Kapil Kumar Language: Hindi 154 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Kapil Kumar 20 Nov 2016 · 1 min read सुर्ख जोडे में वो इक बोसा दे गया देखा मायूस तो इक भरोसा दे गया पतझड़ मे बहार का झोंका दे गया ************************** शुकूं ओ चैन भी अब कब्र में कहाँ सुर्ख जोड़े में वो इक बोसा दे... Hindi · मुक्तक 248 Share Kapil Kumar 19 Nov 2016 · 1 min read न सोच की मकान ये अभी कच्चे हैं न सोच कि मकान ये अभी कच्चे हैं न दिल में गिला कोई सभी अच्छे हैं **************************** न वहम न अहम अपने दिल मे कोई हम आज भी छोटे से... Hindi · मुक्तक 235 Share Kapil Kumar 19 Nov 2016 · 1 min read बस्ती दूर कहाँ थी मेरी नजर उठा के देखा तो होता बस्ती दूर कहाँ थी मेरी उठा के नजर देखा तो होता चूमता तेरे पावों को भी कदम तू एक चला तो होता ************************************* सदके में तेरे वार दी जब मैने... Hindi · मुक्तक 241 Share Kapil Kumar 16 Nov 2016 · 1 min read हिन्द की फिजा में जहर घोल रहे हैं हिन्द की फिज़ा मे जहर घोल रहे हैं हम खुद जबां दुश्मन की बोल रहे हैं **************************** बेठे हैं जो हम सारे हिन्द की पनाह मे कियूं रास्ते हम दुश्मनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share Kapil Kumar 16 Nov 2016 · 1 min read बात न होती गऱ बात न होती गऱ बात ही कियूं होती नजर जुदा न कभी किसी से यूं होती **************************** जो न होता आइंदा हमारा जुदा-जुदा बात हर एक न फिर ज्यूं कि... Hindi · मुक्तक 316 Share Kapil Kumar 15 Nov 2016 · 1 min read माना कि बेखबर हूँ माना कि बेखबर हूँ,मगर बेसबर नही माना कि बाख़बर हूँ मगर बेहुनर नही **************************** रखता हूँ इज्जत भी मै ख़ासो आम में माना कि सरफिरा हूँ मगर बेकदर नही *****************************... Hindi · मुक्तक 228 Share Kapil Kumar 14 Nov 2016 · 1 min read बेशक इसको वक्त कहिये बेशक इसको वक्त कहिये या लेखनी ,सशक्त कहिये ******************** जो भी हूँ नजर आपकी हूँ बेशक मिली बेवक्त कहिये ******************** कपिल कुमार 13/11/2016 Hindi · मुक्तक 224 Share Kapil Kumar 12 Nov 2016 · 1 min read नमन मोदी जी को नमन मोदी जी को नमक की कीमत भी लोगो को सिखला दी नमन मोदी जी काले सफेद की अहमियत लोगों को बतला दी ********************************************* अब सियासी और काले धन वालो... Hindi · मुक्तक 258 Share Kapil Kumar 12 Nov 2016 · 1 min read क्या चंद रोज की परेशानी मुश्किल है 69 साल तक झेल लिया भ्रस्टाचार क्या चंद रोज की निगरानी मुश्किल है *************************** सियासत छोड़ वतन वालों उठो ऊपर क्या चंद रोज की परेशानी मुश्किल है *************************** कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 212 Share Kapil Kumar 11 Nov 2016 · 1 min read कहीं पे कियूं बूंद बूंद को तरसता है आदमी कहीं पे कियूं बूँद बूँद को तरसता है आदमी कहीं पे कियूं पानी पानी भी होता है आदमी ********************************** कहीं पे पड़ता है कियूं समन्दर भी कम उसे कहीं कियूं... Hindi · मुक्तक 214 Share Kapil Kumar 11 Nov 2016 · 1 min read बुजुर्गो को अकेला न छोड़ो यारों ज़ख्मो को खुला न छोडो यारों हौसलों को जरा न छोडो यारों *********************** मिलेगी ख़ुशी दुआओं से उनकी बुजुर्गों को अकेला न छोडो यारों ************************ कपिल कुमार 11/11/2016 Hindi · मुक्तक 198 Share Kapil Kumar 10 Nov 2016 · 1 min read रफ्ता रफ्ता ही सही मानते थे न कभी , इकरार उनको हो गया रफ्ता रफ्ता ही सही , प्यार उनको हो गया ********************************* था नही जिनको यकीं कभी भी इश्क़ पर रफ्ता रफ्ता ही... Hindi · मुक्तक 202 Share Kapil Kumar 8 Nov 2016 · 1 min read 1000 का बंद है 1000 का बंद है 500 का बंद है ************** देश हित में कहो अब काला बंद है ************** कपिल कुमार 09/11/2016 Hindi · मुक्तक 481 Share Kapil Kumar 8 Nov 2016 · 1 min read एक संदेश दिल्ली के मुख्य मंत्री केजरीवाल जी के नाम .एक संदेश........केजरी वाल जी के नाम क्या दिल्ली को दिल्ली न छोड़ेंगे आप इसको ताज ए हिन्द न रहने देंगे आप **************************** संभाला वजूद जिसका मुगलो गोरों ने क्या वजूद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share Kapil Kumar 8 Nov 2016 · 1 min read बहकते हैं अक्सर वो जिन्हें प्यार नही होता ढूंढते हैं वजह वो जिन्हें ऐतबार नही होता बहकते हैं अक्सर वो जिन्हें प्यार नही होता ***************************** रहते हैं इक दूसरे के तसव्वुर में जो हरदम उनके ही दर्मियाँ अक्सर... Hindi · मुक्तक 200 Share Kapil Kumar 7 Nov 2016 · 1 min read दिल्ली की धुंध का इलाज संभव है दिल्ली की धुंध का इलाज , संभव है कुत्ते की पूछ का भी इलाज संभव है **************************** बेवजह राजनीति बेवजह का रोना बस ये ही इक तो इलाज असंभव है... Hindi · मुक्तक 216 Share Kapil Kumar 7 Nov 2016 · 1 min read आऊंगा इक रोज आऊंगा मै इक रोज तेरा दर्द पूछने ख़ुदा जो दे गर मुझे मेरा दर्द भूलने ************************* कपिल कुमार 07/11/2016 Hindi · शेर 261 Share Kapil Kumar 7 Nov 2016 · 1 min read ये होता न था रूठेगा कोई इस तरह सोचा न था इससे पहले तो कोई ,लोचा न था ************************** तोड़ देते हम भी उसका दिल मग़र अखलाख से हमारे, ये होता न था **************************... Hindi · मुक्तक 199 Share Kapil Kumar 5 Nov 2016 · 1 min read ढूंढ कर लायेगा कैसे हमसा कोई तो बता ढूंढ कर लायेगा कैसे हमसा कोई तो बता चश्म तर करेगा कैसे हमसा कोई तो बता ******************************* मांगते सभी मुहब्बत मिलने की चाह मे चाह कर मरेगा कैसे हमसा कोई... Hindi · मुक्तक 216 Share Kapil Kumar 5 Nov 2016 · 1 min read 36 का आंकड़ा 36 का आंकड़ा जो रखे उनसे है प्यार मुझे बनाते हैं वही तो अक्सर भी कामयाब मुझे ********************************* कपिल कुमार 04/11/2016 Hindi · शेर 271 Share Kapil Kumar 5 Nov 2016 · 1 min read रोटियाँ इंसा को तो हर रोज नचाती हैं रोटियाँ भूखों को अपनीओर लुभाती हैं रोटियाँ ****************************** इंसा को भी इंसा से लड़ाती हैं रोटियाँ वजूद ए जिंदगी भी बचाती हैं रोटियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 188 Share Kapil Kumar 4 Nov 2016 · 1 min read सिखाया जिन परिंदों को उड़ना बच्चे भी हक़ अब जताने लगे हैं आँखों से आँखे , मिलाने लगे हैं ************************* तुतलाते थे जो चंद रोज पहले जबां से जबां अब लड़ाने लगे हैं ************************* चाहते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 456 Share Kapil Kumar 2 Nov 2016 · 1 min read इश्क़ को बना लूं कलमा मेरा इश्क है मुकम्मल तुम्ही से मेरे जानी बना इश्क़ भी इबादत अब मेरी जिंदगानी ******************************* बने तू अग़र मुहब्बत बनू मै तेरी कहानी इश्क़ को बना लूं कलमा रखूं... Hindi · मुक्तक 218 Share Kapil Kumar 1 Nov 2016 · 1 min read छोटे हैं हम मगर ऊँची उड़ान है माना कि हम परिन्दे ,बेजबान हैं फिर भी हमारी मीठी सबसे जबान है *************************** छोटे हमारे पँखो पे जाना नही तुम छोटे हैं हम मगर , ऊँची उड़ान है ***************************... Hindi · मुक्तक 417 Share Kapil Kumar 31 Oct 2016 · 1 min read होता न गऱ इश्क़ होता न गऱ ये जिस्म तो अहसास भी न होता होता न गऱ ये इश्क़ तो कोई खास भी न होता *********************************** मिला देता है इश्क़ ही हर इक खासो... Hindi · मुक्तक 224 Share Kapil Kumar 29 Oct 2016 · 1 min read चंद बुँदे चंद प्यासे चंद बुँदे ,चंद प्यासे आँखे मूंदे चंद साँसे *************** चंद लम्हे ,चंद राते चंद लहजे चंद बाते *************** चंद ठहरे हैं जरा से चंद उड़ते हैं हवा से ************** चंद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 212 Share Kapil Kumar 29 Oct 2016 · 1 min read चलो दिवाली इस बार अलग मनाते हैं आपको और आपके परिवार को दिवाली के पावन अवसर पर बहुत बहुत शुभकामनाएँ....... चलो दिवाली इस बार अलग मनाते हैं............. नाम शहीदों के चिराग जलाते हैं दिवाली इस बार अलग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 424 Share Kapil Kumar 28 Oct 2016 · 1 min read मै बेअदब हूँ मै हूँ बेअदब मगर अदब मे रहता हूँ बाते करता हूँ, मगर हद मे रहता हूँ *************************** कपिल कुमार 27/10/2016 Hindi · शेर 396 Share Kapil Kumar 28 Oct 2016 · 1 min read मै इन्तजार में हूँ अब ये मेरी उसकी मुहब्बत की आजमाइश है मै इंतजार मे हूँ उसकी न लौटने की ख्वाइश है ********************************** कपिल कुमार 28/10/2016 Hindi · शेर 263 Share Kapil Kumar 27 Oct 2016 · 1 min read हरेक की यहां जोर आजमाइश है पल पल इंसा की नई फरमाइश है हरेक की यहां जोर आजमाइश है ************************** खत्म किये जाते हैं जिंदगी जो यहां उनकी भी यहां जीने की ख्वाइश है ************************** कपिल... Hindi · मुक्तक 400 Share Kapil Kumar 26 Oct 2016 · 1 min read मिट गये हम मग़र बेगुनाही न दी मुहब्बत की अपनी दुहाई न दी मिट गये हम मगर रुस्वाई न दी ************************ क्या गिला ,अब दुशमनों से कोई ज़ख्मो ने ही मेरे जब गवाही न दी ************************* रुबारु... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share Kapil Kumar 24 Oct 2016 · 1 min read है सोच बुलँद अपनी मेरी सोच........................ आपकी नजर है सोच बुलँद अपनी नजरिया भी न तंग रखते हैं दिल से लगाते हैं गुलों को खारो को संग रखते हैं ************************************* कपिल कुमार 24/10/2016 बुलँद............. Hindi · शेर 232 Share Kapil Kumar 22 Oct 2016 · 1 min read दूसरों की देख खुशियाँ अपना गम ज्यादा लग़ा दूसरो की देख खुशियाँ अपना गम ज्यादा लगा दूसरो के देखे जो गम ,अपना गम आधा लगा *********************************** लिखी किसी ने दास्तां यूं दास्ताने इश्क़ की मिला उसमे बादशाह खुद... Hindi · मुक्तक 218 Share Kapil Kumar 22 Oct 2016 · 1 min read बनने दे तू हकीकत सपने को जरा जरा आने दे तू करीब ,आईने को जरा जरा सुनने दे जमीर की अपने को जरा जरा **************************** माना की सपना है हकीकत नही कोई बनने दे तू हकीकत सपने को... Hindi · मुक्तक 269 Share Kapil Kumar 21 Oct 2016 · 1 min read फिर कियुं जमाना वो ढूंढ रहा है किनारे पर किनारा वो ढूंढ रहा है फिर से इक बहाना वो ढूंढ रहा है ************************* हर तरफ है जब आइना उसके फिर क्यूं जमाना वो ढूंढ रहा है *************************... Hindi · मुक्तक 848 Share Kapil Kumar 20 Oct 2016 · 1 min read हम उफ़ भी नही करते हम उफ़ भी नही करते उनकी आह जारी है वोह कुछ भी नही करते हमारी वाह जारी है ********************************* कपिल कुमार 20/10/2016 Hindi · शेर 220 Share Kapil Kumar 20 Oct 2016 · 1 min read हम उफ़ भी नही करते हम उफ़ भी नही करते उनकी आह जारी है वोह कुछ भी नही करते हमारी वाह जारी है ********************************* कपिल कुमार 29/10/2016 Hindi · शेर 244 Share Kapil Kumar 20 Oct 2016 · 1 min read मेरी बात ये उम्र भर याद करना मेरी बात ये उम्र भर याद रखना................. मेरी बात ये ,उम्र भर याद रखना रहो तुम कहीं भी घर याद रखना ************************* ये आयेंगे जायेंगे यादों के मौसम मुहब्बत का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 286 Share Kapil Kumar 19 Oct 2016 · 1 min read चाँद करवा चौथ का तब खास हो गया चाँद करवा चौथ का तब खास हो गया चाँद देख उनका, जब आभास हो गया ***************************** कपिल कुमार 19/10/2016 Hindi · शेर 511 Share Kapil Kumar 18 Oct 2016 · 1 min read अब दरिया ए पाक उल्टा बहता है अब दरिया ए पाक, उल्टा बहता है बुलावल मोदी को कसाई कहता है *************************** छोटी सी ऊँगली से ही घबरा गये वो अभी तो बाकी पूरा जलवा रहता है ***************************... Hindi · मुक्तक 263 Share Kapil Kumar 17 Oct 2016 · 1 min read मुझे दो गुल ताजा ही बे बहारा न दो मुझे पानी दो , मग़र खारा न दो मुझे परेशानी दो पर दौबारा न दो ************************* रहूँ बेशक बैगर गुलों के उम्रभर मुझे दो गुल ताजा, बे बहारा न दो... Hindi · मुक्तक 1 215 Share Kapil Kumar 16 Oct 2016 · 1 min read हैं टुन्न सभी पीना पिलाना क्या करे दे कोई गम जो दुबारा क्या करें न कोई तुम सा हमारा क्या करें ************************* है गम तो अब बहाना क्या करें है तू तो फिर जमाना क्या करें ************************... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 438 Share Kapil Kumar 15 Oct 2016 · 1 min read हर बार शिकायत हो जरूरी तो नही हर बार शिकायत हो , जरूरी तो नहीं हर बार खिंलाफत हो, जरूरी तो नहीं ***************************** होतें हैं धोखे कभी कभी नजरों के भी हर बार अदावत हो , जरूरी... Hindi · मुक्तक 489 Share Kapil Kumar 14 Oct 2016 · 1 min read झूठ का पुलिंदा झूठ का पुलिंदा जो मिला फ़िदा हो गया मै खुद पे सच का आइना जो मिला हूँ ख़फा ख़फा मै खुद पे ************************************* कपिल कुमार 13/10/2016 Hindi · शेर 421 Share Kapil Kumar 14 Oct 2016 · 1 min read ख़ुदा जाने कैसी हवा ये चली है इतनी भी हमसे , क्या बेरुखी है न तू ही मिला न खबर ही मिली है ************************** टूटे हैं जज्बात शाखों से दिल की ख़ुदा जाने कैसी हवा ये चली... Hindi · मुक्तक 197 Share Kapil Kumar 13 Oct 2016 · 1 min read जब कभी भी जबां फिसलती है जब कभी भी जबां फिसलती है होती अक्सर ,हमारी गलती है ************************ दिखता सच नही है लोगो को जब भी नफ़रत ये दिल में पलती है ************************** कपिल कुमार 13/10/2016 Hindi · मुक्तक 501 Share Kapil Kumar 12 Oct 2016 · 1 min read खुद पे ही इक ये अहसान किया है किया है मैने खुद पे ही इक ये अहसान किया है मैने खुद को खुद से ही अंजान किया है मैने ****************************** मेरे दुश्मन भी अब देते हैं दुआयें मुझको खुद को इक... Hindi · मुक्तक 1 251 Share Kapil Kumar 11 Oct 2016 · 1 min read अभी बाकी है अभी बाकी है................... हिन्दुस्तां को बुलंदियों पर ले जाना अभी बाकी है मयम्मार का पैगाम कराची पहुचाना अभी बाकी है ************************************** कैसे चैन से सो सकता है अभी हिन्दुस्तां का... Hindi · लघु कथा 1 273 Share Kapil Kumar 10 Oct 2016 · 1 min read इक रेशमी रुमाल दीवाना कर गया मखमली सवाल आपका था वो हक़ीक़त या फिर इक ख्याल आपका ******************************** ढूंढता रहा रात भर निशां तेरे ख्वाबों में मै मिला सुबह रुख पे इक रेशमी... Hindi · मुक्तक 1 491 Share Kapil Kumar 10 Oct 2016 · 1 min read आपके दिल की दास्तान है शायद कायनात भी मेहरबान है शायद इश्क़ भी आज मेहमान है शायद ************************ सुन कर क्यों सुर्ख हो गये आप आपके दिल की दास्तान है शायद ************************* कपिल कुमार 10/10/2016 सुर्ख.............लाल Hindi · मुक्तक 437 Share Previous Page 2 Next