मुक्तक
धरती-अम्बर और समन्दर से कह दो,
दुनिया के हर पञ्च सिकन्दर से कह दो,
कोई अपना खुदा नहीं हो सकता है,
कश्मीर अब जुदा नहीं हो सकता है ।
धरती-अम्बर और समन्दर से कह दो,
दुनिया के हर पञ्च सिकन्दर से कह दो,
कोई अपना खुदा नहीं हो सकता है,
कश्मीर अब जुदा नहीं हो सकता है ।