मुक्तक
निकले हैं मैदाँ में हम जां हथेली पर लेकर
अब देखो दम लेंगे हम जा के अपनी मंज़िल पर
खतरों से हँसके खेलना इतनी तो हम में हिम्मत है
मोड़े कलाई मौत की इतनी तो हम में ताक़त है।
निकले हैं मैदाँ में हम जां हथेली पर लेकर
अब देखो दम लेंगे हम जा के अपनी मंज़िल पर
खतरों से हँसके खेलना इतनी तो हम में हिम्मत है
मोड़े कलाई मौत की इतनी तो हम में ताक़त है।