Jitendra Anand Language: Hindi 150 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jitendra Anand 13 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता::: प्रभु प्रणाम ( घनाक्षरी ) पो ४ २३ श्याम वर्ण मोहन के , परम आनंद के - सरसिज समान प्रफुल्ल सुनयन हैं । नीर- क्षीर सागर में शेषनाग शैया पर , जो नारायण रूप में करते शयन... Hindi · कविता 1 1 305 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read समर्पण:::: जो कलमकार पीते रहे हैं गरल ( ग़ज़ल) पोस्ट १८ समर्पण ::: ग़ज़ल जो कलमकार पीते रहे हैं गरल है समर्पित उन्हीं को सुमन ये कमल राह तकते रहे आज तक जो चरण उनके छालों का रिसना हुआ है सफल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 383 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read गीतिका : प्रभु की चाहत से यह चंदन जैसा मन हो जायेगा ( पोस्ट २०) गीतिका :: प्रभु की चाहत से यह चंदन जैसा मन हो जायेगा प्रभु की चाहत से यह चंदन जैसा मन हो जायेगा जितना चाहो उतना खर्चो ऐसा धन हो जायेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 236 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read समझा है कभी नारी नज़ाकत को क्या-- जितेन्द्र कमल आनंद ( ५३) रुबाई ::: ---------- समझा है कभी नारी नज़ाकत को क्या । समझा है कभी फौज़ी शहादत को क्या । ये सृजन , वो सुरक्षा ही किया करते हैं । समझा... Hindi · मुक्तक 1 276 Share Jitendra Anand 19 Oct 2016 · 1 min read राजयोगमहागीता" ओंकार,अघनाशक,परमआनंदहैंजो( घनाक्षरी, पोस्ट५२- जितेन्द्र कमल आनंद प्रभु प्रणाम ------------- ओंकार, अघनाशक,परम आनंद हैं जो, क्यों न करें भक्त यशगान आठों याम ही । देख - देख प्रभु प्रेम मूर्ति की सौंदर्य राशि , करते मधुप रस... Hindi · कविता 1 1 214 Share Jitendra Anand 21 Oct 2016 · 1 min read जीवन से जन्म हुआ,जीवन ही तो लक्ष्य है:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट७१) राजयोगमहागीता:: सारात्सार::: घनाक्षरी ५/२१ --------------, जीवनसे जन्म हुआ,जीवनही तो लक्ष्य है जीवनको सत्य शिव सुंदर बनाना है । होकर निर्द्वंद्ध और होकर विदेही - सम राजयोग से ही मन --... Hindi · कविता 1 367 Share Jitendra Anand 22 Oct 2016 · 1 min read शिखरिनी ( हाइकू):: जितेंद्रकमलआनंद: जग असार( पो ७७) शिखरिनी छंद ------------------ जग असार किंतु परम ब्रह्म । हैं सारात्सार ।।४!! सर्व विज्ञाता परमब्रह्म ही हैं -- सर्वान्तरात्मा ।।५!! मानव धर्म नैतिकता पूर्ण है -- करना कर्म ।।६ ।।... Hindi · हाइकु 1 1 293 Share Jitendra Anand 24 Oct 2016 · 1 min read सूर्य अग्रसर उत्तर दिशि में :: जितेंद्रकमलआनंद ( ९७/ १०२) नव्य वर्ष शुभ मंगलमय है ( गीत का शेष भाग ) ********************** साथ राम गंगा , यमुना है, प्रयागराज सुतीर्थ हुआ है । गढ़मुक्तेश्वर , हरिद्वार का नाम कमल उत्कीर्ण... Hindi · गीत 1 475 Share Jitendra Anand 26 Oct 2016 · 1 min read सुंदर हो सपने कैसे साकार लिखो :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ११८) गीतिका ----------- सपने हो कैसे साकार लिखो । स्वर्णिम हो शुभकर कैसे संसार लिखो। दुल्हिन को लज्जा हो सोने का गहना साजन की बाँहों का भी उपहार लिखो । सदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 264 Share Jitendra Anand 30 Apr 2017 · 1 min read ऑगन में भी चहके - महकें ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद ऑगन में भी चहकें- महकें । अमृत भर गागर से छलकें ।। अच्छाई को रोशन करके । नयी उमंगें मन में भरकर। कमल वतन के इस उपवन में खिले- खिले... Hindi · गीत 1 1 288 Share Jitendra Anand 23 Sep 2016 · 1 min read राजयोग महागीता घनाक्षरी : छंद संख्या १९ ( पृष्ठ २४) --------------------------------- शांति प्राप्त करने का केवल उपाय यही , पावन हरि नाम का संकीर्तन कीजिए| । ये सब सब से बड़ा है... Hindi · कविता 231 Share Jitendra Anand 24 Sep 2016 · 1 min read राजयोग महागीता : घनाक्षरी छंद:( पोस्ट क्रमॉक १) जप- जप जप - जप कृष्ण नाम , महामंत्र - कीर्तन कर , अपने सद्चरित्र का निर्माण कीजिए । कहना ये उचित होगा , प्रभु- भक्तों से नित्य , नाम... Hindi · कविता 226 Share Jitendra Anand 13 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता: प्रभुप्रणाम::: घनाक्षरी ( पोस्ट २) छंद: २२ चौसठ कला से युक्त शरणागतवत्सल, सच्चिदानंद घन आप ही घनश्याम हैं । योगनिद्रा का आनंद लेते क्षीर-- सागर में , आनंद के दाता आप परम विश्राम हैं ।... Hindi · कविता 166 Share Jitendra Anand 13 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता:: प्रभु प्रणाम ( घनाक्षरी ) पोस्ट५ विभु राम ,नृसिंहादि रूपों में जो व्यक्त हुए , भगवान गोविंद का करता भजन हूँ , प्रभु कृष्ण रूप में जो स्वयं ही प्रकट हुए , उन परमब्रह्म को मैं... Hindi · कविता 398 Share Jitendra Anand 13 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता "" गुरुक्तानुभव" ( घनाक्षरी) पो ६ हमारे ज्ञान की न तृष्णा समाप्त हुई , ज्ञान - प्राप्ति का उपाय हमको बताइये । कैसे करूँ अनुसंधान शाश्वत मार्ग का मैं , वीतराग का उपाय हमें समझाइये सकल... Hindi · कविता 179 Share Jitendra Anand 13 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता:: गुरुक्तानुभव ( घनाक्षरी) पोस्ट ७ गुरु वचनों का मंत्र, सत्संग , स्वाध्याय-- सुधा , नृप ! ज्ञान - प्राप्ति का उपाय यही जानिए । ज्ञान है परम यही, सबमें समाया जो है , आप !... Hindi · कविता 182 Share Jitendra Anand 13 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता:: तृष्णा, स्वार्थ, वासनाएँ, दम्भ( पो८) राजयोग महागीता:: घनाक्षरी: गुरनक्तानुभव ( अध्याय१) तृष्णा, स्वार्थ- वासनाएँ, दम्भ , द्वेष, छल जैसे, विषयों को विष की भाँति त्याग , सद्कार्य है । दैहिक , सांसारिक, कामनाओं , अहंकार... Hindi · कविता 175 Share Jitendra Anand 13 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता:: गुरुक्तानुभव ( घनाक्षरी: ४)पोस्ट९पोस्ट९ क्रोध क्या यह क्रूरता , कठोरता , कुटिलता , त्याज्य है असंतोष , त्याग विष के समान । नृप! करुणा क्या आर्जव , मित्रता ,सरलता , तू न पृथ्वी ,... Hindi · कविता 185 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता:: तू अपनेसे करले अलग निज देह को घनाक्षरी : अध्याय १ :: गुरुक्तानुभव : पोस्ट:: १० तू अपने से कर ले अलग निज देह को , तब अभी ही सुखी, बंध- मुक्त हो जायेगा । वीतराग होकर... Hindi · कविता 333 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता:: धर्म और अधर्म,सुख-दुख सब ही तो घनाक्षरी:: अध्याय१ गुरुक्तानुभव::छंद - ६:: पोस्ट ११ धर्म और अधर्म, सुख - दुख सब ही तो ये मानस की उपज हैं कदापि तू न कर्ता । तू देह से असंग... Hindi · कविता 294 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता: अपनेको छोड़ मत, दूसरेको दृष्टा देख:: पोस्ट१४ घनाक्षरी:: अध्याय १:: गुरुक्तानुभव : छंद संख्या७ अपने को छोड मत, दुसरे को दृष्टा देख, स्वयं ही दृष्टा है ,जानकर आनंद कर । बुद्ध है प्रबुद्ध स्वयं, फँसने न पायेगा... Hindi · कविता 175 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read मुक्तक::: हर सुबह एक नयी आस लिए होती है हर सुबह एक नयी आस लिए होती है । दोपहर एक अमिट प्यास लिए होती है । डूब जाता हूँ किसी याद की तन्हाई में , चॉदनी रात जब मधुहास... Hindi · मुक्तक 240 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read मुक्तक : सूर्य का जग में नवल उन्मेष हो ( पोस्ट १६) सूर्य का जग में नवल उन्मेष हो । भ्रांति का कोई न मग अब शेष हो । हो सुशासन देश में संदेश यह -- मुस्कराता उल्लसित परिवेश हो ।।२!! -----... Hindi · मुक्तक 482 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read मुक्तक ३ और ४ कहीं कोई भटकाव नहीं ( पोस्ट १७) कहीं कोई भटकाव नहीं कहीं कोई अलगाव नहीं किसी पंथ के अनुयायी हों आपस में टकराव नहीं ।।३।। आस का, अभिलाष का , विश्वास का हो । पल्लवित वट वृक्ष... Hindi · मुक्तक 194 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read फूल - सी कोमल गुलाबी ताज़गी ले आइए ( ग़ज़ल) पोस्ट १९ ग़ज़ल ::: फूल - सी कोमल गुलाबी ताज़गी ले आइए जोड़ दे जो दो दिलों को सादगी ले आइए तब कहेंगे मत मिटो अपने वतन पे दोस्तों जो यहॉ आकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 478 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read जो वतन से प्यार करतीं ,वो हमारी वेटियॉ हैं ( गीत) पोस्ट२१ जो वतन से प्यार करतीं वो हमारी वेटियॉ हैं सम नहीं अनुपात इनका , वेटियॉ सब ही पढायें हो नहीं इनकी उपेक्षा , वेटियॉ सबकी बचाएँ । अवतरित होतीं धरा... Hindi · गीत 1 478 Share Jitendra Anand 15 Oct 2016 · 1 min read चली आनंद के पथ पर ,बनी मीरा कोई बाला( गीत) पोस्ट २२ चली आनंद के पथ पर -----------------( गीत ) चली आनंद के पथ पर बनी मीरा कोई बाला ह्रदय यह हो रहा प्रमुदित।अभय यह हो रहा सुविदित। चली जो मधुबनों से... Hindi · गीत 1 248 Share Jitendra Anand 15 Oct 2016 · 1 min read मंजरी को चाहता हूँ ( गीत ) पोस्ट -२३ मंजरी को चाहता हूँ ( गीत ) तुम कली की मौत पर खुशियॉ मना लो भले ही पर, मैं खिले फूलों महकतीं मंजरी को चाहता हूँ ।। लहलहाते पादपों का... Hindi · गीत 399 Share Jitendra Anand 15 Oct 2016 · 1 min read रंग सारे छोड़ कर हम हंस हो गये ( गीत ) पोस्ट- २४ रंग सारे छोड़ कर हम हंस हो गये ( गीत ) रंग सारे छोड कर हम हंस हो गये । रंग सारे प्राप्त कर तुम श्याम हो गये ।। आयीं... Hindi · गीत 319 Share Jitendra Anand 15 Oct 2016 · 1 min read लघु गीत ::: वत्स ! तुम्हारे ह्रदय- क्षेत्र में ( पोस्ट २५) लघु गीत : वत्स ! तुम्हारे ह्रदय-क्षेत्र में ------------------- वत्स ! तुम्हारे ह्रदय- क्षेत्र में बीज प्रेम के जो बोता है , उसका जब तक मर्म न जाना, गुरु- मंत्रों... Hindi · गीत 330 Share Jitendra Anand 15 Oct 2016 · 1 min read ज्ञान सिंधु की थाह नहीं है ( लघु गीत ) पोस्ट- २६ ज्ञान सिंधु की थाह नहीं है। मेरा भी कहना है !! हमसे आप बडे हैं भाई ! उनसे ओर बडे होंगे ! आज जहॉ भी आप खडे हैं , कल... Hindi · गीत 231 Share Jitendra Anand 16 Oct 2016 · 1 min read तुलसी की पावनता हमने पहचानी है ( गीत) पोस्ट २७ तुलसी की पावनता मैंने पहचानी है ( गीत ) ********************************* मेरा मन आकुल है , तेरा मन छूने को । काया तो माया है , मैंने भी तो जाना है... Hindi · गीत 271 Share Jitendra Anand 16 Oct 2016 · 1 min read जागो मेरे हिंदुस्तान ! बहुत हो चुका है अपमान( गीत)पोस्ट २८ जागो मेरे हिंदुस्तान ! बहुत हो चुका है अपमान ****************************गीत********** तुम सोये तो भाग्य सो गया ,बहुत हो चुका है अपमान। यह सोने क् समय नहीं है,जागो- जागो हिंदुस्तान ।।... Hindi · गीत 1 323 Share Jitendra Anand 16 Oct 2016 · 1 min read एकता के गीत गायेंं, हो परस्पर प्यार इतना( गीत)पोस्ट २९ एकता के गीत गायें **************** हम रचाने आ गये संसार फिर स्वप्निल धरा पर हो परस्पर प्यार इतना एकता के गीत गायें ।। सत्यता हो मूल्य शाश्वत , हो समय... Hindi · गीत 1 665 Share Jitendra Anand 16 Oct 2016 · 1 min read बूँद ही अमृतमयी है, जो बुझादे प्यास प्यासे की ,विमल है( गीत) पोस्ट२९ बूँद ही अमृतमयी है ********************************** गीत अंजुरी को बूँद ही अमृतमयी है, जो बुझा दे प्यास प्यासे की , विमल है । कण्ठ प्यासे का नहीं यह सुख पाये हो... Hindi · गीत 329 Share Jitendra Anand 16 Oct 2016 · 1 min read मॉ तो मॉ, मॉ ही होती है , बच्चों का कल्मष धोती है( पोस्ट ३०) गीत मॉ तो मॉ , मॉ ही होती है ************************( गीत ) मॉ तो मॉ , मॉ ही होती है , बच्चों का कल्मष धोती है जब भी होता है अँधियारा... Hindi · गीत 1 349 Share Jitendra Anand 17 Oct 2016 · 1 min read आ गयी दीपावली , शुभ स्वागतम् है ( गीत ) पोस्ट ३० आ गयी दीपावली है ********************* आ गयी दीपावली ,शुभ स्वागतम् है । बुझ चले जो दीप हैं, उनको जलाओ ।। तुम हँसो यों, हम हँसें, सब ही हँसें यों --... Hindi · गीत 276 Share Jitendra Anand 17 Oct 2016 · 1 min read प्यार को पावन बनाओ , प्यार को पूजा फलित भावन बनाओ( गीत ) पोस्ट ३२ प्यार को पावन बनाओ ********************* साध्य अपने प्यार को पावन बनाओ । प्यार को पूजा , फलित भावन बनाओ ।। सूर्य हो या चन्द्रमा या व्योम -- तारे , प्यार... Hindi · गीत 456 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जय बाला जी: मॉग सिया की सेंदुर पूरित: जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट३२) जयबालाजी:: ताटंक छंद : ३१ मॉग सिया की सेंदुर पूरित ,लख कपि ने भी मल डाला देखा मॉ ने ,मन में सोचा, सुत कितना भोला- भाला । किया ज्ञात जब... Hindi · मुक्तक 317 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी:: पीने को शिव इष्ट रामकी हाला:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ३२) जयबालाजी:: पीनेको शिव इष्ट रामकी दीप्ति माधुरी की हाला । दशरथ प्रांगणमें पहुँचे धर रूप मदारी का आला । संग चपल सुंदर बंदर ले, खेल दिखाते वे सबको । एक... Hindi · मुक्तक 634 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी:: भीमसेनमद हरनेकी लीला की:: जितेन्द्रकमल आनंद ( पोस्ट३३) जयबालाजी:: ताटंक छंद क्रमॉक-- ३३ चक्र सुदर्शन ,विहग गरुण जब फूले थे बल में बाला । कृष्ण- इंगितों पर लीला कर , अहम् हरा पलमें बाला ! रूप धरा हरि... Hindi · मुक्तक 202 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read चक्र सुदर्शन , विहग गरण जब फूले थे बल म्ं बाला । चक्र सुदर्शन , विहग गरुण जब फूले थे बलमें , बाला! कृष्ण इंगितों पर लीलाकर अहम् हरा पलमें ,बाला ! रूप धरा हरि ने रघुवरका, बनी सत्यभामा , सीता ।... Hindi · मुक्तक 304 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी; चक्र सुदर्शन ने जब रोका :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट३४) ताटंक ३४ चक्र सुदर्शन ने जब रोका उसको मुखमें ग्रहण किया पूर्व गरुणके ,पहुँच द्वारिका , अहम् चूर कर सबक दिया मुदित हुए तब राम अापके, कृष्ण और को थे,... Hindi · मुक्तक 301 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी: पानी बहते रहने से ही,सरित- सलिल:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट३८) पानी बहते रहने से ही सरित सलिल बनता निर्मल । जैसे दूँज- चॉद चलने से पूर्ण इन्दु बनता उज्जवल । " कमल" संत भी विमल हंसवत् मोतीको चुगनेवाला चलता रहता... Hindi · मुक्तक 333 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी:: : निष्कामी हो पूर्ण शॉति मन यन्त्र योग का :: जितेन्द्रकमल आनंद ( ३९) निष्कामी हो पूर्ण शांत मन यंत्र योग का बन जाता । करे राम का दर्शन भावन योगी बनकर हर्षाता । मिले तन्त्र तन का यदि सम्बल| तो मृदु उर वीणा... Hindi · मुक्तक 190 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी:: खेत जोतनेवाले कृषकों ! :: जितेंद्रकमलआनंद ( ४०) ताटंक छंद :: खेत जोतने वाले कृषकों , करो खेत के मत टुकडे । लोभी सब बन जायेंगे जब,अर्थहीन होंगे मुखड़े । कैसे खेत जुतेगा तेरा, भर पायेगा कब आला... Hindi · मुक्तक 1 192 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी:: भक्ति दृगों से नहीं ह्रदय से :: जितेंद्रकमलआनंद (४१) ताटंक छंद: भक्ति दृगों से नहीं , ह्रदयसे देखी- समझी जाती है । भक्ति विकलके पोछे ऑसू, भक्ति स्वर्ग कहलाती है भक्ति गीत है, भक्ति मीत है , प्रेम पंथ... Hindi · मुक्तक 311 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी :: बने न मन वृन्दावन- कानन :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ४२) ताटंक छंद बने न मन वृन्दावन - कानन , भक्ति नहीं कहलाती है मिले इष्ट जिससे मनभावन , भक्ति वही कहलाती है भक्ति सुमति है, भक्ति सुगति है, भक्ति प्रणय... Hindi · मुक्तक 334 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी: पानी बहते रहने से ही,सरित- सलिल:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट३८) पानी बहते रहने से ही सरित सलिल बनता निर्मल । जैसे दूँज- चॉद चलने से पूर्ण इन्दु बनता उज्जवल । " कमल" संत भी विमल हंसवत् मोतीको चुगनेवाला चलता रहता... Hindi · मुक्तक 184 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी:: वृक्ष- मूल- सिंचनसे जैसे तृप्त :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट४३) ताटंक छंद : क्रमॉक ४३ वृक्ष- मूल - सिंचन से जैसे तृप्त ' कमल ' पल्लव होते भक्तिवान - अर्चनसे वैसे तुष्ट प्रफुल्लित प्रभु होते । भक्ति छंद है ,... Hindi · मुक्तक 389 Share Page 1 Next