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150 posts
वृक्ष की उपादेयता: वृक्ष केवल अचल,हेते नहीं:: जितेंद्रकमलआनंद ( ४७)
वृक्ष की उपादेयता: वृक्ष केवल अचल,हेते नहीं:: जितेंद्रकमलआनंद ( ४७)
Jitendra Anand
एकता के गीत गायेंं, हो परस्पर प्यार इतना( गीत)पोस्ट २९
एकता के गीत गायेंं, हो परस्पर प्यार इतना( गीत)पोस्ट २९
Jitendra Anand
सुरभि,सुभद्रा,नन्दा,बहुला,सुशीला :: जितेंद्रकमलआनंद (१२३)
सुरभि,सुभद्रा,नन्दा,बहुला,सुशीला :: जितेंद्रकमलआनंद (१२३)
Jitendra Anand
चाहते न थोपना पर, हम ज्ञान :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट७३)
चाहते न थोपना पर, हम ज्ञान :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट७३)
Jitendra Anand
कवि का केवल कर्म नहीं हैं ,कविता ::: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८५)
कवि का केवल कर्म नहीं हैं ,कविता ::: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८५)
Jitendra Anand
युग निर्माण करें सब मिलकर::-- जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १३८)
युग निर्माण करें सब मिलकर::-- जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १३८)
Jitendra Anand
जयबालाजी:: पीने को शिव इष्ट रामकी हाला:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ३२)
जयबालाजी:: पीने को शिव इष्ट रामकी हाला:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ३२)
Jitendra Anand
जो वतन से प्यार करतीं ,वो हमारी वेटियॉ हैं ( गीत) पोस्ट२१
जो वतन से प्यार करतीं ,वो हमारी वेटियॉ हैं ( गीत) पोस्ट२१
Jitendra Anand
सूर्य अग्रसर उत्तर दिशि में :: जितेंद्रकमलआनंद ( ९७/ १०२)
सूर्य अग्रसर उत्तर दिशि में :: जितेंद्रकमलआनंद ( ९७/ १०२)
Jitendra Anand
फूल - सी कोमल गुलाबी ताज़गी ले आइए ( ग़ज़ल) पोस्ट १९
फूल - सी कोमल गुलाबी ताज़गी ले आइए ( ग़ज़ल) पोस्ट १९
Jitendra Anand
मुक्तक : सूर्य का जग में नवल उन्मेष हो ( पोस्ट १६)
मुक्तक : सूर्य का जग में नवल उन्मेष हो ( पोस्ट १६)
Jitendra Anand
राजयोगमहगीता: गोविंद भी नाम जिनका है गोवर्धनधारी: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट५४)घनाक्षरी
राजयोगमहगीता: गोविंद भी नाम जिनका है गोवर्धनधारी: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट५४)घनाक्षरी
Jitendra Anand
कविता : हुआ अपेक्षित है आवश्यक
कविता : हुआ अपेक्षित है आवश्यक
Jitendra Anand
प्यार को  पावन बनाओ , प्यार को पूजा फलित भावन बनाओ( गीत ) पोस्ट ३२
प्यार को पावन बनाओ , प्यार को पूजा फलित भावन बनाओ( गीत ) पोस्ट ३२
Jitendra Anand
राजयोग महागीता:: प्रभु प्रणाम ( घनाक्षरी ) पोस्ट५
राजयोग महागीता:: प्रभु प्रणाम ( घनाक्षरी ) पोस्ट५
Jitendra Anand
जयबालाजी:: पंक राशि में  अनासक्त रह कमल:: जितेन्द्र कमल आनंद ( ४४)
जयबालाजी:: पंक राशि में अनासक्त रह कमल:: जितेन्द्र कमल आनंद ( ४४)
Jitendra Anand
राजयोगमहागीता: वासुदेव,केशवकीमाधवकीमोहिनीसी:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट५३) घनाक्षरी
राजयोगमहागीता: वासुदेव,केशवकीमाधवकीमोहिनीसी:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट५३) घनाक्षरी
Jitendra Anand
रंग सारे छोडकर ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद
रंग सारे छोडकर ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद
Jitendra Anand
यहॉ - वहॉ , जहॉ- तहॉ सब ही जगह वह: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट९२)
यहॉ - वहॉ , जहॉ- तहॉ सब ही जगह वह: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट९२)
Jitendra Anand
खोलो उर के द्वार ,बंद ऑखों को खोलो :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८१)
खोलो उर के द्वार ,बंद ऑखों को खोलो :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८१)
Jitendra Anand
देश हमारा भारत सुंदर ::: जितेंद्र कमल आनंद ( पोस्ट ८४)
देश हमारा भारत सुंदर ::: जितेंद्र कमल आनंद ( पोस्ट ८४)
Jitendra Anand
अनेक एक हो जाते हैं ! -----जितेन्द्र कमलआनंद ( ११३)
अनेक एक हो जाते हैं ! -----जितेन्द्र कमलआनंद ( ११३)
Jitendra Anand
समर्पण:::: जो कलमकार पीते रहे हैं गरल ( ग़ज़ल) पोस्ट १८
समर्पण:::: जो कलमकार पीते रहे हैं गरल ( ग़ज़ल) पोस्ट १८
Jitendra Anand
ये फोज़ी हर बार लड़ा करते हैं-- जितेन्द्र कमल आनंद ( ५१)
ये फोज़ी हर बार लड़ा करते हैं-- जितेन्द्र कमल आनंद ( ५१)
Jitendra Anand
जीवन से जन्म हुआ,जीवन ही तो लक्ष्य है:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट७१)
जीवन से जन्म हुआ,जीवन ही तो लक्ष्य है:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट७१)
Jitendra Anand
मंजरी को चाहता हूँ ( गीत ) पोस्ट -२३
मंजरी को चाहता हूँ ( गीत ) पोस्ट -२३
Jitendra Anand
राजयोगमहागीता: गोकुलका धामप्यारा, नारायण- सतनाम: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट५८)
राजयोगमहागीता: गोकुलका धामप्यारा, नारायण- सतनाम: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट५८)
Jitendra Anand
मेरे स्वर संगम सँग वीणा अंतरमन ने ( गीत) जितेंद्रकमलआनंद
मेरे स्वर संगम सँग वीणा अंतरमन ने ( गीत) जितेंद्रकमलआनंद
Jitendra Anand
घनाक्षरी:: मेरे लिए कुछ भी न दूर और : जितेंद्र आनंद( पो १६३)
घनाक्षरी:: मेरे लिए कुछ भी न दूर और : जितेंद्र आनंद( पो १६३)
Jitendra Anand
शांत और मुक्त भी मैं ,निर्भय हूँ निराश्रय:: जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट१०३)
शांत और मुक्त भी मैं ,निर्भय हूँ निराश्रय:: जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट१०३)
Jitendra Anand
जब से धरती बनी ,प्रकटे तारक चंद्र। जितेंद्र आनंद( पोस्ट ७८)
जब से धरती बनी ,प्रकटे तारक चंद्र। जितेंद्र आनंद( पोस्ट ७८)
Jitendra Anand
मॉ तो मॉ, मॉ ही होती है , बच्चों का कल्मष धोती है( पोस्ट ३०) गीत
मॉ तो मॉ, मॉ ही होती है , बच्चों का कल्मष धोती है( पोस्ट ३०) गीत
Jitendra Anand
कुछ कह न सका अथरों से तभी:: जिते द्रकमलआनंद( पोस्ट१०७)
कुछ कह न सका अथरों से तभी:: जिते द्रकमलआनंद( पोस्ट१०७)
Jitendra Anand
राजयोगमहागीता: गुरुप्रणाम:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट६५)
राजयोगमहागीता: गुरुप्रणाम:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट६५)
Jitendra Anand
हिंदी है भारत की बिंदी ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद
हिंदी है भारत की बिंदी ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद
Jitendra Anand
जयबालाजी :: बने  न मन वृन्दावन- कानन :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ४२)
जयबालाजी :: बने न मन वृन्दावन- कानन :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ४२)
Jitendra Anand
काव्य से अमृत झरे,वेदका वह सार दें:- जितेंद्र कमल आनंद ( पो १३०)
काव्य से अमृत झरे,वेदका वह सार दें:- जितेंद्र कमल आनंद ( पो १३०)
Jitendra Anand
समय बदलते सूखी धरती मुस्काती:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट ५१)
समय बदलते सूखी धरती मुस्काती:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट ५१)
Jitendra Anand
परमब्रह्म सबको चाहता भरपूर हैैैै :: जितेन्द्रकमल आनंद ( ९३)
परमब्रह्म सबको चाहता भरपूर हैैैै :: जितेन्द्रकमल आनंद ( ९३)
Jitendra Anand
शिखरिनी छंद( हाइकू ) जितेंद्रकमलआनंद: गुरु सकाश( पोस्ट७६)
शिखरिनी छंद( हाइकू ) जितेंद्रकमलआनंद: गुरु सकाश( पोस्ट७६)
Jitendra Anand
जयबालाजी: पानी बहते रहने से ही,सरित- सलिल:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट३८)
जयबालाजी: पानी बहते रहने से ही,सरित- सलिल:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट३८)
Jitendra Anand
कवि रामकिशोर वर्मा जी!
कवि रामकिशोर वर्मा जी!
Jitendra Anand
हम मानव हैं हरित धरा के :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १५९)
हम मानव हैं हरित धरा के :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १५९)
Jitendra Anand
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ : जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१२५)
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ : जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१२५)
Jitendra Anand
जागो मेरे हिंदुस्तान ! बहुत हो चुका है अपमान( गीत)पोस्ट २८
जागो मेरे हिंदुस्तान ! बहुत हो चुका है अपमान( गीत)पोस्ट २८
Jitendra Anand
मन सुमन को चाहिए लब मुस्कराते: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट११२)
मन सुमन को चाहिए लब मुस्कराते: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट११२)
Jitendra Anand
राजयोग महागीता:: तू अपनेसे करले अलग निज देह को
राजयोग महागीता:: तू अपनेसे करले अलग निज देह को
Jitendra Anand
जयबालाजी:: वृक्ष- मूल- सिंचनसे जैसे तृप्त :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट४३)
जयबालाजी:: वृक्ष- मूल- सिंचनसे जैसे तृप्त :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट४३)
Jitendra Anand
वह स्वयं में व्याप्त है ::: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट९५)
वह स्वयं में व्याप्त है ::: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट९५)
Jitendra Anand
जयबालाजी; चक्र सुदर्शन ने जब रोका  :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट३४)
जयबालाजी; चक्र सुदर्शन ने जब रोका :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट३४)
Jitendra Anand
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