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22 Dec 2022 · 1 min read

प्रेम में…

प्रेम में पड़े दो इंसान
अक्सर कल्पनाओं को आधार मान कर
करने लगते है उम्मीदें
रखने लग जाते आशाएं
किसी प्रेमिका को उसका प्रेमी
लगने लग जाता है कोई राजकुमार
जो रखता हो जादू की छड़ी
और जो उसकी हर महत्वाकांक्षा कर देगा पूरी
जो उसके लिए रोज गुलाब का फूल तोड़े
या ठंड में भी छत पर जा कर रोज करे बातें
जो लिखे कोई गीत उसके लिए
या रोज गढ़े कोई कविता
वास्तव में एक प्रेमी भी
प्रेम में पागल ही हो जाता है
जो सोचता है
यही है वो लड़की
जो उसके जीवन में आ गई किसी परी की तरह
और जिसके आने से उसे नजर आने लगता है
पतझड़ में ही हरियाली
सच तो ये है
इस तरह के प्रेम की उम्र
ज्यादा लंबी नही होती
क्योंकि इसका आधार ही कल्पना है
जो किसी सीमा में नहीं बंधती
और जब कोई इसे बांधना चाहे तो
ये टूट जाती है
और मृत्यु हो जाती है ऐसे प्रेम की
किसी ट्रेन की पटरियों के बीच
और हो जाते है पैंतीस टुकड़े जिसके
प्रेम को जिंदा रखने के लिए
ईश्वर को दया , करुणा और समर्पण की
हत्या होने से रोकना होगा
क्योंकि सच्चे प्रेम का आधार ही यही है

Language: Hindi
80 Views
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