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20 Jan 2019 · 1 min read

जीवन

जीवन नैया
भीषण है तूफान
पड़े आघात
अस्तित्व की खातिर
संघर्ष निरंतर………
रिश्तों के पुष्प
जीवन की बगिया
बाग को सींचो
उपजेगी फसल
खिलेंगे रिश्ते…….
जिजीविषा है
जीवन की औषधि
जीने की चाह……
बनेगी
मानव की ताकत
संजीवनी सदृश……..
यत्न
सार्थक
होगा तभी
जब हो
उत्साहित उर
दृढ़ संकल्पित
कर्मठ तन
सकल
दिवास्वप्न होंगे…….
साकार
और यह होकर रहेगा
बशर्ते
तू चाहे तो।

रंजना माथुर
जयपुर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
205 Views
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