Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2018 · 1 min read

सावन पर दोहे

सावन की हर बूँद पर,प्रीत कर रही शोध
हरियाली से हो गया , सुंदरता का बोध

सावन लाया प्रीत के,अहसासों का हार
हरियाली ने लिख दिया, सुंदरता का सार

हरियाली को ओढ़ कर, दुल्हन बनी बहार
रिमझिम पड़ी फुहार में, बही प्रीत रस धार

सपनों के उगने लगे, मन मे सुंदर बीज
खुशियाँ लेकर आ गयी, लो हरियाली तीज

07-08-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
343 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

थोड़ा Success हो जाने दो यारों...!!
थोड़ा Success हो जाने दो यारों...!!
Ravi Betulwala
संगीत
संगीत
surenderpal vaidya
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
VINOD CHAUHAN
"तेरे इश्क़ में"
Dr. Kishan tandon kranti
बदले मौसम
बदले मौसम
Chitra Bisht
वक्त
वक्त
Ramswaroop Dinkar
इंसान बहुत सोच समझकर मुक़ाबला करता है!
इंसान बहुत सोच समझकर मुक़ाबला करता है!
Ajit Kumar "Karn"
*जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)*
*जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)*
Ravi Prakash
Karma
Karma
R. H. SRIDEVI
गरीबी एक रोग
गरीबी एक रोग
Sunny kumar kabira
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
Rituraj shivem verma
तुम्हारे  इन्तज़ार में ........
तुम्हारे इन्तज़ार में ........
sushil sarna
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
गहरे जख्म
गहरे जख्म
Ram Krishan Rastogi
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
Raazzz Kumar (Reyansh)
ख्याल
ख्याल
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
हम अपने जीवन के लिए स्वयं जिम्मेदार है , हमारा व्यवहार परिस्
हम अपने जीवन के लिए स्वयं जिम्मेदार है , हमारा व्यवहार परिस्
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
- तेरे बाद में कुछ भी नही हु -
- तेरे बाद में कुछ भी नही हु -
bharat gehlot
गंगा (गीत)
गंगा (गीत)
Dr Archana Gupta
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
नटखट-चुलबुल चिड़िया।
नटखट-चुलबुल चिड़िया।
Vedha Singh
. *विरोध*
. *विरोध*
Rashmi Sanjay
बायण बायण म्है करूं, अवरां री नह आस।
बायण बायण म्है करूं, अवरां री नह आस।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"फ़िर से तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
2868.*पूर्णिका*
2868.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हश्र का वह मंज़र
हश्र का वह मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
"यहां हमारी सारी ख्वाहिशें निर्माणाधीन हैं ll
पूर्वार्थ
इतना आसान होता
इतना आसान होता
हिमांशु Kulshrestha
गुनाह मेरा था ही कहाँ
गुनाह मेरा था ही कहाँ
Chaahat
Loading...