Ranjana Mathur Tag: कविता 253 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read क्या लिखूँ उखड़ा है मन लेखनी का मन में उठ रहा है बवाल आखिर लिखूँ तो क्या लिखूँ दिल में आते हैं कई खयाल क्या लिखूँ? प्रताड़ित होती नारी पर छिड़ा नारी... Hindi · कविता 2 1 279 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read मैं नदिया हूँ मैं हिम शिखर की तनया अब्धि की हूँ मैं प्रियतमा । डगर डगर है नीर प्रवाहित कहीं न ठहरा और न थमा । मैं तरंगिणी उज्जवल निर्मल कल-कल सदा... Hindi · कविता 1 239 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read विद्या जीवन का हर क्षण देता है हमें सदा शिक्षा और ज्ञान। विद्या धन वृद्धि ही पाता यदि करते हम इसका दान।। बालक की शिक्षा व पढ़ाई उसको प्रदान करती विद्या।।... Hindi · कविता 234 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read नारी हृदय ममता से आप्लावित स्नेह में सृष्टि मुझसे हारी। नेह लुटाती प्यार बहाती जीव पर मेरी दया बलिहारी। सृष्टि टिकी है जिसके बल पर मैं वह परमात्मा की कृति प्यारी... Hindi · कविता 254 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read तेरे बिन रूह भी चाहती न दूरी है आपके बिन ये जां अधूरी है इब्तिदा दिन की होती तुझसे ही सांस भी तेरे बिन न पूरी है तिश्नगी इश्क की न मिट... Hindi · कविता 393 Share Ranjana Mathur 25 May 2019 · 1 min read हुई जीत विश्वास की भारत पुत्र हुआ है विजयी सारे शत्रु हुए हैं आहत। जीत सदा सत्य की होती आज हुआ यह सच साबित। सद्सेवा में मग्न सत्पुरुष बना शत्रु की आँख का कांटा।... Hindi · कविता 1 244 Share Ranjana Mathur 28 Mar 2019 · 1 min read दीप और बाती लौ उसकी यूँ देखी इठलाती तो पूछा उठा दीप री बाती तू क्यूँ इतना इतराती श्रयण तो दिया है मैंने ही तुझे अपने अंतस में वरना तेरा क्या मोल वर्तिका... Hindi · कविता 259 Share Ranjana Mathur 28 Mar 2019 · 1 min read ॐ सूर्याय नमः दिया तुम्हें मालिक ने यह नगीना अनमोल दे रहा जो हर इक को उसके हिस्से की/धूप /ऊष्मा /ताप बेमोल/बगैर नाप-तौल किस में है इतना दम उसके न्याय पर कुछ सके... Hindi · कविता 327 Share Ranjana Mathur 28 Mar 2019 · 1 min read स्वागत है अभिनन्दन आओ! स्वागत है अभिनन्दन!! माँ ले खड़ी है हल्दी चंदन! पिता करे अगवानी नन्दन! जन जन का है तुमको वन्दन! आओ! स्वागत है अभिनन्दन!! शौर्य तुम्हारा अप्रतिम अद्भुत साहस अविचल... Hindi · कविता 344 Share Ranjana Mathur 28 Mar 2019 · 2 min read मेंहदी नेह प्रेम की प्यारी मेंहदी, है हम नारियों का सौभाग। रचती रहे यूँ ही हाथों में, जुग-जुग जीता रहे सुहाग।। देख सखी ये तेरी-मेरी, हैं सुन्दर रची हथेलियाँ। आज सुहाग... Hindi · कविता 335 Share Ranjana Mathur 25 Mar 2019 · 1 min read " जय श्री राम " श्री राम जय राम जय जय राम हर सुख दुख में लूं तेरा ही नाम। तू ही है मेरा जीवन दाता तू ही हमारा भाग्य विधाता तू ही बनाए मेरे... Hindi · कविता 368 Share Ranjana Mathur 24 Mar 2019 · 1 min read तुमको नमन आज शहादत पर उन वीरों की कितनों के झुकते हैं शीश। देश के लिए बलिदान हो गये स्वतंत्र भारत जिनकी है बख्शीश। स्मरण है किस किसको आज जिनके बूते आज़ादी... Hindi · कविता 227 Share Ranjana Mathur 22 Mar 2019 · 1 min read सतरंगी मीठे फल प्यारे लाल रंग का गोल सेब है हरे रंग का है अमरूद। पीला पीला मस्त आम है और हरे भरे गुच्छे अंगूर। नारंगी होता है संतरा और चीकू का रंग है... Hindi · कविता · बाल कविता 527 Share Ranjana Mathur 21 Mar 2019 · 2 min read नमन तुमको आओ हम उस वीर धरा का विश्व से परिचय कराएं। गौरवशाली भारत वैभव का परचम फिर लहराएं।। अविच्छिन्न था देश हमारा सकल विश्व में था विख्यात। उत्तुंग हिमालय किरीट सजे... Hindi · कविता 528 Share Ranjana Mathur 21 Mar 2019 · 1 min read काष्ठकार हैं कहलाते कोई कहे बढ़ई कोई कहता है खाती कोई हमको कहता है सुतार लकड़ी है हमारी रोजी रोटी हम कहलाते हैं काष्ठकार ???? मिला हमें पूर्वजों से विरासत में काष्ठकारी का... Hindi · कविता 316 Share Ranjana Mathur 21 Mar 2019 · 1 min read राम का घर कुंभ समाप्ति पर अयोध्या, में होगी संतन भीड़। बने राम मंदिर ही वरना, यहीं हमारा नीड़। हर हृदय में बसे राम लला, दुखी क्यों हो जनाब। सीमा टूटी धीरज की... Hindi · कविता 1 544 Share Ranjana Mathur 21 Mar 2019 · 1 min read कान्हा संग होली पूजा की थाली सजी लड्डू गोपाल संग रोली अक्षत भोग भी है अबीर गुलाल संग। संग-संग होलिका के बैर को जलाना है प्यार और स्नेह के रंगों से सजाना है।... Hindi · कविता 240 Share Ranjana Mathur 21 Mar 2019 · 1 min read तुम सा कोई नहीं पूजनीया माँ की जयन्ती पर प्यारी माँ को सस्नेह समर्पित ?? माँ तुम सा न कोई कभी था और कभी न हो सकता इक इक पल का प्यार तुम्हारा आज... Hindi · कविता 1 1 267 Share Ranjana Mathur 14 Mar 2019 · 1 min read चुनमुन हूँ मैं मैं छोटी सी चुनमुन हूँ ऊधम खूब मचाती हूँ हर दम मस्ती करती रहती चाहे जहाँ गिर जाती हूँ। कभी गिरूं मैं पलंग पर से कभी गिरूं चलते चलते कभी... Hindi · कविता · बाल कविता 1 511 Share Ranjana Mathur 13 Mar 2019 · 1 min read कैसे खेलूं होली फागुन आया लेकर सखी फिर से होली का त्योहार। कैसे खेलूं होली जब बिछुड़ा है मेरे तन-मन का शृंगार।। सरहद पर वे खेल गये दुश्मन संग खूं की होली। सखी... Hindi · कविता 300 Share Ranjana Mathur 13 Mar 2019 · 1 min read गरीब बेटी अंतड़ियाँ जब कुलबुलाती हैं तब बुझानी होती है एक असह्य अगन जो कई दिनों से उधार चल रही कई-कई उदरों की जन्म दाता हो जाते विवश उसको असहाय छोड़ने सूनी... Hindi · कविता 263 Share Ranjana Mathur 9 Mar 2019 · 1 min read न आसान परिभाषा तुम्हारी दुर्गा सरस्वती और लक्ष्मी की होती प्रतिबिंबित छवि जिसमें वह होती है नारी। घर परिवार की खातिर जग पर पड़े जो अकेली ही भारी वह होती है नारी। जिसने निज... Hindi · कविता 269 Share Ranjana Mathur 2 Mar 2019 · 1 min read कैसे लिखूँ कतरा-कतरा जोड़ स्व रुधिर का बन पड़ी थी निर्मात्री जिस सुत की उर के उस टुकड़े के विकीर्ण कण-कण को आज समेट रक्त रंजित हो सिरह उठा आंचल ममत्व का... Hindi · कविता 252 Share Ranjana Mathur 22 Feb 2019 · 1 min read सरहद पे जवान खड़े सरहद पे जो जवान हैं मेरे भारत की दृढ़ चट्टान हैं। जिनके फौलादी होते हैं सीने भुजबल में जिनकी दमखम है जिनकी कठिन त्याग तपस्या के बल पर ही... Hindi · कविता 350 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2019 · 2 min read वह होती है माँ कहा किसी ने मुझसे कि बेटा हर टेढ़ी मुश्किल में इस जग में किससे रखे तू आशा बिन सोचे समझे मैं बोली माँ......... पूछा गया फिर मुझसे बता क्या है... Hindi · कविता 293 Share Ranjana Mathur 19 Feb 2019 · 1 min read सैनिक भारत का हर इक सैनिक शिलात्मज भारत का हर बांकुरा है चट्टान हहराता है उनसे तो काल भी आ तू रणभूमि में करते हम आव्हान ओ तुच्छ अधम ! ओ... Hindi · कविता 1 192 Share Ranjana Mathur 7 Feb 2019 · 1 min read माँ तुझे नमन तू स्पर्श है तू जीवन है इस संसार में मेरे अस्तित्व का अहसास है तू तू कुसुम है तू सुगंध है आदि-अंत जग हो सुरभित वह महकती सुवास है तू... Hindi · कविता 284 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2019 · 1 min read काश ! ऋतु वसंत में वो मूंदते हैं अँखियों को काली रातों में आस किरण के संजो स्वप्न कि खुलेंगी पलकें तो शायद होगी कोई नव वासंती भोर सम्मुख हमारे भी और... Hindi · कविता 478 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2019 · 1 min read सखि! बसंत आया है। झर-झर झरे वो पात पुराने नव पल्लव स्वर खिलखिलाया है प्रेम राग हर शाख ने गाया ऋतुओं ने सेहरा सजाया है सुना है सखि! बसंत आया है। सुदल हो रहे... Hindi · कविता 313 Share Ranjana Mathur 29 Jan 2019 · 2 min read सुन ले मूरख भारत वीरों के गर्जन सम्मुख, सिंह दहाड़ भी फीकी है ओ मूर्ख पड़ोसी तूने क्या यह तुच्छ बात भी नहीं सीखी है। ओछी हरकत छोड़ अधम तू वरना तू पछताएगा... Hindi · कविता 437 Share Ranjana Mathur 29 Jan 2019 · 1 min read सूरज दिया तुम्हें मालिक ने यह नगीना अनमोल दे रहा जो हरेक को/धूप /ऊष्मा /ताप बेमोल/बगैर नाप-तौल किस में है इतना दम उसके न्याय पर कुछ सके बोल। रंजना माथुर अजमेर... Hindi · कविता 326 Share Ranjana Mathur 23 Jan 2019 · 1 min read ज्वाला प्रचंड हूँ अब बीत चुका वह समय जब मेरी दुनिया थी घर आंगन। हालातों ने किया विवश है तब मैंने संभाला रणआंगन। मर्यादा की ओट लिए मैं अग्नि प्रखंड हूँ भारत की... Hindi · कविता 2 674 Share Ranjana Mathur 21 Jan 2019 · 1 min read कहाँ गए वो दिन उफ ये कारी बदरिया.... ऐसे मुझको क्यूँ रिझाए। देख इसे क्यूँ बार बार मुझे.... अपना कोई याद आए। झांकना भी चाहे मन.... यादों के झरोखों में। बह गये वो प्यारे... Hindi · कविता 1 206 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read कुछ अच्छा हो जाए वक्त से जो न तू सबक ले, जो न करे गुरूर तू नष्ट। अहंकार का नशा दिखा कर, हो रहा है तू क्यों पथ-भ्रष्ट। जो तू आज कर रहा प्राणी,... Hindi · कविता 376 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read लो फिर बारिश आई सावन का महीना, न धूप न पसीना। आ गई तू बरखा प्यारी, रिमझिम रिमझिम तेरी फुहारी। तेरे आने पर हर बार, जाग उठती हैं यादें सारी। वो नन्हे से दोस्त... Hindi · कविता 238 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read ओ प्यारी चुनमुन!!! नीले आकाश से उतरी है तू वह नन्ही परी, जिसने की मेरी, जीवन बगिया हरी-भरी। मासूम है तू प्यारा है तेरा चेहरा सलोना, खुशियों से भरा तूने घर का हर... Hindi · कविता 554 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read पति की सेहत के लिए हे परमेश्वर तू दया रखना, अपने भक्त पर कृपा रखना। जो भी होगा अच्छा ही होगा, तेरा आशीष भी तुझ सा होगा। स्वास्थ्य लाभ शीघ्र हो जाए, पहले जैसी दिनचर्या... Hindi · कविता 219 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read "सिया का राम को हृदय संदेश" नयन झुक गये बोल रुक गये तुम्हें देख मैं हुई हूँ निःशब्द । कैसे करूं मैं प्रेम प्रदर्शित राम सम्मुख सिया है स्तब्ध । अप्रतिम पावन सौन्दर्य शिखर नयनाभिराम पौरूष... Hindi · कविता 199 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read नारीत्व नारी का नारीत्व है होता तभी सच्चे अर्थों में परिपूर्ण जब किसलय सा हो अंकुरित उसकी कोख में नन्हा भ्रूण नारी का मुदित मुख बताता निज हृदय के मधुर अहसास... Hindi · कविता 396 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read फिर आ गये... शुरू हुई सर गर्मी चुनाव की ऋतु आ गयी मोल भाव की सौदेबाजी चल रही जोर से हर दल गुजरे डर के दौर से घड़ी आ गई बड़े तनाव से... Hindi · कविता 263 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read जीवन जीवन नैया भीषण है तूफान पड़े आघात अस्तित्व की खातिर संघर्ष निरंतर......... रिश्तों के पुष्प जीवन की बगिया बाग को सींचो उपजेगी फसल खिलेंगे रिश्ते....... जिजीविषा है जीवन की औषधि... Hindi · कविता 228 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read नेकी को पहचानो छल और प्रपंच से छलनी किया गर यार का हृदय यूँ दिल दुखाने से दोस्ती कभी निभती तो नहीं है। मंदिर में आंखें मींच कर सब रख दी ख्वाहिशें भक्ति... Hindi · कविता 398 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read अग्नि फेरा ? वैदिक मंत्रोच्चारण के संग है साक्षी यह अग्नि पावन पाणिग्रहण कर अग्नि फेरे दो प्राण और एक हो जीवन। सप्त पदी अग्नि के चहुंओर बंधे गये दो तन-मन इक... Hindi · कविता 938 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read सौर मंडल हितचिन्तक हमारा ग्रह-नक्षत्रों संपूरित सौर मंडल हमारा रहता सक्रिय निरन्तर स्व संचालित सारा। ब्रह्मांड में ये नक्षत्र रहते गतिमान प्रभावित इनसे प्रत्येक इंसान। ज्योतिष शास्त्र हमारा कहता हर मानव ग्रहों के फल... Hindi · कविता 238 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read अनुनय हे माते कलियुग भरी विषाक्तता दूषित समाज विकृत संस्कृति हे भगवती ! कल्याणी! हर पग हर क्षण है तेरा अस्तित्व अपरिहार्य कंटकीय पथ के शूल पीड़ा दे रहे निरीह जीवात्माओं... Hindi · कविता 234 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read बंदिश बंदिश है न कोई रोक टोक न ही कोई जहरीला निवाला बुराइयों पर लगाए जो रोक वह है बंदिश नाम का ताला सही ढंग से इसे अपनाओ रखो न किसी... Hindi · कविता 481 Share Ranjana Mathur 18 Jan 2019 · 1 min read सूनी हवेली सूनी पड़ी ये हवेलियाँ बन्द पड़े ऊँचे ये द्वार मैं हूँ विरहन नार अकेली पिया गये करने व्यापार। करूं मैं निख शिख तक स्वर्ण गहनों का श्रृंगार बिन साजन व्यर्थ... Hindi · कविता 191 Share Ranjana Mathur 13 Jan 2019 · 1 min read माँ तेरी याद मैं थक कर होती जब चूर, नींद भी होती कोसों दूर। तब तेरे हाथों की छुअन सी जैसे, बचपन में पहुंचा जाती है। तेरी लोरी की गूंज मीठी-सी, निंदिया अब... Hindi · कविता 256 Share Ranjana Mathur 13 Jan 2019 · 1 min read विश्वास विश्वास का नाम ही है जिन्दगी । अविश्वास है मृत्यु समान। एक सूक्ष्म सी सुन्दर डोर है विश्वास। कितनी सुदृढ़ है यह किसी को नहीं आभास। विश्वास का जिसको भी... Hindi · कविता 295 Share Ranjana Mathur 12 Jan 2019 · 1 min read धैर्य हौले हौले खेना प्राणी अपनी जीवन नैया हम हैं कौन चलाने वाले खेवनहार कन्हैया। धैर्य सदा तुम रखना संतोष कभी न खोना भैया चाहे मिले फूलों भरी राहें या कांटों... Hindi · कविता 554 Share Previous Page 2 Next