Abhishek Rajhans 78 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Abhishek Rajhans 30 Nov 2018 · 1 min read तुम मामूली हो ,मामूली बन कर रहो ना गड़े मुर्दे मत उखाड़ो यारो कुछ लोगो की सुकून की नींद क्यों गायब करना चाहते हो तुम मामूली हो , मामूली बन कर रहो ना ये तो खेल है बस... Hindi · कविता 4 1 336 Share Abhishek Rajhans 3 Nov 2018 · 1 min read माँ को लगता है माँ को लगता है बेटा उसकी फ़िक्र नहीं करता पर वो नहीं जानती जब वो नंगे पाँव चलकर अपने पैर में कुछ चुभो लेती है तो दर्द बेटे को भी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 35 616 Share Abhishek Rajhans 26 Nov 2018 · 1 min read भूलना नहीं चाहता आज का दिन याद नही करना चाहता संस्मरण में भी उसका अवशेष शेष नही रखना चाहता ये दर्द जो बरसो पहले तड़पा गया था अपनो की आग में अपनों को... Hindi · कविता 3 1 488 Share Abhishek Rajhans 21 Nov 2018 · 1 min read मेरा गांव बदल रहा है मेरा गांव अब बदल रहा है थोड़ा-थोड़ा सा शहर हो रहा है काका ,मामा, फूफा -फूफी अंकल-आंटी हो रहे हैं गुड़ के ढेलियों की जगह कुरकुरे-मैग्गी ले रहे हैं बच्चे... Hindi · कविता 3 1 591 Share Abhishek Rajhans 11 Nov 2018 · 1 min read वो मेरी दोस्त वो दोस्त मेरी मुझे औरो से कुछ अलग सी लगती है मैं उससे कैसे कहूँ वो मुझे मेरे जिस्म में रूह जैसी लगती है उसके जन्मदिन पर दुआएं दूँ या... Hindi · कविता 3 230 Share Abhishek Rajhans 7 Nov 2018 · 1 min read मुझे न याद आया इस शहर की रोशनी में मैं माटी के दिये जलाना भूल आया मोमबत्तियों को कहीं यूँ ही सिसकती छोड़ आया मैं अपने गांव का घर कहीं पीछे गुम कर आया... Hindi · कविता 3 425 Share Abhishek Rajhans 7 Nov 2018 · 1 min read प्यार होता है क्या प्यार होता है क्या मैं नही जानता कोई बादल बिगडैल जब आसमां छोड़ कर धरा से मिल जाए प्यार शायद वहीं फिर से शुरू हो जाये कही नाचते रहे मोर... Hindi · कविता 3 3 426 Share Abhishek Rajhans 6 Nov 2018 · 1 min read भीड़ भीड़ कहाँ किसी की होती है जब वो सामने होती है तो जयकारे लगाती है जब वो पीछे होती है जान ले के ही जाती है भीड़ को अपनी आंख... Hindi · कविता 3 2 258 Share Abhishek Rajhans 4 May 2017 · 1 min read वो हमारी पहली मुलाकात थी वो हमारी पहली मुलाकात थी हिचकिचाहट से भरी वो बात थी चाँद निकला था पुरे सबाब पे वो हमारी चांदनी रात थी वो हमारी पहली मुलाकात थी चाय से शुरू... Hindi · कविता 2 692 Share Abhishek Rajhans 2 Nov 2023 · 1 min read एक दोस्त है... एक दोस्त है.. जिससे अब बात नहीं होती पहले जैसी कहीं कोई मुलाकात नहीं होती वो जिसने साथ -साथ देखना शुरू किया था सपना वो जो थोड़ा ज्यादा ही था... Hindi 2 280 Share Abhishek Rajhans 30 Nov 2018 · 2 min read मेरे देश की औरते औरते मेरे देश की औरते बड़ी विचित्रता का बोध कराती है अपने आत्मसम्मान की चिंता किये बिना सब कुछ करती जाती है वो बस सबसे प्रेम करती जाती है अपनो... Hindi · कविता 2 1 304 Share Abhishek Rajhans 21 Nov 2018 · 1 min read मुमकिन है मुमकिन है कि ख़ुदा मिल जाए जो ख़ुदा न मिले तो तुम मिल जाओ तुम मेरे लिए ख़ुदा बन जाओ मुमकिन है कि मोहब्बत फिर किसी से हो जाए दिल... Hindi · कविता 2 1 267 Share Abhishek Rajhans 15 Nov 2018 · 1 min read भूल जाना जरूरी होता है कभी-कभी खुद को फैलाने के लिए अपने अतीत को समेटना जरूरी होता है जलते हुए आग से राख तो निकलेंगे हीं उन राखो से अपने हाथ बचाना जरूरी होता है... Hindi · कविता 2 2 271 Share Abhishek Rajhans 6 Apr 2018 · 1 min read मैं फिर आऊँगा शीर्षक--मैं फिर आऊंगा मैं फिर आऊंगा तुम्हारे सपनो में तुम्हे नींद से जगाने या तुम्हारी नींद चुराने मैं फिर आऊंगा बादल बन तुम्हे खुद में भीगाने या फिर खुद में... Hindi · कविता 2 1 285 Share Abhishek Rajhans 28 Feb 2018 · 1 min read अगर मैं लड़की होता शीर्षक–अगर मैं लड़की होता अगर मैं लड़की होता तो क्या सबकुछ होता ऐसा जैसा होता आया है क्या माँ मुझे भी मेरे भाई जितना प्यार मुझे भी देती मुझे अपनी... Hindi · कविता 2 275 Share Abhishek Rajhans 3 Mar 2018 · 1 min read बचपन वाली होली याद आती है आज वर्षो बाद वो बचपन वाली होली जब माँ निपती थी आँगन को गोबर से मिट्ठी के चूल्हे पे छनते थे मालपुए और सारे बच्चे घर के... Hindi · कविता 2 553 Share Abhishek Rajhans 1 Mar 2018 · 1 min read है मुझे भी इंकार प्रिये शीर्षक-है मुझे भी इंकार प्रिये जब मैं बीच समन्दर मझदार में था जब लहरों में बिन पतवार था जब वक़्त मेरा ,तेरे इंतज़ार में था था तुझे इंकार प्रिये था... Hindi · कविता 2 423 Share Abhishek Rajhans 28 Feb 2018 · 1 min read लक्ष्य संधान हो.... शीर्षक–लक्ष्य संधान हो… बहुत हुआ अपरिचित हो कर जीवन जीना अब कोई मनुष्य व्यर्थ न हो निज जीवन का कोई तो अर्थ हो हर जीवन चरित्र को गुणगान हो बस... Hindi · कविता 2 358 Share Abhishek Rajhans 1 Mar 2018 · 1 min read भूल नहीं पाता तुम्हे शीर्षक-भूल नहीं पाता तुम्हे आज भी घर के बरामदे में बैठ अपने चश्मे को पोछता हुआ मैं इंतज़ार कर रहा तुम्हारा हवा बहती हुई जब पर्दों को उड़ा ले जाती... Hindi · कविता 2 418 Share Abhishek Rajhans 13 Apr 2018 · 2 min read कहाँ है हमारा संविधान शीर्षक--कहाँ है हमारा संविधान देखिये भाईयो और बहनों हम सब भारतवासी ही है सबसे बड़ा लोकतंत्र है हमारा क़ानून की किताब भी है भैया अरे वही जिसे हम संविधान कहते... Hindi · कविता 1 420 Share Abhishek Rajhans 4 Aug 2019 · 1 min read ऐ दोस्त मेरे मुझे नहीं पता तुम कब ,क्यों और कैसे आ गए अजनबी ही थे तुम मेरे लिए और मैं तुम्हारे लिए पर जब से तुम आये हो मुझे मेरा हो कर... Hindi · कविता 1 346 Share Abhishek Rajhans 22 Apr 2019 · 1 min read ये वक़्त है ना ये वक़्त है ना किसी का ये सुनता कहाँ है किसी के रुकने से रुकता कहाँ हैं दिन, रात या सुबह और शाम ठिठुरती हुई सर्दी या तपती गर्मी उमड़ते... Hindi · कविता 1 256 Share Abhishek Rajhans 12 Mar 2019 · 1 min read वक़्त-बेवक़्त कुछ भी वक़्त -बेवक़्त कुछ भी लिख दिया करता हूँ कभी अपने जख्म तो कभी मरहम लिख दिया करता हूँ कभी मन की आशा तो कभी कुंठा लिख दिया करता हूँ कभी... Hindi · कविता 1 551 Share Abhishek Rajhans 4 Sep 2023 · 1 min read वो गुरु हमारा ज़िंदगी के अंधेरे को दूर करने वो एक शख्स जो सूर्य सा उदयमान था साधारण सा व्यक्तित्व था असाधारण उनका प्रभाव था मां की तरह प्यार था तो पिता की... 1 79 Share Abhishek Rajhans 28 Oct 2023 · 1 min read कुछ लोग ज़िंदगी में कुछ लोग ज़िंदगी में बेवजह नहीं आते वो हमारा हाथ पकड़ कर हमें कुछ और कदम आगे बढ़ाने को आते है हमें स्वीकार कर हमें थोड़ा- थोड़ा अपना बनाने को... Hindi 1 90 Share Abhishek Rajhans 18 Jan 2024 · 1 min read होते है कुछ लड़के.. होते है कुछ लड़के जिनके लिए मुश्किल होता है घर लौटना जिसे पाने निकले हो उसके लिए रोज तड़पते रहना नहीं रहता उन्हें दिन और तारीख याद नहीं मना पाते... Hindi 1 87 Share Abhishek Rajhans 25 Mar 2018 · 1 min read आओ राम बने शीर्षक--आओ राम बने राम वर्णन निज मैं कैसे करूँ सीता-राम मैं नित सुमिरन करूँ जो राम देखूँ तो फिर और क्या देखूँ राम को तो बस राम ही में देखूं... Hindi · कविता 1 256 Share Abhishek Rajhans 8 Mar 2018 · 1 min read ये वक़्त है कौन यहाँ किसका अपना है ये वक़्त है जो कभी दिखाता सपना है कभी दिखाता आईना है जो आज राजा बने घूमते है उन्हें क्या पता वक़्त का ऊंट किस... Hindi · कविता 1 245 Share Abhishek Rajhans 27 Nov 2018 · 1 min read ज़िन्दगी रास नहीं आती दर्द से दोस्ती है मेरी खुशियां रास नही आती ओढ़ भले लेता हूँ चादर पर आंखों को नींद नही आती कुछ ऐसा किया है जमाने ने मेरे साथ मौत माँगना... Hindi · कविता 1 3 268 Share Abhishek Rajhans 12 Nov 2018 · 1 min read तुम लौट आओ ना मैं आज भी हूँ वही जहां ठहरा था वक़्त भी तेरे -मेरे लिए सिफारिशें कर रही है हवाएं फिर आज जैसे बहका गई थी तुम्हारे केशो को हवाओं ने फिर... Hindi · कविता 1 493 Share Abhishek Rajhans 3 Mar 2018 · 1 min read माँ को लगता है... माँ को लगता है बेटा उसकी फ़िक्र नहीं करता पर वो नहीं जानती जब वो नंगे पाँव चलकर अपने पैर में कुछ चुभो लेती है तो दर्द बेटे को भी... Hindi · कविता 1 203 Share Abhishek Rajhans 16 Nov 2018 · 1 min read मैं बस मैं बनकर रहना चाहता हूँ मैं बस मैं बनकर रहना चाहता हूँ अभावो की गोद में पला हूँ दिन के उजाले को जीने के लिए रात-रात भर जागना चाहता हूँ अब आईने में खड़ा हो... Hindi · कविता 1 270 Share Abhishek Rajhans 15 Apr 2018 · 1 min read तुम्हारे बाद भी शीर्षक -- तुम्हारे बाद भी तुम्हारे जाने के बाद भी कुछ नहीं बदलेगा यहाँ फिर कोई इंसान के खाल ओढ़े दरिंदा नोच खायेगा किसी बच्ची के जिस्म को अखबार वाले... Hindi · कविता 1 237 Share Abhishek Rajhans 4 May 2017 · 1 min read वो अबोध शीर्षक-वो अबोध वो अबोध पतले उसके हाथ पैर बेजान सी उसकी काया उम्र सात साल की मासूमियत से भरी उसकी आँखे आँखों में चंद सिक्के पाने की चाहत उस चाहत... Hindi · कविता 1 1 257 Share Abhishek Rajhans 25 Dec 2022 · 1 min read In 2022 With only few days left in 2022 I just recall and can say It declares me more stronger than ever Because I lost someone who might be forever Sometimes I... English 143 Share Abhishek Rajhans 25 Jul 2023 · 1 min read मैं जानता हूं मैं जानता हूं तुम जिन उम्मीदों के साथ जिन सपनों को संजोए अपने पिता का घर छोड़ आई वो सब तुम्हें नहीं मिला मुझे भी महसूस होता है कभी -कभी... Hindi 111 Share Abhishek Rajhans 14 Jan 2023 · 1 min read एक बार लौट आओ.. सुनो, अब मुझमें और हिम्मत नहीं बची कमजोर हो गया हूं अब और बर्दाश्त भी नही कर सकता जिंदगी का ये धीमा होता सफ़र काट रहा है मुझे अपने पराए... Hindi 191 Share Abhishek Rajhans 18 Jan 2023 · 1 min read अब जब नकार चुकी हो तुम अब जब नकार चुकी हो तुम मेरे अस्तित्व को और नहीं बचा है कोई कारण मेरे लिए भी तो तुम स्वतंत्र हो कर सजो , संवरो आगे बढ़ो अपने नए... Hindi 168 Share Abhishek Rajhans 5 Jul 2023 · 1 min read याद आए तुम आज काफी दिनों बाद याद आए तुम व्यस्तताओं के भंवर में उलझा हुआ न जाने कब से कभी ख्याल ही नहीं आया तुम्हारा आज सच में याद आए तुम ख्यालों... Hindi 1 87 Share Abhishek Rajhans 22 Dec 2022 · 1 min read प्रेम में... प्रेम में पड़े दो इंसान अक्सर कल्पनाओं को आधार मान कर करने लगते है उम्मीदें रखने लग जाते आशाएं किसी प्रेमिका को उसका प्रेमी लगने लग जाता है कोई राजकुमार... Hindi 80 Share Abhishek Rajhans 14 Jul 2023 · 1 min read तुम लौट आना तुम लौट आना ऐसे जैसे सागर से जुदा हो लौट आती है लहरे पतझड़ के बाद जैसे निकल आते है पेड़ो पर हरे-हरे पत्ते जैसे लौट आते है अपने घोंसले... Hindi 71 Share Abhishek Rajhans 17 Jul 2023 · 1 min read ज़िंदगी में कभी -कभी हम जिद्दी बच्चे की तरह हठी हो जाते है वास्तविकता को महसूस किए बिना हम सच को स्वीकार नहीं पाते जैसा हम सोचते है वैसा संभव नहीं हो... Hindi 104 Share Abhishek Rajhans 18 Dec 2022 · 1 min read क्या वो भी... खुद में तन्हा अकेला बैठा मैं अक्सर सोचता हूं उसे क्या सच में वो भी मुझे सोचती होगी जैसे मैं समेट लेना चाहता हूं उसकी यादों का कतरन क्या वो... Hindi 141 Share Abhishek Rajhans 23 Jul 2023 · 1 min read थोड़ी सी दोस्ती.... नहीं पता कैसे पर जानता हूं की दुनिया गोल है और एक दिन तुम तक जरूर लौट पाऊंगा भूगोल के टीचर ने पढ़ाया था कहीं से चलना शुरू करो तो... Hindi 138 Share Abhishek Rajhans 25 Jul 2023 · 1 min read प्रेम के इंतज़ार में जब कोई प्रेम में पड़ा मन भूल जाता है प्रेम करना जज्बातों पे लगा देता है मूक का एक ताला प्रेम की तलाश करता एक हृदय जब थक जाता है... Hindi 203 Share Abhishek Rajhans 31 Jul 2023 · 1 min read एक तुम्हारे होने से.. एक तुम्हारे होने से कितना कुछ बदल गया मेरी जिंदगी में कितना सारी खुशियां पा लेता हूं सिर्फ तुम्हारे मुस्कुराने से और कितनी सारी जिम्मेदारियों का एहसास सिर्फ तुम्हें अपनी... Hindi 117 Share Abhishek Rajhans 10 Sep 2023 · 1 min read तुम हो ही नहीं कहीं जब कुछ नहीं था तो तुम थे जब टूट चुकी थी आशाएं बिखर चुके थे सपने सूख गए थे अश्रु और भीग गया था मन तो तुम थे जब एक... Hindi 102 Share Abhishek Rajhans 24 Sep 2023 · 1 min read डियर दीपू डियर दीपू पगली सी हो तुम और थोड़ी नासमझ भी तुम्हें नहीं पता मेरी जिंदगी की सारी खुशियां कभी तुम्हें सताने से है तो कभी तुम्हे मनाने से है कभी... Hindi 79 Share Abhishek Rajhans 5 Oct 2023 · 1 min read प्रेम की अनुभूति सच्चा प्रेम जीवन में अकस्मात ही आता है प्रेम की तलाश नहीं की जाती ईश्वर जिन दो हृदयों को चुनता है प्रेम के लिए वो एक दूसरे को ढूंढ ही... Hindi 193 Share Abhishek Rajhans 17 Oct 2023 · 1 min read प्रेम पुनः लौटता है जो जाना चाहे उसे जाने दो रोक कर या टोक कर किसी के मार्ग का पत्थर मत बनो तुम भी जीवन पथ पर अपनी गति से चलो कोई तुम्हारे बिना... Hindi 114 Share Page 1 Next