अशोक सोनी 136 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अशोक सोनी 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना कोरोना क्या है कोई व्याधि है ? महाविपदा है ,देह का क्षरण है ? जीवन-मरण है , अदृश्य से रण है ? नहीं , कदाचित नहीं , कुछ नहीं कोरोना... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 27 86 1k Share अशोक सोनी 2 Feb 2021 · 1 min read पाती संग - संग उड़ आने दो खोल दिए सारे वातायन खोल दिए हैं हृदय के द्वार पाती संग - संग उड़ आने दो सहज सरल औ निश्छल प्यार । सुख सपनों की रखवाली में हमने कितने... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 56 620 Share अशोक सोनी 12 May 2020 · 1 min read सारे कुत्ते चुप सुबह - सवेरे शहर के एक तिराहे पर , चार - छह मरघिल्ले से कुत्ते , भौंक - भौंक कर एक दूसरे से झपट रहे थे । कमजोर होने के... Hindi · कविता 1 2 589 Share अशोक सोनी 15 Dec 2020 · 1 min read झील सी आंखें याद तुम्हारी बैरन ठहरी नहीं देखती दिन दुपहरी आ जाती है निशि दिन पल-पल धीमे-धीमे चुपके-चुपके छू जाती है मन की देहरी लाख मनाता चंचल मन को भूल अरे कुछ... Hindi · कविता 3 9 521 Share अशोक सोनी 9 Mar 2021 · 1 min read मेरे मंदिर के राम ऋषि कुमार जी धार्मिक दयालु प्रकृति के इंसान। राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने भी सहयोग करना चाहा । अपने खर्चे और बचत का आकलन किया निष्कर्ष निकाला कि दस... Hindi · लघु कथा 4 6 539 Share अशोक सोनी 12 Mar 2020 · 2 min read कभी पिता को भी पढ़ना जिसने तुम्हें गढ़ा है क्या उस पिता को तुमने पढ़ा है कभी फुर्सत मिले तो पढ़ना पढ़ना और समझना उसके एक-एक हर्फ उसके एक-एक शब्द स्नेह में पगे होंगे लेकिन... Hindi · कविता 2 532 Share अशोक सोनी 29 Dec 2020 · 2 min read मैं आदमी बनूंगा बच्चों से बात करने में बड़ा आनन्द आता है। उनकी प्यारी-प्यारी बातें , उनके अपने सपने ,बहुत ही निश्छल होते हैं। बहुत बरस हुए ऐसे ही एक दिन मेरे आस-पास... Hindi · लघु कथा 2 6 532 Share अशोक सोनी 1 Oct 2017 · 1 min read एक निर्भीक सच एक सच अपने पैने नाखून के साथ झूठ की ओर बढ़ता हुआ और उससे बचने के लिए समवेत होता झूठ डैने फड़फड़ाता कभी घेरता कभी भागने को आतुर किन्तु कदम-दर-कदम... Hindi · कविता 1 527 Share अशोक सोनी 10 Mar 2021 · 1 min read एतबार करना गुनाह था क्या ये गुनाह था कि तुम पर एतबार किया , खुशी की चाह में खुद को ही बेज़ार किया । Hindi · शेर 3 490 Share अशोक सोनी 12 Jan 2021 · 1 min read मन - पंछी दिन सूना भीगी रात बयार निगोड़ी करे आघात मन का पंछी पंचम कैसे गाए सिले अधर पथराई बात देखो न फिर होने लगी बिन जलधर कैसी बरसात तृण भीगे भीगे... Hindi · कविता 2 2 511 Share अशोक सोनी 21 Apr 2020 · 1 min read खूबसूरत '"अब शहद लगा कर चाटो , बहुत खूबसूरत है न । लाखों में एक है , यही कहा था न तुमने । रख लो अब शोकेस में । घर की... Hindi · लघु कथा 2 506 Share अशोक सोनी 1 Oct 2017 · 1 min read एक ग़ज़ल बीते लम्हों को भी नादान चुराने निकले लोग माज़ी के इस तरह दीवाने निकले । भूलना चाहा जिसे रश्मो रिवाजों की तरह बातों-बातों मेंं कई और फसाने निकले । तरबतर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 523 Share अशोक सोनी 15 Jan 2021 · 1 min read इल्ज़ाम मेरी ख़ामोशी मुझे इस तरह रुसवा कर गई , बैठे बिठाए गुमानी का इल्ज़ाम लग गया । अशोक सोनी भिलाई । Hindi · शेर 3 2 491 Share अशोक सोनी 18 Jan 2021 · 1 min read भूल थी कोई मुद्दत के बाद ही सही थोड़ी खुशी हाथ आई थी , बेचारा भूल गया कि बदकिस्मती पीछे ही खड़ी है। जाने क्यों उस पर इतना गुमान हो गया , वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 449 Share अशोक सोनी 4 Apr 2020 · 1 min read मन फिर सपनों की रखवाली में निरत हुआ मन । तुम बिन सूनी फुलवारी से विरत हुआ मन । Hindi · मुक्तक 3 462 Share अशोक सोनी 9 Apr 2020 · 1 min read दर्द ये चुप की इन्तेहा है कि दिल कहीं और है और दर्द कहीं होता है । Hindi · मुक्तक 1 2 474 Share अशोक सोनी 14 Feb 2021 · 1 min read प्यार से जिंदगी संवार लो प्यार हो तो हर किसी को साध लो प्यार हो तो वासना को बांध लो प्यार हो तो जिंदगी संवार लो प्यार हो तो चरित्र को सुधार लो । Hindi · मुक्तक 5 4 494 Share अशोक सोनी 7 Apr 2020 · 1 min read नर्स डाॅक्टर सेवकजन , इन सबका आभार तब्लीगी मरकज हुआ , कैसा पतित जमात । किया कलंकित राष्ट्र को , और पृष्ठ आघात ।। कोरोना का कोप है , बंद हुए बाजार । सड़क दुकाने हाट सब... Hindi · दोहा 2 507 Share अशोक सोनी 4 Sep 2020 · 1 min read गिरगिट एक गिरगिट अचानक रूप बदलने लगा नये-नये रंग में पल-पल ढलने लगा । उसको यों करता देख एक गिरगिट दूसरे से बोला यार !यह अकारण क्यों बदल रहा है चोला... Hindi · कविता 2 2 468 Share अशोक सोनी 24 Apr 2020 · 1 min read याद तुम्हारी आंखें बार-बार भरमाई , याद तुम्हारी हर पल आई ।। कैसे निर्दयी बन बैठे तुम , पाती तक न एक पठाई ।। Hindi · मुक्तक 2 2 453 Share अशोक सोनी 20 Sep 2017 · 1 min read धूप की नदी तुम्हारे और मेरे घर के बीच दोपहर को आज भी बहती है पतली-सी धूप की नदी । किन्तु अब बदल गए हैं, प्रतिबद्धताओं के सारे समीकरण । अब तुम नहीं... Hindi · कविता 488 Share अशोक सोनी 11 Feb 2021 · 1 min read विरहा गाए गाने दो अम्बर तल बादल घिर आए घिर आने दो कोई पपीहा विरहा गाए गाने दो वन उपवन में पतझड़ छाए छाने दो कोई किसी को कब भा जाए भा जाने दो... Hindi · कविता 3 2 444 Share अशोक सोनी 24 Feb 2021 · 1 min read प्रकृति की गोद में सलिल ललित प्रवाहित अविरल लघु गिरि की वो हरित ओट ऊर्ध्व अम्बरी निरख आभ पुलकित अन्तर्मन क्षण भर को क्षण भर विस्मृत कर क्लेश ताप आ बैठ क्षणिक फिर प्रकृति... Hindi · कविता 2 2 475 Share अशोक सोनी 16 Oct 2017 · 1 min read तुम्हारी प्रतीक्षा मैंने अपनी पूरी उम्र कैद कर ली है इन आंखों में दिनों की गिनती अर्थहीन लगती है अब मैंने तो बरस के बरस इन आंखों के रास्ते तुम्हारी प्रतीक्षा में... Hindi · कविता 497 Share अशोक सोनी 9 Mar 2021 · 1 min read लड़ सका न अपने नसीब से बहुत चाहा कोशिश भी की मांग लूं कुछ शै रकीब से , पर हासिल कुछ न हुआ लड़ सका न अपने नसीब से । Hindi · शेर 3 4 444 Share अशोक सोनी 12 May 2020 · 1 min read निश्छल चतुराई सीढ़ी...बस एक ही है । ख्याति.......... सफलता........और... पुरस्कारों की .....। किसी भी कीमत पर...... टिक जाना । और.... । किसी भी कीमत पर........बिक जाना । टेढ़ी-मेढ़ी .. घुमावदार सीढ़ियां ।... Hindi · कविता 2 7 428 Share अशोक सोनी 10 Feb 2021 · 1 min read प्रेम की परिभाषा प्रेम की है अद्भुत परिभाषा जितने रिश्ते उतनी आशा प्रियतमा जब प्यार करती है बंद आंखों में आह भरती है मित्र का प्रेम अलग दिखता है खुली आंख स्नेह लिखता... Hindi · कविता 3 1 443 Share अशोक सोनी 8 Jan 2021 · 1 min read वो मां ही थी अचानक एक दिन पूछ बैठा मेरा दोस्त बताओ तुम्हारा पहला प्यार कौन था ? कैसा था ? कब किया था ? दोस्त की बात सुन अवाक सा मैं कुछ सोचने... Hindi · कविता 5 8 437 Share अशोक सोनी 13 May 2020 · 1 min read भीगी पलकें तुमको देखा तो भोर हुई , मन में हर्ष हिलोर हुई , विकल हृदय की धड़कन भी , पा तुम्हें भाव - विभोर हुई । रुठी जब प्रिय तुम मुझसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 427 Share अशोक सोनी 25 Apr 2020 · 1 min read भावना न बात तुम कर सके // न बात हम कर सके // भावना को व्यक्त करने // न शब्द एक हर सके // हाथ से कई -कई // शब्दकोश निकल... Hindi · मुक्तक 2 472 Share अशोक सोनी 25 Feb 2021 · 1 min read तो जीवन मधुशाला है जीवन तो जीवन है सरल कठिन कहां होता है सुख संतुष्टि से भर जाए लगता मधु का प्याला है क्लेश क्लांति से घिर जाए तो फिर गरल निवाला है ख्वाब... Hindi · कविता 6 4 467 Share अशोक सोनी 23 Feb 2021 · 1 min read फिर आ जाने दो खट्टी-मीठी बीती बातें दिवस सुहाने भीगी रातें फिर आ जाने दो सूने सूने मन जीवन में खुशियों की वो बात पुरानी फिर छा जाने दो अल्हड़ बचपन मस्त जवानी कही... Hindi · कविता 3 4 414 Share अशोक सोनी 5 May 2020 · 1 min read मदिरा मजबूरी या जरूरी कभी न देखी , सुनी कभी न , ऐसी विपदा भारी // युक्ति और तदबीर निकाली जितनी भी थी सारी // रखना है सबको सुरक्षित और सबको समझाना // भरना... Hindi · गीत 3 4 437 Share अशोक सोनी 22 Sep 2017 · 1 min read गिरगिट एक गिरगिट अचानक रूप बदलने लगा नये-नये रंग में पल-पल ढलने लगा । उसको यों करता देख एक गिरगिट दूसरे से बोला यार !यह अकारण क्यों बदल रहा है चोला... Hindi · कविता 407 Share अशोक सोनी 11 Feb 2021 · 1 min read खंड खंड उत्तराखंड क्या था वो प्रलय दिवस सा मनुज हुआ कितना विवश सा कैसी वो विकल घड़ी थी विकट विपत्ति आन पड़ी थी अचल गिरि भी सचल हुए थे लोचन कितने सजल... Hindi · कविता 4 8 466 Share अशोक सोनी 8 Mar 2021 · 1 min read ख़ामोशी ही अच्छी थी ख़ामोशी कुछ ऐसे गुमानी का इल्ज़ाम दे गई फिर जो बोलने पर आया तो रुसवा हो गया । Hindi · शेर 2 4 404 Share अशोक सोनी 10 Dec 2020 · 2 min read अतीत गंधा ( संस्मरण ) बस्तर के दूरस्थ एक छोटे-से गांव में मैं प्रथम बार सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त हुआ था । वहां एक मात्र प्रधान अध्यापक महोदय थे । मेरी नियुक्ति से वहां... Hindi · कहानी 2 4 406 Share अशोक सोनी 20 Sep 2017 · 1 min read यादें वहाँ कौन है तेरा ,तुझको कोई बुलाए क्यूँ । खुद के सताए हैं अगर ,तुझको कोई सताए क्यूँ ।। सारे ज़माने का दर्द उठाने की ताब है । अपने जिगर... Hindi · कविता 438 Share अशोक सोनी 14 Jan 2021 · 1 min read कितना मस्त देखता हूं रोज मैं भीड़ - भाड़ अस्त - व्यस्त अपने ही शोर में मस्त एक शहर बिलकुल बेपरवाह । ट्रैफिक का शोर लोगों का शोर बाज़ार का शोर दुकानों... Hindi · कविता 4 8 411 Share अशोक सोनी 15 Jan 2021 · 1 min read यार अब रहने दे अब तो कुछ मत बोल यार अब रहने दे अश्रु नयन से बहते हैं अब बहने दे पीर हृदय में अकुलाई अब सहने दे महल आस का ढहता है अब... Hindi · कविता 5 6 389 Share अशोक सोनी 16 Mar 2021 · 1 min read अंतर में कितनी पीड़ाएं अंतर में कितनी पीड़ाएं किसको अपनी व्यथा सुनाएं अकथ पीर की ज्वाला उर में कैसे शब्दों में भर लाएं कितने-कितने स्वप्न संवारे कितने उर में गीत सजाए सुनने वाला मिला... Hindi · कविता 2 6 403 Share अशोक सोनी 24 Apr 2020 · 1 min read हे आदित्य हे सूर्य देव , हे शक्ति पुंज , भीषण ज्वाला के कराल कुंज , हे सकल सृष्टि के आदि पुरुष , है नमन तुम्हें हे मार्तण्ड , हे प्रभाकर, सविता... Hindi · कविता 2 2 419 Share अशोक सोनी 7 Jan 2021 · 2 min read बदतमीज़ लड़की ' मैडम , आप कुछ परेशान लग रही हैं । किसी का इंतजार है ? ' एक युवक ने 22 -23 बरस की एक लड़की को शहर के एक पार्क... Hindi · लघु कथा 5 7 466 Share अशोक सोनी 30 Mar 2020 · 2 min read चीन का पाप कृत्य आज के इस वैश्विक संकट में सभी देश चिंतित और भयभीत हैं और सब चीन को सन्देह की दृष्टि से देख रहे हैं । विभिन्न देशों का चीन के प्रति... Hindi · लेख 2 3 385 Share अशोक सोनी 4 Apr 2020 · 1 min read चिड़िया रानी ओ चिड़िया रानी ! मत आना तुम अब घर आंगन बहुत विषैली हवा हो गई गली - नगर सन्नाटा है रह जाना अब उपवन कानन यहां विषैला कांटा है पहले... Hindi · कविता 1 383 Share अशोक सोनी 15 May 2020 · 1 min read आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी हिंदी साहित्य के जिस काल का नामकरण ' द्विवेदी युग ' के नाम से जाना जाता है ,उस स्वर्णिम साहित्य काल के प्रवर्तक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ही थे ।... Hindi · लेख 4 6 361 Share अशोक सोनी 12 Mar 2021 · 1 min read खोल रखे हृदय वातायन विस्मृत न हो सके स्मृतियों के वे क्षण बाट निहार - निहार थके झरते नयन मन की पालित आशाएं बूढ़ी हो चली कितने खोल रखे सदा हृदय वातायन Hindi · मुक्तक 3 4 374 Share अशोक सोनी 14 Oct 2017 · 1 min read राजनीति में संत हो गए ईश्वर,अल्लाह,ईसा,नानक एक ही हैंं जब सारे तो जन-मन को ठगने की खातिर कितने सारे पंथ हो गए । लोभी लम्पट भोगी सारे भेष बदल सब हो गए न्यारे अमिट आस्था... Hindi · कविता 366 Share अशोक सोनी 31 Mar 2020 · 1 min read विश्वास सदा विजयी होता है विश्व के अंतहीन जनशून्य परिपथ में मंगल और अमंगल के मध्य तीव्र वेग से संचलित होता नि:शब्द , सारथी रहित एक रथ । सारथी का न होना इंगितीकरण है किसी... Hindi · कविता 2 361 Share अशोक सोनी 5 May 2020 · 2 min read अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ ( व्यंग्य ) *********लम्बी ----- लम्बी लाइनें । सबके चेहरे पर एक सुकून और आशा का संचार होता दिख रहा है । हालांकि सबके चेहरे ढंके हुए हैं लेकिन आंखें हैं कि सब... Hindi · लेख 4 6 342 Share Page 1 Next