Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (2)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
25 Apr 2020 09:30 AM

धन्यवाद जी

याद में तेरी जाग जाग के हम रात भर करवटें बदलते हैं।
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फ़त के धीमे धीमे च़िराग जलते हैं।

श़ुक्रिया !

Loading...