Akib Javed Language: Hindi 166 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Akib Javed 1 Mar 2024 · 1 min read कविता हंसना हंसना इंद्रियों को कर के वश में, बहिर्मन से निःसंकोच हंस ले। सिर्फ हंसने से बढ़ जाता रक्त, नर्म हो जाता है ; व्यक्ति सख्त। मन की कोंपले खिल जाती... Hindi · कविता · हास्य 84 Share Akib Javed 14 May 2023 · 1 min read लॉकडाउन के बाद नया जीवन इतिहास की ये त्रासदी, मानव कैसे भूल गया है? कोरोना के दिनों में सब, घर से निकलना भूल गया। लॉकडाउन में मानव ने ये भी तो सीखा होगा.. बंद पिंजरे... Poetry Writing Challenge 1 159 Share Akib Javed 1 Jan 2023 · 1 min read नया साल सबको मुबारक नया साल सबको मुबारक, मिरा हाल मुझको मुबारक। मुहब्बत - मुहब्बत - मुहब्बत, यही लफ़्ज़ लड़कों मुबारक। समारोह आयोजित होंगे, नई भीड़ सड़कों मुबारक। चुनावी समर चल रही है, नई... Hindi 1 215 Share Akib Javed 17 Dec 2022 · 1 min read कविता मुट्ठी में बंद है भाग्य का लेखा - जोखा, अपनी - अपनी तक़दीर लिए सब इस दुनिया में फिरे। कौन कितना पाएगा? कर्म ये सब बताएगा। छल - कपट ,प्रपंच... Hindi 175 Share Akib Javed 8 Nov 2022 · 1 min read पापा ने कहा.. बचपन में पापा ने कहा मैं पहाड़ हिला सकती हूँ। और मैंने पहाड़ सी तमाम मुश्किलों को हिला दिया। -आकिब जावेद #like #share #comment #akib Hindi 1 133 Share Akib Javed 16 Oct 2022 · 1 min read लघुकथा- उम्मीद की किरण वकील वर्मा जी ने अपने चपरासी से कहा - रामू दादा, वो देखो बाहर एक बूढ़ा आदमी बैठा है उसे बुला लाओ। थोड़ी देर में ही वह बूढ़ा आदमी वकील... Hindi · Akib · Motivational · कहानी · लघुकथा 3 303 Share Akib Javed 24 Dec 2021 · 1 min read ग़ज़ल आकिब जावेद- आईने पे धूल भारी हो गई है तेरी ख़ुमारी मुझपे भारी हो गई है। उम्र की मुझपे यूं उधारी हो गई है।। मुद्दतों से खुद को ही देखा नही आईने पे धूल भारी हो गई है।। चाहकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 256 Share Akib Javed 15 Dec 2021 · 1 min read अपना बाँदा धरती ऋषि बाम देव की, केन नदी का है घाट! यमुना भी बहती यहाँ, है नवाब टैंक का ठाट ! दुर्ग अजेय कालिंजर का, ब्लॉक है जिसमे आठ! पंच तहसीलों... Hindi · कविता 1 2 330 Share Akib Javed 7 Nov 2021 · 1 min read ठोकर ठोकर जो सिखाती है, आगे बढ़ना। ढकेलने से बचा लेती है, गड्ढों में। जिसमें भरी हुई है, नीरसता,उबकाई, तैयार है, समा जाने को अंतः मन में। बचा लेगी ठोकर, जाने... Hindi · कविता 1 476 Share Akib Javed 4 Nov 2021 · 1 min read ग़रीबो की मिलके सभी ले दुआएँ गरीबों को कपड़े मिठाई दिलाएँ, दिवाली मनाएं खुशियाँ लुटाएँ। सभी अपने -अपने घरों को सजाएँ, जमी हुई रौशन जहाँ जगमगाएँ। करें नफ़रतों को जहाँ से रवाना, चलो प्यार का दीप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 225 Share Akib Javed 2 Oct 2021 · 1 min read गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार बन्द कीजिये मानवता पर अत्याचार जाति-धर्म के झगड़े से हैं सब लाचार ईमान का भी हो रहा खूब व्यापार। गाँधी तेरी लाठी करती ये... Hindi · गीत 1 245 Share Akib Javed 29 Sep 2021 · 1 min read कलम से मुहब्ब्त लिखेंगे ख़ुदा की यूँ कुदरत लिखेंगे उन्हीं की इबारत लिखेंगे वही दो जहानों का रहबर उन्हीं की इनायत लिखेंगे मुहब्बत के शायर है हम भी कलम से मुहब्बत लिखेंगे मिटेंगी तुम्हारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 246 Share Akib Javed 12 Sep 2021 · 1 min read बाल कविता ; बादल उमड़ घुमड़ कर आते बादल सबका दिल दहलाते बादल छोटू अपने घर में बैठा दुबका डराते है उसको काले बादल एक परी रहती है उसके पास छोटू को लगी है... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 482 Share Akib Javed 10 Sep 2021 · 1 min read मेरे घर का भी छप्पर देख लेना #ग़ज़ल मेरे तुम दिल के अन्दर देख लेना। कभी ग़म का समन्दर देख लेना।। ख़ुदा तूफान फिर लाने से पहले। मेरे घर का भी छप्पर देख लेना।। मेरे दिल से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 407 Share Akib Javed 10 Sep 2021 · 1 min read कबूल होती है सब दुआ से मिला है जम-जम भी बादिया से मिली है जिसको रिज़ा ख़ुदा से नफ़ा मिलेगा तुम्हें दवा से कुबूल होती है सब दुआ से उरूज में आज वो है अपने ज़लील... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 285 Share Akib Javed 2 Sep 2021 · 1 min read स्कूल का दौर कुम्हलाई आँखे ताक रही थी, रास्ता स्कूल का नाप रही थी। रंग-बिरंगे चेहरे पे उदासी बाहर से झांक रही थी। फूल खिलने लगे लालिमा बिखरने लगी भोर हो गया है,... Hindi · कविता 2 2 274 Share Akib Javed 31 Aug 2021 · 1 min read कविता- गाँव में बदलते परिवेश में अटपटे भावोवेश में गाँव का बदल रहा हिस्ट्री, जियोग्राफ़िया। खलिहर बैठें मनो मस्तिष्क में शून्य लिए खूब हो रहे अपराध है। सड़कों की लम्बाई चौड़ाई बदल रहा... Hindi · कविता 1 220 Share Akib Javed 16 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल- ज़िंदगी की दास्ताँ हज़ारों दर्दो-ग़म के दरम्यां हम थे जहाँ में अब कहाँ हैं कल कहाँ हम थे। तग़ाफ़ुल कीजिये पर सोच लो इतना तुम्हारी ज़िन्दगी की दास्ताँ हम थे। तुम्हारी बदज़ुबानी चुभ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 528 Share Akib Javed 6 Jul 2021 · 4 min read वो बुज़ुर्ग दम्पत्ति सुनो ना, ऐसा कहते हुवे वह अपनी सीट से उठता हैं, तभी उसकी नजर अपने सीट के सामने बैठे हुये एक बुजुर्ग दंपत्ति पर पड़ती हैं।उनका प्यार और आपस में... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 525 Share Akib Javed 6 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल- ग़ज़ल में ग़मो के तराने लिखे #ग़ज़ल #غزل ग़ज़ल में ग़मों के तराने लिखे। कई दर्द अपने पुराने लिखे।। मुझे प्यार में तूने धोखा दिया। हरिक ज़ख़्म तेरे पुराने लिखे।। जहां ज़िन्दगी ने अंधेरा भरा। क़लम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 239 Share Akib Javed 30 Jun 2021 · 1 min read वो सफ़र में मिला नही होता #ग़ज़ल #غزل वो सफ़र में मिला नही होता। दर्द मेरा हरा नही होता। ज़िंदगी की पतंग भी उड़ती। डोर से फ़ासला नही होता। दूर नज़रों से मेरा हमसफ़र हैं। क़ाश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 407 Share Akib Javed 11 Jun 2021 · 1 min read जलाओ चेराग़- ए- मुहब्बत जहाँ में बहुत रोया है दिल दुखाने से पहले जरा बात कर लो रुलाने से पहले। मुहब्बत से रहते है सब इस वतन में मकाँ देख लेना जलाने से पहले। बहा दे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 299 Share Akib Javed 8 Jun 2021 · 1 min read हौसला बुझे हुए दिल के अरमा जगा भी नही सकता किस के लिए ज़िन्दा हूँ बता भी नही सकता हौसलो को परवाज़ अपने मैं हरदम चढ़ाता रहा दिल के जूनून को... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 279 Share Akib Javed 24 May 2021 · 1 min read ग़ज़ल- हज़ारो दर्दों-ग़म के दरम्यां हम थे हज़ारों दर्दो-ग़म के दरम्यां हम थे जहाँ में अब कहाँ हैं कल कहाँ हम थे। अभी हालात से मज़बूर हैं लेकिन तुम्हारी जिंदगी की दास्ताँ हम थे। तुम्हारी बदज़ुबानी चुभ... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 319 Share Akib Javed 17 May 2021 · 1 min read हमारी बस्ती में दिखी एक दिन हमारी बस्ती में दिखी एक दिन गरीबी से ज्यादा बेवसी एक दिन। हवाएं चल रही हैं किस जानिब कहेगी शमां की रोशनी एक दिन। एक डर समाया है दिल में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 524 Share Akib Javed 1 Jan 2021 · 1 min read कोरोना - इंसानियत को सबक मानवता को ही भूलकर मानव करता था सब काम सुबह से लेकर शाम तक नही था एक भी आराम प्रकृति का खूब दोहन करा वह धरा का किया नुकसान सोंच... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 24 306 Share Akib Javed 1 Jan 2021 · 1 min read नए वर्ष की नयी ग़ज़ल- जां से प्यारे यार बदलते देखें हैं वर्ष और घर-द्वार बदलते देखें हैं जां से प्यारे यार बदलते देखें हैं। देखा है दिल पे कुछ होठों पे कुछ पल-पल किरदार बदलते देखें हैं। नफ़रत देखी,देखा हमने प्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 437 Share Akib Javed 30 Sep 2020 · 1 min read अस्मत चुप है भगवान हँसता हैवान देख देख के सब परेशान दरिंदे बने है लेते है जान अस्मत लुटे इंसा शैतान विकृत रुप क्या है मान माँ बेटी बहन इनका अपमान... Hindi · कविता 3 1 236 Share Akib Javed 9 Aug 2020 · 1 min read ग़ज़ल - मुफ़लिसों को दुनिया में क्या कोई अधिकार नही मुफ़लिसों को दुनिया में क्या कोई अधिकार नही पास है हिम्मत की ताकत समझो तुम लाचार नही।। लोग गरीबी की अक्सर खूब उड़ाते हैं खिल्ली इंसान नही हैं ऐसों पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 206 Share Akib Javed 24 Jul 2020 · 1 min read ग़ज़ल 2122 21222 212 बह्र- फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन देख के तुम मुस्कुराओ तो सही दिल में चाहत तुम जगाओ तो सही दर हक़ीक़त हिज़्र की यूँ रात में वस्ल का वादा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 4 525 Share Akib Javed 10 Jul 2020 · 1 min read नकाब में ही नकाब इतने कभी न देखे है ख़्वाब इतने नकाब में ही नकाब इतने थे जाने को जो शिताब इतने है दर्द भी क्या बे हिसाब इतने है दर्द के क्या सवाल तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 249 Share Akib Javed 29 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल दिल में तेरे अब ठिकाना कर लिया दिल में ही अब आना जाना कर लिया।। मेरे ग़ज़लों जैसे वो आये नज़र शेर' से अपने अब दिवाना कर लिया।। आईने से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 495 Share Akib Javed 22 Jun 2020 · 1 min read वो सफ़र में मिला नही होता वो सफ़र में मिला नही होता। दर्द मेरा हरा नही होता। ज़िंदगी की पतंग भी उड़ती। डोर से फ़ासला नही होता। दौलत ही चीज़ ऐसी होती हैं। क्या इंसां में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 262 Share Akib Javed 21 Jun 2020 · 1 min read जीवन का आधार है पिता त्याग,बलिदान का मूर्त है पिता।। बच्चो का मान,सम्मान है पिता।। जीवन की दुपहरी का छाव है पिता।। बच्चो के दिल का लगाव है पिता।। समय सा निरन्तर चलता है पिता।।... Hindi · कविता 3 2 561 Share Akib Javed 27 May 2020 · 1 min read ज़िन्दगी ज़िन्दगी क्यों बुझी सी रहती है आँख में कुछ नमी सी रहती है गुमशुदा सी कहीँ ख़्यालों में ज़िन्दगी अजनबी सी रहती है बेवफ़ा ज़िन्दगी में क्या आई ज़िन्दगी में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 232 Share Akib Javed 23 May 2020 · 1 min read तंज तंज वाणी को अनियंत्रित अमर्यादित असभ्य बनाना पड़ता है। मस्तिष्क में किसी के प्रति नकारात्मक विचारों का प्रवाह उफान में जब होता है, तब वाणी में विचारों का ज्वाला वाणी... Hindi · कविता 2 2 536 Share Akib Javed 1 May 2020 · 1 min read क़लम से मुहब्बत लिखेगे 122 122 122 ख़ुदा की यूँ कुदरत लिखेंगे उन्हीं की इबारत लिखेंगे वही दो जहानों का रहबर उन्हीं की इनायत लिखेंगे मुहब्बत के शायर है हम भी क़लम से मुहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 468 Share Akib Javed 24 Apr 2020 · 1 min read आकर्षण आकर्षण महज देह का नही है है आकर्षण ये मन के आँखों का जिससे तृप्त होती है इंद्रियां और मिलता है अपार आनन्द।। #akib #प्रेम Hindi · कविता 1 446 Share Akib Javed 18 Apr 2020 · 1 min read हाइकु : विश्व विरासत दिवस के अवसर पर ? संस्कृति मूल्य करें हम सम्मान विश्व विरासत ? कुटम्बकम धरा में हरियाली विरासत ये ? सहेज रहें अपनी विरासत ईमारत ये ? यूं रहे प्रेम एकता भाईचारा है विरासत... Hindi · हाइकु 2 324 Share Akib Javed 17 Apr 2020 · 1 min read अतुकांत कविता * थोड़ा ख़मोशी ओढ़े किसी कोने में पड़ें पढ़ रहा अख़बार ढूँढ़ रहा है ख़बर! मिल जाए शायद उसे जो चाहिए चाशनी में डूबी हुई थोड़ा नमकीन सी भीनी खुशबूदार... Hindi · कविता 1 504 Share Akib Javed 16 Apr 2020 · 1 min read सवाल परेशानी में खोया हुआ सड़कों में सोया हुआ जात-धर्म भूला हुआ भुखमरी में झूला हुआ पथराई आँख करती इंतज़ार सुकड़ी आँत करती गुहार व्यथित शरीर अकिंचन दरिद्र खाली बैठा है... Hindi · कविता 1 232 Share Akib Javed 11 Apr 2020 · 3 min read लड़की और समाज सुनो! क्या कर रही हो? इधर आओ खाना देने पिता जी को जाना हैं।अंदर से चीरती हुई आवाज आ रही थी । माँ आ रही हू! बाहर खेलते हुए किरन... Hindi · कहानी 1 2 621 Share Akib Javed 10 Apr 2020 · 1 min read बहुत उलझन में हूँ!अतुकांत कविता आकिब जावेद बहुत उलझन में हूँ! रस्ते भटक रहे है अब! कंकड़ियां सवाल कर रही मुझसे जवाब किसी गुफ़ा में चले गए है नदी में समुद्र कूद रहा है मौन सा पौधे... Hindi · कविता 1 2 449 Share Akib Javed 29 Mar 2020 · 3 min read कोरोना की जंग में हम लापरवाह क्यों? #कोरोना_की_जंग_में_हम_लापरवाह_क्यों? आज विश्व में कोरोना महामारी अपना रौद्र रूप दिखा रही है।जिसमे कई विकसित देश भी चपेट में आ चुके है।जहाँ पर स्वास्थ्य सुविधा भी बहुत अच्छी है।लोगो को वहाँ... Hindi · लेख 2 237 Share Akib Javed 24 Mar 2020 · 2 min read जंग ए कोरोना हम जागरूक क्यों नही? हमारा देश इस समय कोरोना की वजह से भारी टेंशन में है लेकिन आम जनमानस को कोई फर्क ही नही पड़ रहा है। जब प्रथम स्टेज... Hindi · लेख 2 205 Share Akib Javed 20 Mar 2020 · 1 min read वो हौसलों से ही बढ़ाएगी मुझे पल- पल बहुत यूं याद आएगी मुझे ये आग दिल की यूं जलाएगी मुझे खुद ज़िंदगी खुद से मिलाएगी मुझे खुद दूर जाके पास लाएगी मुझे मैं खो गया हूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 389 Share Akib Javed 13 Mar 2020 · 1 min read अफरा तफरी का माहौल हर तरफ हल्ला हो रख्खा है अफरा तफरी का है माहौल कोई अपनी जान बचा रहा है किसी की नागरिकता पे हो रहे सवाल बैंक में पैसे ही नही बचे... Hindi · कविता 1 282 Share Akib Javed 27 Feb 2020 · 2 min read हालात कुर्सी पर मोटा सा चश्मा लागए छेद्दन सिंह पैसो का हिसाब कर रहा था उसके सामने पंकज था जो कई दिनों से दिहाड़ी का काम कर रहा था,पंकज एक पढ़ा... Hindi · लघु कथा 2 1 407 Share Akib Javed 27 Dec 2019 · 1 min read कागज़ों के मकाँ को जलाते नही दिल में हमको कभी भी बसाते नही दिल वो हमसे कभी भी लगाते नही। घर वो अपने कभी भी बुलाते नही देख हमको कभी मुस्कुराते नही। होश मेरा हमेशा उड़ाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 490 Share Akib Javed 20 Dec 2019 · 1 min read दिल पे तुम मेरे रहते क्या हुआ 2122 2122 212 दिल पे तुम अब मेरे रहते क्या हुआ दिल ये कहता क्या ये करते क्या हुआ तुम अना अपनी कभी समझे नही और खुद तुम ही कहते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 368 Share Page 1 Next