Javed Qamer Tag: ग़ज़ल/गीतिका 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Javed Qamer 17 Mar 2021 · 1 min read तो लोग समझे जब उन के घर भी सितम की आतिश के ज़द में आए तो लोग समझे। अदावतों के नगर में शोले भङकते देखे तो लोग समझे। जो लोग हम से ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 894 Share Javed Qamer 16 Mar 2021 · 1 min read दुनिया में अब वो लोग निराले नहीं रहे। हर सम्त तीरगी है उजाले नहीं रहे। अम्न ओ अमाँ के चाहने वाले नहीं रहे। हर शख़्स आज शोला बयानी पे है तुला। कह तो दिया ज़बानों पे ताले नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 5 325 Share Javed Qamer 26 Feb 2021 · 1 min read घर का चराग़ घर के उजाले को खा गया। उम्मीद ओ आरज़ू के दिये सब बुझा गया। जब मेरा दोस्त दुश्मनी करने पे आ गया। उस ने ही घर को कर दिया वीरान देखिए। घर छोङ कर मैं जिस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 399 Share Javed Qamer 25 Feb 2021 · 1 min read कुछ तो बुरा हुआ है मिरे दिल के साथ आज क्यों साँसें आती जाती हैं मुश्किल के साथ आज। कुछ तो बुरा हुआ है मिरे दिल के साथ आज। क्या बात है अकेला सरे आसमाँ है क्यों। तारे नहीं है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 441 Share Javed Qamer 9 Feb 2021 · 1 min read "दुनिया तिरे मिज़ाज का बन्दा नहीं हूँ।" जैसा समझ रही है तू वैसा नहीं हूँ मैं। दुनिया तिरे मिज़ाज का बन्दा नहीं हूँ मैं। मुझ को मुहब्बतों की तिजारत पसंद है। नफ़रत के सौदे बेचने वाला नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share Javed Qamer 9 Feb 2021 · 1 min read तलाश मुझ को करेगी ये ज़िन्दगी इक दिन। ग़ज़ल मिरे फ़िराक़ में रोएगी हर घङी इक दिन। तलाश मुझको करेगी ये ज़िन्दगी इक दिन। तुझे मनाता रहूँगा मैं हद्दे- आख़िर तक। ज़रूर ख़त्म तिरी होगी बरहमी इक दिन।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 221 Share Javed Qamer 5 Feb 2021 · 1 min read दिल तोङ दिया उस ने ग़ज़ल दिल तोङ दिया उसने वीरान किया दिल को। कुछ इतने सितम ढाए बेजान किया दिल को। मग़रूर तबीअत को दिल सौंप दिया मैंने। क्या क्या न जतन करके परवान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 5 263 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read चारागर मैंने माना कि तू चारासाज़ी को तैय्यार है। ग़ज़ल। चारागर मैंने माना कि तू चारासाज़ी को तैय्यार है जिसका कोई मदावा नहीं इश्क़ का ऐसा आज़ार है तेरे आने से गुल खिल गए रंगो-ख़ुश्बू मुझे मिल गए तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 282 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read हमारे हाल की दुनिया को है ख़बर लेकिन। ग़ज़ल हमारे हाल की दुनिया को है ख़बर लेकिन नहीं है मेह्रबाँ हम पर तिरी नज़र लेकिन बहुत अंधेरी है ये रात मानता हूँ मैं अंधेरी रात की हो जाएगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 246 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read अल्लाह क्या नसीब बनाया ग़रीब का। ग़ज़ल अल्लाह क्या नसीब बनाया ग़रीब का फुटपाथ पे बिछा है बिछौना ग़रीब का सब उससे दूर रहते हैं सबको है उससे आर सुनने को कौन आता है दुखङा ग़रीब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 370 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read क़ाइम कहाँ किसी का सदा रह सका सितम। ग़ज़ल क़ाइम कहाँ किसी का सदा रह सका सितम। है चन्द रोज़ा बस ये सितमगर तिरा सितम। कब तक तू ज़ुल्म ढाएगा कब तक सताएगा। ज़ालिम समझ के सोच के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 359 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read मुझ से तो अब ये नज़ारा नहीं देखा जाता। ग़ज़ल मुझ से तो अब ये नज़ारा नहीं देखा जाता कोई उतरा हुआ चेहरा नहीं देखा जाता उनकी आँखों के रुला देते हैं आँसू मुझको ज़ुल्म इंसानों पे होता नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 212 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read बुलाता है ये घर आंगन चले आओ चले आओ। New ghazal बुलाता है ये घर आंगन चले आओ चले आओ। तुम्हारे बिन है सूनापन चले आओ चले आओ। अगर तुम चाहते हो देखना मेरी वफ़ाओं। तो बनकर प्यार का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 294 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read कहता है कौन हो गईं कम बेक़रारियाँ। कहता है कौन हो गईं कम बेक़रारियाँ। बढ़ती ही जा रही हैं सनम बेक़रारियाँ। दर्द और ग़म के गहरे समन्दर में डूब कर। लिखता है मेरी अब तो क़लम बेक़रारियाँ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 206 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read चर्चा अब उस का एक भी लब पर नहीं रहा। चर्चा अब उस का एक भी लब पर नहीं रहा। सुनता हूँ सुर्ख़ियों में सितमगर नहीं रहा। दौलत मिली तो भूल गया दोस्तो को वो। उङने लगा हवा में ज़मीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 232 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read फिर यूँ हुआ कि साथ समंदर का छोङ कर। फिर यूँ हुआ कि साथ समंदर का छोङ कर। होटों पे मैंने रख लिया बादल निचोङ कर। क्या हो गया क़ुसूर ख़ता मुझ से क्या हुई। तुम जा रहे हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 334 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read ग़ज़ल सुर्ख़ी ए अख़बार है वो नामवर ख़तरे में है। मार क़ुदरत की है जो फ़ौक़-उल-बशर ख़तरे में है। कोई भी मेहफ़ूज़ इस शहर ए सियासत में नहीं। ऐसा लगता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read कहीं हैं दूर कहीं हैं क़रीब आवाज़ें। कहीं हैं दूर कहीं हैं क़रीब आवाज़ें। फ़ज़ा में गूँज रही हैं अजीब आवाज़ें। जवाब देते नहीं क्यों निकल के घर से तुम। कि आज देता है तुम को रक़ीब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 203 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read सब ये तेरा करम यार है जिस पे तेरा करम यार है। फिर कहाँ उस को ग़म यार है। हर घङी तू ने हर हाल में। मेरा रक्खा भरम यार है। मंजिले-इश्क़ में राहबर। तेरा नक़्शे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read क्या सितम है कि मुलाक़ात नहीं कर सकते। क्या सितम है कि मुलाक़ात नहीं कर सकते। आज हम उन से कोई बात नहीं कर सकते। जो समझ बैठे हैं दुख दर्द को क़िस्मत अपनी। अपने तब्दील वो हालात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share Javed Qamer 3 Feb 2021 · 1 min read ग़ज़ल ये लग रहा है इबादत में हो गया नाकाम। मैं जब से उन की मुहब्बत में हो गया नाकाम। हुनर उसे नहीं आता था झूठ बोलने का। इसी लिए वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 234 Share