राजयोग महागीता “” गुरुक्तानुभव” ( घनाक्षरी) पो ६
हमारे ज्ञान की न तृष्णा समाप्त हुई ,
ज्ञान – प्राप्ति का उपाय हमको बताइये ।
कैसे करूँ अनुसंधान शाश्वत मार्ग का मैं ,
वीतराग का उपाय हमें समझाइये
सकल समस्याओं का हल क्या है, गुरुवर !
मोक्ष – प्राप्ति का उपाय हमें बतियाइये ।
राजा जनक पूँछते हैं मुनि अष्टावक्र से ,
सुधा- प्राप्ति का उपाय हमको सुनाइए।।अध्याय १/ १!
—— जितेन्द्रकमल आनंद