महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali Tag: लघु कथा 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jan 2022 · 3 min read खांचे भीड़ ने भिखारी को घेर लिया। उनके हाथों में डण्डे और तलवारें थीं। यह सब डराने के लिए था और शायद वह भिखारी को यहाँ से भागने के लिए एक... Hindi · लघु कथा 3 2 503 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 14 Nov 2021 · 2 min read हाफ डे सुबह-सुबह मनहूस ख़बर मिली, पड़ोस के चौहान साहब गुज़र गए। छह महीने पहले सेवानिवृत हुए थे। विनोद नगर में अपना 25 गज का प्लाट बेचकर, खोड़ा कॉलोनी में सौ गज... Hindi · लघु कथा 2 7 495 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 13 Nov 2021 · 2 min read खण्डित ! सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति-समन्विते। भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते॥ पीछे पृष्टभूमि पर कर्कश आवाज़ में "दुर्गा सप्तशती" का गूंजता श्लोक। बीच-बीच में मेघों से उत्प्पन दामनी की कड़कड़ाती आवाज़ें। असंख्य... Hindi · लघु कथा 2 2 509 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 2 Jun 2021 · 3 min read जीवन दर्शन “आप पर आरोप है कि देश के युवाओं को आप अपने विचारों, सिद्धान्तों व रचे ग्रन्थों से बिगाड़ रहे हैं। उनके हृदय में राजतन्त्र के प्रति नफ़रत और विद्रोह के... Hindi · लघु कथा 4 6 347 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 2 Jun 2021 · 2 min read धर्म निरपेक्ष अमेरिका से हिंदुस्तान के लिए एक विमान ने उड़ान भरी। एक जिज्ञासु बच्चा अपने पिता के साथ बैठा था। "पापा, अब हमारा विमान कौन से देश के ऊपर उड़ रहा... Hindi · लघु कथा 1 1 258 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 9 Apr 2021 · 1 min read काले अंग्रेज़ डैड, मैं छह महीने बाद हिन्दुस्तान जाऊंगा। इसलिए अभी से तैयारियां कर रहा हूँ।" अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के हैरी उर्फ़ 'हरीश' ने अपने पिता जैकी उर्फ़ 'जयकिशन'... Hindi · लघु कथा 2 2 306 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 9 Apr 2021 · 3 min read इंसानियत दंगे के विरोध में मोहल्ले के चार घनिष्ठ मित्र एकजुट हुए। संयोग से चारों मित्र अलग-अलग धर्मों के मानने वाले थे। उन्होने एक बैनर बनवाया, जिस पर लिखा था --... Hindi · लघु कथा 1 4 418 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 9 Apr 2021 · 3 min read जीवन संध्या लड़कपन खेल में खोया, जवानी नींद भर सोया बुढ़ापा देखकर रोया, वही किस्सा पुराना है ................ सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है ........ रेडियो पर फ़िल्मी... Hindi · लघु कथा 1 4 720 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 9 Apr 2021 · 2 min read मकड़ी शहर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल। मरी-गिरी चाल में आवाज़ करते हुए बाबा आदम के ज़माने के भारी भरकम पंखे सुस्त गति से अपनी सेवाएँ निरंतर प्रदान कर रहे थे,... Hindi · लघु कथा 1 2 416 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 9 Apr 2021 · 1 min read भीख दुल्हन की विदाई के समय एक भिखारी न जाने कहाँ से कार के समीप जा पंहुचा। कपड़ों के नाम पर चीथड़े झूल रहे थे और दुर्गन्ध आ रही थी उसके... Hindi · लघु कथा 1 2 742 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 9 Apr 2021 · 2 min read अपशब्द "यार एक बात समझ में नहीं आई?" पशोपेश में पड़े राकेश ने सिर खुजाते हुए कहा। "क्या?" गोपाल ने ठण्डे दिमाग़ से पूछा। "भला एक छोटी-सी बात पर महाभारत का... Hindi · लघु कथा 2 2 729 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 29 Mar 2021 · 1 min read सोच! सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त आदमी को देखकर भीड़ तरह-तरह की बातें बना रही थी — "हाय राम! कितनी बेदर्दी से कुचल गया है ट्रक वाला इसे, शायद ही बचेगा।" "आग लगा... Hindi · लघु कथा 2 446 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 Mar 2021 · 3 min read जायज़ घटना सन 2006 ई., नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की है। काफ़ी बहस के बाद कूली सौ रूपये में राज़ी हुआ तो मेरे 'साले' फौजी सतपाल सिंह के चेहरे पर हर्ष... Hindi · लघु कथा 1 6 354 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Feb 2020 · 3 min read शक्ति दा सड़कों पर वाहनों की आवा-जाही आज अपेक्षाकृत कुछ ज़ियादा ही थी। सुबह के वक़्त हरकिसी अपने काम पर पहुँचने की जल्दी। ऐसा लग रहा है कि मानव भी कोई रोबोट... Hindi · लघु कथा 2 376 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Feb 2020 · 3 min read बूट पॉलिस वाला जनवरी की ठिठुरती अलसुबह में वैशाली मेट्रो स्टेशन से महागुण अपार्टमेन्ट की तरफ़ मैं बढ़ा ही था कि बच्चो का एक समूह सामने से आता दिखाई दिया। सभी के हाथों... Hindi · लघु कथा 2 617 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Feb 2020 · 3 min read आत्मज्ञान झबरी बिल्ली कई दिनों से चूहे खा-खाकर उकता गई थी। रोज़ वही मांस, वही स्वाद। लानत है ऐसी ज़िंदगी पर। आज कुछ नया होना चाहिए। तभी उसके क़रीब से एक... Hindi · लघु कथा 1 2 393 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 20 May 2019 · 3 min read दुनिया गोल है बस खचाखच भरी हुई थी। कई डबल सीटों पर तीन-तीन सवारियाँ मुश्किल से बैठी हुई थीं। एक सज्जन बड़े आराम से पैर फैलाये बैठे थे। "भाई साहब आपकी बड़ी मेहरबानी... Hindi · लघु कथा 1 294 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read बंद दरवाज़ा "चले जाओ, मुझे कुछ भी नहीं कहना है।" दरवाज़ा खोलने वाली स्त्री ने आगंतुकों की भीड़ की ओर देखकर कहा। धड़ाम की ज़ोरदार आवाज़ के साथ द्वार पुनः बंद हो... Hindi · लघु कथा 1 750 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read साया रात के घने अँधेरे में एक हाथ जो द्वार खटकने के उद्देश्य से आगे बढ़ा था। वह भीतर का वार्तालाप सुनकर ज्यों-का-त्यों रुक गया। "चलो अच्छा हुआ कल्लू की माँ,... Hindi · लघु कथा 1 264 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 3 min read भिखारी स्टेलर आई टी पार्क के मेन गेट पर जिस वक्त रिक्शा रुका, घड़ी में सुबह के ठीक नौ बज रहे थे। यहाँ पन्द्रह-बीस कम्पनियों के दस हज़ार कर्मचारी लगभग सभी... Hindi · लघु कथा 1 410 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 3 min read आक्रोश कोई मोबाइल पर व्यस्त था तो कोई गप्पों में लीन। कुछ चौधरी टाइप लोग प्रॉपर्टी डीलिंग की बातों में व्यस्त थे तो कुछ वर्तमान राजनीति पर टीका-टिप्पणी करने में मसरूफ़।... Hindi · लघु कथा 418 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read लुत्फ़ "रफ़्ता-रफ़्ता वो मेरे …", "चुपके-चुपके रात-दिन आंसू …", "पिया रे, पिया रे … लागे नहीं म्हारो जिया रे", एक से बढ़कर एक खूबसूरत ग़ज़लें, नज्में, सूफियाना गीत-संगीत के नशे में... Hindi · लघु कथा 1 491 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read जायज़ घटना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की है। काफ़ी बहस के बाद कुली सौ रूपये में राज़ी हुआ तो मेरे 'साले' के चेहरे पर हर्ष की लहर दौड़ गई। एक छोटी-सी... Hindi · लघु कथा 1 399 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read दिलचस्प आदमी जून की तपती दोपहरी में बाज़ार की तमाम दुकानें बंद थीं। कुछेक दुकानों के सटर आधे गिरे हुए थे। जिनके भीतर दुकानदार आराम कर रहे थे। एक व्यक्ति प्यासा भटक... Hindi · लघु कथा 1 334 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read नई बात "काश! तुम लोगों ने मुझे इंसान ही रहने दिया होता, भगवान् नहीं समझा होता," प्रभु विन्रम स्वर में बोले। "प्रभु ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्या हमसे कुछ अपराध बन... Hindi · लघु कथा 1 498 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read बालक और विद्वान "मृत्यु से अंजान उस नन्हे बालक को देखो अपने दादा के शव के पास कैसे खेल रहा है, जैसे कुछ हुआ ही नहीं," सन्यासी ने कहा। पृष्ठभूमि पर परिजनों का... Hindi · लघु कथा 2 1 240 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read गोत्र "द्वार खोल राधिका ..." रजनी ने तेजी से दरवाज़ा पिटते हुए कहा। तक़रीबन दो मिनट बाद दरवाज़ा खुला। अपने अस्त-व्यस्त कपड़ों और बालों को ठीक करते हुए, राधिका का प्रेमी... Hindi · लघु कथा 1 377 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 2 min read सरहद सरहद पर जैसे ही किसी के आने की सुगबुगाहट हुई। अँधाधुंध गोलियां चल पड़ीं। घुसपैठ करती मानव आकृति कुछ क्षण के लिए तडपी और वहीं गिर पड़ी। "वो मार गिराया... Hindi · लघु कथा 1 616 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read एन० आर० आई० "देख कुलवंत ज़माना बहुत ख़राब है, आजकल एन० आर० आइज़ ने नया ट्रेंड चला रखा है, कई जगह ऐसे केस हो चुके हैं कि यहाँ कि भोली-भाली लड़कियों या विधवा... Hindi · लघु कथा 1 374 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read प्रतिक्रिया टेम्स नदी के तट पर बैठे गोरे आदमी ने काले व्यक्ति से अति गंभीर स्वर में कहा, "काला, ग़ुलामी और शोषित होने का प्रतीक है। जबकि गोरा, आज़ादी और शासकवर्ग... Hindi · लघु कथा 1 502 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 3 min read थकान और सुकून "ओहो मैं तंग आ गया हूँ शोर-शराबे से, नाक में दम कर रखा है शैतानों ने।" दफ़्तर से थके-हारे लौटे भगवान दास ने अपने आँगन में खेलते हुए बच्चों के... Hindi · लघु कथा 2 2 253 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 1 min read आत्ममंथन "सम्पूर्ण विश्व में मेरा ही वर्चस्व है," भूख ने भयानक स्वर में गर्जना की। "मै कुछ समझी नहीं," प्यास बोली। "मुझसे व्याकुल होकर ही लोग नाना प्रकार के उद्योग करते... Hindi · लघु कथा 1 557 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Mar 2018 · 4 min read कद्रदान शाम पूरी तरह ढलने को थी ;क्योंकि सब जगह लाइटें जल उठीं थीं। हमेशा की तरह बाज़ार सजा हुआ था। तमाम कोठों भीतर का माहौल अमूमन वही था, जैसा विभाजन... Hindi · लघु कथा 1 608 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 21 Feb 2018 · 2 min read शिक्षक "आप हर परिस्थिति में इतने शांत, धीर-गंभीर कैसे रहते हैं?" उसने आश्चर्य से कहा. "मैं जीवन के रहस्य को समझ गया हूँ बेटा," वृद्ध व्यक्ति ने अपनी उम्र से आधे... Hindi · लघु कथा 1 459 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 21 Feb 2018 · 2 min read तलाश "मैं तो खलील जिब्रान बनूंगा, ताकि कुछ कालजयी रचनाएं मेरे नाम पर दर्ज हों." एक अति उतावला होकर बोला. हम सब उसे देखने लगे. हम सबकी आंखों के आगे हवा... Hindi · लघु कथा 1 585 Share