लक्ष्मी सिंह Tag: विधाता छंद 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 9 Jul 2023 · 1 min read मैं और मेरी फितरत रही फितरत हमारी ये कि,मैं चुपचाप रहती हूँ। दिया जो ज़िन्दगी हँसकर,सितम संताप सहती हूँ। पचा लेती ज़हर सारे,सुधा में ढाल देती हूँ। अँधेरा हो जहाँ दीपक,जतन से डाल देती... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · विधाता छंद 10 12 180 Share लक्ष्मी सिंह 7 Jul 2023 · 1 min read फितरत सियासत की रही फितरत बदलने की,भरी छल से सियासत है। अदब से पेश आते हैं,कुशल कौशल नजाकत है। अजब फितरत सियासत की, हमेशा खेल खेले है। भरोसा क्या करें इन पर, झमेले... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · गीत · विधाता छंद 7 10 228 Share लक्ष्मी सिंह 5 Jul 2023 · 1 min read फितरत रही अच्छी बुरी दोनों,यहाँ इंसान की फितरत। मगर दम तोड़ देती है,हृदय में पल रही हसरत। मुनाफा देखकर बनते,कई रिश्तें जमाने में, अजब अंदाज़ लोगों का, जहाँ मतलब वहीं शिरकत।... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · विधाता छंद 9 5 204 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jun 2021 · 1 min read पिता आधार छंद-विधाता 1222 1222 ,1222 1222 पिता के रूप में सब देवता घर में तुम्हारे हैं । मनुज पहचान लो इनको प्रभु भू पर पधारे हैं। शिकन को देख माथे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · विधाता छंद 8 4 402 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2021 · 1 min read करोगे श्रम मनुज जितना आधार छंद-विधाता 1222 1222 ,1222 1222 करोगे श्रम मनुज जितना, बदन पाशान होता है । मिलेगी मुश्किलें जितनी,मगज में जान होता है। उन्हीं को मंजिलें मिलती,रगों में जो जुनूँ रखता,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · विधाता छंद · श्रम 1 168 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2021 · 1 min read व्यापार आधार छंद -विधाता 1222 1222 1222 1222 समय के साथ जो बदले,वही व्यापार होता है। गिरे को ही उठना त़ो,सतत व्यवहार होता है। मुनाफे के लिए बातें,बनाना खूब आता है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · विधाता छंद 2 2 165 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2021 · 1 min read नहीं वह मर्द होता है आधार छंद-विधाता 1222 1222 1222 1222 उठाये हाथ नारी पर, नहीं वह मर्द होता है। निरा वह तुक्ष प्राणी है, नहीं हमदर्द होता है। अहंकारी बड़ा पापी,करे अपमान पग-पग में।... Hindi · गीत · विधाता छंद 1 188 Share लक्ष्मी सिंह 27 Jan 2021 · 1 min read तिरंगा विधा:-विधाता छंद तिरंगा देश का अनुपम,अनोखा है निराला है। सजा है तीन रंगों से,हृदय में चक्र डाला है। बसंती रंग सुखदायी, सुशोभित कर रहा माथा। कथा बलिदान की कहता,सुनाये वीर... Hindi · गीत · विधाता छंद 3 3 496 Share लक्ष्मी सिंह 3 Dec 2020 · 1 min read कभी चाहो मुझे भी तुम विधाता छंद 1222 1222 1222 1222 कभी चाहो मुझे भी तुम, कभी मेरे लिए सोचो । हमारा दिल बड़ा नाजुक ,इसे ऐसे नहीं नोचो। बिखर कर टूट जाती हूँ, सँभल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · प्रेम · विधाता छंद 4 4 245 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2020 · 1 min read बसंत विधा- विधाता छंद मापिनी-1222-1222, 1222-1222 सुखद ऋतु राज आये हैं,प्रकृति यह झूम कर गाई । खिले हैं पुष्प आशा के, लहर आनंद की छाई। खिली है खेत में सरसों, मटर... Hindi · गीत · बसंत · विधाता छंद 4 437 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2020 · 1 min read नहीं है पूर्ण आजादी #विधा - विधाता छंद अरे भारत! उठो आँखें, ज़रा तुम खोल कर देखो। यही है वक्त जगने का, हृदय को तोल कर देखो। हुए आज़ाद कहने को, नहीं है पूर्ण... Hindi · गीत · विधाता छंद 3 334 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2020 · 1 min read हमारा देश प्यारा है। विधाता छंद मापिनी-1222 1222 ,1222 1222 हमारी जान से ज़्यादा, हमारा देश प्यारा है। हमें है गर्व भारत पर, नयन का वो सितारा है। पखारे पाँव नित सागर, मुकुट जिसका... Hindi · गीत · विधाता छंद 2 422 Share लक्ष्मी सिंह 26 Aug 2019 · 1 min read भाग्य विधा-विधाता छंद 1222 -1222, 1222-1222 विधा ऐसी नहीं कोई, पढ़े जो भाग्य का लेखा। मनुज के हाथ में होती, मनुज के हाथ की रेखा।। करोगे कर्म जैसा तुम, बनेगी भाग्य... Hindi · गीतिका · विधाता छंद 1 1 440 Share लक्ष्मी सिंह 25 Aug 2019 · 1 min read कृष्ण जन्म विधाता छंद सृजन १२२२-१२२२-१२२२-१२२२ महीना नेक भादो का, दिवस बुधवार शुभकारी। अँधेरी रात काली थी, लिए जब जन्म वनवारी। कड़क कर बिजलियों ने , दीप राहों में जलाया था। बरसकर... Hindi · गीतिका · भजन · विधाता छंद · स्तुति 4 2 428 Share