Dushyant Kumar Patel Tag: कविता 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dushyant Kumar Patel 22 Sep 2024 · 1 min read तुमबिन तुम बिन जाऊं अमराई तो, ये कोयल की कूक न भाए l तुम बिन बैठूं पनघट पर तो, अल्हड़ पुरवा जिया जलाए l तुम बिन जाऊं फुलवारी तो, दिव्य पुष्प... Hindi · Kavita · कविता 49 Share Dushyant Kumar Patel 24 Mar 2024 · 1 min read तुम आना उर में नव वसंत प्रीत लिए फागुन के पलाश रंग लिए नदी किनारे अमराई पे खुशरंग औ रासरंग लिए अंतर वीणा तुम्हें पुकारे इक आशा तुम नई जगाना धानी चुनर... Hindi · Kavita · कविता 76 Share Dushyant Kumar Patel 24 Mar 2024 · 1 min read तुम आना ( भाग -२) आ गए सरस फागुन के दिन, इस बरस माधुरी तुम आना l ये मन उलझा है धागों सा, आकर तुम इनको सुलझाना l अमराई के कोयल बन के, सांझ- सँवेरे... Hindi · Kavita · कविता 59 Share Dushyant Kumar Patel 14 Mar 2024 · 1 min read बेमतलब के घोर सोशल मीडिया के दौर में भी अब कोई नहीं भेजते हैं बेमतलब के हाय, गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग डिजिटल हार्ट, डिजिटल गुलाब ढोंग रहीसी के थोड़े थोड़े सब में... Hindi · Hindi Kavita · कविता 74 Share Dushyant Kumar Patel 28 Jan 2024 · 1 min read तुम मैं पथिक बेखबर राहों की, आशा की हो नव ऊषा तुम l यूं रोक कदम देखता रहूं, सुरमई व मोहक संध्या तुम l मैं जेठ झुलसता मरुथल सा, झुरमुट दरख्तों... Hindi · Kavita · कविता 2 124 Share Dushyant Kumar Patel 17 Jan 2024 · 1 min read ब निगाहें करम मुस्कुरा दो तुम(नज़्म) ब निगाहें इताब तुम न देखा करो हमको ऐसे, ब निगाहें करम मुस्कुरा दो तुम जरा एक बार l निगाहें शौक से देख लेंगे मोतियों का बिखरना, ये भीगी जुल्फें... Hindi · Kavita · कविता · नज़म 145 Share Dushyant Kumar Patel 9 Jan 2024 · 1 min read *वो न भूली होगी* बेशक प्यार भुला दी होगी पर मुड़ कर देखना का अंदाज़ बाते करते करते हल्का सा मुस्कुराना मेरा वो ना भूली होगी l पहला खत, पहली मुलाकात जुल्फों से खेलने... Hindi · Best Poem · Kavita · Poem · कविता 121 Share Dushyant Kumar Patel 31 Oct 2023 · 1 min read दिल दीवाना हो जाए (भाग-२) जब ग्वाला मधुर तान में, अपने बांसुरी बजाए l पाखी भी घर को लौटे, जब ढलती शाम बुलाए l मन आवारा हो जाए, दिल दीवाना हो जाए l जब जादू... Hindi · Kavita · कविता 160 Share Dushyant Kumar Patel 31 Oct 2023 · 1 min read दिल दीवाना हो जाए (भाग-१) जब कोई मधुबाला की, गजरा महक- महक जाए l जब फूलों के उपवन में, कोई तितली इतराए l तन मन सुरभित हो जाए, दिल दीवाना हो जाए l जब पायल... Hindi · Kavita · कविता 89 Share Dushyant Kumar Patel 16 Sep 2023 · 1 min read शिमला की शाम अनकही बातों को बयां करते करते कभी ऊंचे पहाड़ की वादियों को तो कभी एक दूसरे को देखते देखते कुल्हड़ वाली चाय पी रहें थे बयां कर रहे थे मौसम... Hindi · Kavita Kosh · कविता 216 Share Dushyant Kumar Patel 27 Aug 2023 · 1 min read अभिनय कब तक बदलता रहूं गिरगिट की तरह रंग एक चेहरा पे कई के चेहरे कब तक छुपता फिरूं शीशे की तरह टूट कर होठों पे झूठी मुस्कान लिए कब तक... Hindi · कविता 231 Share Dushyant Kumar Patel 19 Aug 2023 · 1 min read *चंद माहिया* (पंजाबी विधा) 1 राह निहारे नैनन तुम कब आओगे सूना है घर आंगन 2 यूं लहरा के आंचल सौंधी मुस्काके तू न कर मुझे पागल 3 तुम भी हद करते हो गैर... Hindi · कविता · माहिया 137 Share Dushyant Kumar Patel 23 Jul 2023 · 1 min read *कुछ अनुभूतियाँ* [1] अपने अपनों में भेद यहां, पर ना किंचित खेद किसी को l खुद के घर में आग लगी है, पर ना आए वेद किसी को ll [2] उजड़ा है... Hindi · कविता 187 Share Dushyant Kumar Patel 16 Jan 2018 · 1 min read राधे-श्यामी छन्द *राधे-श्यामी छन्द*/ *मत्त सवैया छंद* उनकी पायल की मधु रुनझुन, शाम-सहर पास बुलाती है l वो सपनो में आ कर मेरे, आंखों की नींद चुराती है ll तितली सी वो... Hindi · कविता 3 600 Share Dushyant Kumar Patel 13 Nov 2017 · 1 min read प्रिया बावरी *कविता* हो राधा मीरा की जैसी,तुम कान्हा की दीवानी l है चल चितवन है चन्द्रवदन, तुम अलबेली मस्तानी ll हो तितली सी पग है नलिनी,हो इन्दु जमीं की रानी l... Hindi · कविता 1 1 1k Share Dushyant Kumar Patel 10 Oct 2017 · 1 min read नटखट बचपन गौरैयाँ की मधुर चहक सुन, हम रोज सुबह उठ जाते थे l पगडंडी राहों पर चलकर, हम नदी नहाने जाते थे ll चंदा को मामा कहते थे, सूरज को काका... Hindi · कविता 1k Share Dushyant Kumar Patel 7 Sep 2017 · 1 min read वतन के दिलवाले (कुकुभ छन्द) अमन नहीं केसर घाटी में,आतंक जड़ से मिटाओं l कश्मीरी पत्थरबाजो को,कोई तो सबक सिखाओं ll भारत के इस पुण्य जमीं पर,दुश्मन को पनाह ना दो l सब मिलके देशद्रोहियों... Hindi · कविता 403 Share Dushyant Kumar Patel 7 Sep 2017 · 1 min read छोटा सा बालक गरीबी का साया खुद से अलग करने के लिए नहीं बल्कि माँ की ईलाज और रोटी के लिए दोपहरी धूप में छोटा सा बालक गुब्बारे बेचने निकला था l गुब्बारे... Hindi · कविता 766 Share Dushyant Kumar Patel 26 Aug 2017 · 1 min read हम अनाथ हम अनाथ, इस दुनिया में हमारा न घर न परिवार कोई सुनता नहीं ? भगवान पत्थर है और इंसान भी ये दुनिया आज भी हमारे लिये विरान और काँटो भरा... Hindi · कविता 690 Share Dushyant Kumar Patel 22 Jul 2017 · 1 min read बरसात की ऋतु सावन आया बरसे छम-छम कर बदरा धरती ओढी मखमल हरित चुनरिया मिट्टी से सौंधी-सौंधी खुश्बू आई गाँव में हरियाली मनभावन नज़रिया नव जीवन चहुँओर मधुरमय खुशहाली धरती पुत्र का मन... Hindi · कविता 1 1k Share Dushyant Kumar Patel 24 Jun 2017 · 1 min read जब वो चलती है देख उसे सूरज छुप जाता है, सावन घिर-घिर आता है, राहों के फूल हँसते है, बसंती पवन ठहर जाती है l वो जब भीगी-भीगी जुल्फें झटकती है, तब जमीं पर... Hindi · कविता 1 1 684 Share Dushyant Kumar Patel 24 Jun 2017 · 1 min read तुम प्रीत की छाँव हो तुम हँसी सौगात हो, फूलों की बरसात हो l तुम दिन रात हो, मेरी धड़कन हयात हो l तुम मेरे अरमान हो, दिल का मेहमान हो l तुम मेरी पहचान... Hindi · कविता 719 Share Dushyant Kumar Patel 24 Jun 2017 · 1 min read परिणय बंधन विवाह अक्षत पवित्र बंधन है ,मन आत्मा ह्रदय का मिलन है l एक पथ दो राही का संगम,विवाह जन्मों का बंधन है l परिणय बंधन मंगल पद हो, जीवन का... Hindi · कविता 6k Share Dushyant Kumar Patel 24 Jun 2017 · 1 min read *तुम चन्द्रमुखी* चन्द्रसुशोभित हे प्रिय तेरा मुख मन्ड़ल मनवां कुन्दन मधुबन काया है संदल है मृगलोचन अलके रेशम श्यामल सी कोयल सी मीठी बातें औ' मलयाचल कोंपल सा नव यौवन तुम हो... Hindi · कविता 1 663 Share Dushyant Kumar Patel 24 Jun 2017 · 1 min read *नारी राष्ट्रशक्ति* नारी राष्ट्रशक्ति किरणमयी, गरिमा,संस्कृति,निधि औ' सुचिता l संस्कार शालीन है गहना, तुम करुणा ममता की सरिता ll तुम जग जननी जीवन-संगिनी, हो विश्व विजयिनी कल्याणी l शंखनाद जग नियंतता तुम,... Hindi · कविता 494 Share Dushyant Kumar Patel 17 Jan 2017 · 1 min read "जग स्तंभ सृष्टि है बिटिया " यहाँ अजन्मी मर जाती है, क्यों माँ कि कोख में बिटिया| देवी का अनूप रुप है, जग स्तंभ सृष्टि है बिटिया | संस्कार धरोहर आन शान, रीत प्रीत धन है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 529 Share Dushyant Kumar Patel 16 Oct 2016 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ ही तो अनमोल दौलत बेटियाँ है मधुबाला, मधुकली चहक-महक रौनक है आँगन में इस जग में बेटियाँ है निराली जग की चेतना है ,कल्पना है , सूरज,चांद,धरती है बेटियाँ... Hindi · कविता 637 Share Dushyant Kumar Patel 9 Oct 2016 · 1 min read बरसे श्याम बदरिया चम-चम चमके गड़-गड़ गरजे बिजुरिया सावन आया बरसे श्याम बदरिया मिट्टी से सोंधी-सोंधी खुश्बू आई धरती ओढी मखमल हरित चुनरिया खुशहाली चहुँओर नवरंग- नव जीवन किसानों का मन पुलकित आया... Hindi · कविता 882 Share Dushyant Kumar Patel 6 Oct 2016 · 1 min read मेरी प्यारी बहन फूलों सी मुस्कान है,विमल हिया है तू श्वेत शीतल तू चंचल रिया है परी जैसी मेरी प्यारी बहन है ना बंदीश उसका मन खुला गगन है फूलों की वर्षा खुशियों... Hindi · कविता 8k Share Dushyant Kumar Patel 20 Sep 2016 · 1 min read होश में आओं उठो जागो देश की हालातों पर कुछ पंक्तिया ! अच्छा लगे तो शेयर करे ! जहा भी देखा मैने सिने में खंजर चुभाने वाले मिले शैतान से डरकर हाँ में हाँ मिलाने वाले... Hindi · कविता 370 Share Dushyant Kumar Patel 14 Sep 2016 · 1 min read हिंद का अवतार है हिंदी हिंद की पुकार है हिंदी हिंद का सिंगार है हिंदी हिंद की प्राण है हिंदी हिंद की शान है हिंदी हिंद की पहचान है हिंदी हिंदी की सम्मान है हिंदी... Hindi · कविता 641 Share Dushyant Kumar Patel 11 Sep 2016 · 1 min read कौन जिम्मेदार है ? //कविता देश में व्यापत पग-पग में समस्याओं के लिए कौन जिम्मेदार है ? क्या वाकई में नज़र नहीं आ रही है ? हम जिम्मेदार है या हमारा संविधान ? कैसी स्वतंत्रता... Hindi · कविता 642 Share Dushyant Kumar Patel 10 Sep 2016 · 1 min read हम कौन है ? //कविता सवाल तो आज खुद से करना है हम कौन है ? क्या है ? और यहाँ किसलिए है ! शायद जवाब ढूँढने में कितना वक्त लगेगा खुद अनभिज्ञ है !... Hindi · कविता 536 Share Dushyant Kumar Patel 9 Sep 2016 · 1 min read समय ने कहाँ // कविता इंसान ने समय से पूछा, कब ठहरोगे तुम ? समय ने कहाँ ! मैं अनंत हूँ, मैं परिवर्तनशील हूँ, अतीत से कल की ओर प्रवाहमान हूँ ? समय ने इंसान... Hindi · कविता 412 Share Dushyant Kumar Patel 7 Sep 2016 · 1 min read वो दिन लड़कपन के प्रतिबिम्ब सा मन पटल में वो दिन लड़कपन के रमणीय है स्वर्निम है बीते बचपन के पल सावन के झूलें मनभावन खोया-खोया मन जादूई दुनिया, सपनों में कही चंदा मामा... Hindi · कविता 1 394 Share Dushyant Kumar Patel 7 Sep 2016 · 1 min read मेहनत ही भाग्य विधाता है / कविता कुछ कर दिखाने को ठानो तो सही, यहाँ मेहनत ही भाग्य विधाता है ! बेमतलब परेशान क्यों होता है, बीज बोता है वही फल पाता है ! मुश्किल वक्त में... Hindi · कविता 1 5k Share Dushyant Kumar Patel 5 Sep 2016 · 1 min read और कितनी निर्भया ? निर्भया जिन्दा है भारत की आवाज़ बनके वो चिखती कह रही है , इन्साप चाहिए इन्साप चाहिए पर न्याय कब मिलेगी यहाँ तो कानून अंधा है और बहरा भी है... Hindi · कविता 350 Share Dushyant Kumar Patel 2 Sep 2016 · 1 min read ऐसी रचना हो जिसे पढ़कर मन कुंदन हो, अटुट बंधन हो, सारा जीवन धन्य हो, ऐसी रचना हो …… जिसमें प्रेरणा, उत्साह, साहस, करुणा, प्रेम, धैर्य, आशा, विश्वास, ईमानदारी, कड़वी सच्चाई, अनंत खुशियां... Hindi · कविता 1 1 527 Share Dushyant Kumar Patel 1 Sep 2016 · 1 min read ? पहेली है ज़िंदगी? कविता ये ज़िंदगी अविराम है ! बहती नदी, समय की घड़ी अनंत की ओर परिवर्तनशील परिवर्तन का नाम ज़िंदगी है... कभी सरस- सरल, कभी मीठापन, कभी नीरस हर दिन- पल दो... Hindi · कविता 410 Share Dushyant Kumar Patel 29 Aug 2016 · 1 min read ✍✍आया है बसंत मेला✍✍ कू-कू करती कोयल बगीचे में, फैला रही है बसंत की संदेशा भौरे भी कर रहे मधुर गुंजन मड़राने लगी है उपवन में तितलियाँ बेर आम में आ गए बौर सरसो... Hindi · कविता 344 Share Dushyant Kumar Patel 10 Aug 2016 · 1 min read प्यार हो तो ऐसा दिल हो खुला आसमान जैसा बातों में हो मधु जैसी मधुरता "दुष्यंत" का विचार कहता है सदा अटूट हो रिश्ता-नाता प्रेम की बहती रहे अनंत सरिता हँसती-खिलती रहे सदा चेहरा... Hindi · कविता 328 Share Dushyant Kumar Patel 5 Aug 2016 · 1 min read माँ तू ही मेरा सबकुछ माँ तू ममता का सागर है …. तुम्हीं से दुनिया वजूद यहाँ। माँ तू ईश्वर का रूप है, माँ तुम्ही से है मेरा जहाँ। माँ तू ही मेरा सबकुछ, न... Hindi · कविता 630 Share Dushyant Kumar Patel 25 Jul 2016 · 1 min read बिन माँ कुछ कल्पना नहीं इस सृष्टि में भगवान है माँ के रूप में विघमान है बिन माँ कुछ कल्पना नहीं माँ है तो सारा जहान है जो हर लेती हर दुःख को माँ अलैकिक... Hindi · कविता 2 444 Share Dushyant Kumar Patel 25 Jul 2016 · 2 min read हाँ बेबी को न शाहरुख न सलमान पसंद है न धोनी न सचिन पसंद है हाँ बेबी को कोहली पसंद है हम भारतीयों को कश्मीर पसंद है लड़को को WhatsApp पसंद है बच्चे,बुजुर्गों... Hindi · कविता 477 Share Dushyant Kumar Patel 21 Jul 2016 · 1 min read बहुमूल्य है ज़िन्दगी के पल सपने करना है तुझे पुरा अतरंग मन को कर धार छोड़ अपनी कल की ज़िन्दगी तुम्हे जीना है वर्तमान पर अपने ज्ञान दीप रोशनी से खुद को कर तू प्रकाश... Hindi · कविता 258 Share Dushyant Kumar Patel 21 Jul 2016 · 1 min read मंज़िल की राह चलना है अजनबी शहर में कुछ करना है सफलता के मार्ग खुद ढूढ़ना है देर न हो आगे बढ़ना है आसमा की बुलंदी को छूना है उम्मीद की चादर बुनना है परिंदा... Hindi · कविता 248 Share Dushyant Kumar Patel 18 Jul 2016 · 1 min read जिसे चाहा दिल से पूजा कोमल सा नाजुक दिल में, तन्हाई की खंजर चुभा है। यादो कइ गहरा समुन्दर में, मेरा दिल डूबा है। वो तितली दूर उड़ चली, दिल की उपवन उजड़ा है। न... Hindi · कविता 598 Share Dushyant Kumar Patel 18 Jul 2016 · 1 min read इस अनाथ को माँ जरूर देना मैं हूँ अनाथ इस दुनियाँ में मेरा न घर न परिवार है न ज़िन्दगी बेरंग है कोई सुनता नहीं लगता है सब पत्थर है ……. ज़माना हँसती है देख फटे... Hindi · कविता 730 Share Dushyant Kumar Patel 15 Jul 2016 · 1 min read छोटा सा गांव हमारा पुरवईया की महकी हवाँ बागो से चुराती खुशबू लोगो की आने की यहाँ रहता है ज़ुस्तज़ु अमरैया से कोयल बोली आ रही मधु ऋतू बरगद की छाँव में बैठे है... Hindi · कविता 323 Share Dushyant Kumar Patel 15 Jul 2016 · 1 min read मेरे पापा जल्दी आना खुशियों की झोली भर कर फूलों से मुस्कान चुरा कर मेरे पापा जल्दी आना लाना अम्बर से चांद चुरा कर पापा हमें रखना दिल के करीब मेरी हँसी देखना छूप-छूप... Hindi · कविता 2 611 Share Page 1 Next