पराग। अनुराग है कण कण में, अनुराग है जन्म मरण में। अनुराग है नभ और थल में, है... Hindi · कविता 1 1 1k Share Neelam Sharma 19 Jul 2017 · 1 min read कविता वाह री कुदरत क्या खूब रची मानव की सुसंरचना कुशाग्र बुद्धि और जीवन से भरी तेरी यह रचना। तरु विटप वल्लरी वन उपवन है,हरित और घना दृढ़,विशाल, अडिग पाहन, गिरी,... Hindi · कविता 1 485 Share Neelam Sharma 2 Aug 2017 · 1 min read चांद अनंत अपार नीले अंबर में में देखो चंद्रमा रह रहा। बादलों संग गोष्ठी में आज मानों है,उनसे कह रहा- चहुं ओर पृथ्वी कण कण तक पहुंचने दो शीतला मेरी। न... Hindi · कविता 1 1 367 Share Neelam Sharma 4 Aug 2017 · 1 min read स्वाभिमान स्वाभिमान को मारकर जीना यह न तुम स्वीकार् करो ओरों के उपकार पर जीना, खुद पर है धिक्कार अहो। माना परिभाषाएं स्वाभिमान की,बस शब्दों में सीमित हैं। मूल्य संज्ञान अब... Hindi · कविता 1 1k Share Neelam Sharma 13 Aug 2017 · 1 min read कृष्ण हे वासुदेव केशव सर्वपालक तुम्हारा क्या मैं अर्थात लिखूं? तुम अच्युत, गोपाल, उपेंद्र, पुरुषोत्तम क्या मैं यथार्थ लिखूं। हे परमआनंद,सागरअनंता, कामसांतक,कंस वधकर्ता अद्भुत सौंदर्य के स्वामी, किन शब्दों में परमार्थ... Hindi · कविता 1 669 Share Neelam Sharma 19 Aug 2017 · 1 min read अनुप्रास अलंकार सादर प्रेषित हर पल घटता झीना झरना सम, जीवन जल है। शनै:शनै: कम होती आयु,त्वम जीवन छल है। रह रह रतिभ्रम में मानव हृदय विकल विह्लल है । सरल सोम्य... Hindi · कविता 1 2k Share Neelam Sharma 17 Sep 2017 · 1 min read एहसास प्रेम का एहसास है कुछ खास समझ लेता है हृदय नयनों की भाष। कुछ तो पा ही लेते हैं प्यार की मंजिल कुछ तड़पते हुए बनजाते हैं बस ज़िंदा लाश।... Hindi · कविता 1 1 461 Share Neelam Sharma 28 Sep 2017 · 1 min read वक्त बांध कर घड़ी कलाई पर,भ्रम देखने का जिसको है। समय, वक्त और काल भला दिखा नीलम कब किसीको, मगर जीवन में वो ज़ालिम, सुनो,बहुत कुछ दिखा गया। विद्यालय में पोथी... Hindi · कविता 1 459 Share Neelam Sharma 30 Sep 2017 · 1 min read कविता प्रत्येक जीव से पूछ रहे, क्या खग मृग मधुकर श्रेनी जो बसती मम उर- हृदय, क्या तुम देखी सुमृगनैनी। अधर लगाइ रस दिया सीय पुष्प खिले उपवन में पिया हिय... Hindi · कविता 1 566 Share Neelam Sharma 4 Nov 2017 · 1 min read खयाल सुन, तेरी उल्फतों पर मलाल आ गया, बनी आंखें झरना,हाथ रुमाल आ गया। जब यूं ही बैठे बैठे खयाल आ गया, तब समंदर में दिल के भुचाल आ गया। लरजते... Hindi · कविता 1 1 230 Share Neelam Sharma 24 Dec 2017 · 1 min read नौजवान हे ऊर्जस्वित नोजवान लहू तुम तुम गतिमान रहो सदा हर्ष में। बदल दो तस्वीर राष्ट्र-सुदेश की मानवीय मूल्य चमके उत्कर्ष में। नव पीढ़ी तुम नव प्रभात में, अग्रसर रहो ले... Hindi · कविता 1 557 Share Neelam Sharma 5 Jan 2018 · 1 min read तन्हा रास्ते तन्हा रास्ते.... कोई होता जिसको अपना,हम अपना कह पाते कान्हा तू भी पास नहीं सुन मेरे,जिसको मैंने अपना जाना। तन्हा तन्हाई बस संग है और हुई दुनिया बेरंग है दूर... Hindi · कविता 1 512 Share Neelam Sharma 30 Mar 2018 · 1 min read आसमां आसमान किस असमंजस में है, नीलम अंंबर का गलियारा। क्यों ये आसमां गुमसुम,क्यूं चुप आसमान ये सारा। चांद तारों की सभा सजी है,पूनो का फैला उजियारा। चुप सा है विशाल... Hindi · कविता 1 329 Share Neelam Sharma 21 Apr 2018 · 1 min read किसान प्रदत्त शब्द- किसान दिनांक-21/4/18 दिन-शनिवार नित रोप बीज कर्म, वसुधा पर,किस्मत से सु-आस संजोता हूँ। रखुँ अकळामण उम्मीद धरा से,जिस हिये हल चुभोता हूँ। जोत-जोत काया धरिणी की,कण-कण मैंने कर... Hindi · कविता 1 473 Share Neelam Sharma 22 Apr 2018 · 1 min read वसुधा दो हाथों की अंजुरी में सहेजती प्रकृति परिवेश। मानव तेरे स्व-लोभ में घर - नगर बचे न ही देश। हाहाकार मचा धरा,नहीं जल-उपवन-अन्न शेष। क्यूँ तू प्रलय लाने तुला,धरा क्यूँ... Hindi · कविता 1 214 Share Neelam Sharma 25 Apr 2018 · 1 min read माटी का सजीव पुतला बना सजीव माटी का पुतला,थी कुदरत उत्साहित। बीच चौरासी योनि थी हुई, अद्भुत सुकृति निर्मित। नीलम नभ में घुमा चाक,स्वयं प्रकृति ने माटी सानी। सोचा कि नव निर्माण करेगा और... Hindi · कविता 1 515 Share Neelam Sharma 27 Apr 2018 · 1 min read बेकली बेचैन दिल की धड़कन,सुन हवाएं बेचैन हैं, न सकुन दिन में हासिल रातों को भी न चैन हैं। पथराई संवेदना सब ओर बेकली है, कोई नहीं बताता, किश्ती किधर चली... Hindi · कविता 1 320 Share Neelam Sharma 28 Apr 2018 · 2 min read पावस ऋतु हरित त्वरित प्रकृति लहराई,सप्त रंग पहनी सावन पाग। पड़ी पहली पावस बूंद अधर,गया योवन रोम-रोम में जाग। सादर प्रेषित। प्रदत्त शब्द :-पावस खड़ी बोली हिंदी विधा:-स्वतंत्र कविता दिन :-शनिवार दिनांक:-२८-०४-२०१८... Hindi · कविता 1 604 Share Neelam Sharma 8 May 2018 · 1 min read तूफान तूफान...….!!! उठ रहा जो हृदय मेरे,तीव्र जिसके अति झोंकें। रेतिले-बर्फीले इस तुफान को कोई तो रोके। अस्मिता लूटता रहा,मानव तू क्यों दानव सा होके। ले आज प्रकृति क्रोधित हुई,रुकती नहीं... Hindi · कविता 1 492 Share Neelam Sharma 16 May 2018 · 1 min read कविता सुनों, शहरीकरण की आधुनिक चकाचोंध से परे कभी कोशिश की है नारी के अस्तित्व को पहचानने की, जानने की। उस स्त्री शक्ति की जो सिल्क, मलमल और फैशन के क्षितिज... Hindi · कविता 1 398 Share Neelam Sharma 16 May 2018 · 1 min read कविता नारी बनाम मील का पत्थर......! सादर प्रेषित सुनो!ईश्वर की रची सर्वाधिक सुंदर कृति है 'स्त्री'। प्रकृति ने उसे कोमल अवश्य बनाया है , पर उसने परंपराओं से बाहर निकलकर मील... Hindi · कविता 1 487 Share Neelam Sharma 17 May 2018 · 1 min read कविता आ मेरे सपनों के सौदागर, मेरी बाहों में खो जाओ। प्रेम की बौछार से साजन, नीलंबर को ताल बनाओ। इंद्रधनुषी रंगी हैं फिजायें, गुलाबी है अंबर गुलाबी हवाएं। स्नेह की... Hindi · कविता 1 242 Share Neelam Sharma 25 May 2018 · 1 min read दौलत-ए-बचपन दौलत-ए-बचपन......…✍️ सुनों, बेहिसाब सी गलतियाँ होती हैं बचपन की बेशुमार दौलत। देतीं हैं सबक भी अनेकोंबार और संग सुधरने की हज़ार मौहलत। बचपन की दौलत होतीं हैं, दादी-नानी की कहानियाँ।... Hindi · कविता 1 546 Share Neelam Sharma 28 May 2018 · 1 min read कल्पना एक कला कल्पना एक शक्ति एक कला कल्पना निरभ्र गगन में उन्मुक्त पंछी कल्पना रोचक रोमांचक स्वछंद उड़ान। कल्पना सप्तरंगी सपनों का मधु प्रारब्ध, मन देह की सीमाओं में जो नहीं होती... Hindi · कविता 1 437 Share Neelam Sharma 31 May 2018 · 1 min read पाबंद मगर स्वतंत्र नारी पाबंद मगर स्वतंत्र नारी...... पाबंदी-ए-आवाज़ लगा, ,,,,,,कहते हो तुम स्वतंत्र नारी। पाबंदी-ए-परवाज़ लगा, ,,,,,कहते हो तुम स्वतंत्र नारी। पाबंदी लबों पर लगादी, ,,,,,,,कहीं गुनगुना न पाऊँ मैं। पाबंदी ख्वाबों पर... Hindi · कविता 1 380 Share Neelam Sharma 7 Jun 2018 · 1 min read एक विचार शब्द- मंथन,कथन, चिंतन, सृजन,हनन मंथन,मथना अथार्त गूढ़ तत्त्वों की छान-बीन, बिन मंथन निष्कर्ष पर,पँहुचे दीन मति हीन। चिन्तन बाधाओं के निवारण का है प्राकृतिक साधन। चिंतन विचारार्थ समस्याओंं का मानसिक... Hindi · कविता 1 244 Share Neelam Sharma 4 Feb 2019 · 1 min read सेल्फि सुनो,आज करते हम घोषित सेल्फि अपनी, खुशी से पोषित। हम भी खुश हो सकते हैं जी दुखों को कर देंगे, हम शोषित। आओ चलो सब पोज़ बना लें कोई हँसे,... Hindi · कविता 1 266 Share Page 1 Next