मुक्तक
जिंदगी में बहुत बदलाव मेरे आया है,
सफ़र के बाद उजाला क़रीब आया है,
उड़ा हुआ है बहुत रंग उसके चेहरे का,
ये जब है, राज़ से पर्दा नहीं हटाया है।
जिंदगी में बहुत बदलाव मेरे आया है,
सफ़र के बाद उजाला क़रीब आया है,
उड़ा हुआ है बहुत रंग उसके चेहरे का,
ये जब है, राज़ से पर्दा नहीं हटाया है।