अमित मिश्र Language: Hindi 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अमित मिश्र 8 Nov 2024 · 1 min read *कुछ शेष है अब भी* कुछ है अब भी शेष बाकी मगर गुमसुम सा, उदास,हताश और निराश मैने पूँछा, मगर कुछ न बोला सुनता रहा बस, सुनता रहा। मैने फिर पूँछा क्या कष्ट ,क्या दर्द,... Hindi · कविता 183 Share अमित मिश्र 24 Oct 2023 · 1 min read तन्हा मैं छोड़ आया हूं वो गलियां, जिनसे गुजरने की चाहत थी, नीली आंखों का वो दरिया ,जिसमे कभी अपनी परछाई थी। मैं मानता हूं इश्क का व्यापार , मुझे करना... Hindi 222 Share अमित मिश्र 19 Feb 2023 · 1 min read मन के झरोखों में छिपा के रखा है, मन के झरोखों में छिपा के रखा है, सबकी नज़र से बचा के रखा है। ढूंढता हूं बस उस अल्हड़ बचपने को, न जाने कहां बचपना खो गया है।। अमित... Hindi · Quote Writer 324 Share अमित मिश्र 23 Apr 2022 · 1 min read "ज़ुबान हिल न पाई" सोंच को शिखर तक,उड़ान मिल न पाई मैं सोंचता ही रह गया,ज़ुबान हिल न पाई आंखों के सामने ही,सब खेल चल रहा है, गूंगे और बहरों का,यहां मेल चल रहा... Hindi · मुक्तक 3 1 459 Share अमित मिश्र 4 Sep 2021 · 1 min read मन के भाव मन कमल हो गया , तन सजल हो गया। छाँव तेरे बदन की, दिखी जब मुझे।। कल्पना का विषय , मूर्त होकर खड़ा। सारा चिंतन मनन, सब शिथिल हो गया।।... Hindi · गीत 275 Share अमित मिश्र 26 Jan 2021 · 1 min read ये कैसा गणतंत्र पूछेगा इतिहास कभी जब क्या ज़वाब दे पाओगे। मानवता को शर्मशार कर क्या आगे बढ़ पाओगे।। सहनशक्ति की सीमा लांघी सज्जनता को छोड़ दिया। गौरवमयी क्षणों में तुमने स्व विवेक... Hindi · मुक्तक 2 4 578 Share अमित मिश्र 5 Oct 2020 · 3 min read "वृक्षारोपण ही एक सफल उपाय" आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण बन गई है चाहे वह किसी प्रकार का प्रदूषण हो हमारे देश की हरी भरी धरती आज विशालकाय अट्टालिकाओं में तब्दील होती जा... Hindi · लेख 4 5 548 Share अमित मिश्र 3 Oct 2020 · 1 min read "अपूर्व अनुभव" मेरे जीवन का पहला तुम अनुबंध हो, जन्म से मृत्यु तक का वो संबंध हो। भूल जाऊं तुम्हे इतनी क्षमता कहाँ, सांस में जो बसी वो मलय गंध हो ।।... Hindi · गीत 2 3 943 Share अमित मिश्र 3 Apr 2020 · 1 min read तक़दीर तक़दीर मेरी मुझसे,सौ खेल रचाती है पल में ही उठाती है,क्षण में ही गिराती है जीवन की डगर बड़ी,कांटों से भरी है ये ये राह दिखाती है,और खुद ही बहक... Hindi · कविता 1 4 851 Share अमित मिश्र 27 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक तुम नहीं हो तो मन का मनन व्यर्थ है, सारे जीवन की आशा दमन व्यर्थ है। मेरे जीवन का झरना है सूखा पड़ा, निर्झरी बन के आओ तो कुछ अर्थ... Hindi · मुक्तक 2 581 Share अमित मिश्र 13 Apr 2019 · 1 min read "जरूरत सोंच बदलने की" देखा मैंने एक दिन, समाज को करीब से, देखी लोगों की भावनाएं, और जिम्मेदारियाँ | हर कोई लगा है कम करने में, अपनी जिम्मेदारी , जी चुराता है वह काम... Hindi · मुक्तक 4 1 828 Share अमित मिश्र 2 Feb 2019 · 1 min read "मुक्तक" बैठ कर नीर की धारा किनारे कुछ विचारूं मैं सुनूं समझूं मगर फिर भी तुम्हे ही क्यों पुकारूं मैं मेरे अस्तित्व के वाहक बने हो तुम प्रिये जब से निगाहें... Hindi · मुक्तक 560 Share अमित मिश्र 3 Nov 2018 · 1 min read मां मां की ममता तन में मेरे ,मां जीवन का सार है, कष्ट कभी जो पड़े पुत्र पर,मां जीवन उद्धार है। खुद कष्टों को सह लेती है,मुख से उफ़ न कहती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 62 742 Share अमित मिश्र 3 Nov 2018 · 1 min read "अंतस की आवाज" वक्त बे वक्त तुम याद आओ नहीं , मन के अंतस को यूं तुम सताओ नहीं । कर दिया जब समर्पण मेरे मौन ने , बुझ गई जो समा फिर... Hindi · गीत 705 Share अमित मिश्र 25 May 2018 · 2 min read स्मृति की रेखाओं से (काव्य) मेरे इस सूने मन में, तुमने ही दीप जलाए। इक आभा मन में देकर, हो शून्य क्षितिज में छाए।। मैं पा न सका था तुमको, रह गई तम्मना बाकी। क्यों... Hindi · मुक्तक 548 Share अमित मिश्र 13 May 2018 · 4 min read विलक्षणताओं से भरी मेघालय की खासी पहाड़ी आज मुझे यहाँ रहते लगभग तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं ।यहाँ की प्राकृतिक छटा से अब अंतर्मन का गहरा रिस्ता सा बन गया है। पहाड़,नदियाँ, झरनों का कलरव एवं... Hindi · लेख 423 Share अमित मिश्र 12 Apr 2018 · 3 min read "छिपकली दीवार की" मकान के दूसरे मंजिल का कमरा जो बिलकुल किनारे पड़ता है ,कमरे की एक खिड़की बाहर की तरफ खुलती है | जिससे सड़क पर आने जाने वालों की सारी हलचल... Hindi · कहानी 1 568 Share अमित मिश्र 23 Mar 2018 · 1 min read "मौन" मनुज का अस्त्र बन जाए, तो फिर इतिहास रचता है, हिमालय से भी ऊंचे राज को दफ़ना के रखता है | सुदर्शन राह बदले,या कि गंगा ही मुकर जाए ,... Hindi · मुक्तक 371 Share अमित मिश्र 5 Feb 2018 · 1 min read "नारी के स्वरूप" उन्मुक्त पवन में मुझे देख , चुम्बन अर्पित करने वालों | मेरी छवि की इस सरिता पर , न्योछावर तन करने वालों | सोलह सिंगार से रची हुई मैं तरुण... Hindi · कविता 640 Share अमित मिश्र 3 Jan 2018 · 1 min read "दिल बहता तब बनती कविता" दिल बहता तब बनती कविता दिल बहता तब बनती.... शब्द निकलता पीर सहारे , अस्क के मोती भरता भरता , दिल बहता तब बनती ........ मीत मिलन की विकल वेदना,... Hindi · गीत 706 Share अमित मिश्र 10 Dec 2017 · 1 min read " शिक्षक हूँ मैं " ********************* शिक्षक हूँ मैं , हमें सोंच कर उठना है सोंच कर बैठना है समाज में हमें, खड़े होने का सलीका भी सीखना है पग-पग पर देखना है , कोई... Hindi · मुक्तक 723 Share अमित मिश्र 10 Dec 2017 · 1 min read " समय की शिला पर " ****************************** ****************************** समय की शिला पर मधुर चित्र कितने , किसी नें बनाए किसी नें मिटाए | किसी ने लिखी आंसुओं से कहानी , किसी ने दिया किन्तु दो बूँद... Hindi · कविता 1k Share अमित मिश्र 18 Nov 2017 · 1 min read "स्वप्निल आभा" ??????????? मदयुक्त भ्रमर के गुंजन सी, करती हो भ्रमण मेरे उर पर। स्नेह भरी लतिका लगती , पड़ जाती दृष्टि जभी तुम पर।। अवयव की सुंदर कोमलता, लगती है मुझको... Hindi · कविता 379 Share अमित मिश्र 30 Oct 2017 · 1 min read "एक तरफ तुम हो रस है" प्रिये तुम्हारी यादों को मैं, वंदन करके झूम गया। खत लिखकर मैंने फिर उसका, अक्षर अक्षर चूम लिया।। याद हुई अगणित वह बातें, जो सपनों ने गढ़ रखीं थी। पर... Hindi · कविता 1 445 Share अमित मिश्र 24 Oct 2017 · 1 min read "रूचि" रुचि! एक अविस्मरणीय तोहफा जिसे पाकर न रहता शेष कुछ बाकी । सागर की असीम गहराइयों जैसी हृदय की गहराइयों से उमड़ पड़ती है उमंग जिसे पाकर हृदय के अंतस्तल... Hindi · कविता 677 Share अमित मिश्र 18 Oct 2017 · 1 min read "आज के विद्यार्थी" जिन्हें जाना था विद्यालय, वो मदिरालय को जाते हैं। जिन्हें गाना था जन गण मन, वो फ़िल्मी गीत गाते हैं।। बिछा सकते नही जो, प्रेम की एक भी चादर। वही... Hindi · मुक्तक 1 1k Share अमित मिश्र 14 Oct 2017 · 1 min read आँखों का रिस्ता कैसा रिस्ता आंखों का, है विदित सभी को ही यह। जुड़ता आकाश शब्द सा, जीवन की सरिता से यह।। यह अंजन रेखा काली, देती है मुझे निमंत्रण। आ जाओ प्रियतम... Hindi · कविता 332 Share अमित मिश्र 12 Oct 2017 · 3 min read सही समय की पहचान ही बदलाव का नया रास्ता समय की पहचान आज के युग में बहुत बड़ी आवश्यकता बन गयी है जो समय के साथ नही चला वह पीछे ही नहीं विकास की मुख्य धारा से भी कट... Hindi · लेख 1k Share अमित मिश्र 9 Oct 2017 · 2 min read "अपनी परंपरा और पीढ़ी को नजरंदाज कर रहे आज के युवा" आज हम जिस समाज में रहते हैं उसे पढ़े लिखे सभ्य समाज की उपमा दी जाती है। हमारा हर काम सोच समझकर पूरे निरीक्षण परीक्षण के साथ सम्पन्न होता है।... Hindi · लेख 529 Share अमित मिश्र 5 Oct 2017 · 1 min read भारत माँ की पुकार जब दहक उठा सीमांत, पुकारा मां ने शीष चढ़ाने को । नौ जवां लहू तब तड़प उठा , हँसंते हँसते बलि जाने को ।। गरजे थे लाखों कंठ , आज... Hindi · कविता 1k Share अमित मिश्र 3 Oct 2017 · 1 min read "एक सुबह मेघालय की" व्यथित मन के झरोखों से, घुटन तिल तिल के छटती है। यामिनी तम से काली हो, मगर पल पल पे छटती है। उषा की ज्योति की लाली, अरुण रक्तिम कपोलों... Hindi · कविता 5 8 7k Share अमित मिश्र 3 Oct 2017 · 3 min read बच्चों को समय की ज़रूरत आज व्यस्ततम जीवन में किसी के पास समय नही है। समय वह चीज बन गया है जो गरीब से लेकर अमीर तथा छोटे से लेकर बड़े सभी के पास कम... Hindi · लेख 580 Share अमित मिश्र 2 Oct 2017 · 1 min read मौन (शांत)की ताकत मौन की शक्ति पर खुद से, कभी व्याख्यान न होता । दिशाएँ मौन ही रहती, मनुज गर शांति ब्रत करता।। महादुर्धश समर इतना , कभी विकराल न होता ।। द्रुपद... Hindi · मुक्तक 431 Share अमित मिश्र 2 Oct 2017 · 1 min read नीड़ का निर्माण बीज बनकर नीड़ में तुम, वृक्ष का निर्माण कर दो ।। व्यथित ब्याकुल वीथियों में , प्यार का संचार कर दो ।। बचपने से राजकुल में , जी रहे थे... Hindi · कविता 522 Share अमित मिश्र 1 Oct 2017 · 3 min read वृक्ष हमारे जीवन का आधार होते हैं। "वृक्ष हमारे जीवन का आधार" वृक्ष हमारे जीवन का सबसे बड़ा आधार होते है । वृक्षों से हमे न केवल स्थूल लाभ मिलते है बल्कि विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म लाभ... Hindi · लेख 10k Share