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16 Oct 2016 · 1 min read

बेटियाँ

बेटियाँ ही तो अनमोल दौलत
बेटियाँ है मधुबाला, मधुकली
चहक-महक रौनक है आँगन में
इस जग में बेटियाँ है निराली

जग की चेतना है ,कल्पना है ,
सूरज,चांद,धरती है बेटियाँ
आज और कल इसी के बदौलत
खुशियां,भाग्य लक्ष्मी है बेटियाँ

लजीली,छबीली है, बुलबुल है
बबीता सी प्यारी है बेटियाँ
चिर-अनंत खुदा की उपहार है
कल्पवृक्ष की डाली है बेटियाँ

परायी नहीं राजकुमारी है
घर की नित सम्मान है बेटियाँ
साहसी दुर्गा,लक्ष्मी की जैसी
हर घर की पहचान है बेटियाँ

उसे भी छूं लेने दे गगन को
आज उसे करने दो सपना सच
वास्तविक सत्य है इस नियति की
बिन बेटियाँ न हमसब ना ये जग

रचनाकार:-दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांस”

Language: Hindi
564 Views
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