मुक्तक
” वफ़ा, समझ में भला आएगी उन्हें कैसे,
जो आज तक न समझ पाए बंदगी क्या है,
भला वह क्या मेरी मजबूरियों को समझेंगे ,
जिन्हें पता ही नहीं ये के बेबसी क्या है “
” वफ़ा, समझ में भला आएगी उन्हें कैसे,
जो आज तक न समझ पाए बंदगी क्या है,
भला वह क्या मेरी मजबूरियों को समझेंगे ,
जिन्हें पता ही नहीं ये के बेबसी क्या है “